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पंजाब में AAP की मान सरकार के राज में लगातार हो रहा माहौल खराब, सिखों के पवित्र गोल्डन टेंपल के पास पांच दिन में तीसरा धमाका, शांत सूबा बन रहा खालिस्तानी गतिविधियों का बन रहा केंद्र

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पंजाब में आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार के आने के बाद से हालात दिनों-दिन बिगड़ रहे हैं। खालिस्तान समर्थित शक्तियों के दबाव में सारा सरकारी सिस्टम नकारा बना हुआ है, जिसके चलते आए दिन सूबे का माहौल अशांत हो रहा है। अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल के पास करीब 5 दिन में 10 मई को तीसरी बार ब्लास्ट हुआ। यह ब्लास्ट स्वर्ण मंदिर के लंगर हॉल के करीब रात 12.10 बजे हुआ। धमाके की आवाज सुनते ही हड़कंप मचना ही था। स्वर्ण मंदिर मैनेजमेंट ने तुरंत इसकी पुलिस को सूचना दी और उसने धमाके वाली जगह को सील करने की औपचारिकता पूरी कर दी। पुलिस प्रशासन ने यह तो माना कि धमाके का उद्देश्य शांति भंग करना था !! लेकिन उसके पास इसका कोई जवाब नहीं था कि वो कौन लोग हैं जो ऐसा चाहते हैं। वो कौन लोग हैं जो धमाके पर धमाके करके लोगों की जान-माल को संकट में डाल रहे हैं और उन्हें डरा रहे हैं? दरअसल, आप सरकार में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इसी साल फरवरी में पहले खालिस्तानी आतंकी अमृतपाल ने गृहमंत्री अमित शाह को जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद अपने एक साथी को छुड़ाने के लिए पुलिस थाने पर हजारों समर्थकों के साथ हमला कर दिया था। काफी नौटंकी के बाद वह पंजाब पुलिस के हत्थे चढ़ पाया।11 मई: मंदिर के लंगर हॉल के पास एक और धमाका, एक किलो विस्फोटक बरामद
पंजाब में अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल के करीब 5 दिन में तीसरी बार ब्लास्ट हुआ। यह ब्लास्ट स्वर्ण मंदिर के लंगर हॉल के करीब 10-11 मई की रात 12.30 बजे हुआ। धमाके की आवाज सुनते ही हड़कंप मच गया। स्वर्ण मंदिर मैनेजमेंट ने तुरंत इसके बारे में पुलिस को सूचना दी। रात को ही पुलिस ने वहां पहुंचकर धमाके वाली जगह को सील कर दिया। तलाशी के बाद लंगर हॉल के पास की श्री गुरु रामदास सराय से एक कपल समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से करीब 1 किलो विस्फोटक मिला है। तलाशी के दौरान सराय की CCTV फुटेज से दो संदिग्धों की पहचान की गई। इन्हें बरामदे में आते-जाते देखा जा गया। इनकी फोटो भी सामने आई है। दोनों धमाका करने के बाद सराय के बरामदे में जाकर सो गए। इनसे पूछताछ के बाद सराय के से एक कपल को गिरफ्तार किया गया। इनसे एक संदिग्ध बैग भी बरामद हुआ है। दोनों गुरदासपुर के रहने वाले हैं। धमाकों में कम डेंसिटी वाले क्रूड बम का इस्तेमाल किया गया था।8 मई : स्वर्ण मंदिर के पास हेरिटेज स्ट्रीट में दूसरा धमाका, लोगों में दहशत
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास हेरिटेज स्ट्रीट में दूसरा धमाका 8 मई को 32 घंटे के भीतर हुआ। विस्फोट उस स्थान पर हुआ जहां इससे पहले हुए विस्फोट में छह लोग घायल हो गए थे। एक चश्मदीद के मुताबिक, धमाका सुबह करीब साढ़े छह बजे हुआ। पुलिस व फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच के लिए सैंपल लिए। धमाके के चलते पैर में चोट आने से एक व्यक्ति घायल हो गया। डीजीपी पंजाब गौरव यादव ने पुष्टि की है कि सोमवार को कम तीव्रता का धमाका हुआ। उन्होंने कहा कि यह देसी बम प्रतीत होता है क्योंकि मौके पर कोई डेटोनेटर नहीं मिला है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस को घटनास्थल से एक चिट्‌ठी भी मिली है। इसे पुलिस अधिकारियों ने अपने कब्जे में ले लिया है। हालांकि, इस चिट्‌ठी में क्या लिखा है और यह धमाके से जुड़ी है या नहीं, इसके बारे में पुलिस अधिकारियों ने कुछ नहीं बताया। डीजीपी गौरव ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल की लोकेशन को ट्रैक करके आइडेंटिफाई कर लिया गया है, जिसे सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।

6 मई : अमृतसर में बम के लिए कोल्डड्रिंक कैन और टिफिन का इस्तेमाल
पंजाब के माहौल को खराब करने की साजिश के तहत 6 मई को पहला बम सारागढ़ी पार्किंग के बाहर फोड़ा। यह बम गुरु रामदास सराय में ही असेंबल किया गया। इसमें 2 एनर्जी ड्रिंक के कैन और एक मटैलिक टिफिन इस्तेमाल किया गया। इन तीनों में 200 -200 ग्राम एक्सप्लोसिव डालकर एक पॉलिथीन बैग में रखा गया। बम लेकर आजादवीर सारागढ़ी पार्किंग की छत पर पहुंचा और रस्सी के सहारे नीचे लटका दिया। रात 11.25 बजे इस बम को फोड़ा गया। पहले ब्लास्ट के बाद आजादवीर को लगा कि उसका कोई इंपैक्ट नहीं हुआ है। इसके बाद दो कटोरियों को जोड़कर दूसरा बम बनाया गया। यह बम भी गुरु रामदास सराय के बाथरूम में रात 10 बजे असेंबल किया गया। उसके बाद सारागढ़ी पार्किंग की छत पर जाकर सुबह 4 बजे बम को लटका दिया। सुबह 6.15 बजे इसे ब्लास्ट किया गया। SGPC के प्रधान हरजिंदर धामी ने कहा कि घटना के समय की सारी फुटेज खंगाली गईं। इसके बाद धमाका करने वालों की पहचान की गई। धमाका करने के बाद ये बरामदे में जाकर सो गए थे। वहीं से उसे हिरासत में लिया गया।सरकार स्थिति संभालने में असक्षम, पुलिस भी गंभीर नहीं- एसजीपीसी
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि पुलिस धमाकों को गंभीरता से नहीं ले रही। ऐसा लगता है कि सरकार ऐसी स्थितियों को संभालने में सक्षम नहीं है। सिखों के सबसे बड़े धर्मस्थल पर बार-बार धमाकों से कई सवाल और चिंताएं हो रही हैं। धमाकों से दरबार साहिब आने वाली संगत दहशत में है। डीजीपी गौरव यादव के मुताबिक अमृतसर में कम तीव्रता वाले विस्फोट में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनका मकसद शांति भंग करना था। इन्होंने धमाकों के लिए फटाखों का बारूद इस्तेमाल किया था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान आजादवीर सिंह निवासी गांव वडाला कलां (अमृतसर), अमरीक सिंह निवासी गुरदासपुर, साहब सिंह निवासी गेट हकीमा (अमृतसर), धर्मेंद्र व हरजीत निवासी 88 फुट रोड (अमृतसर) के रूप में हुई। गिरफ्तार की गई महिला अमरीक सिंह की ही पत्नी है।

मुद्दों से भटकाने की साजिश या सरकार अनाड़ी और नाकाबिल – सिद्धू
घटना के बाद पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसा है। नवजोत सिद्धू ने ट्वीट में कहा कि जिस जंग में राजा की जान को ख़तरा ना हो उसे जंग नहीं राजनीति कहते है” 1200 सिक्योरिटी वालों के कवच में महफूज रहकर जब “Most Protected” मुख्यमंत्री मूक-दर्शक बनके अपने राज्य में खुले आम कत्ल , फिरौतियां और लूट होते देख रहा हो तो पतन निश्चित है। अमन-अमान जब बिगड़ जाए, जान-माल महफूज ना हो, दुकानों में ग्राहक ना हो, कारोबारी प्रदेश छोड़ के जाना शुरू कर दें, नौजवान पलायन करें और सूबे की 1 लाख करोड़ की संपत्ति बिक जाए और राज करने वाले बस खुद को और अपने दिल्ली वाले अकाओं को सुरक्षित करने में व्यतीत हो तो जहाँ प्रदेश की वित्तीय स्थिति बदतर होती है वही अराजकता का माहौल पैदा होता है। क्या यह पंजाब को बदनाम करने की और मुद्दों से भटकाने की साजिश है या फिर सरकार अनाड़ी और नाकाबिल है? दोनों परिस्थितियों में हार पंजाब की है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है!!स्वर्ण मंदिर का सेवादार का वायरल वीडियो- ये पंजाब है, भारत नहीं !!
दरअसल, पंजाब में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी राज में खालिस्तान समर्थको की दबंगई निरंतर बढ़ती जा रही है। पिछले ही दिनों अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से ही एक बेहद चौंकाने वाला वीडियो आया था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखा कि स्वर्ण मंदिर में एक लड़की को सिर्फ इसलिए जाने नहीं दिया गया, क्योंकि उसके चेहरे पर तिरंगे का टैटू बना हुआ था। वीडियो में स्वर्ण मंदिर का सेवादार यह कहते हुए सुनाई दे रहा है कि ये पंजाब है, भारत नहीं। सेवादार लड़की से बहस करने लगता है और चेहरे से तिरंगा हटाने के लिए कहता है। इतना ही नहीं सेवादार इस दौरान लड़की के साथ बदसलूकी करते हुए भी दिखाई देता है। लोगों का कहना है कि बीटिंग रिट्रीट समारोह के लिए अटारी-वाघा सीमा पर जाने वाले बहुत से लोग अपने चेहरे तिरंगे में रंगवाते हैं। इसके बाद वह स्वर्ण मंदिर भी जाते हैं। ऐसे में लड़की को मंदिर जाने से रोकने पर सोशल मीडिया पर लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।भिंडरांवाले से जुड़े गांव से पकड़ा गया खालिस्तान समर्थित अमृतपाल सिंह
इस बीच राज्य में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की नौटंकी भी खूब चली। वह पंजाब पुलिस का आंखों में 36 दिन तक धूल झौंकता रहा। खालिस्तान समर्थक वीडियो जारी करता रहा। इसमें वो धमकियां देता रहा, लेकिन पुलिस उसके पकड़ नहीं सकी। मोगा पुलिस ने अमृतपाल को मोगा के गांव रोड़े के गुरुद्वारे से हिरासत में लिया। वह 36 दिन से फरार चल रहा था। ये गांव से खालिस्तानी आतंकी भिंडरांवाला का भी ताल्लुक रहा है। जिले की बात करें तो ये वही मोगा जिला है, जहां से अमृतपाल पहली बार चर्चा में आया था। अब उसी मोगा से अमृतपाल गिरफ्तार हुआ है।पुलिस ने अपनी मेहनत से नहीं पकड़ा, अमृतपाल ने खुद गिरफ्तारी दी
अमृतपाल पहली बार तब चर्चा में आया था, जब उसने देश के गृहमंत्री अमित शाह को खुली धमकी दे डाली थी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर अमृतपाल अचानक गिरफ्तारी किसी प्लानिंग का हिस्सा तो नहीं है? आखिर क्यों उसने गिरफ्तार होने के लिए भिंडरावाला का गांव ही चुना? पंजाब के रिटायर्ड आईपीएस सुरेंद्र सिंह कहते हैं, ‘जिस तरह से अमृतपाल गिरफ्तार हुआ है, उसे देखकर लगता है कि उसने खुद अपनी गिरफ्तारी दी है। पुलिस ने अपनी मेहनत से उसे नहीं पकड़ा है, बल्कि उसने खुद से अपने आप को पुलिस के हवाले किया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस मोगा जिले में पुलिस ने चप्पे-चप्पे की तलाशी ले ली थी, अचानक वहां अमृतपाल कैसे पहुंच गया?’

गिरफ्तारी के लिए भिंडरावाला के गांव को ही क्यों चुना?
अमृतपाल ने मोगा जिले के रोड़े गांव में स्थित गुरुद्वारे से खुद को पुलिस के हवाले किया है। ये गांव आतंकी भिंडरावाला का है। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि आखिर अपनी गिरफ्तारी के लिए अमृतपाल ने भिंडरावाला का गांव ही क्यों चुनाव? दरअसल, खालिस्तान का समर्थन करने वालों के लिए भिंडरावाला आज भी हीरो है। वो अब भी अलग खालिस्तान की मांग करते हैं। अमृतपाल की तुलना भी भिंडरावाला से ही होती है। ऐसे में हो सकता है कि वह अपने समर्थकों के बीच कोई संदेश देना चाहता हो। वह लोगों को उकसाने के लिए भी ऐसा कर सकता है।’ यह भी हो सकता है कि पत्नी किरणदीप और अपने परिवार के अन्य सदस्यों को पुलिस से बचाने के लिए अमृतपाल ने खुद को गिरफ्तार करवा लिया हो। अब किरणदीप पर ज्यादा पुलिस का शिकंजा नहीं होगा। आने वाले दिनों में वह वापस लंदन चली जाए और वहां से अमृतपाल की मदद करे। जैसा कि वह पहले से खालिस्तानी समर्थकों के लिए करती आ रही है।’

 

 

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