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अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ी, ED का छठा समन, 19 फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया, 17 फरवरी को कोर्ट में पेशी

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। ईडी ने शराब नीति मामले में केजरीवाल को छठा समन जारी कर 19 फरवरी को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। उधर राऊज एवेन्यू कोर्ट में 17 फरवरी को पेश होना है। ईडी जिस तरह से एक के बाद एक समन दे रही है उससे साफ है कि उनके खिलाफ पुख्ता सबूत जांच एजेंसी के मौजूद है। इससे पहले उन्हें पांच बार समन जारी किया गया था, लेकिन वे एक बार भी पूछताछ में शामिल नहीं हुए। लेकिन लगता है कि अब उनके जेल जाने के दिन नजदीक आने लगे हैं। इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी 10 समन जारी किया गया था और उसके बाद ईडी ने कह दिया था अगर आप पूछताछ के लिए नहीं आएंगे तो हम खुद आएंगे। हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पूर्व लुकाछिपी का खेल भी खेला, ईडी को खूब छकाया और जब गिरफ्तारी की तलवार लटकी तब 40 घंटे लापता भी रहे लेकिन अंततः ईडी के सामने सरेंडर करना पड़ा और अब जेल में हैं। ऐसा लगता है कि केजरीवाल का हश्र भी हेमंत सोरेन की तरह होने वाला है।

केजरीवाल को ईडी का छठा समन, 19 फरवरी को बुलाया
दिल्ली के शराब घोटाले के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने छठी बार समन भेजा है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 19 फरवरी को ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को ईडी ने पहली बार 2 नवंबर 2023 को तलब किया था। इसके बाद ईडी ने नोटिस जारी कर उन्हें 21 दिसंबर 2023 को पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद उन्हें 3 जनवरी, 18 जनवरी और फिर 2 फरवरी 2024 को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन वे ईडी के सामने पेश नहीं हुए।

केजरीवाल 17 फरवरी को कोर्ट में तलब
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में भेजे गए समन की अवज्ञा करने के लिए ईडी द्वारा दायर एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए केजरीवाल को 17 फरवरी को उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा है। अदालत ने कहा था कि केजरीवाल प्रथमदृष्टया इसका अनुपालन करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं।

शराब घोटाले का पैसा गोवा चुनाव में लगाया
आबकारी घोटाले मामले में ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है। एजेंसी ने कहा है कि आरोपी अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 की तैयारी के संबंध में उसके संपर्क में थे। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा कि AAP ने अपने गोवा चुनाव अभियान में लगभग 45 करोड़ रुपये की अपराध की आय का इस्तेमाल किया था।

शराब घोटाले में AAP को 100 करोड़ की रिश्वत मिली
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, शराब नीति को अंतिम रूप देने के लिए आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी और इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा पार्टी ने अपने गोवा चुनाव अभियान में इस्तेमाल किया था।

फर्म ने आठ महीने में शराब से कमाए 193 करोड़
दिल्ली सरकार से होलसेल शराब का लाइसेंस हासिल करने के लिए एक निजी कंपनी ने 30 लाख रुपये की रिश्वत दी। उसने दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) को रिश्वत के रूप में करोड़ 100 करोड़ रुपये दिए। कंपनी ने 13 महीनों में बिक्री से 1,333 करोड़ रुपये कमाए और सिर्फ आठ महीनों में 192.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता के प्रमुख सहयोगी अरुण पिल्लई को भी 33 करोड़ रुपये भेजे गए थे।

मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में
इस मामले में अब तक जांच एजेंसी ने आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया है, जो पिछले साल से जेल में हैं।

शराब घोटाले में चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार की विस्तृत जांच में मिलीं ये सात ‘खामियां’

1. मनीष सिसोदिया के निर्देश पर एक्साइज विभाग ने एयरपोर्ट जोन के एल-1 बिडर को 30 करोड़ रुपये रिफंड करने का निर्णय लिया। बिडर एयरपोर्ट अथॉरिटीज से जरूरी एनओसी नहीं ले पाया था। ऐसे में उसके द्वारा जमा कराया गया सिक्योरिटी डिपॉजिट सरकारी खाते में जमा हो जाना चाहिए था, लेकिन बिडर को वह पैसा लौटा दिया गया।
2. सक्षम अथॉरिटीज से मंजूरी लिए बिना एक्साइज विभाग ने 8 नवंबर 2021 को एक आदेश जारी करके विदेशी शराब के रेट कैलकुलेशन का फॉर्मूला बदल दिया और बियर के प्रत्येक केस पर लगने वाली 50 रुपए की इंपोर्ट पास फीस को हटाकर लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे सरकार को रेवेन्यू का भारी नुकसान हुआ।
3. टेंडर दस्‍तावेजों के प्रावधानों को हल्का करके L7Z (रिटेल) लाइसेंसियों को वित्‍तीय फायदा पहुंचाया गया, जबकि लाइसेंस फी, ब्‍याज और पेनाल्‍टी न चुकाने पर ऐक्‍शन होना चाहिए था।
4. सरकार ने दिल्ली के अन्य व्यवसायियों के हितों को दरकिनार करते हुए केवल शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए कोविड काल में हुए नुकसान की भरपाई के नाम पर उनकी 144.36 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी, जबकि टेंडर दस्तावेजों में ऐसे किसी आधार पर शराब विक्रेताओं को लाइसेंस फीस में इस तरह की छूट या मुआवजा देने का कहीं कोई प्रावधान नहीं था।
5. सरकार ने बिना किसी ठोस आधार के और किसी के साथ चर्चा किए बिना नई पॉलिसी के तहत हर वॉर्ड में शराब की कम से कम दो दुकानें खोलने की शर्त टेंडर में रख दी। बाद में एक्साइज विभाग ने सक्षम अथॉरिटीज से मंजूरी लिए बिना नॉन कन्फर्मिंग वॉर्डों के बजाय कन्फर्मिंग वॉर्डों में लाइसेंसधारकों को अतिरिक्त दुकानें खोलने की इजाजत दे दी।
6. सोशल मीडिया, बैनरों और होर्डिंग्‍स के जरिए शराब को बढ़ावा दे रहे लाइसेंसियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह दिल्‍ली एक्‍साइज नियमों, 2010 के नियम 26 और 27 का उल्‍लंघन है।
7. लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी किए बिना लाइसेंसधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए उनका ऑपरेशनल पीरियड पहले 1 अप्रैल 2022 से बढ़ाकर 31 मई 2022 तक किया गया और फिर इसे 1 जून 2022 से बढ़ाकर 31 जुलाई 2022 तक कर दिया गया। इसके लिए सक्षम अथॉरिटी यानी कैबिनेट और एलजी से भी कोई मंजूरी नहीं ली गई। बाद में आनन फानन में 14 जुलाई को कैबिनेट की बैठक बुलाकर ऐसे कई गैरकानूनी फैसलों को कानूनी जामा पहनाने का काम किया गया। शराब की बिक्री में बढ़ोतरी होने के बावजूद रेवेन्यू में बढ़ोतरी होने के बजाय 37.51 पर्सेंट कम रेवेन्यू मिला।

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