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सेमीकंडक्टर में भी भारत का परचम लहराएगा, AMD करेगी 40 करोड़ डॉलर का निवेश, बेंगलुरू में बनेगा सबसे बड़ा डिजाइन सेंटर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत जिस तरह वैश्विक संकट के बीच विकास के पथ पर अग्रसर है, उसने दुनियाभर के देशों में आशा की एक नई किरण जगाई है। आज दुनिया की बड़ी से बड़ी कंपनी का भरोसा भारत पर बढ़ा है और इसका फायदा देश को मिल रहा है। 28-30 जुलाई के बीच चल रहे सेमीकॉन इंडिया 2023 में अमेरिकी चिपमेकर कंपनी AMD ने भारत में 40 करोड़ डॉलर निवेश करने का ऐलान किया है। कंपनी ने अपना दुनिया में सबसे बड़ा डिजाइन सेंटर बेंगलुरू में बनाने की बात कही है। यह निवेश सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री पर ध्यान केंद्रित करते हुए केंद्र सरकार की विभिन्न नीतिगत पहलों की वजह से संभव हुई है। पीएम मोदी ने 28 जुलाई 2023 को गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में सेमीकॉन इंडिया 2023 का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने वालों को केंद्र सरकार की ओर से 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। सरकार के इन प्रयासों से देश में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की जोरदार ग्रोध होगी और वह दिन दूर नहीं जब चीन नहीं, भारत दुनिया को सेमीकंडक्टर की सप्लाई करेगा।

एएमडी बेंगलुरू में स्थापित करेगी डिजाइन सेंटर
एएमडी (AMD) के ईवीपी और सीटीओ मार्क पेपरमास्टर ने यहां सेमीकॉनइंडिया 2023 को संबोधित करते हुए कहा कि एएमडी 5 वर्षों में भारत में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगी। पेपरमास्टर ने कहा कि कंपनी इस साल के अंत तक बेंगलुरु में अपना नया 5,00,000 वर्ग फुट में फैला डिजाइन केंद्र परिसर खोलेगी। उन्होंने कहा कि एएमडी 2028 तक भारत में 3,000 अतिरिक्त इंजीनियरों की भर्ती करेगी। एएमडी ने कहा कि बेंगलुरू में नया सेंटर इसी साल के आखिर तक खुल जाएगा। इसमें टीम वर्क को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए व्यापक लैब, स्थान, एडवांस असिस्टेंस डिवाइस और बैठने की व्यवस्था होगी।

एएमडी का देश के इन शहरों में है ऑफिस
एएमडी के कार्यकारी उपाध्यक्ष और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी मार्क पेपरमास्टर ने कहा कि आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस, नेटवर्किंग और 6जी संचार में बढ़ोतरी के चलते एएमडी के पास उद्योग के सबसे व्यापक प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो में से एक है, और हमारी भारत की टीमें दुनिया भर में एएमडी ग्राहकों का सपोर्ट करने वाले हाई परफॉर्मेंस और कस्टमाइज्ड सॉल्यूशन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी। 5,00,000 वर्ग फुट का नया बेंगलुरु कैम्पस इन शहरों – बेंगलुरु, दिल्ली, गुड़गांव, हैदराबाद और मुंबई में कुल 10 स्थानों पर एएमडी ऑफिस की उपस्थिति बढ़ाएगा।

सेमीकंडक्टर इंजीनियरों के लिए अवसर उपलब्ध कराएगा यह सेंटर
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मैं भारत में अपना सबसे बड़ा आरएंडडी डिजाइन सेंटर स्थापित करने और भारत-एएमडी पार्टनरशिप के विस्तार के एएमडी के फैसले का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि यह हमारे हाई स्किल सेमीकंडक्टर इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के बड़े समूह के लिए जबरदस्त अवसर भी प्रदान करेगा।

भारत सेमीकंडक्टर में ताइवान और चीन की तरह प्रमुख केंद्र बनेगा
भारत आने समय में चिप यानि सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में ताइवान और चीन की तरह दुनिया का प्रमुख केंद्र होगा। फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ में कहा कि वह भारत में सेमीकंडक्टर मसौदे के भविष्य को लेकर आशावादी हैं। उन्होंने कहा कि ताइवान भारत का सबसे भरोसेमंद भागीदार है और हमेशा रहेगा। लियू ने यहां ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ सम्मेलन में कहा कि ”आइए साथ मिलकर यह काम करें। भारत में चिप के लिए एक परिवेश बनाना बहुत बड़ा काम है। जहां चाह है, वहां राह है।” लियू ने इस संबंध में भारत सरकार के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए देश की सेमीकंडक्टर यात्रा पर भरोसा जताया।

हमारी भारत में बनी चिप ढाई साल में मिलेगीः वेदांता
वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि सेमीकंडक्टर परियोजना के पहले चरण में कुल 20 अरब डॉलर के खर्ज में पांच अरब डॉलर का निवेश शामिल होगा और उनकी भारत में बनी चिप ढाई साल में उपलब्ध होगी। उन्होंने गुजरात के गांधीनगर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वेदांता समूह सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमें जापान, कोरिया, अमेरिका में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। गुजरात के आसपास एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जाएगा और हमने इसके लिए 100 एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात सेमीकंडक्टर का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा और भारत में सिलिकॉन वैली बनाने के लिए यह सबसे सही जगह है।

अगले पांच-सात साल में पांच सेमीकंडक्टर प्लांट
‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ कार्यक्रम में देश के प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि अगले 5 से 7 साल में भारत में भी सेमीकंडक्टर निर्माण से जुड़े कम से कम 5 प्लांट स्थापित हो जाएंगे। वैष्णव ने सेमीकंडक्टर को एक बुनियादी उद्योग बताते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े फ्रिज, टीवी, कार एवं ट्रेन जैसे तमाम उत्पादों में होता है। इसी वजह से सरकार भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर विनिर्माण गतिविधियों का हिस्सा बनाना चाहती है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि हरेक सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए पांच अरब डॉलर या उससे अधिक निवेश की जरूरत होगी। इसका प्रभाव इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल फोन एवं लैपटॉप विनिर्माण और आईटी हार्डवेयर क्षेत्र पर भी देखने को मिलेगा।

सेमीकंडक्टर डिजाइन पर कोर्स शुरू करने के लिए 300 संस्थानों की पहचान
पीएम मोदी ने ‘सेमीकॉन इंडिया 2023’ सम्मेलन में कहा कि देश में सेमीकंडक्टर उद्योग की बढ़ोतरी के लिए पूरा सिस्टम तैयार किया जा रहा है। भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग तेजी से वृद्धि करेगा। पीएम ने कहा कि एक साल पहले लोग पूछते थे कि उन्हें भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश क्यों करना चाहिए? अब वे ही पूछते हैं कि भारत में निवेश क्यों नहीं करना चाहिए? मोदी ने कहा कि दुनिया को एक भरोसेमंद चिप सप्लाई चेन की जरूरत है। सेमीकंडक्टर डिजाइन पर कोर्स शुरू करने के लिए भारत में 300 संस्थानों की पहचान की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का दिल है सेमीकंडक्टर चिप
सेमीकंडक्टर चिप को इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का दिल माना जाता है। स्मार्टफोन्स से लेकर कार, डेटा सेंटर्स, कम्प्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डेवाइसेज, वीकल्स, हाउसहोल्ड अप्लायंसेज, लाइफ सेविंग फार्मास्यूटिकल डिवाइसेज, एग्री टेक, एटीएम और कई तरह के उत्पादों में इसका व्यापक इस्तेमाल होता है। यही वजह है कि सरकार देश में चिप की मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देना चाहती है।

हर साल 1.76 लाख करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर का आयात
देश की इकॉनमी के लिए अब जरूरी है कि सेमीकंडक्टर का निर्माण यहीं हो। हर साल 1.76 लाख करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर का आयात किया जाता है। साल 2025 तक इसका आयात 7.5 लाख करोड़ रुपये तक जा सकता है। अगर देश में सेमीकंडक्टर का निर्माण होगा तो आयात बिल कम होगा। फिर नौकरियां भी मार्केट में आएंगी। इसके निर्माण की टेक्नॉलजी भी भारत में आएंगी। फिलहाल सेमीकंडक्टर के लिए भारत पूरी तरह से चीन और ताइवान पर निर्भर है।

भारत का चिप बाजार 2026 में लगभग 64 अरब डॉलर का होगा
काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, भारत का चिप बाजार 2026 में लगभग 64 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जो 2019 की तुलना में तीन गुना अधिक होगा। यह सेक्टर अगले 10 साल में देश की जीडीपी में 60 से 70 हजार करोड़ रुपये का योगदान कर सकता है।

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