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राज्यसभा में पकड़ा गया AAP का फर्जीवाड़ा, ‘फर्जी हस्ताक्षर’ मामले में राघव चड्ढ़ा की संसद सदस्यता पर खतरा, अमित शाह ने कहा- जवाब देना पड़ेगा मान्यवर

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संसद से दिल्ली सेवा बिल पास हो चुका है। इससे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को जोरदार झटका लगा है। कांग्रेस की बैसाखी के सहारे केजरीवाल की पार्टी बड़े चमत्कार की उम्मीद कर रही थी, लेकिन उसके सारे तिकड़म धरे के धरे रह गए। इस बिल पर चर्चा के दौरान अन्ना आंदोलन की उपज आम आदमी पार्टी का चेहरा फिर बेनकाब हो गया। खुद को कट्टर ईमानदार पार्टी बताने वाली पार्टी फर्जीवाड़ा करते फिर पकड़ी गई। राजनीति में कीचड़ साफ करने आई इस पार्टी ने राज्यसभा में भी कीचड़ फैलाने की कोशिश की। आप सांसद राघव चड्डा फर्जी हस्ताक्षर के जरिए इस बिल को पारित करने में बाधा उत्पन्न करना चाहते थे। लेकिन उनका फर्जीवाड़ा जल्द सामने आ गया। राज्यसभा में फर्जी हस्ताक्षर मामले में अब सांसद राघव चड्ढ़ा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जा सकता है।

AAP सांसद राघव चड्ढ़ा पर पांच सांसदों का फर्जी हस्ताक्षर का आरोप

दरअसल सोमवार (07 अगस्त, 2023) को राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा हो रही थी। इस दौरान पांच सांसदों ने आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढ़ा के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने की मांग की। सांसदों ने आरोप लगाया कि दिल्ली सेवा विधेयक के प्रस्तावित चयन समिति में उनकी सहमति के बिना उनके ‘फर्जी हस्ताक्षर’ किए गए। सांसदों के मुताबिक राघव चड्ढ़ा ने दिल्ली सेवा बिल को चयन समिति को भेजने का प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में सस्मिता पात्रा, नरसिंह अमीन, थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी और नागालैंड के राज्यसभा सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम शामिल किया गया था। जब इसके बारे में संबंधित सांसदों को जानकारी मिली, तो उन्होंने इस पर आपत्ति जतायी। इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। इस मामले में राघव चड्ढ़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती हैं। 

अमित शाह ने की उपसभापति से जांच और उचित कार्रवाई की मांग

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सदन में फर्जी हस्ताक्षर के मामले को उठाया। उन्होंने आम आदमी पार्टी और राघव चड्ढ़ा पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि ये गंभीर व्यवस्था का प्रश्न है। दो सदस्यों, बीजू जनता दल के सांसद सस्मिता पात्रा और बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राघव चड्ढ़ा की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। संसादों का कहना है कि उन्होंने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किया है। अब ये जांच का विषय है। केंद्रीय गृहमंत्री ने सवाल किया कि इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कैसे किए गए? और राघव चड्ढ़ा ने इस प्रस्ताव को आगे कैसे बढ़ाया? सांसदों का हस्ताक्षर किसने किया है? उन्होंने कहा कि ऐसे नहीं चलता है। मान्यवर ये मामला सिर्फ दिल्ली सरकार में ‘फर्जीपने’ का मामला नहीं है। ये सदन में ‘फर्जीपने’ का मामला है। गृहमंत्री ने कहा कि दोनों सांसदों का बयान दर्ज किया जाए और बाद में इसकी जांच की जाए कि ये कैसे हुआ ? गृहमंत्री ने इस मामले में उपसभापति से उचित कार्रवाई करने की मांग की।

सांसदों का सवाल- उनकी सहमति के बिना कैसे हुए प्रस्ताव पर हस्ताक्षर ?

फर्जी हस्ताक्षर मामले में अन्नाद्रमुक सांसद एम. थंबीदुरई ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र दिया है कि प्रस्ताव में उनका नाम कैसे शामिल किया गया। थंबीदुरई ने उनके जाली हस्ताक्षर किए जाने की आशंका जताई। कुछ ऐसा ही बीजू जनता दल के सांसद डॉ. सस्मिता पात्रा ने कहा कि राघव चड्ढ़ा की ओर से पेश किए गए एक प्रस्ताव में मेरे नाम का जिक्र किया गया था। मेरी सहमति के बिना मेरा नाम प्रस्ताव में नहीं डाला जा सकता। मुझे उम्मीद है कि सदन के सभापति कार्रवाई करेंगे। मैंने शिकायत दे दी है। जाहिर है यह विशेषाधिकार का मामला है। वाईएसआरसीपी सांसद विजय साई रेड्डी ने दावा किया कि उनकी पार्टी के एक सदस्य का नाम भी चड्ढा ने उनकी सहमति के बिना शामिल किया था। बीजेपी सांसद नरहरि अमीन ने कहा कि राघव चड्ढा ने मेरा नाम सेलेक्ट कमेटी में शामिल किया। उन्होंने मुझसे बात नहीं की, मैंने इसके लिए सहमति नहीं दी। उन्होंने गलत किया है। मैंने अपने हस्ताक्षर नहीं दिए हैं। अब राघव चड्ढ़ा को जवाब देना पड़ेगा।

खतरे में पड़ सकती है राघव चड्ढ़ा की संसद सदस्यता

गौरतलब है कि सांसदों की सहमति के बिना उनका नाम शामिल किया गया, जो संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन है। इसके लिए सांसद विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव ला सकते हैं। यह संसद के किसी भी सदस्य द्वारा पेश किया जाता है। जब किसी सांसद को लगता है कि सदन में झूठे तथ्य पेश किए गए हैं, तो वह सदस्य सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश कर सकता है। राघव चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव सदन में आया तो उनकी संसद सदस्यता खतरे में पड़ सकती है। अगर जांच में दोषी पाए गए तो उनकी सांसदी को रद्द करने की सिफारिश विशेषाधिकार समिति कर सकती है।

यह पहला मौका नहीं है, जब केजरीवाल और उनकी पार्टी का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। आइए देखते हैं इससे पहले केजरीवाल एंड कंपनी ने कब-कब फर्जीवाड़ा कर जनता को मूर्ख बनाने की कोशिश की है…

2005 से चालू बॉटलिंग प्लांट का फीता काटकर कर दिया उद्घाटन
केजरीवाल के करीबी और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष रहते हुए दक्षिणी दिल्ली के सादिक नगर में मिनरल वाटर बॉटलिंग प्लांट का उद्घाटन कर दिया जबकि यह प्लांट 2002 से चालू है। टाइम्स आफ इंडिया ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के हवाले से 2002 में इस संबंध में खबर भी प्रकाशित की थी। हालांकि कोविड काल में यह प्लांट बंद हो गया था और लोगों का कहना है कि यह अभी भी बंद पड़ा है। लेकिन AAP विधायक सौरभ भारद्वाज ने इसका फीता काट कर उद्घाटन कर दिया और अखबारों व समाचार वेबसाइटों में प्रमुखता से यह खबर छाप भी दिया गया। आश्चर्य की बात यह है कि किसी भी मीडिया संस्थान ने इस समाचार का फैक्ट चेक करने की जरूरत नहीं समझी।

इस खबर के छपने के बाद दिल्ली के रहने वाले संजय मखीजा ने केजरीवाल सरकार की पोल खोलते हुए एक वीडियो जारी किया। जिसमें उन्होने बताया कि 2005 से यह प्लांट चालू है। कोविड काल में ये बंद हो गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार यह अभी भी बंद पड़ा है। लेकिन इसका फीता काट कर उद्घाटन कर दिया गया। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर लोग क्या कहा, आप भी देखिए-

केजरीवाल ने जन्म से पहले ही दिल्ली में स्कूल बनवा दिए

आम आदमी पार्टी के बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने हाल ही में एक ट्वीट किया- अरविंद केजरीवाल द्वारा बनवाया गया दिल्ली का ये सरकारी स्कूल कहां है बताइये? इस ट्वीट में जो फोटो लगाई गई है वह रात का है और रात में बच्चे बस्ता लिए हुए दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं रात में कौन सा स्कूल खुलता है। ये फोटोग्राफी के जरिये चेहरा चमकाने की कोशिश है। इसके साथ ही लोगों ने यह भी कहा कि ये स्कूल तो 1950 से है फिर केजरीवाल ने कैसे बनवा दिया। केजरीवाल का जन्म तो 1968 में हुआ। भ्रष्टाचार और घोटालों में फंस चुके केजरीवाल और उनके साथियों को समझ नहीं आ रहा है कि जनता का ध्यान घोटालों से कैसे हटाया जाए। यही कारण है कि वे कब क्या बोलते हैं उन्हें भी पता नहीं होता।

केजरीवाल ने कहा- सिसोदिया को छोड़कर एक भी शिक्षामंत्री नहीं जो सुबह 6 बजे स्कूलों का दौरा करता हो

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी की पूरी राजनीति ही झूठे वादे पर टिकी हुई है। गुजरात के भावनगर में कुछ दिनों पहले केजरीवाल ने कहा, ”आज मैं अपने साथ देश ही नहीं दुनिया के सबसे अच्छे शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया को लेकर आया हूं। इन्हें(BJP) लगता है दुनिया में सबकुछ बिकता है। 75 साल के इतिहास में एक भी शिक्षामंत्री का नाम मुझे बता दे कोई जो सुबह 6 बजे स्कूलों को दौरा करता हो?” केजरीवाल के यह कहते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी खिंचाई शुरू कर दी थी और सवाल किया था कि सुबह 6 बजे कौन सा स्कूल खुलता है।

पंजाब चुनाव से पहले कहा- 24 घंटे पानी का इंतजाम करेंगे, चुनाव बाद कहा- यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी

झूठ बोलने और यूटर्न में रिकार्ड बनाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब चुनाव से पहले कहा था पंजाब के कई जिलों में पानी की किल्लत है। हम सत्ता में आएंगे तो 24 घंटे पानी का इंतजाम करेंगे। लेकिन अब चुनाव के बाद कह रहे हैं पानी की समस्या दूर करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। AAP के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने SYL का पानी हरियाणा लाने का वादा किया है। वहीं पंजाब में AAP की सरकार है तो इस तरह देखा जाए तो SYL का पानी हरियाणा लाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए लेकिन पंजाब का स्टैंड रहा है कि SYL नहीं बनने देंगे। यहीं पेंच फंस गया है। सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर बुरी तरह घिर चुकी आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल ने अब पीएम मोदी से मांग की कि वह इसका समाधान करें।

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