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योग की बात होते ही अब प्रधानमंत्री मोदी का चेहरा ही उभरता है

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एक 27 सितंबर 2014 का दिन था और एक 21 जून 2018 का दिन है। एक वो तारीख है जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। एक आज की तारीख है जिस दिन भारत सहित समूचे विश्व ने पूरे जोशखरोश के साथ चौथा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया है। योग आज वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हुआ है तो इसका पूरा क्रेडिट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है, जो लक्ष्य निर्धारित कर उसे मिशन मोड में पूरा करने में विश्वास रखते हैं।

प्रधानमंत्री की शख्सियत रही बेहद असरदार
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने पहले ही भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखते हुए दुनिया को आश्वस्त करने में सफल रहे कि कैसे योग पूरे विश्व समुदाय को सेहतमंद रखने में कारगर है। यही वजह थी कि योग दिवस के प्रस्ताव को ना सिर्फ यूएन के इतिहास में सबसे अधिक सह-प्रस्तावक मिले, बल्कि यह सबसे कम समय में स्वीकृत होने वाला प्रस्ताव भी बना। संयुक्त राष्ट्र से योग दिवस पर मुहर लगने से  विश्व जगत ने प्रधानमंत्री मोदी की शख्सियत का लोहा माना। आखिर यह प्रधानमंत्री मोदी की ही शख्सियत का प्रभाव था जिसके चलते भारत के प्रस्ताव देने वालों में चीन भी था और इस्लामिक सहयोग संगठन के 47 सदस्य देश भी शामिल थे।

योग पर प्रधानमंत्री की सरल बातों का व्यापक प्रभाव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योग पर जितनी सरलता से अपनी बातें रखते हैं वो बड़ी सहजता से लोगों के जेहन में उतरती हैं। विशेष बात ये है कि योग पर प्रधानमंत्री के विचार इतनी सहजता से इसलिए भी स्वीकार्य हैं क्योंकि यह कोई भाषण नहीं होता, इसमें निजी अनुभव के तत्त्व भरे होते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री खुद योग में महारत रखते हैं। प्रधानमंत्री जब कहते हैं कि योग ने दुनिया को Illness से Wellness का रास्ता दिखाया है, तो यह लोगों को योग अपनाने के लिए बड़ी ही सहजता से प्रेरित करता है। जब वह कहते हैं कि नियमित योग मेडिकल खर्च को कम करता है तो इसका असर भी स्वाभाविक है।

प्रधानमंत्री के प्रयासों से योग बना जन आंदोलन
भारत में योग की परंपरा सदियों पुरानी है। हर युग में किसी ना किसी रूप में इस परंपरा की मौजूदगी रही है लेकिन पिछले करीब तीन वर्षों से इस परंपरा ने एक जन आंदोलन का रूप ले लिया है। इसे यूं भी समझा जा सकता है कि जबसे प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के बाद अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई, लोगों में योग को अपनाने का रुझान पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा है। दरअसल प्रधानमंत्री एक ऐसे राष्ट्राध्यक्ष हैं जिन्होंने विश्व जगत के स्वास्थ्य की ना सिर्फ चिंता की है बल्कि योग के रूप में उसे दुरुस्त रखने का समाधान भी दिया है। यही बात है कि योग की चर्चा होते ही अब कोई चेहरा पहले उभरता है तो वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा होता है।

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