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राहुल गांधी संसद सदस्यता बचाने के लिए चौथी बार मांगेंगे माफी!

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गुजरात की सूरत कोर्ट ने ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है’ वाले बयान से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल सजा सुनाई तो उनकी संसद सदस्यता भी समाप्त हो गई। कोर्ट ने हालांकि उन्हें माफी मांगने का अवसर दिया था लेकिन अहंकार में उन्होंने माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा, मुझे कोर्ट की दया नहीं चाहिए। देश विरोधी, सनातन विरोधी बयानों से विवादों में रहने वाले राहुल गांधी हालांकि इससे पहले तीन बार माफी मांग चुके हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कहा था- ‘चौकीदार चोर है’। इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर माफी मांग ली थी। इसे देखते हुए ऐसा लग रहा है अब राहुल गांधी के सलाहकारों की अक्ल ठिकाने आ गई होगी तो वह चौथी बार माफी मांग कर अपनी सदस्यता बचा लें।

मैं ‘राहुल सावरकर’ नहीं राहुल गांधी हूं, कभी माफी नहीं मांगने वाला

एक तरफ राहुल गांधी कहते हैं- मैं ‘राहुल सावरकर’ नहीं राहुल गांधी हूं, कभी माफी नहीं मांगने वाला। वहीं दूसरी तरफ वह सुप्रीम कोर्ट में अवमानना मामले में तीन बार बिना शर्त माफी मांगते हैं। इससे यह बात साफ होती है कि इस बार जो उन्होंने माफी नहीं मांगी इसमें कोई सिद्धांत की बात नहीं है। अगर उनका माफी नहीं मांगने का सिद्धांत होता तो वे पहले भी माफी नहीं मांगते। इसका मतलब यह है कि इस बार उनके सलाहकारों ने माफी मांगने से रोक दिया था। इस बार उनके सलाहकार शायद ज्यादा ताकतवर हैं। जबकि 2019 में जब उन्होंने माफी मांगी थी तब कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उन्हें यह सलाह दी थी।

‘चौकीदार चोर है’ मामले में तीन बार मांगी माफी

2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया था। राहुल ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान के सौदे में घोटाला होने का दावा किया था। साथ ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है। राहुल गांधी के इस चौकीदार चोर है वाले बयान को लेकर मानहानि का केस दर्ज हुआ। मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो तीन बार माफीनामा दाखिल किया। अंतिम माफीनामे में लिखा था कि वो बिना शर्त अपने बयान के लिए क्षमा चाहते हैं।

कोर्ट ने राहुल को दी थी नसीहत, कहा था- भविष्य में सावधान रहें

राहुल गांधी के माफीनामा को मंजूर करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा था, ”दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिना पुष्टि के आरोपी ने पीएम के बारे में कोर्ट के हवाले से ऐसी बात कही। भविष्य में ध्यान रखें। इतनी ज़िम्मेदार राजनीतिक स्थिति वाले व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए।” कोर्ट ने कहा कि हमारे सामने बिना शर्त माफी रखी गई। हम इसे स्वीकार करते हैं। कोर्ट ने राहुल गांधी को हिदायत देते हुए कहा कि बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता को ज़िम्मेदारी दिखानी चाहिए, भविष्य में सावधान रहें। दरअसल राहुल ने बयान दिया था कि कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है, यानी राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा- ‘चौकीदार चोर है’।

राहुल ने माफीनामे में कहा था- भूलवश गलती हुई, मैं माफी चाहता हूं

राहुल ने अपने माफीनामे में कहा था, ‘कोर्ट का अपमान करने की न तो मेरी कोई मंशा थी और न ही मैंने जानबूझकर ऐसा किया। मैं अदालत की न्यायिक प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचाना चाहता। भूलवश मुझसे ये गलती हुई, लिहाजा इसके लिए मैं माफी चाहता हूं।

सूरत कोर्ट में माफी मांगने से किया इनकार

राहुल अपने मोदी सरनेम के कमेंट को लेकर तीन बार सूरत कोर्ट में पेश हुए, लेकिन तीनों बार में उन्होंने एक बार भी यह नहीं कहा कि वह अपने बयान के लिए माफी मांगते है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं होता कि राहुल कोर्ट में माफी मांगते। इसके पहले भी तीन बार राहुल माफी मांग चुके हैं। लेकिन मोदी सरनेम मामले में वो माफी मांगने से बचते रहे।

सलाहकारों की वजह से राहुल को सजा हुई

सवाल यह है कि राहुल गांधी को जो सजा सुनाई गई उसमें राहुल गांधी के सलाहकारों और वकीलों की टीम ने क्या गलती कर दी। जानकार बताते हैं कि चौकीदार चोर मामले में अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे थे। मामले और समय की गंभीरता को समझते हुए उन्होंने माफीनामे का सुझाव दिया जिसे राहुल गांधी ने माना और मामला सुलझ गए। लेकिन यहां वकीलों ने उन्हें माफी मांग लेने का सुझाव नहीं दिया।

केजरीवाल भी तीन बार मांग चुके हैं माफी

राहुल के अलावा कई नेताओं ने कोर्ट में माफी मांग कर खुद को मामले में फंसने से बचा लिए थे। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी तीन बार माफी मांग चुके हैं। केजरीवाल ने नितिन गडकरी, कपिल सिब्बल से माफी मांगी थी। इसी तरह अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ भी ड्रग्स मामले में आरोप लगाया था। लेकिन बाद में माफी मांग ली।

राहुल गांधी को पहले भी मुश्किल में डाल चुके हैं उनके बोल

‘मोदी सरनेम’ पर विवादित टिप्पणी

13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक में चुनावी रैली में राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ पर विवादित टिप्पणी की थी। राहुल ने कहा था, ‘नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?’ इस पर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार दिया। उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई।

वीर सावरकर पर की थी विवादास्पद टिप्पणी

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 17 नवंबर, 2022 को राहुल गांधी ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि सावरकर ने सजा से डरकर अंग्रेजों से माफी मांग ली थी। ऐसा करके उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल समेत सभी को धोखा दिया। राहुल के इस बयान पर सावरकर के पौत्र रणजीत सावरकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया है। लखनऊ में एक अधिवक्ता ने भी इस मामले में केस दर्ज कराया है।

आरएसएस पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप

2014 में चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस को महात्मा गांधी की हत्या का जिम्मेदार ठहराते हुए टिप्पणी की थी। रैली महाराष्ट्र के भिवंडी में थी। वहीं के एक स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ता ने इस मामले में राहुल पर मामला दर्ज कराया था। यह मामला अभी लंबित है। हाल ही में लंदन में आरएसएस की तुलना मुस्लिम ब्रदरहुड से करने के मामले में भी राहुल पर मामला दर्ज कराया गया है। 2018 में ठाणे की अदालत ने राहुल गांधी पर आरोप तय किए थे। ये मामला अब तक अदालत में चल रहा है।

‘चौकीदार चोर है’ पर मांग ली थी माफी

2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया था। राहुल ने फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान सौदे में घोटाले का दावा करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है। इस मामले में भी उन पर मानहानि का मामला दर्ज हुआ था। हालांकि बाद में राहुल ने हलफनामा देकर माफी मांग ली थी। उन्होंने लिखा था, ‘अदालत का अपमान करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी और न ही मैंने जानबूझकर ऐसा किया। मैं न्यायिक प्रक्रिया में बाधा नहीं पहुंचाना चाहता। भूलवश मुझसे ये गलती हुई। इसके लिए मैं माफी चाहता हूं।’

भारत जोड़ो यात्रा में KGF-2 का गाना इस्तेमाल करने पर केस

भारत जोड़ो यात्रा में KGF-2 का गाना इस्तेमाल करने के खिलाफ राहुल गांधी के अलावा जयराम रमेश और सुप्रिया श्रीनेत के खिलाफ ये केस दर्ज कराया गया था। ये केस एमआरटी म्यूजिक कंपनी ने दर्ज कराया था। KGF-2 के म्यूजिक का कॉपीराइट इसी के पास है। कंपनी का आरोप है कि बिना परमिशन के गानों का इस्तेमाल किया गया। कॉपीराइट के इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था।

राहुल गांधी पर अभी दर्ज हैं मानहानि के 6 अलग-अलग केस

1. महात्मा गांधी की हत्या में संघ का हाथ

राहुल गांधी पर ये आरोप है कि उन्होंने 6 मार्च, 2014 को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ बताया था। कांग्रेस नेता ने कहा था कि आरएसएस के लोगों ने गांधी जी को मारा था, और वो आज गांधीजी की बात करते हैं। इस मामले में आरएसएस की भिवंडी इकाई के आरएसएस सचिव राजेश कुंटे ने राहुल गांधी पर 2018 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। राजेश कुंटे का ये कहना है कि राहुल ने संघ की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पर सवाल उठाया है। इस मामले की सुनवाई भी अभी शुरू नहीं हुई है।

2. राफेल पर टिप्पणी

नवंबर 2018 में, महाराष्ट्र भाजपा नेता महेश श्रीश्रीमल ने ‘कमांडर-इन-चोर’ वाले बयान को लेकर राहुल पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। महेश श्रीश्रीमल का ये कहना है कि राफेल विवाद के दौरान दिया गया राहुल का ये बयान नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना था। कुछ दिनों की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। महेश श्रीश्रीमल का ये कहना है कि राहुल गांधी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से संपर्क किया था और शिकायत को रद्द करने की मांग भी की थी। इस मामले की सुनवाई भी अभी शुरू नहीं हुई है।

3. नोटबंदी को लेकर अमित शाह पर टिप्पणी

23 जून, 2018 के एक ट्वीट के आधार पर राहुल के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था। राहुल ने अपने ट्वीट में ये कहा था कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक अमित शाह जी को बधाई। पुराने नोटों को नई दौड़ में बदलने में आपके बैंक को प्रथम पुरस्कार मिला 750 रुपये। पांच दिनों में करोड़! लाखों भारतीय जिनके जीवन को आपने नष्ट कर दिया, नोटबंदी आपकी इस उपलब्धि को सलाम करती है। #ShahZyadaKhaGaya”. राहुल के वकील अजीत जडेजा ने कहा है कि मामले पर अभी पूछताछ जारी है। केस की अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।

4. असम मठ पर टिप्पणी

दिसंबर 2015 में राहुल के खिलाफ असम में आरएसएस के एक स्वयंसेवक ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। आरएसएस के इस स्वयंसेवक ने केस दर्ज कर ये कहा था कि उन्हें असम के बरपेटा सतरा में जाने से ये कह कर रोक दिया गया था कि वो आरएसएस से जुड़े हुए हैं। उसी दौरान स्वयंसेवक संघ के सदस्य ने असम की लोकल अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। राहुल गांधी के वकील अंशुमन बोरा के मुताबिक यह मामला अभी भी लोकल कोर्ट में चल रहा है। ये मामला सुनवाई के अंतिम चरण में है।

5. संघ करवा देती है विरोधियों की हत्या

फरवरी 2019 में राहुल और सीपीआई (एम) जनरल सीताराम येचुरी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। ये मुकदमा महाराष्ट्र के आरएसएस कार्यकर्ता और वकील धृतिमान जोशी ने दायर किया था। धृतिमान जोशी ने याचिका में ये कहा था कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के 24 घंटे बाद राहुल ने ये बयान दिया था कि कोई आरएसएस और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ बोलता है, तो उसे चुप कराने की कोशिश की जाती है। उस पर दवाब डाला जाता है। उसे पीटा जाता है। उसपर हमले कराए जाते हैं। यहां तक की उसे जान से भी मार दिया जाता है।

शिकायतकर्ता ने सीताराम येचुरी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लंकेश दक्षिणपंथी राजनीति की तीखी आलोचना के लिए जानी जाती थी। लंकेश की हत्या के पीछे आरएसएस की विचारधारा और आरएसएस के लोग हैं। उसी साल नवंबर में, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पी आई ने राहुल और येचुरी की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने केस खारिज करने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है।

6. भाजपा नेता अमित शाह पर टिप्पणी

अहमदाबाद से भाजपा के एक निगम पार्षद कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने राहुल के खिलाफ मई 2019 में अहमदाबाद की एक अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने याचिका में ये कहा कि राहुल गांधी ने जबलपुर में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह को “हत्या का आरोपी” बताया था। राहुल की इस टिप्पणी को कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने बहुत ही निंदात्मक बताया था। ब्रह्मभट्ट का ये कहना था कि 2015 में सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में शाह को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। अब राहुल पर लगे मानहानि के केस की सुनवाई एक मजिस्ट्रेट अदालत में होने वाली है।

इन 7 मामलों में जमानत पर हैं राहुल गांधी

1. ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामलाः 23 मार्च 2023 को ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को जमानत मिली। अदालत ने 15 हजार रुपये के मुचलके पर उनकी जमानत मंजूर कर ली। राहुल को फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत दी है।

2. नेशनल हेराल्ड केसः राहुल गांधी को जिन मामलों में जमानत मिली है, उसमें सबसे प्रसिद्ध मामला नेशनल हेराल्ड का है। इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी दोनों को ही 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिली हुई है। यह केस दिसंबर 2015 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर किया था।

3. सभी मोदी चोर मामलाः 6 जुलाई 2019 को राहुल गांधी को पटना की एक अदालत ने मानहानि के एक मामले में जमानत दी थी। यह केस भाजपा नेता और बिहार के तात्कालीन डिप्टी सीएम ने उनकी एक टिप्पणी के बाद किया था। अपनी टिप्पणी में राहुल ने कहा था कि सभी मोदी चोर हैं।

4. सहकारी बैंक मामलाः 12 जुलाई 2019 को राहुल गांधी को मानहानि के मामले में अहमदाबाद की एक अदालत से जमानत मिली थी। यह मामला अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने दर्ज कराया था। दरअसल, राहुल ने आरोप लगाया था कि बैंक नोटबंदी के दौरान नोटों की अदला-बदली के एक घोटाले में शामिल था।

5. RSS गौरी लंकेश मामलाः मुंबई की एक अदालत में आरएसएस कार्यकर्ता ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था। इस मामले में 4 जुलाई 2019 को राहुल को जमानत मिली राहुल ने गौरी लंकेश की हत्या को ‘बीजेपी-आरएसएस विचारधारा’ से जोड़ते हुए टिप्पणी की थी। उन्हें इस मामले में 15 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली थी।

6. RSS महात्मा गांधी मामलाः आरएसएस के एक और कार्यकर्ता ने महाराष्ट्र के भिवंडी में राहुल गांधी के खिलाफ केस किया था। इस मामले में राहुल को नवंबर 2016 में जमानत दी गई थी। राहुल गांधी ने कहा था कि RSS ने महात्मा गांधी की हत्या की है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें इस तरह की टिप्पणी के लिए फटकार लगाई थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि राहुल को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा और अदालत में अपनी बात साबित करनी होगी

7. आरएसएस पर आरोप मामलाः आरएसएस ने राहुल गांधी के खिलाफ गुवाहाटी कोर्ट में मानहानि का केस दाखिल किया था। राहुल गांधी ने दावा किया था कि उन्हें दिसंबर 2015 में असम के बारपेट सतरा में प्रवेश करने से आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने रोका था। इस मामले में उन्हें सितंबर 2016 में 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई थी।

नेशनल हेराल्ड केस में फंसे हैं सोनिया गांधी-राहुल गांधी

– नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी फंसे हुए हैं। इस केस की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी कर रही है। इस मामले में पिछले साल सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई घंटों तक पूछताछ भी हुई थी।
– नेशनल हेराल्ड आजादी से पहले का अखबार है, जिसकी स्थापना 1938 में जवाहर लाल नेहरू ने की थी। इस अखबार का मालिकाना हक ‘एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड’ यानी AJL के पास था। 1956 में एजेएल को गैर-व्यवसायिक कंपनी के रूप में बनाया और इसे टैक्स फ्री भी कर दिया।
– 2008 में एजेएल के सभी प्रकाशनों को बंद कर दिया गया। नेशनल हेराल्ड भी बंद हो गया। फिर कांग्रेस ने ‘यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से एक कंपनी बनाई। इस कंपनी के 76 फीसदी शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास हैं। बाकी की हिस्सेदारी कांग्रेस के दूसरे नेताओं के पास है।
– 2008 में जब एजेएल बंद हुई तब उस पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज भी था। यंग इंडिया ने एजेएल को 90 करोड़ का कर्ज दिया और उसका अधिग्रहण कर लिया।
– साल 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि यंग इंडिया ने धोखाधड़ी से एजेएल का अधिग्रहण कर लिया। स्वामी ने आरोप लगाया कि इसका मकसद एजेएल की दो हजार करोड़ की संपत्ति को कब्जा करने की कोशिश की गई।

क्या संविधान से ऊपर है गांधी फैमिली?

मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होते ही राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी, गांधी फैमिली से आते हैं, इसलिए सजा देते वक्त यह विचार किया जाना जरूरी था। गांधी परिवार के करीबी इस नेता ने कहा कि अगर दो साल से कम की सजा होती तो उनकी लोकसभा सदस्यता बच जाती। उन्होंने कहा कि सजा देने से पहले उनके परिवार की पृष्ठभूमि पर गौर किया जाना चाहिए था। किसी सम्मानित व्यक्ति को सजा देने से पहले उसकी और परिवार के बारे में देखना चाहिए। कांग्रेस नेताओं के इस तरह के बयान से यह सवाल उठता है कि क्या गांधी फैमिली कानून से, संविधान से ऊपर हैं?

राहुल ने कहा था- मेक इन इंडिया नहीं, रेप इन इंडिया

झारखंड की रैली में राहुल ने कहा था- ‘हर दिन देश के कोने-कोने से महिलाओं के बलात्कार की खबरें आती हैं। न्यूज़ एजेंसी ANI ने इस पूरे घटनाक्रम पर एक वीडियो भी ट्वीट किया था। इसमें राहुल गांधी कह रहे हैं – ‘देखिये जहां भी आप देखो, देश में नरेंद्र मोदी ने कहा था मेक इन इंडिया कहा था ना… आप जहां भी देखो.. मेक इन इंडिया नहीं भईया… रेप इन इंडिया… रेप इन इंडिया जहां भी देखों..’

विदेशी धरती पर देश का अपमान करते रहे हैं राहुल

देश एक ओर भारत के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन रहा है और जी20 की बैठकें हो रही हैं, वहीं 0राहुल गांधी विदेशी धरती पर देश और संसद का अपमान करने से बाज नहीं आते। देशविरोधी बातें कहना भारत के 130 करोड़ भारतीयों का अपमान है। विदेशी धरती पर राहुल गांधी का ये कहना कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया है और इस पर यूरोप-अमेरिका को हस्तक्षेप करना चाहिए, भारत जैसे देश के लिए इससे अधिक शर्मनाक बात क्या हो सकती है। इसके पीछे राहुल की मंशा क्या हो सकती यह सहज समझा जा सकता है। राजनीतिक लाभ और सस्ती लोकप्रियता के लिए राहुल जिस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, उसी का परिणाम देश में कांग्रेस एक के बाद एक चुनाव हार रही है और उसकी सीटें सिमटती जा रही है।

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