अयोध्या में करीब 500 वर्षों बाद भगवान राम की जन्म स्थली पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूमि पूजन किया। इसके बाद मंदिर को छेड़खानी का अड्डा बताने वाले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भगवान राम को याद करते हुए एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने भगवान राम को सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप बताया।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं। वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं।
राम प्रेम हैं
वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकतेराम करुणा हैं
वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकतेराम न्याय हैं
वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 5, 2020
ऐसा पहली बार हुआ है, जब राहुल गांधी ने भगवान राम के बारे में लंबा-चौड़ा कुछ लिखा है। उन्होंने जिस तरह अपने ट्विट में अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं, उससे भगवान राम के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए कम और राजनीतिक मकसद से किया गया ट्विट ज्यादा लगता है। इस पवित्र अवसर पर भी राहुल गांधी अपनी संकीर्ण सोच को प्रदर्शित करने से बाज नहीं आए।
खुद को जनेऊधारी हिंदू बताने वाले और चुनाव के समय मंदिरों में चक्कर लगाने वाले राहुल गांधी भूमि पूजन से पहले चुप्पी साध रखी थी। लेकिन जैसे ही भूमि पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। उन्होंने ट्विट के माध्यम से इशारों-इशारों में अपनी सियासी कुंठा मिटाने और भड़ास निकालने की कोशिश की।
राहुल गांधी की कांग्रेस ने ही भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाया था। और भारत से श्रीलंका को जोड़ने वाले प्राचीन राम सेतु पर सवाल खड़े करते हुए शपथ पत्र भी जारी किया था। वर्ष 2013 में जब सुप्रीम कोर्ट में सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट पर बहस चल रही थी तो कांग्रेस पार्टी ने अपनी असल सोच को जगजाहिर किया था। पार्टी ने एक शपथ पत्र के आधार पर भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया था। इस शपथ पत्र में कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि भगवान श्रीराम कभी पैदा ही नहीं हुए थे, यह केवल कोरी कल्पना ही है।
जिस राम सेतु के अस्तित्व को NASA ने भी स्वीकार किया है, जिस राम सेतु को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी MAN MAID यानि मानव निर्मित माना है, उसे कांग्रेस पार्टी तोड़ने जा रही थी। इससे साफ है कि कांग्रेस राजनीतिक हित के लिए देश के करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर कुठराघात करती रही है।