कर्नाटक कांग्रेस ने ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’ का स्पष्ट प्रमाण देते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे आतंकी संगठन की तुलना बजरंग दल से कर डाली है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ बजरंग दल पर भी बैन लगाने का वादा किया है। यानि कांग्रेस की मंशा श्रीराम के परम भक्त बजरंग बली की जय बोलने वालों पर भी प्रतिबंध लगाना है। कर्नाटक की चुनावी रैलियों में पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले प्रभु श्रीराम को तालों में बंद रखा और अब रामभक्त हनुमान की जय बोलने वालों पर रोक लगाने पर तुली है। कर्नाटक में कांग्रेस के इस नए नाटक पर पीएम मोदी ने जनता का आह्वान किया कि पोलिंग बूथ में बटन दबाओ तो जय बजरंग बली बोलकर कांग्रेस को सजा देना। इस बीच कर्नाटक की राह पर चलते हुए राजस्थान सरकार के आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल के बोलों ने रामभक्तों को आहत कर दिया है। मेघवाल ने प्रदेश में बजरंग दल पर बैन करने के सवाल पर कहा- कर्नाटक और राजस्थान अलग-अलग नहीं हैं। यहां भी RSS, बजरंग दल में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की भर्ती कर अपराध करवाए जाते हैं। मॉब लिंचिंग करवाते हैं। धर्म के नाम पर लोगों के साथ मारपीट की जाती है।
कर्नाटक विधानसभा के 10 मई को होने जा रहे चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस जमकर प्रचार में जुटे हुए हैं। इसी बीच कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया कि जाति और धर्म के आधार पर नफरत फैलाने के लिए बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी और ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित किया जाएगा। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को ‘‘सर्व जनांगदा शान्तिय तोटा’’ नाम दिया है। इसे लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नाराज होकर देशभर में व्यापक प्रदर्शन शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस मुख्यालय के पास प्रदर्शन के दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने मांग की कि पार्टी कर्नाटक में सत्ता में आने पर संगठन पर प्रतिबंध लगाने के अपने वादे को वापस ले। प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस मुख्यालय के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया और कांग्रेस के मैनिफेस्टो को जलाकर अपना विरोध जताया।
बजरंग दल को बैन करने का मुद्दा कर्नाटक से निकल कर भारत के कई चुनावी राज्यों तक पहुंच गया है, जिसे लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के आपदा राहत मंत्री मेघवाल ने भी कहा कि ज़रूरत पड़ने पर उनके राज्यों में भी इसे बैन किया जाएगा। बघेल ने कहा, ‘‘यहां बजरंगियों ने जो गड़बड़ की है, उसको हम लोगों ने ठीक कर दिया है। जरूरत पड़ी तो छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल पर बैन लगाने के बारे में सोचेंगे। अभी कर्नाटक की समस्या के हिसाब से वहां बैन करने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि बजरंग दल की गुंडागर्दी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’
इस बीच पीएम मोदी ने कर्नाटक की चुनावी रैली में कहा कि दुर्भाग्य देखिए कि मैं आज जब यहां हनुमान जी को नमन करने आया हूं उसी समय कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है। पहले श्री राम को ताले में बंद किया और अब जय बजरंगबली बोलने वालों को ताले में बंद करने का संकल्प लिया है।’’ पीएम मोदी ने विजयनगर में एक रैली की शुरुआत बजरंग बली की जय के नारों के साथ की। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने भगवान राम को ताले में बंद रखा और अब बजरंग बली को कैद करना चाहते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कर्नाटक के लोगों का आह्वान किया कि पोलिंग बूथ पर बटन दबाओ तो जय बजरंग बली बोलकर कांग्रेस को सजा दे देना।
इस बीच विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेताओं ने बजरंग दल को ‘देश का गौरव’ बताते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने वादा वापस नहीं लिया तो तो बड़े पैमाने पर देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। विहिप प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा, ‘‘बजरंग दल एक ऐसा संगठन है, जो राष्ट्रवाद की लौ जलाता है, लाखों महिलाओं की लाज बचाता है, गौ माता को वध से बचाता है और देश में लाखों लोगों को बचाने के लिए रक्तदान करता है। बजरंग दल देश का गौरव है और कांग्रेस इसकी तुलना प्रतिबंधित आतंकी संगठन पीएफआई से करती है।’’ इस बीच, हैदराबाद में कांग्रेस के घोषणापत्र के खिलाफ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया है।
इधर राजस्थान में आपदा राहत मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा कि इस मामले पर हमारा प्रदेश संगठन, राष्ट्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री बैठकर चिंतन करेंगे। हमें महसूस हुआ कि बजरंग दल के नाम पर अपराध हो रहे हैं। जय श्रीराम के नारे लगाकर आपराधिक काम हो रहे हैं, तो हम इसकी छूट कतई नहीं देंगे। मेघवाल ने कहा- जहां तक बजरंग दल की बात है। मैं यह साफ तौर पर कह सकता हूं कि RSS के लोग संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बजरंग दल में वे लोग शामिल किए जा रहे हैं, जिनका बैकग्राउंड आपराधिक है। कई जिलों में आपराधिक मामले और संगीन मुकदमे हैं। उन लोगों को चुन-चुन कर बजरंग दल में भर्ती किया जा रहा है। यह जो देवताओं के नाम पर दल बनाकर अपराध कर रहे हैं, उस बात के विरोध में कर्नाटक में फैसला किया गया है। कर्नाटक में जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनेगी बजरंग दल को बैन किया जाएगा।
कर्नाटक में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पीएफआई ओर बजरंग दल जैसे संगठनों पर पाबंदी लगाने का वादा किया है। इस मुद्दे को लेकर कर्नाटक से शुरू हुआ विवाद राजस्थान तक पहुंच गया है। राजस्थान में नवंबर-दिसंबर में चुनाव हैं। ऐसे में यह मुद्दा आने वाले समय में और जोर पकड़ेगा। राजस्थान में बजरंग दल पर बैन लगाने के सवाल पर मेघवाल ने कहा भी है कि आप मानकर चलिए कर्नाटक और राजस्थान अलग-अलग नहीं है। बिल्कल ये यहां पर भी अपराध करेंगे, गलत काम करेंगे यहां भी हम लोग विरोध करेंगे। गोविंद मेघवाल ने कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व से चर्चा के बाद राजस्थान में सरकार लेगी फैसला।
दूसरी ओर कर्नाटक कांग्रेस के इस नए नाटक का बीजेपी शासित राज्यों ने मुखर विरोध किया है। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘‘कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है। बजरंग दल प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है, आतंकवाद का विरोध करता है। बजरंग दल लव जिहाद का विरोध करता है। बजरंग दल की तुलना PFI जैसे आतंकवादी संगठन से करने से आज कांग्रेस का चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है।’’ असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने साफ कहा कि यह कांग्रेस के घोषणा पत्र नहीं, बल्कि मुस्लिम घोषणा पत्र है। सीएम बिस्वा ने कांग्रेस घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने पर कहा कि ‘‘यह मुसलमान घोषणा पत्र है और जिन्ना भी ऐसा मेनिफेस्टो नहीं जारी करते।’’ उन्होंने कहा कि बजरंग दल जैसे राष्ट्रवादी संगठन पर बैन के बारे में सोचना ही गलत है।