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दिल्ली के सीएम केजरीवाल से उठा लोगों का भरोसा, ‘मैं हूं ना” कहते ही स्टेशन-बस स्टैंड की ओर भागने लगे लोग

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दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लॉकडाउन की घोषणा करते ही लोग बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की ओर भागने लगे। इससे सवाल उठने लगे कि क्या सीएम केजरीवाल पर से लोगों का भरोसा उठ गया है। सोमवार को दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं हाथ जोड़कर अपील करना चाहता हूं कि यह छोटा सा लॉकडाउन है, 6 दिन का। दिल्ली छोड़कर न जाइएगा। आपके आने-जाने में ही इतना पैसा और समय खत्म हो जाएगा। दिल्ली में रहिए। मुझे उम्मीद है कि यह छोटा लॉकडाउन है और छोटा ही रहेगा। मुझे पूरी उम्मीद है कि शायद बढ़ाने की जरूरत न पड़े। आप दिल्ली में रहिए। यकीन मानिए हम पूरी ईमानदारी के साथ सब मिलकर लड़ेंगे। मैं यकीन दिलाता हूं कि सरकार आपका पूरा ख्याल रखेगी। मैं हूं ना। मुझ पर भरोसा रखिए।

केजरीवाल के यह कहते ही लोग दिल्ली छोड़कर जाने के लिए आनंद विहार, सराय काले खां, कश्मीरी गेट बस अड्डे और रेलवे स्टेशन पर जमा होने लगे। बस अड्डे और स्टेशन के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। पिछले साल अरविंद केजरीवाल की आप सरकार का इंतजाम देख चुके लोग इस बार उनपर जरा भी भरोसा करने को तैयार नहीं थे। साल भर पहले कोरोना संकट काल में बसों में भरकर यूपी बॉर्डर तक छोड़ने की बात हो या आप सरकार की ओर से मजदूरों को भोजन मुहैया कराने की हवा-हवाई बात… उनके जेहन में आज भी ताजा है। इसके साथ ही पिछले दिनों उन्होंने ऑक्सीजन और बेड की कोई कमी नहीं होने की बात की। केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च कर दावा किया कि दिल्ली के अस्पतालों में बेड्स की कमी नहीं है। उन्होंने दिल्ली के अस्पतालों में 5000 बेड्स खाली होने का दावा किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अब तक 14 प्राइवेट और 6 सरकारी अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड फैसिलिटी में कन्वर्ट कर चुकी है। साथ ही कहा कि 12 अप्रैल, 2021 को कोरोना के इलाज के लिए 2653 नए बेड्स जोड़े गए, जिससे कुल संख्या 14,900 हो गई। लेकिन जमीनी स्थिति इसके एकदम उलट है।

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केजरीवाल के दावे के बावजूद दिल्ली के अस्पतालों में एक अदद बेड पाने के लिए कोरोना मरीज संघर्ष कर रहे हैं। अस्पतालों में बेड खाली नहीं है। एक हफ्ते में ही केजरीवाल सरकार पलट गई। ऑक्सीजन और बेड की कमी का रोना रोकर लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी गई। ऐसे में लोगों ने केजरीवाल सरकार की ‘मैं हूं ना’ पर भरोसा करने के बजाय घर जाना ही बेहतर समझा। सोशल मीडिया पर लोग स्टेशन और बस अड्डे की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं।

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