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आतंकवादियों, उग्रवादियों के लिए सुरक्षित पनागाह बन रहा है कनाडा, अब FATF के शिकंजे में फंसेगा

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपनी कुर्सी बचाने के लिए खालिस्तान आतंकवादियों के समर्थक बन गए हैं। जी-20 सम्मेलन में हुई बेइज्जती से तिलमिलाए ट्रूडो ने स्वदेश लौटने पर अपनी छवि चमकाने और देशवासियों का ध्यान भटकाने के लिए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत का ठीकरा भारत पर फोड़ दिया। पश्चिम के देश अपनी सामंतवादी मानसिकता में ही जीते थे। यही सोचकर उन्होंने भारत पर आरोप मढ़ दिया। लेकिन यह पीएम मोदी का नया भारत है। भारत ने जब एक के बाद एक एक्शन लिए तो कनाडा के पैरों तले जमीन ही खिसक गई। अब भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कनाडा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भारत ने यह कहकर कि कनाडा आतंकवादियों और उग्रवादियों के लिए सुरक्षित पनागाह बनता जा रहा है, उसके मुंह पर तमाचा जड़ दिया है। यह कहकर भारत ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। एक तो यह कि दुनिया नजरों में कनाडा को गिरा दिया जाए और दूसरा उसे फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के शिकंजे में लाया जाए।

आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना कनाडा
भारत ने 21 सितंबर को कहा कि कनाडा आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “मुझे लगता है कि चरमपंथियों और संगठित अपराध के लिए आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में कनाडा की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। मुझे लगता है कि यही वह देश है जिसे अपनी अंतरराष्ट्रीय मान-सम्मान के बारे में चिंता करने की ज़रूरत है।”

कनाडा के लोगों को अभी भारत का वीजा नहीं मिलेगा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘कनाडा में भारतीय कांसुलेट और उच्चायोग का कामकाज खतरों और धमकियों से प्रभावित हुआ है। इसके चलते हम कनाडा में हम वीजा आवेदनों की प्रोसेसिंग में अभी असमर्थ हैं। जब स्थिति सामान्य होगी तो हम सामान्य प्रक्रिया बहाल करेंगे। हम लगातार समीक्षा कर रहे हैं।’

भारत में कनाडा के राजनयिकों की संख्या कम होगी
अरिंदम बागची ने कहा, ‘कनाडा के राजनयिक की उपस्थिति संख्या कनाडा में हमारी तुलना में बहुत अधिक है। राजनयिक उपस्थिति में समानता होनी चाहिए। भारत में कनाडा के राजनयिकों की संख्या अधिक है। हमने उन्हें बताया है कि इसे बराबर करने की जरूरत है। इस तरह उनके राजनयिकों की संख्या कम होगी। इसको वर्क आउट किया जा रहा है।’

कनाडा सरकार के आरोप पूर्वाग्रह से प्रेरित
कनाडा सरकार के आरोपों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘मुझे लगता है कि कुछ हद तक पूर्वाग्रह है। उन्होंने आरोप लगाए हैं और उन पर कार्रवाई की है। हमें ऐसा लगता है कि कनाडा सरकार के ये आरोप मुख्य रूप से राजनीति से प्रेरित हैं।’

भारतीय राजनयिक को सुरक्षा देना कनाडा सरकार की जिम्मेदारी
कनाडा में भारतीय वाणिज्य दूतावास में सुरक्षा बढ़ाने के सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हमारा मानना है कि सुरक्षा प्रदान करना मेजबान सरकार की जिम्मेदारी है। कुछ जगहों पर हमारी अपनी सुरक्षा व्यवस्था भी है। लेकिन इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करना ठीक नहीं है। यह उचित स्थिति नहीं है।’

भारत की कूटनीति से FATF के शिकंजे में फंसेगा कनाडा
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के मुताबिक, हरदीप सिंह निज्जर एक कनाडाई नागरिक था। निज्जर भारत का मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी था। इसी तरह अभी भी भारत के कई वांटेड खालिस्तानी आतंकी कनाडा की धरती से संचालित हो रहे हैं। अब इसे कूटनीति के जरिये FATF तक ले जाना चाहता है और जिस तरह पाकिस्तान को बाकी दुनिया से अलग-थलग कर दिया उसी तरह कनाडा को भी करना चाहता था। नीचे वीडियो में देखिए जिसमें भारत का मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी निज्जर असॉल्ट राइफल लहराते हुए दूसरे आतंकियों को ट्रेनिंग देता नजर आ रहा है। जस्टिन ट्रूडो ने खुद कहा है कि निज्जर कनाडाई नागरिक थे। तो क्या FATF को “एक नामित आतंकवादी को नागरिकता देने और भारत के खिलाफ अलगाववाद फैलाने” के लिए कनाडा के खिलाफ कार्रवाई करके उसे काली सूची में नहीं डाल देना चाहिए?

कनाडा बन गया भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों का ‘दूसरा पाकिस्तान’
मई 2022 में लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की नृशंस हत्या के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल सहित सुरक्षा एजेंसियों ने भारत में तमाम अपराधों में कनाडा के खालिस्तानी आतंकवादियों के शामिल होने को लेकर गंभीर चिंता जताई थी। उस वक्त यह भी कहा गया था कि कनाडा भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों का ‘दूसरा पाकिस्तान’ बनता जा रहा है। मूसेवाला की हत्या के अलावा, 2022 में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर दुस्साहसी आरपीजी हमले में कनाडा स्थित पंजाबी गैंगस्टरों का हाथ होने आशंका जताई गई थी। 2018 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की अमृतसर यात्रा के दौरान पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कथित तौर पर इस बात पर चिंता जताई थी कि कैसे कनाडाई धरती का भारत के हितों के खिलाफ उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, इन चिंताओं के जवाब में कनाडाई सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

पंजाब पुलिस ने कनाडा के सात गैंगस्टरों की पहचान की
कनाडा में रहने वाले गैंगस्टर भारत में आपराधिक गतिविधियों पर खासा प्रभाव डालते हैं। कई महीने पहले, पंजाब पुलिस ने कनाडा से लंबे समय से काम कर रहे सात गैंगस्टरों की पहचान की थी। इनमें लखबीर सिंह उर्फ लांडा, गोल्डी बराड़, चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू रंधावा, अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला, रमनदीप सिंह उर्फ रमन जज, गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा दल्ला और सुखदुल सिंह उर्फ सुखा दुनेके शामिल हैं। सुखा दुनेके अब मारा जा चुका है। माना जाता है कि ये लोग पंजाब में विभिन्न आपराधिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।

हरदीप सिंह निज्जर पर था 10 लाख रुपये का इनाम
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर, एक कनाडाई नागरिक, जिसे 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मार दी गई थी, को पकड़ने के लिए सूचना देने के लिए 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल होने के कारण उसे पहले भारत सरकार की तरफ से आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था।

कनाडा से खालिस्तानी आतंकी पन्नू चलाता है भारत विरोधी अभियान
प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू भी कनाडा में रहता है और सक्रिय रूप से भारत के खिलाफ जहरीला अभियान चलाता है। गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा ने दिसंबर 2022 में घोषणा की थी कि अगर कोई गुरपतवंत सिंह पन्नू का सिर काटकर लाएगा तो उसे 10 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा। यह इनाम सिख समाज की ओर से दिया जाएगा।

पन्नू के खिलाफ कनाडा में हिंदू संगठन ने भी मोर्चा खोला
भारत के मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की धमकी के बाद उसके खिलाफ कनाडा में हिंदू संगठन ने भी मोर्चा खोल दिया है। पिछले कल आतंकी पन्नू ने एक वीडियो जारी कर धमकी दी थी कि हिंदू कनाडा को छोड़ कर भारत वापस लौट जाए। पन्नू की इस स्टेटमेंट पर हिंदू फोरम कनाडा ने संज्ञान लेते हुए जस्टिन ट्रूडो सरकार के पब्लिक सेफ्टी मंत्री डोमिनिक लीबैलेंस को पत्र लिखा है। हिंदू फोरम ने सरकार से मांग की है कि कनाडा की धरती में इंडो-कानाडियन हिंदुओं को धमकाने और उन्हें देश छोड़ कर चले जाने के लिए कहने वाले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ हेट-क्राइम की कार्रवाई अमल में लाई जाए। पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और सरकार को समर्थन देने वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के प्रमुख जगमीत सिंह से भी पन्नू पर एक्शन लेने के लिए कहा है।

दिल्ली में पांच मेट्रो स्टेशनों की दीवारों को विकृत करने में पन्नू का हाथ
हाल ही में दिल्ली में पांच मेट्रो स्टेशनों की दीवारों को खालिस्तानी समर्थक संदेशों के साथ विकृत करने के आरोप में पंजाब से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी की पहचान प्रितपाल सिंह उर्फ काका (30) और उसके सहयोगी राजविंदर उर्फ काले के रूप में हुई, जो एसएफजे से जुड़े थे, उन्हें गुरपतवंत सिंह पन्नू ने नौकरी के लिए 7,000 डॉलर देने का वादा किया था। शिवाजी पार्क, मादीपुर, पश्चिम विहार, उद्योग नगर और महाराजा सूरजमल स्टेडियम मेट्रो स्टेशनों की दीवारों को “दिल्ली बनेगा खालिस्तान” और “खालिस्तान जिंदाबाद” के नारों से विरूपित किया गया। नांगलोई में एक सरकारी स्कूल की दीवार भी क्षतिग्रस्त कर दी गई। एसएफजे द्वारा जारी एक वीडियो में मेट्रो स्टेशन की क्षतिग्रस्त दीवारों को दिखाया गया है।

भारत ने कनाडा को सौंपे हैं कई दस्तावेज, अब तक कार्रवाई नहीं
सुरक्षा एजेंसियों को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) सदस्यों पर देश भर में अवैध गतिविधियों में लिप्त गैंगस्टरों का समर्थन करने का भी संदेह है। अधिकांश गैंगस्टर जघन्य अपराध करने के बाद कनाडा चले जाते हैं, क्योंकि उन्हें एसएफजे लिंक का समर्थन प्राप्त होता है। वहां से और एसएफजे लिंक के समर्थन से, वे ड्रग्स व्यापार, जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग सहित पूरे नेक्सस को संचालित करते हैं। एसएफजे के समर्थन के बिना, यह संभव नहीं है। भारत ने अलगाववादी संगठनों और आतंकवादी समूहों से जुड़े व्यक्तियों के निर्वासन की तत्काल मांग करते हुए कनाडाई अधिकारियों को कई दस्तावेज सौंपे हैं। अफसोस की बात है कि इन निर्वासन अनुरोधों पर ध्यान नहीं दिया गया और कनाडा आतंकी गतिविधियों से जुड़े कम से कम नौ अलगाववादी संगठनों का अड्डा बन गया है। इन पर पाकिस्तान की आईएसआई के साथ साजिश रचने का आरोप भी है।

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