रिपब्लिक टीवी से बौखलाई उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार इस न्यूज चैनल को बंद कराने पर अड़ी हुई है। ठाकरे सरकार रिपब्लिक चैनल पर लगाम कसने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। कांग्रेस-एनसीपी के सहयोग से बनी शिवसेना की सरकार मीडिया पर सेंसरशिप लगाना चाहती है। पालघर में साधुओं की लिंचिंग के बाद सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में रिपब्लिक टीवी ने जिस तरह से धारदार और खोजपरक रिपोर्टिंग की है, उससे उद्धव ठाकरे सरकार परेशान है। ऐसे में मुंबई पुलिस रिपब्लिक पर रोक लगाने के लिए साजिश पर साजिश रच रही है। मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के दिल्ली-नोएडा के पत्रकारों को 24 घंटे के अंदर मुंबई के पुलिस थाने में हाजिर होने का आदेश जारी किया है।
रिपब्लिक टीवी का कहना है कि मुंबई पुलिस की ओर से पिछले शुक्रवार को दो चौंकाने वाली कार्रवाई की गई। सबसे पहले, रिपब्लिक के खिलाफ धारा 91 के तहत नोटिस भेजा गया था, जिसमें सबसे टिश्यू पेपर से लेकर बड़े लेनदेन का विवरण मांगा गया था। इसके बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सभी कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार कांग्रेस के रंग में रंगती जा रही है। इमरजेंसी की याद ताजा करते हुए कांग्रेस-एनसीपी- शिवसेना की मिली जुली सरकार ने रिपब्लिक टीवी के 1000 पत्रकारों पर एफआईआर कर दिया है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के हर एक कर्मचारी और हर एक पत्रकार की डिटेल्स मांगी गई है। 22 अक्टूबर 2020 को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के CFO को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत जारी नोटिस में ‘मूल्यांकन रिपोर्ट’, ‘खाता बही’, ‘व्यापार प्राप्य’, ‘प्रसारण खर्च’, ‘कर्मचारी लाभ खर्च’ और ‘प्रचार खर्च’ जैसी चीजों की जानकारी मांगी गई। इसमें बिजली के बिल से लेकर एडिटिंग मशीन तक का खर्च, कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड से लेकर उन्हें मेडिकल इमरजेंसी के लिए दिए लोन तक, कैमरों की लागत से स्टूडियो रखरखाव के खर्चे तक, हैंड सेनिटाइज़र से ऑफिस की कारपेटिंग की लागत तक, हर एक खाता बही और खर्चे की डिटेल्स मांगी गई है।
मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क द्वारा किए गए हर एक लेन-देन का विवरण और प्रत्येक कर्मचारी और पत्रकार की सूची मांगी है। इसके अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की टीम ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क से टॉयलेट पेपर, टिश्यू पेपर, ए 4 पेपर समेत अन्य स्टेशनरी की लागत की जानकारी मांगी है। यहां तक की पुलिस द्वारा रिपब्लिक से एयर कंडीशनिंग उपकरण, फर्नीचर, बागवानी, मेकअप, सूट और हेयर ब्रश के लिए किए गए भुगतान के बारे में भी विवरण मांगे हैं। चौकानें वाली बात यह है कि मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को इन सभी विवरणों को देने के लिए सिर्फ 12 घंटों का समय दिया।