अभिनेत्री कंगना रनोट ने फिर एक बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। रिपब्लिक टीवी पर मुंबई पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ उन्होंने शिवसेना सरकार को जमकर लताड़ लगाई है। मुंबई पुलिस ने प्रेस की स्वतंत्रता पर लगाम कसते हुए रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क में हर एक कर्मचारी और हर एक पत्रकार की डिटेल्स मांगी है। इसके साथ ही मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक चैनल के एक हजार कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसपर कंगना रनौत ने ट्वीट कर कहा कि उद्धव ठाकरे अपने पिता के सिद्धांतों को भूल चुके हैं। कंगना ने अपने ट्वीट में कहा, ‘कहां राजा भोज कहां गंगू तेली, महाराष्ट्र के पप्पूप्रो की स्वनिर्मित महान नेता से क्या तुलना करना, जो अपने पिता के सिद्धांतों को सत्ता केलिए बेच दे वो किसी के अधिकारों और उनकी भावनाओं को क्या समझेगा, धितकार है ऐसी सरकार पे जो पत्रकारों पे अत्याचार करे।’
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली, महाराष्ट्र के पप्पूप्रो की स्वनिर्मित महान नेता से क्या तुलना करना, जो अपने पिता के सिद्धांतों को सत्ता केलिए बेच दे वो किसी के अधिकारों और उनकी भावनाओं को क्या समझेगा, धितकार है ऐसी सरकार पे जो पत्रकारों पे अत्याचार करे।@republic @Republic_Bharat https://t.co/jPDI8O0Yin
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 24, 2020
कांग्रेस की तरह प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रहार कर रही उद्धव सरकार
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की शिवसेना सरकार कांग्रेस के रंग में रंगती जा रही है। इमरजेंसी की याद ताजा करते हुए कांग्रेस-एनसीपी- शिवसेना की मिली जुली सरकार ने रिपब्लिक टीवी के 1000 पत्रकारों पर एफआईआर कर दिया है। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के हर एक कर्मचारी और हर एक पत्रकार की डिटेल्स मांगी गई है। 22 अक्टूबर 2020 को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के CFO को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत जारी नोटिस में ‘मूल्यांकन रिपोर्ट’, ‘खाता बही’, ‘व्यापार प्राप्य’, ‘प्रसारण खर्च’, ‘कर्मचारी लाभ खर्च’ और ‘प्रचार खर्च’ जैसी चीजों की जानकारी मांगी गई। इसमें बिजली के बिल से लेकर एडिटिंग मशीन तक का खर्च, कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड से लेकर उन्हें मेडिकल इमरजेंसी के लिए दिए लोन तक, कैमरों की लागत से स्टूडियो रखरखाव के खर्चे तक, हैंड सेनिटाइज़र से ऑफिस की कारपेटिंग की लागत तक, हर एक खाता बही और खर्चे की डिटेल्स मांगी गई है।
मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क द्वारा किए गए हर एक लेन-देन का विवरण और प्रत्येक कर्मचारी और पत्रकार की सूची मांगी है। इसके अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की टीम ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क से टॉयलेट पेपर, टिश्यू पेपर, ए 4 पेपर समेत अन्य स्टेशनरी की लागत की जानकारी मांगी है। यहां तक की पुलिस द्वारा रिपब्लिक से एयर कंडीशनिंग उपकरण, फर्नीचर, बागवानी, मेकअप, सूट और हेयर ब्रश के लिए किए गए भुगतान के बारे में भी विवरण मांगे हैं। चौकानें वाली बात यह है कि मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को इन सभी विवरणों को देने के लिए सिर्फ 12 घंटों का समय दिया।