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पात्रा चॉल जमीन घोटाले में घिरे शिवसेना सांसद राउत ईडी से डरकर तो मांग रहे समय, उधर शिवसेना के बागी विधायकों के लिए दे रहे बेशर्म बयान

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महाराष्ट्र के घमासान के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत के पास ईडी में पेशी के लिए तो समय नहीं है, लेकिन सरकार बचाने के लिए राजनीति करने के लिए वे पूरा समय दे रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय में आज राउत की पेशी थी, लेकिन सांसद संजय राउत ने पेशी के लिए वक्त मांगा है। उनके वकील ने मुंबई में ईडी ऑफिस जाकर आज के लिए मोहलत देने को कहा है। ईडी ने पात्रा चॉल जमीन घोटाले के मामले में समन भेजकर संजय राउत को पूछताछ के लिए बुलाया था। इस बीच राउत ने अपने ट्विटर हैंडल पर शिवसेना के बागी विधायकों का बिना नाम लेते हुए लिखा, ‘जहालत’ एक किस्म की मौत है, और जाहिल लोग चलती फिरती लाशें हैं। इससे पहले भी संजय राउत ने बागी विधायकों को ‘जिंदा लाश’ कहकर संबोधित किया था।

सांसद संजय राउत की पत्नी ने घोटाले के आरोपी की पत्नी से लिए थे 83 लाख रुपये
प्रवर्तन निदेशालय 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाले की जांच कर रहा है। इस मामले में ईडी ने महाराष्ट्र के बिजनेसमैन और राउत के करीबी प्रवीण राउत को फरवरी में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस केस में संजय राउत का नाम भी जुड़ा। पांच अप्रैल को ED ने इसी मामले में संजय राउत के अलीबाग वाले प्लॉट के साथ दादर व मुंबई में एक-एक फ्लैट को भी कुर्क कर लिया था। दरअसल, प्रवीण शिवसेना सांसद संजय राउत का दोस्त है। प्रवीण की पत्नी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 83 लाख रुपये का कर्ज भी दिया था, जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था।

अलीबाग की मीटिंग के बहाने सांसद राउत ने ईडी से पेशी में मांगी छूट
अब जब ईडी के द्वारा पात्रा चॉल भूमि घोटाले की जांच शुरू की गई तो वर्षा ने मारे डर के 55 लाख रुपये प्रवीण की पत्नी को लौटा दिए। अब ईडी ने नोटिस भेजकर राउत को पूछताछ के लिए मंगलवार (आज) बुलाया था। यह नोटिस पात्रा चॉल जमीन घोटाले के मामले में जारी किया गया। नोटिस मिलने के बाद ही संजय राउत के वकील ने ईडी से कहा है कि राउत को अलीबाग में एक ‘फर्जी’ मीटिंग में शामिल होने है। इसलिए वह आज के दिन की छूट देते हुए किसी और दिन पूछताछ के लिए बुला लें।

विधायकों पर राउत का बेशर्म बयान- ‘जाहिल लोग चलती-फिरती लाशें हैं’

दिलचस्प तथ्य यह है कि सांसद संजय राउत के पास ईडी के पास जाने के लिए तो समय नहीं है, लेकिन शिवसेना की राजनीति करने के लिए वो खूब फुर्सत निकाल पा रहे हैं। राउत अपने भड़काऊ और अनर्गल बयानों ने शिवसैनिकों को उत्तेजित करने में लगे हैं। अपने बयानों में उन्होंने राजनीति की नैतिक मर्यादाओं को भी तिलांजलि दे दी है। राउत ने अपने ट्विटर हैंडल पर बागी विधायकों का बिना नाम लेते हुए लिखा, ‘जहालत’ एक किस्म की मौत है, और जाहिल लोग चलती फिरती लाशें हैं। इससे पहले भी संजय राउत ने बागी विधायकों को ‘जिंदा लाश’ कह चुके हैं। उन्होंने कहा था, गुवाहाटी में वो 40 लोग जिंदा लाश हैं, उनकी आत्मा मर चुकी है। उनके इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था।

महाराष्ट्र के सियासी पटल पर यह खेल कब तक चलेगा-शिवसेना
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में भी बागी विधायकों पर वार किया है। इसमें लिखा है कि सात-आठ मंत्री, विधायक अपना मंत्रालय छोड़कर महाराष्ट्र से बाहर जाकर बैठे हैं। ये मंत्री अपने विभागों को लावारिस छोड़कर गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में क्यों हैं। यदि जनमन के प्रति जिम्मेदारी को लेकर शर्म होती तो वे मंत्री पद से इस्तीफा देकर राज्य से बाहर गए होते। आखिर महाराष्ट्र के सियासी पटल पर यह खेल कब तक चलेगा?

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