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केरल मॉडल की फिर खुली पोल: बना कोरोना महामारी का केंद्र लेकिन सरकार का ध्यान तुष्टिकरण पर, SC ने लगाई फटकार

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प्रोपगेंडा और लेफ्ट मीडिया के बल पर दुनिया भर में केरल मॉडल का बखान करने वाली केरल सरकार की पोल एक बार फिर खुल गई है। केरल एक बार फिर देश में कोरोना महामारी का केंद्र बन गया है। केरल में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है लेकिन राज्य सरकार का सारा ध्यान तुष्टिकरण पर है। यहां अब हर दिन नए मामलों की संख्या 10 हजार से ज्यादा दर्ज हो रही है। देश में पिछले 24 घंटे में 38,164 नए मामले सामने आए हैं और केरल में 13,956 नए मामले दर्ज किए गए हैं जो देश में सबसे ज्यादा है। नए मामलों में राज्य की हिस्सेदारी 36.56 प्रतिशत है।

केरल में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 31,60,937 है, जबकि देश में 3,11,44,229 है। इस तरह देश में सबसे ज्यादा 10.14 प्रतिशत कोरोना संक्रमण के मामले अकेले केरल से हैं। राज्य में 24 घंटे में 81 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इसे मिलाकर अब तक राज्य में कोरोना से 15,350 लोगों की मौत हो चुकी हैं। लेकिन केरल सरकार चेतने को तैयार नहीं है। इसे लेकर आज, 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को जमकर फटकार लगाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने बकरीद पर प्रतिबंधों में छूट देने को लेकर केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ये डरावना है कि ऐसे हालात होने को बावजूद पाबंदियों में इस तरह छूट दी गई। कोरोना के इस हालात में रियायत देना सॉरी स्टेट ऑफ अफेयर है। कोर्ट ने कहा कि केरल सरकार द्वारा दिया हलफनामा चिंताजनक है। यह वास्तविक तरीके से भारत के सभी नागरिकों को जीने के अधिकार की गारंटी नहीं देता है।

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि हम केरल को संविधान के अनुच्छेद 21 के साथ अनुच्छेद 144 पर ध्यान देने और कांवड़ यात्रा को लेकर दिए गए हमारे फैसले पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी भी तरह की अप्रिय घटना होने पर उसे हमारे संज्ञान में लाया जा सकता है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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