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पहले की सरकार हैंग मोड में थी, 2014 में लोगों ने फोन ही बदल दिया- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 27 अक्तूबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2023 के 7वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज से 10-12 साल पहले फोन की स्क्रीन घड़ी-घड़ी हैंग हो जाती थी। चाहे आप स्क्रीन को कितना भी स्वाइप कर लें, चाहे जितने भी बटन दवा लें कोई असर नहीं होता था। ऐसी ही स्थिति उस समय सरकार की भी थी। उस समय भारत की अर्थव्यवस्था की या कहें तब की सरकार ही हैंग हो गए वाले मोड़ पर थी। उन्होंने कहा कि हालत इतनी बिगड़ चुकी थी, रीस्टार्ट करने से कोई फायदा नहीं था। बैटरी चार्ज करने से भी कोई फायदा नहीं था, बैटरी बदलने से भी कोई फायदा नहीं था। 2014 में लोगों ने ऐसे आउटडेटेड फोन को छोड़ दिया और अब हमें सेवा करने का अवसर दिया।

उन्होंने याद दिलाया कि भारत मोबाइल फोन का आयातक हुआ करता था जबकि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता बन गया है। पिछली सरकारों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के मामले में दूरदर्शिता की कमी पर उन्होंने कहा कि भारत आज देश में निर्मित लगभग दो लाख करोड़ रुपये मूल्य के इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात कर रहा है। उन्होंने गूगल द्वारा भारत में पिक्सल फोन बनाने की हालिया घोषणा की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सैमसंग फोल्ड फाइव और एप्पल आईफोन 15 का निर्माण पहले से ही देश में किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की इस सफलता को और भी प्रगति की ओर अग्रसर करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी इकोसिस्टम में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों की सफलता के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम भारत में एक मजबूत सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर के विकास के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की पीएलआई योजना जारी है। आज, दुनिया भर की सेमीकंडक्टर कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर सेमीकंडक्टर को तैयार करने और परीक्षण सुविधाओं में निवेश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत का सेमीकंडक्टर मिशन न केवल अपनी घरेलू मांग बल्कि दुनिया की आवश्यकताओं को भी पूरा करने के दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के बदलते समय में यह आयोजन करोड़ों लोगों के जीवन को बदलने की क्षमता रखता है। प्रौद्योगिकी की तीव्र गति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य यहीं और अभी है। उन्होंने इस अवसर पर दूरसंचार, प्रौद्योगिकी और कनेक्टिविटी में भविष्य की झलक दिखाने के लिए लगाई गई प्रदर्शनी की भी सराहना की। उन्होंने 6जी, एआई, साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर, ड्रोन अथवा अंतरिक्ष क्षेत्र, गहरे समुद्र, हरित तकनीक जैसे क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि भविष्य पूरी तरह से बदलने वाला है और यह प्रसन्नता का विषय है कि हमारे युवा पीढ़ी तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर रही है।

उन्होंने कहा कि भारत 5जी की सफलता के बाद रुका नहीं और इसे प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि भारत 5जी की शुरूआत के चरण से 5जी की सब तक पहुंच की चरण तक पहुंच गया है। प्रधान मंत्री ने कहा कि 5जी रोलआउट के एक वर्ष के भीतर भारत में 4 लाख 5जी बेस स्टेशनों का विकास किया गया है और यह 97 प्रतिशत से अधिक शहरों और 80 प्रतिशत आबादी को कवर करते हैं। उन्होंने कहा कि एक वर्ष के भीतर औसत मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड की गति 3 गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में भारत 118वें स्थान से 43वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भारत न केवल देश में 5जी नेटवर्क का विस्तार कर रहा है बल्कि 6जी में अग्रणी बनने पर भी बल दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोकतंत्रीकरण की शक्ति में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि विकास का लाभ प्रत्येक वर्ग और क्षेत्र तक पहुंचे साथ ही भारत के संसाधनों का लाभ सभी को मिले, हर किसी को सम्मान का जीवन मिले और तकनीक का लाभ हर किसी तक पहुंचे, सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लिए यह सबसे बड़ा सामाजिक न्याय है। उन्होंने कहा कि पूंजी, संसाधनों और प्रौद्योगिकी तक पहुंच हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारत नेट ने लगभग 2 लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा है। 10,000 अटल टिंकरिंग लैब लगभग 75 लाख बच्चों को अत्याधुनिक तकनीक से परिचित करा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कि भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने पिछले कुछ वर्षों में दुनिया में अपने लिए एक महत्वपूर्ण जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि भारत ने काफी कम समय में 100 यूनिकॉर्न बना लिया है और अब यह दुनिया के शीर्ष 3 स्टार्टअप इकोसिस्टम में से एक बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले भारत में बहुत कम स्टार्टअप थे, जबकि आज यह संख्या लगभग एक लाख हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश में स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय मोबाइल कांग्रेस की एक पहल ‘एस्पायर’ कार्यक्रम का भी उल्लेख करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से भारत के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा।

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