जो भारतीय सेना पाकिस्तान के आतंकी हमले का जवाब उसके घर में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह कर के दे रही है उसे ही पूर्ववर्ती कांग्रेस की यूपीए सरकार ने दस सालों तक अदद वर्दी के लिए तरसा दिया था। सक्षम और सामर्थ्यवान भारतीय सेना को हथियार से लेकर वर्दी तक जैसी आधारभूत सुविधा मुहैया नहीं कराई गई। कांग्रेस शुरू से ही भारतीय सेना की उपेक्षा करती रही है। इसलिए कहा जा रहा है कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान नहीं बल्कि कांग्रेस है।
मालूम हो कि राफेल डील से पहले तक भारत ने पिछले 33 सालों से कोई लड़ाकू विमान खरीदा ही नहीं था। ध्यान रहे कि राफेल सौदा भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शुरू की थी जिसको अंतिम रूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया है। 33 साल पहले यानी 1985 में भारत सरकार ने मिराज-2000 जेट विमान खरीदा था। चूंकि 1983 में यानी दो साल पहले ही पाकिस्तान ने अमेरिका से एफ-16 लड़ाकू विमान खरीदकर अपने बेड़े में शामिल कर लिया था। इसी को देखते हुए कांग्रेस सरकार ने लड़ाकू विमान खरीदने का फैसला किया। उसने कभी सेना को मजबूत करने की पहल नहीं की।