प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमरा लक्ष्य बेहतर प्रशासन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होना चाहिए। पुणे में आयोजित जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नई ई-लर्निंग को रचनात्मक तरीके से अपनाने व उसका उपयोग करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि इसका लक्ष्य बेहतर प्रशासन के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना होना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला और ‘स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स’ या ‘स्वयं’ का जिक्र किया। ‘स्वयं’ एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो कक्षा 9 से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक के सभी पाठ्यक्रमों को संचालित करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, “34 मिलियन से अधिक नामांकन और 9000 से अधिक पाठ्यक्रमों के साथ, यह शिक्षण का एक बेहद प्रभावी उपकरण बन गया है।”
उन्होंने ‘डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग’ या ‘दीक्षा पोर्टल’ का भी उल्लेख किया। इस पोर्टल का उद्देश्य दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से स्कूली शिक्षा प्रदान करना है। श्री मोदी ने बताया कि यह 29 भारतीय और 7 विदेशी भाषाओं में सीखने में सहायता करता है और इसमें अब तक 137 मिलियन से अधिक पाठ्यक्रम पूरे हो चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत को इन अनुभवों और संसाधनों को विशेष रूप से दक्षिणी दुनिया के देशों के लोगों के साथ साझा करने में प्रसन्नता होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी समानता स्थापित करने वाले एक तत्व के रूप में कार्य करती है और समावेशिता को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ढलने की प्रक्रिया में एक शक्ति गुणक है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की क्षमताओं के बारे में भी चर्चा की जो सीखने, कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं प्रदान करती है। उन्होंने प्रौद्योगिकी द्वारा पैदा किए गए अवसरों और चुनौतियों के बीच सही संतुलन बनाने में जी-20 की भूमिका पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जी-20 के देश अपनी-अपनी क्षमताओं के साथ विशेष रूप से दक्षिणी दुनिया के देशों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों से अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए रास्ता तैयार करने का आग्रह किया।