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पीएम मोदी ने राजस्थान के तूफानी दौरों से सात माह में साधी आधी से ज्यादा सीटें, इन सात बड़ी बातों ने राजस्थानियों का मन जीता, गहलोत की स्पीच में लग रहे मोदी-मोदी के नारे दे रहे संकेत

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राजस्थान में करीब सात माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पिछले सात माह से पीएम मोदी ने अपने तूफानी दौरे से प्रदेश की आधी से ज्यादा सीटें साध ली हैं। राजस्थान के लोगों में पीएम मोदी की दीवानगी ऐसी है कि कई सभाओं में जब सीएम गहलोत भाषण देने के लिए माइक संभालते हैं तो जनता की ओर से मोदी-मोदी के नारे गुंजायमान होने लगते हैं। बीजेपी ने पीएम मोदी को राजस्थान चुनाव का सबसे बड़ा चेहरा बनाते हुए पिछले आठ महीनों में उनके जरिए प्रदेश की 200 में से 109 विधानसभाओं के मतदाताओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से खुद के साथ जोड़ने का सफल प्रयास किया है। इन 109 में से 41 सीटें भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जीती थीं। यानी इनमें आधी से ज्यादा वो सीटें हैं, जो अभी दूसरे दलों या निर्दलीयों के खाते में हैं। बीजेपी की रणनीति इन्हीं सीटों पर सैंध लगाने और खुद के गढ़ को और मजबूत करने की है। गहलोत वर्सेज पायलट के चलते जहां कांग्रेस की सभाओं में गुटबाजी नजर आती है, वहीं बीजेपी की सभाओं में कार्यकर्ता एकजुटता के साथ उत्साहित नजर आ रहे हैं।वादा पूरा करने आबू रोड आए पीएम मोदी तो आशीर्वाद देने उमड़ा जनसमूह
पीएम ने पिछले दौरे में मेवाड़ क्षेत्र के उदयपुर, राजसमंद और गोडवाड़ के जालोर, पाली एवं सिरोही तक के लोगों से सभा के जरिए सीधे संवाद किया। इन पांच जिलों की 27 विधानसभा सीटों में से 19 भाजपा के खाते में हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने सिरोही, आबूरोड पर उसी जगह जनसभा को संबोधित किया जहां वे 30 सितंबर 2022 को आए थे और मोदी करीब 8 महीने पहले आबू रोड आए थे, लेकिन रात 10 बजे के बाद माइक पर बोलने की अनुमति नहीं होने के कारण उन्होंने भाषण नहीं दिया था। तब उन्होंने वादा किया था कि वे यहां फिर जरूर आएंगे। अपने वादे को पूरा करते हुए पीएम मोदी फिर आबू रोड पहुंचे। उन्होंने कहा कि जनता-जनार्दन से किए हुए वादे को भला मैं कैसे भूल सकता था? जब मैं नवरात्र के दौरान आया था तो आपसे कोई बातचीत नहीं कर पाया था। कानून की मर्यादाएं थीं और अनुशासन में रहना मेरा स्वभाव और संस्कार है। उस दिन आपके दर्शन करने का सौभाग्य मिला था। बहुत रात होने के बावजूद आप मुझे आशीर्वाद देने आए थे। मुझे लग रहा था कि आपको नाराज करके जा रहा हूं, पता नहीं कितना गुस्सा निकलेगा। लेकिन राजस्थान के लोगों का दिल बड़ा है। आप लोग आज भी कितनी बड़ी संख्या में भरपूर आशीर्वाद देने आए हैं।

राजस्थान में पीएम मोदी के दौरे के दौरान की सात बड़ी बातें

1- कल यानी 13 मई को जयपुर बम धमाकों के 15 साल पूरे होंगे। कांग्रेस आतंकी विचारधारा के साथ खड़े होने का कोई मौका नहीं छोड़ती है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भी वही किया, जिसके लिए वह कुख्यात रही है। आतंकियों पर हमेशा नरम रुख अपनाया है। उसका इतिहास-कारनामे ऐसे ही कुख्यात रहे हैं। बम धमाकों के केस में कमजोर पैरवी की, आरोपी छूट गए। कांग्रेस अब लीपापोती की चाहे जितनी कोशिश करे, लेकिन सच्चाई सामने आ चुकी है। तुष्टिकरण की नीति का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा?
2- कांग्रेस ने वोट की राजनीति के लिए सूडान में फंसे लोगों को चेहरा जगजाहिर कर दिया, उनकी जान खतरे में डाल दी, क्योंकि कांग्रेस चाहती थी कि सूडान में एक को भी गोली लग गई तो उन्हें कर्नाटक में चुनाव में खेल खेलने का मौका मिल जाएगा।

3- पिछले 5 साल में राजस्थान में राजनीति का एक भद्दा रूप देखा है। यहां कुर्सी लूटने, कुर्सी बचाने का खेल चल रहा है। यह कैसी सरकार है कि मुख्यमंत्री को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है ! यह कैसी सरकार है कि विधायकों को सीएम पर भरोसा नहीं है !! यह कैसी सरकार है, जिस पर उसके खुद के दिल्ली-दरबार को भरोसा नहीं है !!! सब एक-दूसरे को अपमानित करने की होड़ में लगे हैं। ऐसे में राजस्थान के विकास की किसे परवाह होगी।

4- राजस्थान की जनता में पीएम मोदी के प्रति दीवानगी का यह आलम था कि गहलोत भाषण देने के लिए माइक पर आए तो पंडाल से मोदी- मोदी का नारा लगने लगे। प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से ही लोगों को शांत रहने की अपील की, लेकिन फिर भी दर्शक मोदी- मोदी के नारे लगाते रहे। ऐसा नहीं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने मोदी- मोदी की नारेबाजी पहली बार हुई है। सीएम गहलोत को इससे पहले भी कई बार मोदी- मोदी के नारों का सामना करना पड़ा है। पोकरण के बाबा रामदेव के मंदिर में दर्शन के दौरान और जयपुर में सीएम गहलोत आईपीएल मैच देखने पहुंचे उस दौरान भी स्टेडियम में मोदी मोदी नारों से सामना करना पड़ा था।
5- कांग्रेस शासन में राजस्थान में कानून-व्यवस्था तबाह हो चुकी है। हालात यह हैं कि बहन-बेटियों की आबरू राजपूतों की इस धरती पर खतरे में है। राजस्थान देश भर में दुष्कर्म के मामलों में शर्मनाक तरीके से नंबर वन पर है। जिस राजस्थान में अपराध सुनने में कम आते थे, वहां अब अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे हैं। वोट बैंक की गुलामी में चल रही कांग्रेस लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। इसकी सबसे बड़ी कीमत माताओं, बहनों और बेटियों को चुकानी पड़ी है। उन्हें तीज-त्योहार भी शंका-आशंका के बीच मनाने पड़ते हैं।

6- जब देश में कोरोना महामारी आई तो कांग्रेस ने अफवाह फैलाई, कांग्रेस चाहती थी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो। मोदी इन लोगों की धमकियां और साजिशों के आगे न झुका है, न झुकेगा। यदि मोदी झुकता है तो 140 करोड़ देशवासियों के सामने झुकता है। आप ही मेरे मालिक हैं।
7- इस पूरी राजनीति में एक बात समझ आई कि कांग्रेस अभी भी मोदी को पहचान नहीं पाई है। कांग्रेस वालों को पता होना चाहिए था कि मोदी है…संकट में फंसे हिंदुस्तानी की रक्षा के लिए किसी भी हद को पार सकते हैं। मोदी का नुकसान करने के लिए कांग्रेस देश का नुकसान करने से भी बाज नहीं आती।

सीटों का गणित : पीएम मोदी ने सात माह में ऐसे नापा आधा राजस्थान
1 नवंबर 2022: भाजपा ने पीएम की इस सभा के जरिए बांसवाड़ा और डूंगरपुर को कनेक्ट किया था। इसके जरिए इन 2 जिलों की 9 विधानसभा सीटों को साधा गया। 2018 के विधानसभा चुनाव में इन दोनों जिलों में भाजपा को 3 सीटें मिली थीं।

28 जनवरी 23: गुर्जरों के आराध्य भगवान श्री देवनारायण की जन्मस्थली मालासेरी डूंगरी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सभा की थी। इसके जरिए पीएम ने अजमेर और भीलवाड़ा जिलों को साधा था। अजमेर की 8 विधानसभाओं में भाजपा के पास 5 सीटें हैं, जबकि भीलवाड़ा की सात विधानसभाओं में से भाजपा के पास चार सीटें हैं।

12 फरवरी 23: पीएम का दौसा दौरे के दौरान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के पहले हिस्से का उद्घाटन करके पूर्वी राजस्थान को साधा। इसमें दौसा, टोंक, अलवर, सवाई माधोपुर, करौली, जयपुर, भरतपुर और धौलपुर तक शामिल था। पीएम ने जयपुर वैशाली नगर स्टेडियम में सभा को संबोधित किया था। ऐसा करके इन आठ जिलों की 58 सीटों को साधा। 2018 के विधानसभा चुनाव में इन 58 सीटों में से भाजपा के खाते में 11 गई थी।

 

 

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