प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों में सबसे ऊपर किसान भाई-बहनों का कल्याण होता है। लॉकडाउन के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के कल्याण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। 24 मार्च से जारी लॉकडाउन के बाद भी देश की कृषि विकास दर कम नहीं हुई है, बल्कि थोड़ बढ़ी है। इसकी वजह है कि किसानों के लिए मोदी सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं, उनकी आर्थिक मदद की है, जिससे देशभर के किसान पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ कृषि कार्यों में जुटे हुए हैं।
भारत को अपने अन्नदाताओं पर गर्व है। पूरे देश का पेट भरने वाले अपने किसान भाइयों और बहनों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और लगातार कदम उठा रही है। https://t.co/3LMHyPsiBw
— Narendra Modi (@narendramodi) April 29, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “भारत को अपने अन्नदाताओं पर गर्व है। पूरे देश का पेट भरने वाले अपने किसान भाइयों और बहनों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और लगातार कदम उठा रही है।“ दरअसल, बुधवार को केंद्रीय कृषि और पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की तरफ से किसानों के हितों के लिए लगातार उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी थी।
चालू फसल वर्ष में विकास दर 3.71% रहेगी
इसमें कृषि मंत्री ने बताया था कि कोविड-19 की महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र की विकास दर की रफ्तार थमने नहीं पाई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 चालू फसल वर्ष में विकास दर 3.71 प्रतिशत रहेगी। हालांकि इसके पहले नीति आयोग ने इस फसल वर्ष के लिए जो आकलन किया था, उसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र की विकास की विकास की दर 3 फीसद आंकी गई थी। कृषि मंत्री श्री तोमर ने दोहराया कि पीएम किसान योजना ने कोरोनो वायरस महामारी के दौरान भी किसानों को बहुत फायदा पहुंचाया है। उनके मुताबिक मंत्रालय ने 24 मार्च से अब तक 9.39 करोड़ किसानों को इस योजना के तहत 17,990 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। श्री तोमर ने कहा है कि कोरोना वायरस से कृषि क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा। कृषि मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि एग्री सेक्टर में वृद्धि होगी और ये सेक्टर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के कुल विकास में योगदान देगा।
देश में जरूरत से ज्यादा अनाज उत्पादन
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक इस वक्त देश में आवश्यकता से अधिक अनाज का उत्पादन हो रहा है। उनके मुताबिक लॉकडाउन के बावजूद ग्रीष्म ऋतु फसलों की बुआई पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। इस साल एक बार फिर लक्ष्य से अधिक अनाज के उत्पादन होने की उम्मीद है। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान कृषि के काम कोई प्रभाव न पड़े इसके लिए कई इंतजाम किए गए हैं। तोमर ने बताया है कि बुआई से लेकर कटाई तक सारा काम निरंतर जारी है और किसानों से अनाज की खरीदारी भी की जा रही है।
#COVID19 के दौरान भी #PMKisan कार्यक्रम से बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित हुए हैं। हमने किसानों को 24 मार्च, 2020 से लेकर अबतक 17986 करोड़ रुपए अंतरित किए हैं।
प्रारंभ से अबतक 9.39 करोड़ किसान परिवार लाभान्वित हुए तथा इस संबंध में 71,000 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई। pic.twitter.com/6ICtVX5cjc
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) April 29, 2020
जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान किसानों के हितों को विशेष ध्यान रखा है। डालते हैं एक नजर-
कोरोना संकट के बीच कृषि क्षेत्र की मदद को प्रतिबद्ध सरकार
अगर यह कहा जाए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की नीति देश के किसान आधारित और गरीबों के कल्याण के प्रति समर्पित है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश में लगे संपूर्ण लॉकडाउन जैसे संकटकाल के दौरान भी इस सरकार ने कभी देश के आधार रहे कृषि क्षेत्र की अनदेखी नहीं की। इस विकट संकट के समय में पीएम मोदी के नेतृत्व में यह सरकार कृषि क्षेत्र की मदद को प्रतिबद्ध रही है।आज ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के किसानों के हित में किसान रथ मोबाइल ऐप लॉन्च किया है ताकि किसानों को अपने कृषि उत्पाद के परिवहन में सहूलियत हो। कोरोना वायरस के प्रकोप से न केवल भारत बल्कि समस्त संसार के सामने एक बड़ी त्रासदी खड़ी हो गई है। इस महामारी ने न केवल मानवीय हानि पहुंचाई है बल्कि आर्थिक हानि भी पहुंचाई है। इससे न केवल भारत की बल्कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को चौपट कर के रख दिया है। कृषि क्षेत्र को मिली वैश्विक चुनौती से भारत भी अछूता नहीं रहा। सरकार ने भले ही नीतिगत कदम के तहत दूसरी बार लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया हो लेकिन इस सब के बीच पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कृषि क्षेत्र को उबारने में जो मदद की है वह अपने आप में सराहनीय है।
कृषि उत्पादों की खरीद वाली संस्थाओं को मिली छूट
किसानों के ऋण के बोझ को किया कम
सरकार ने इस संकट के समय में किसानों को कई प्रकार की छूट देने का फैसला किया है। असल में यह सरकार किसान और गरीबों के दुखों को समझने वाली है। पीएम मोदी की सरकार ने इस विकट परिस्थिति में न केवल किसानों के ऋण के बोझ को कम किया है बल्कि किसानों को अतिरिक्त ब्याज देने से बचाने के लिए पुनर्भुगतान अवधि को भी बढ़ाने का निर्णय किया है।
पीएम मोदी के नेतृत्व चलने वाली यह पहली सरकार है जो कृषि और किसान को अपनी प्राथमिकता में रखती है। केंद्र सरकार ने किसानों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए राज्य सूची में शामिल किसान के मामलों पर राज्य सरकारों से बात कर उनकी सुविधा सुनिश्चित करने की पहल की है। मोदी सरकार ने ने राज्यों से किसानों, एफपीओ, सहकारी समितियों द्वारा प्रत्यक्ष बिक्री की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और उन्हें थोक विक्रेताओं और बड़े खुदरा विक्रेताओं को उनके पारिश्रमिक के अनुरूप सीधा उपज बेचने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
एग्री-गोल्ड खातों को बदलने का समय बढ़ाया
पीएमकेवाई के तहत किसानों को दिए 18,000 करोड़ रुपये
पीएमजीकेवाई के तहत 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज
मनरेगा मजदूरी बढ़ाने का किया फैसला
किसान रथ मोबाइल एप लॉन्च