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लॉकडाउन में भी नहीं थमी कृषि विकास दर, पीएम मोदी ने कहा- सरकार किसानों का हित सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों में सबसे ऊपर किसान भाई-बहनों का कल्याण होता है। लॉकडाउन के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के कल्याण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। 24 मार्च से जारी लॉकडाउन के बाद भी देश की कृषि विकास दर कम नहीं हुई है, बल्कि थोड़ बढ़ी है। इसकी वजह है कि किसानों के लिए मोदी सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं, उनकी आर्थिक मदद की है, जिससे देशभर के किसान पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ कृषि कार्यों में जुटे हुए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “भारत को अपने अन्नदाताओं पर गर्व है। पूरे देश का पेट भरने वाले अपने किसान भाइयों और बहनों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और लगातार कदम उठा रही है।“ दरअसल, बुधवार को केंद्रीय कृषि और पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की तरफ से किसानों के हितों के लिए लगातार उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी थी।

चालू फसल वर्ष में विकास दर 3.71% रहेगी
इसमें कृषि मंत्री ने बताया था कि कोविड-19 की महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र की विकास दर की रफ्तार थमने नहीं पाई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 चालू फसल वर्ष में विकास दर 3.71 प्रतिशत रहेगी। हालांकि इसके पहले नीति आयोग ने इस फसल वर्ष के लिए जो आकलन किया था, उसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र की विकास की विकास की दर 3 फीसद आंकी गई थी। कृषि मंत्री श्री तोमर ने दोहराया कि पीएम किसान योजना ने कोरोनो वायरस महामारी के दौरान भी किसानों को बहुत फायदा पहुंचाया है। उनके मुताबिक मंत्रालय ने 24 मार्च से अब तक 9.39 करोड़ किसानों को इस योजना के तहत 17,990 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। श्री तोमर ने कहा है कि कोरोना वायरस से कृषि क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा। कृषि मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि एग्री सेक्टर में वृद्धि होगी और ये सेक्टर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के कुल विकास में योगदान देगा।

देश में जरूरत से ज्यादा अनाज उत्पादन
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुताबिक इस वक्त देश में आवश्यकता से अधिक अनाज का उत्पादन हो रहा है। उनके मुताबिक लॉकडाउन के बावजूद ग्रीष्म ऋतु फसलों की बुआई पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा। इस साल एक बार फिर लक्ष्य से अधिक अनाज के उत्पादन होने की उम्मीद है। इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान कृषि के काम कोई प्रभाव न पड़े इसके लिए कई इंतजाम किए गए हैं। तोमर ने बताया है कि बुआई से लेकर कटाई तक सारा काम निरंतर जारी है और किसानों से अनाज की खरीदारी भी की जा रही है।

जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान किसानों के हितों को विशेष ध्यान रखा है। डालते हैं एक नजर-

कोरोना संकट के बीच कृषि क्षेत्र की मदद को प्रतिबद्ध सरकार
अगर यह कहा जाए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की  नीति देश के किसान आधारित और गरीबों के कल्याण के प्रति समर्पित है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश में लगे संपूर्ण लॉकडाउन जैसे संकटकाल के दौरान भी इस सरकार ने कभी देश के आधार रहे कृषि क्षेत्र की अनदेखी नहीं की। इस विकट संकट के समय में पीएम मोदी के नेतृत्व में यह सरकार कृषि क्षेत्र की मदद को प्रतिबद्ध रही है।आज ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के किसानों के हित में  किसान रथ मोबाइल ऐप लॉन्च किया है ताकि किसानों को अपने कृषि उत्पाद के परिवहन में सहूलियत हो। कोरोना वायरस के प्रकोप से न केवल भारत बल्कि समस्त संसार के सामने एक बड़ी त्रासदी खड़ी हो गई है। इस महामारी ने न केवल मानवीय हानि पहुंचाई है बल्कि आर्थिक हानि भी पहुंचाई है। इससे न केवल भारत की बल्कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को चौपट कर के रख दिया है। कृषि क्षेत्र को मिली वैश्विक चुनौती से भारत भी अछूता नहीं रहा। सरकार ने भले ही नीतिगत कदम के तहत दूसरी बार लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला किया हो लेकिन इस सब के बीच पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कृषि क्षेत्र को उबारने में जो मदद की है वह अपने आप में सराहनीय है।

कृषि उत्पादों की खरीद वाली संस्थाओं को मिली छूट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कृषि क्षेत्र को बचाने के लिए कई रणनीतिक उपाय किए हैं। इस सरकार ने कृषि क्षेत्र के साथ इससे जुड़े सभी हितधारकों यानि किसान से लेकर मजदूर तक तथा उत्पादकों से लेकर खुदरा विक्रेताओं तक के हित में कदम उठाए हैं। सरकार ने दूसरे लॉकडाउन में कृषि क्षेत्र को छूट देकर इनके सामने आने वाली चुनौतियों को कम करने का काम किया है। सरकार की बेहतर नीति के कारण अभी तक मांग और आपूर्ति के बीच कोई खामियां सामने नहीं आई है। सरकार ने कृषि क्षेत्र में आने वाली बुनियादी दिक्कतों को दूर करने के लिए शुरू से ही गंभीर रही है। कृषि उत्पादों की खरीद में लगी संस्थाओं को मिली छूट में कोल्ड स्टोरेज भंडारण सेवाए, एमएसपी संचालन, किसानों के खेती के काम, फसल की कटाई और बुआई शामिल है।

किसानों के ऋण के बोझ को किया कम

सरकार ने इस संकट के समय में किसानों को कई प्रकार की छूट देने का फैसला किया है। असल में यह सरकार किसान और गरीबों के दुखों को समझने वाली है। पीएम मोदी की सरकार ने इस विकट परिस्थिति में न केवल किसानों के ऋण के बोझ को कम किया है बल्कि किसानों को अतिरिक्त ब्याज देने से बचाने के लिए पुनर्भुगतान अवधि को भी बढ़ाने का निर्णय किया है।

राज्य सूची के मामलों पर राज्य सरकारों से की चर्चा

पीएम मोदी के नेतृत्व चलने वाली यह पहली सरकार है जो कृषि और किसान को अपनी प्राथमिकता में रखती है। केंद्र सरकार ने किसानों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए राज्य सूची में शामिल किसान के मामलों पर राज्य सरकारों से बात कर उनकी सुविधा सुनिश्चित करने की पहल की है। मोदी सरकार ने ने राज्यों से किसानों, एफपीओ, सहकारी समितियों द्वारा प्रत्यक्ष बिक्री की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने और उन्हें थोक विक्रेताओं और बड़े खुदरा विक्रेताओं को उनके पारिश्रमिक के अनुरूप सीधा उपज बेचने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

एग्री-गोल्ड खातों को बदलने का समय बढ़ाया

मोदी सरकार ने किसानों के हित के लिए किसान क्रेडिट कार्ड में एग्री-गोल्ड खातों को बदलने का फैसला किया था। लॉकडाउन के कारण देश के कई किसान समय रहते अपने इस काम को पूरा नहीं कर पाए। मोदी सरकार ने किसान की परेशानी को देखते हुए अब उसकी समय सीमा बढ़ा दी है। कहने का तात्पर्य है कि जो किसान अभी तक अपने एग्री गोल्ड खातों को किसान क्रेडिट कार्ड में नहीं बदल पाए हैं उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मोदी सरकार ने इसकी समय सीमा बढ़ा दी है।

पीएमकेवाई के तहत किसानों को दिए 18,000 करोड़ रुपये

मोदी सरकार ने इस संकट की घड़ी में किसानों को अधिक दिक्कत न हो इसके लिए प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत करीब 18,000 करोड़ रुपये की राशि का वितरण किया है। इससे पूरे देश के करीब 9 करोड़ से अधिक  किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं। पीएम मोदी की सरकार की कार्यनीति सदैव गरीबों के कल्याण के प्रति समर्पित होती है। मालूम हो कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत देश के गरीब किसानों को तीन किश्तों में साल में छह हजार रुपये उनके खातों में दिया जा रहा है। इस संकट की घड़ी में सरकार ने देश के सभी गरीब किसानों के खातों में उनके किश्त जमा कर दिए गए हैं।

पीएमजीकेवाई के तहत 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज

इस वैश्विक महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए मोदी सरकार अपनी तरफ से हर संभव प्रयास कर रही है। देश को बचाने के लिए जहां लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाने से नहीं हिचकती वहीं गरीबों की मदद के लिए हर समय खड़ी है। देश के गरीबों को इस समय आर्थिक संकट से बचाने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज देने की घोषणा की है। इतना ही नहीं सरकार ने इस दौरान देश के करीब 80 करोड़ लोगों को एक किलो दाल देने का भी निर्णय लिया है। ये सब इसलिए किया गया है ताकि कोरोना से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिग को सख्ती से लागू किया जा सके और उसे पालन करने में गरीबों और किसानों को बहुत अधिक परेशानी न उठानी पड़े।

मनरेगा मजदूरी बढ़ाने का किया फैसला

मोदी सरकार की पहली प्राथमिकता किसान और मजदूर है यह सिर्फ कहने भर के लिए नहीं बल्कि हकीकत में है। मोदी सरकार ने देश के गरीबों की मदद कोरोना संकट के दौरान करने की दृढ़ता दिखाई है, बल्कि उसके बाद की कार्यनीति भी तैयार कर ली है। गरीब मजदूरों को नकद के संकट का सामना न करना पड़े इसके लिए केंद्र सरकार ने मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने का फैसला किया है। मोदी सरकार ने इसी महीने यानि अप्रैल 2020 से मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने मनरेगा मजदूरों के हितों के लिए आगामी मई और जून महीने के लिए 20  हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। अब तक एक करोड़ 70 लाख से अधिक मानव दिवस सृजित हो चुके हैं। मनरेगा में निर्धारित 264 कार्यों में से 162 कार्य खेतीबाड़ी से संबंधित हैं जिन पर तकरीबन 66 फीसद राशि खर्च हो चुकी है। इतना ही नहीं पीएम उज्ज्वला योजना के तहत सरकार ने अगले तीन महीनों तक सभी लाभार्थियों को मुफ्त गैस सिलेंडर देने का निर्णय किया है। इस योजना के तहत करीब 8.2 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित हुए हैं।

किसान रथ मोबाइल एप लॉन्च

मोदी सरकार किसानों के हित के प्रति कितना समर्पित है इसका अंदाजा हाल ही में लॉन्च किसान रथ मोबाइल एप से लगाया जा सकता है। किसानों को अपने उत्पादों के परिवहन के लिए कोई परेशानी न हो, किसान अपने उत्पाद आसानी से कहीं ले जा सकें। कृषि मंत्रालय ने किसान रथ मोबाइल ऐप बनाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वयं आज उस ऐप को लॉन्च किया है, ताकि कृषि उत्पादों के परिवहन में सुगमता लाया जा सके।

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