प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा किसान कल्याण को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई है। कोरोना लॉकडाउन से उत्पन्न हुए हालात में भी मोदी सरकार के विशेष ध्यान किसानों के कल्याण पर ही है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज में भी में मोदी सरकार को फोकस किसानों के कल्याण पर ही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारण में आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त का जब ऐलान किया, तो उसमें किसानों की बेहतरी के लिए बहुत कुछ था। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान, फसल बीमा योजना जैसे कई स्कीम के जरिए किसानों की काफी मदद करने की कोशिश की है।
वित्तमंत्री ने कहा, “कृषि क्षेत्र की मदद के लिए कोरोना के संकट के बीच 86,600 करोड़ रुपये के 63 लाख कृषि लोन दिए गए हैं। यह मार्च और अप्रैल की अवधि के लिए है। इसके साथ ही नाबार्ड ने कॉपरेटिव बैंक और रीजनल रूरल बैंक के माध्यम से 29,500 करोड़ रुपये की रिफाइनेंसिंग की है। मार्च 2020 की अवधि के लिए रूरल इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के लिए राज्यों को ₹4200 करोड़ दिए गए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकारों को कृषि उत्पाद या कृषि उपज की खरीद के लिए मार्च में ₹6700 करोड़ दिए गए हैं।”
वित्त मंत्री के मुताबिक 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में देश के ढाई करोड़ किसानों को कम ब्याज पर लोन देने के लिए दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके जरिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से देश के किसान सस्ती ब्याज दर पर कर्ज ले सकेंगे। इसमें किसानों के साथ मछुआरों और पशुपालकों को भी शामिल किया जाएगा। देश के ढाई करोड़ किसानों को दो लाख करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
एक नजर डालते हैं कोरोना संकट के दौरान किस प्रकार पहले भी किसानों के साथ खड़ी रही है मोदी सरकार-
खरीफ फसलों के लिए किसानों की मदद को तैयार मोदी सरकार
आम आदमी हो या खास, फैक्ट्रियां हों या कंपनियां सभी कृषि से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं। इसलिए मोदी सरकार ने कोरोना वायरस संकट काल में जब किसानों के सामने कृषि संबंधी समस्याएं आईं तो उसे दूर करने की हर संभव कोशिश की। देश के किसानों को कोई ज्यादा दिक्कत न हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान निधि की रकम डालने और कटाई-बुआई में छूट देने का फैसला किया। इतना ही नहीं लॉकडाउन में किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्रालय ने कई ठोस कदम उठाए हैं। तभी तो पूरे देश में रबी की कटाई में किसानों को अधिक समस्या नहीं आने दी। लेकिन अब देश के किसानों के सामने रबी के बाद खरीफ फसलों की बुआई करने की चुनौती आन पड़ी है। खरीफ फसलों की बुआई जरूरी है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस मामले में देश के किसानों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।
छोटे किसानों तक सुविधा पहुंचाने का इंतजाम
इस बार भी हुआ खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन
सरकार का कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण पर जोर
घर बैठे उत्पाद बेचने की व्यवस्था में जुटी सरकार
सरकार इस ओर भी ध्यान दे रही है कि किसान अपने उत्पाद का डायरेक्ट सप्लाई करें। अभी तक किसान मंडी तक आकर आपने माल को बेचते हैं लेकिन अब तकनीक का सहारा लेकर वे घर बैठे खाद्यान या उत्पाद बेच सकते हैं। लॉकडाउन में कई जगह व्यापारी सीधे खेत तक पहुंच कर किसान से कृषि उत्पाद खरीद रहे हैं, जिससे किसानों को ट्रांसपोर्टेशन में भी बचत हो रही है।
किसानों का देश के विकास में अहम योगदान है। इसलिए सरकार का पूरा फोकस है कि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो पाए। सरकार ने बाजार तक कृषि उत्पादों को पहुंचाने के लिए परिवहन की सुविधा पर गंभीरता से ध्यान दिया है। लॉकडाउन लागू होते ही बागवानी, फल, सब्जी से जुड़े किसानों की समस्याओं पर फोकस करते हुए उनके उत्पाद सप्लाई के लिए प्रभावी कदम उठाए गए। इसके लिए देश की करीब 1600 मंडियों को खोल दिया गया। कृषि मंत्री ने मामले में पूरा खाका तैयार कर कई कारगर कदम उठाए।
सरकार ने किसान रथ ऐप लॉन्च किए