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भारत को खुलेपन, अवसरों और विकल्पों के मेल के रूप में देखा जाता है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 अगस्त को वीडियो लिंक के माध्यम से राजस्थान के जयपुर में आयोजित जी20 व्यापार और निवेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापार ने विचारों, संस्कृतियों और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया है, साथ ही इतिहास गवाह है कि यह लोगों को निकट लाया है। उन्होंने कहा कि व्यापार और वैश्वीकरण ने करोड़ों लोगों को अत्यंत गरीबी से बाहर निकाला है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, भारत को खुलेपन, अवसरों और विकल्पों के मेल के रूप में देखा जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत पिछले नौ वर्षों के दौरान पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने समर्पित माल ढुलाई गलियारे स्थापित किए हैं और औद्योगिक क्षेत्र बनाए हैं। उन्होंने कहा, “हम लाल फीताशाही से रेड कार्पेट और उदारीकृत एफडीआई प्रवाह की ओर बढ़ गए हैं।” उन्होंने विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलों और देश में नीतिगत स्थिरता का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्षों में भारत को तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने विश्व अर्थव्यवस्था की परीक्षा ली है। उन्होंने कहा कि जी20 देशों के रूप में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश में विश्वास का पुनर्निर्माण करें। प्रधानमंत्री ने लचीली और समावेशी वैश्विक मूल्य श्रृंखला बनाने पर जोर दिया जो भविष्य की चुनौतियों का सामना करने पर सक्षम हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटलीकरण प्रक्रियाओं और ई-कॉमर्स के उपयोग से बाजार पहुंच बढ़ने की संभावना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत डब्ल्यूटीओ के मूल में नियम-आधारित, खुली, समावेशी और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली में विश्वास करता है। उन्होंने बताया कि भारत ने 12वें डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के हितों का पक्ष प्रस्तुत किया है, जहां सदस्य लाखों किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों की सुरक्षा पर आम सहमति बनाने में सक्षम थे। उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था में एमएसएमई की प्रमुख भूमिका को देखते हुए उन पर अधिक ध्यान देने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “एमएसएमई 60 से 70 प्रतिशत रोजगार देते हैं और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 50 प्रतिशत का योगदान देते हैं”,

संबोधन का समापन पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 सदस्यों की एक परिवार के रूप में सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश प्रक्रियाओं में विश्वास बहाल करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वैश्विक व्यापार प्रणाली को धीरे-धीरे अधिक प्रतिनिधिक और समावेशी भविष्य में परिवर्तित करने को सुनिश्चित करने के लिए कार्य समूह सामूहिक रूप से आगे बढ़ेगा।

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