चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर ने जैसे ही सॉफ्ट लैंडिंग की, वैसे ही भारत ने स्पेस मिशन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया और देश के साथ-साथ पूरी दुनिया इसकी साक्षी बनी। किसी भी देश द्वारा पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफल लैंडिंग की विदेशी मीडिया ने भी जमकर सराहना की। समाचार रिपोर्टों में कहा गया है कि चंद्रयान-3 की कामयाबी भारत के अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरने का प्रतीक है। भारत के चंद्रमा मिशन की सफलता ने वैश्विक सुर्खियां बटोरीं और ‘चंद्रमा विजय’ का डंका पूरी दुनिया में बजा। इसका अंदाजा चंद्रयान-3 को लेकर विदेशी मीडिया की कवरेज से लगाया जा सकता है। पड़ोसी पाकिस्तान, नेपाल और चीन से लेकर अमेरिका, रूस, सिंगापुर, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन सहित कई अन्य देशों की मीडिया ने चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की सराहना की है।
दुनिया के कई मीडिया समूहों ने चंद्रयान का लाइव टेलीकास्ट किया
दुनिया के कई देशों के मीडिया समूहों ने चंद्रयान लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट किया। इसके साथ ही कई देशों के प्रमुख अखबारों, टीवी चैनलों एवं मीडिया समूहों ने इसरो की ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की है। न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्जियन, द वाशिंगटन पोस्ट, फ्रांस 24 और बीबीसी से लेकर दुनिया भर के तमाम समाचार साइटों एवं माध्यमों ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान -3 की ऐतिहासिक लैंडिंग की प्रशंसा की। चंद्रयान-3 से भेजे गए लैंडर ने जब चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने दक्षिण अफ्रीका में थे। वह वर्चुअल माध्यम से इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने और भारतीय ध्वज लहराकर वैज्ञानिकों को बधाई देने के साथ ही देशवासियों के साथ अपनी भावनाएं प्रकट कीं।
Here’s how foreign media featured Chandrayaan-3’s success pic.twitter.com/xdo6qdIPib
— Manjeet Pahari (@manjeetpahari) August 24, 2023
भारतीय समुदाय पीएम @narendramodi के साथ #Chandrayaan3 के सफल लैंडिंग का जश्न मनाने पहुंचा👏
पीएम भी जोश से सभी को कृतार्थ किया#PMModiInSouthAfrica pic.twitter.com/3GkIxrsGKC
— Modi Bharosa (@ModiBharosa) August 23, 2023
दुनिया भर में भारतीय समुदाय पीएम मोदी से बहुत खुशः द स्टार
दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख अखबार द स्टार ने अपने पहले पन्ने का लगभग तीन चौथाई हिस्सा भारत की सफलता को समर्पित कर दिया। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में रोबोट उतरे। रोबोट चंद्रयान-3 नामक मिशन से हैं और उन्होंने भारत को चंद्रमा के इस हिस्से तक पहुंचने वाला पहला देश और चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बना दिया है। रिपोर्ट में लिखा गया कि दुनिया भर में भारतीय समुदाय सचमुच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत खुश है। द स्टार को जोहान्सबर्ग के सैंडटन सन होटल में कई शुभचिंतकों और दक्षिण अफ़्रीकी लोगों से घिरे हुए भारतीय प्रधानमंत्री की एक झलक मिली, जो “उन्हें साकार रूप में देखना” चाहते थे।
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने कहा कि भारत पहला देश बन गया है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारा। रिपोर्ट में कहा गया कि यह दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश और उसके महत्वाकांक्षी, कम कीमत वाले अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक जीत है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ने स्पेस सेक्टर में दुनिया के सामने ऐसी मिसाल कायम की है, जिसको अब हर देश फॉलो करना चाहेगा। ये काम आसान नहीं था। पाकिस्तान के लीडिंग अखबार ‘द डॉन’ ने भारत की इस कामयाबी वाली खबर को टॉप 5 खबरों में जगह दी।
पाकिस्तान के सबसे बड़े न्यूज चैनल जियो न्यूज ने कुछ देर तक चंद्रयान-3 की कामयाबी की खबर को नंबर एक पर जगह दी। इसकी खबर में कहा गया- हमारे पड़ोसी देश ने स्पेस सेक्टर में बड़ी कामयाबी हासिल की है। इसके पीछे उसके साइंसटिस्ट्स की मेहनत और लगन है। भारत ने यह साबित कर दिया है कि अगर ठान लिया जाए तो कुछ भी करना मुमकिन है, चांद पर पहुंचना भी।
भारत से बैर रखने वाले चीन को चंद्रयान की सफल लैंडिंग पच नहीं रही है। चीन ने हालांकि चंद्रयान की खबर को अपने प्रमुख मीडिया समूह चाइन डेली और ग्लोबल टाइम्स में तरजीह नहीं दी। लेकिन चीन के बीजिंग आधारित न्यूज चैनल CGTN की वेबसाइट पर एक लाइन की खबर प्रकाशित की गई। इसमें कहा गया कि ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के मुताबिक, भारत के चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की।’
हांगकांग और चीन को प्रमुखता से कवर करने वाले मीडिया आउटलेट साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने भी इसे ऐतिहासिक पल बताया। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत का इसी तरह का एक मिशन 2019 में फेल हो गया था। चंद्रयान-3 को तब सफलता मिली है, जब इसी क्षेत्र में लैंडिंग करने जा रहा रूस का मिशन लूना-25 विफल हो गया था।
India is celebrating, after becoming the first country to land a spacecraft on the lunar south pole. pic.twitter.com/zOQtARCLp3
— South China Morning Post (@SCMPNews) August 24, 2023
भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह पर उतराः TASS
रूसी समाचार एजेंसी TASS ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि भारत का चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया। रिपोर्ट में कहा गया कि इसरो के सीईओ एस सोमनाथ ने सफल लैंडिंग की पुष्टि की. उन्होंने कहा, ”अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक उतर गया है! भारत चंद्रमा पर है!” उसके बाद उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंच सौंप दिया, जो सफल लैंडिंग पर इसरो क्रू को बधाई देने के लिए जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ऑनलाइन प्रसारण में शामिल हुए थे।
ब्रिटेन के राष्ट्रीय प्रसारक ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) ने कहा, ”चंद्रयान-3: भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऐतिहासिक लैंडिंग की।” इसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत ने इतिहास रच दिया है क्योंकि उसका चंद्र मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला पहला मिशन बन गया है। इसके साथ ही भारत अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने वाले देशों के एक विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर स्थानीय समयानुसार 18:04 बजे योजना के अनुसार सफलतापूर्वक नीचे उतरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- भारत अब चंद्रमा पर है। इसी के साथ पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है।
यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित अखबार द गार्डियन की वेबसाइट ने चंद्रयान-3 की सफलतापूर्व लैंडिंग को अपनी लीड खबर बनाया। द गार्डियन ने इस सफलता को ऐतिहासिक बताया। अखबार ने लिखा कि चंद्रयान-3 की सफलता बताती है कि भारत एक ‘स्पेस पावर’ के तौर पर उभर रहा है और इस बीच सरकार इस क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दे रही है। अखबार ने यह भी लिखा कि देश के करोड़ों लोग इस मिशन का लाइव टेलीकास्ट देख रहे थे और इसकी सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे थे।
कतर से संचालित मीडिया संस्थान अलजजीरा ने भी इस पूरे इवेंट की लाइव कवरेज की। मिशन की सफलता के बाद अलजजीरा की वेबसाइट पर शीर्षक लगाया गया- ‘चंद्रयान-3 ने अंतरिक्ष में बनाया इतिहास’. मीडिया संस्थान ने लिखा कि भारत, अमेरिका, पूर्ववर्ती सोवियत संघ और चीन के साथ दुनिया का ऐसा चौथा देश बन गया है, जिसने चांद पर लैंडिंग की हो. संस्थान की वेबसाइट पर इसके साथ ही एक ग्राफिक भी दिखाया गया, जिसमें अलग-अलग देशों के चंद्र मिशन की जानकारी दी गई।
जर्मनी के कई भाषाओं में पब्लिश होने वाले मीडिया समूह ‘डॉयचे वैले’ ने इस इवेंट को लाइव कवर किया। लैंडिंग के फौरन बाद उसने हेडिंग बदली और लिखा- चंद्रमा के साउथ पोल यानी दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बना भारत। इसके साथ ही अखबार ने तिरंगे के रंग में पेंट किए एक भारतीय की तस्वीर भी लगाई। इसके हाथ में भी तिरंगा नजर आ रहा था। अखबार ने लिखा- 140 करोड़ भारतीयों के दिल की हसरत को टीम इसरो ने साकार किया। भारत अब अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी एक बड़ी लीग का हिस्सा बन गया है।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा, ”भारत चंद्रमा पर है: लैंडर की सफलता ने देश को अगले अंतरिक्ष अध्याय की ओर अग्रसर किया।” इसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सही सलामत चंद्रयान-3 मिशन भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र तक पहुंचाने वाला पहला देश बनाता है और इसके अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों में वृद्धि करता है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के लिए स्पेस रिसर्च के लिहाज से अगले 10 साल बेहद अहम और बिजी होने वाले हैं। भारत का स्पेस प्रोग्राम करीब 50 साल तक सरकार के हाथों में रहा, लेकिन अब उसने अपने दरवाजे प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिए हैं। कामयाबी उसका इंतजार कर रही है।
अमेरिका के एक और बड़े अखबार ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने अपनी खबर में भारत की कामयाबी को अनूठा तोहफा बताया। इसके अलावा ये भी खास रहा कि इस अखबार ने पिछले दिनों रूस के मिशन की नाकामयाबी को भी इस खबर में जगह दी। उसने दोनों मिशन की तुलना करते हुए ये भी बताया कि इंडियन साइंटिस्ट किसी भी अड़ंगे से पीछे नहीं हटते और बहुत कम बजट में अपने काम को अंजाम देते हैं।
‘सीएनएन’ ने अपना शीर्षक लिखा- ‘चांद पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना भारत।’ इसने लिखा- “भारत ने चंद्रमा पर अपना चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान उतार दिया है, इस तरह की उपलब्धि हासिल करने वाला केवल चौथा देश बन गया है। यह मिशन अंतरिक्ष में वैश्विक महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत कर सकता है। इससे पहले केवल अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ ने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग पूरी की है।” रिपोर्ट में लिखा गया कि चंद्रयान -3 की लैंडिंग साइट भी इतिहास में किसी भी अन्य अंतरिक्ष यान की तुलना में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब है। दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों के लिए महत्वपूर्ण वैज्ञानिक और रणनीतिक रुचि का क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि यह क्षेत्र पानी के बर्फ के भंडार का घर है।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को अंग्रेजी अखबार ‘इंडिपेंडेंट’ ने भारत की एतिहासिक और अभूतपूर्व उपलब्धि बताई है. खबर में कहा गया है कि भारत ने चांद के भारत ने चांद के दक्षिणी सतह पर सफल लैंडिंग कर ली है। खबर में आगे कहा गया है कि हाल ही में रूस का मून मिशन असफल रहा था। लेकिन अब साउथ पोल पर लैंडिंग लैंडिंग करने वाला भारत पहला देश बन गया है।
सऊदी अरब के अखबार अल अरबिया ने लिखा है कि भारत ने ऐतिहासिक क्षण में चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड करा दिया है। अखबार ने लिखा, ‘भारत के लिए सफल लैंडिंग एक स्पेस पावर के रूप में उसके उभरने का प्रतीक है। भारत की सरकार निजी अंतरिक्ष प्रक्षेपण और संबंधित उपग्रह-आधारित बिजनेस में निवेश को बढ़ावा देना चाहती है और इस हिसाब से यह बेहद महत्वपूर्ण है।’ अखबार ने लिखा कि जब अंतरिक्ष यान चांद की सतह पर लैंडिंग का प्रयास कर रहा था तब भारत के लोग अपने टीवी स्क्रीन से चिपके हुए थे और मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे थे।
यूएई की प्रमुख न्यूज वेबसाइट गल्फ न्यूज में भी चंद्रयान की सफलता भारत की मजबूती बताई गई। खबर में कहा गया कि चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद भारत पहला ऐसा देश हो गया है, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचा हो। भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रमा के ऊबड़-खाबड़, अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर उतरा, जिसे चंद्र अन्वेषण और भारत को एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी तरह के एक रूसी लैंडर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ ही दिनों बाद भारत ने यह कारनामा कर दिखाया है।
पड़ोसी देश के नेपाल के प्रमुख अखबार काठमांडू पोस्ट ने लिखा एक ऐसे ही रूसी लैंडर के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ ही दिनों बाद, चंद्र अन्वेषण और भारत को एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर उतरा। रिपोर्ट में लिखा गया है कि अंतरिक्ष यान के उतरते ही वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने तालियाँ बजाईं, खुशी मनाई और एक-दूसरे को गले लगाया और सरकार अब निजी अंतरिक्ष प्रक्षेपणों और संबंधित उपग्रह-आधारित व्यवसायों में निवेश को बढ़ावा देना चाहती है। रिपोर्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “यह एक नए भारत का विजय घोष है।” दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा ले रहे पीएम मोदी ने भारतीय ध्वज लहराकर देशवासियों के साथ अपनी भावनाएं प्रकट की।