प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ ने आठ साल पूरे कर लिए हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना मोदी सरकार की नीतियों की सफलता की एक नई कहानी बयां कर रही है। जनधन खातों मे जमा पैसों का एक नया रिकॉर्ड बन चुका है। प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए बैंक खातों में कुल जमा राशि 1.74 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। इसके साथ ही जनधन खातों की संख्या 46.25 करोड़ से ऊपर हो गई है। इसमें 55.59 प्रतिशत यानी 25.71 करोड़ महिलाएं हैं। इसमें 66.79 प्रतिशत यानी 30.89 करोड़ महिलाएं ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों से हैं। 10 अगस्त, 2022 तक कुल 46.25 करोड़ जनधन खातों में से 37.57 करोड़ खाते यानी 81.2 प्रतिशत चालू स्थिति में हैं। साथ ही लगभग 5.4 करोड़ खाताधारक विभिन्न योजनाओं के तहत सरकार से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही 6.55 लाख बैंक मित्र देश भर में बिना बैंक शाखाओं के लोगों को बैंक की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।
मोदी सरकार की हर योजना में महिला सशक्तीकरण पर जोर रहता है। यही वजह है कि आज चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगह महिलाओं प्रगति की ओर अग्रसर हैं। देश की आधी आबादी यानी महिला शक्ति के साथ खड़ी मोदी सरकार लगातार उनके सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान में लगी है। केंद्र सरकार लगातार महिलाओं के विकास के लिए बड़े फैसले ले रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए महात्वाकांक्षी जनधन योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस पर कोई भी आम आदमी अपना खाता बैंक में खुलवा सकता है। इन खातों से जहां देश के सामान्यजन को आर्थिक आजादी मिली है वहीं सरकारी योजनाओं की सब्सिडी भी डीबीटी के जरिए सीधे उनके खातों में जा रही है, यानी भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम भी लगी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की बागडोर संभालने के बाद 15 दिसंबर 2014 को महात्वाकांक्षी जनधन योजना की घोषणा की थी और 28 अगस्त 2014 को इस योजना का शुभारंभ किया था। इसके बाद से ही यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्यजन को आर्थिक रूप से सशक्त करने का माध्यम बन गई है। इस योजना के तहत अब तक 46.25 करोड़ से ज्यादा लोग बैंकिंग सिस्टम से जुड़ चुके हैं, यानी करोड़ों-करोड़ लोगों ने पहली बार बैंक में प्रवेश किया है।
जनधन खातों को अधिक आकर्षक बनाने के लिये सरकार ने इन खातों में मिलने वाले ओवरड्राफ्ट की सुविधा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। इसके साथ ही इसके तहत मिले रुपे कार्ड से जुड़ी दुर्घटना बीमा योजना के तहत मिलने वाली राशि की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है जो 28 अगस्त 2018 के बाद खुलने वालों खाताधारकों के लिए है। इसके तहत 2 हजार रुपये तक की ओडी के लिए कोई शर्त नहीं होगी और ओडी लेने वालों की आयु पहले 18 से 60 वर्ष थी जिसे बढ़ाकर अब 65 वर्ष कर दी गयी है।
देशभर में पीएमजेडीवाई खाताधारक विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) लाभ प्राप्त करते हैं। यह तय करने के लिए कि लाभार्थियों को उनका डीबीटी समय पर प्राप्त हो, वित्त विभाग डीबीटी मिशन, एनपीसीआई, बैंकों और विभिन्न मंत्रालयों के साथ सक्रिय भूमिका निभाता है। डीबीटी के कारण अब जनधन खाताधारकों के खाते में बिना कोई कटौती तत्काल रुपये आ जाते हैं।