गरीबों के जीवन को बदलने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ के आज सात साल पूरे हो गए है। प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम जन धन योजना के सात वर्ष पूरा होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने उन सभी लोगों के अथक प्रयासों की भी सराहना की, जिन्होंने पीएम जन धन योजना को सफल बनाने के लिए काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, “आज भारत के विकास की दिशा को हमेशा के लिए बदलने वाली एक पहल #PMJanDhan के सात साल पूरे हो रहे हैं। इसने वित्तीय समावेशन और गरिमापूर्ण जीवन के साथ अनगिनत भारतीयों का सशक्तिकरण सुनिश्चित किया है। जन धन योजना से पारदर्शिता बढ़ाने में भी सहायता मिली है।”
Today we mark seven years of #PMJanDhan, an initiative that has forever transformed India’s development trajectory. It has ensured financial inclusion and a life of dignity as well as empowerment for countless Indians. Jan Dhan Yojana has also helped further transparency.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2021
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “मैं उन सभी लोगों के अथक प्रयासों की सराहना करता हूं, जिन्होंने #PMJanDhan को सफल बनाने के लिए काम किया है। उनके प्रयासों ने भारतीयों के जीवन को ज्यादा गुणवत्तापूर्ण बनाना सुनिश्चित किया है।”
I would like to applaud the untiring efforts of all those who have worked to make #PMJanDhan a success. Their efforts have ensured the people of India lead a better quality of life.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2021
इन सात वर्षों में प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई ) ने गरीब के जीवन में एक क्रांति ला दी है। जनधन खातों मे जमा पैसों का एक नया रिकॉर्ड बन चुका है। प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए बैंक खातों में जमा राशि एक लाख 46 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। इसके साथ ही जनधन खातों की संख्या 43.04 करोड़ हो गई है। इस योजना के मूल सिद्धांत में देश के अछूते रहे लोगों को न्यूनतम कागजी कार्रवाई के जरिए बैंकिंग सेवा से जोड़ना है और जीरो बैलेंस और जीरो फीस के प्रावधान के साथ बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना है। इसके साथ ही दो लाख रुपये की मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज के साथ नकद निकासी और व्यापारी के स्थान पर भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना है।
मोदी सरकार की हर योजना में महिला सशक्तीकरण पर जोर रहता है। यही वजह है कि आज चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगह महिलाओं प्रगति की ओर अग्रसर हैं। देश की आधी आबादी यानी महिला शक्ति के साथ खड़ी मोदी सरकार लगातार उनके सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान में लगी है। केंद्र सरकार लगातार महिलाओं के विकास के लिए बड़े फैसले ले रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए महात्वाकांक्षी जनधन योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस पर कोई भी आम आदमी अपना खाता बैंक में खुलवा सकता है। इस योजना के तहत 43 करोड़ से अधिक जनधन खाते खुल चुके हैं। इन खातों से जहां देश के सामान्यजन को आर्थिक आजादी मिली है वहीं सरकारी योजनाओं की सब्सिडी भी डीबीटी के जरिए सीधे उनके खातों में जा रही है, यानी भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम भी लगी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की बागडोर संभालने के बाद 15 दिसंबर 2014 को महात्वाकांक्षी जनधन योजना की घोषणा की थी और 28 अगस्त 2014 को इस योजना का शुभारंभ किया था। इसके बाद से ही यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्यजन को आर्थिक रूप से सशक्त करने का माध्यम बन गई है। इस योजना के तहत अब तक 43 करोड़ से ज्यादा लोग बैंकिंग सिस्टम से जुड़ चुके हैं, यानी करोड़ों-करोड़ लोगों ने पहली बार बैंक में प्रवेश किया है। 18 अगस्त, 2021 को पीएमजेडीवाई की कुल खातों की संख्या 43.04 करोड़ में से 55.47 प्रतिशत 23.87 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाएं हैं और 66.69 प्रतिशत 28.70करोड़ जन धन खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं।
जनधन खातों को अधिक आकर्षक बनाने के लिये सरकार ने इन खातों में मिलने वाले ओवरड्राफ्ट की सुविधा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। इसके साथ ही इसके तहत मिले रुपे कार्ड से जुड़ी दुर्घटना बीमा योजना के तहत मिलने वाली राशि की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है जो 28 अगस्त 2018 के बाद खुलने वालों खाताधारकों के लिए होगा। इसके तहत 2 हजार रुपये तक की ओडी के लिए कोई शर्त नहीं होगी और ओडी लेने वालों की आयु पहले 18 से 60 वर्ष थी जिसे बढ़ाकर अब 65 वर्ष कर दी गयी है।
जनधन योजना के कुल 43.04 करोड़ खातों में से 85.6 प्रतिशत यानी 36.86 करोड़ खाते चालू हैं। चालू खातों में निरंतर वृद्धि इस बात का संकेत है कि इनमें से अधिकतर खाते ग्राहकों द्वारा नियमित रूप से उपयोग में लाए जा रहे हैं। फिलहाल सिर्फ 8.2 प्रतिशत पीएमजेडीवाई खाते शून्य शेष वाले खाते हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार पीएमजेडीवाई खातों के तहत कुल जमा शेष राशि 1,46,230 करोड़ रुपये है। प्रति खाते में औसत जमा राशि 3,398 रुपये है। पीएमजेडीवाई खाताधारकों को जारी किए गए रुपे कार्ड की कुल संख्या 31.23 करोड़ है। समय के साथ रुपे कार्डों की संख्या और उनके उपयोग में बढ़ोतरी हुई है।
देशभर में करीब पांच करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारक विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) लाभ प्राप्त करते हैं। यह तय करने के लिए कि लाभार्थियों को उनका डीबीटी समय पर प्राप्त हो, वित्त विभाग डीबीटी मिशन, एनपीसीआई, बैंकों और विभिन्न मंत्रालयों के साथ सक्रिय भूमिका निभाता है। डीबीटी के कारण अब जनधन खाताधारकों के खाते में बिना कोई कटौती तत्काल रुपये आ जाते हैं।
कोरोना संकट काल में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 26 मार्च, 2020 को की गई घोषणा के अनुसार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत महिला जनधन खाताधारकों के खातों में अप्रैल, 2020 से जून 2020 तक तीन महीने तक 500 रुपये प्रति माह जमा किया गया। कोरोना लॉकडाउन के दौरान महिला पीएमजेडीवाई खाताधारकों के खातों में कुल 30,945 करोड़ रुपये जमा किए गए।