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विपक्षी गठबंधन में बेचैनी, पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार, शरद पवार होंगे मुख्य अतिथि

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The former Union Minister, Shri Sharad Pawar calls on the Prime Minister, Shri Narendra Modi, in New Delhi on June 30, 2014.

बिखरे विपक्षी दलों और टुकड़े-टुकड़े गैंग के महागठबंधन I.N.D.I.A. के सबसे वरिष्ठ नेता 82 वर्षीय शरद पवार 1 अगस्त 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करेंगे। पीएम मोदी को एक अगस्त को पुणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के आयोजक तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट (हिंद स्वराज संघ) ने कहा है कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के सर्वोच्च नेतृत्व को मान्यता देता है, जिसके तहत भारत प्रगति की सीढ़ियां चढ़ रहा है। अब इसे लेकर विपक्षी गठबंधन टेंशन में है। कांग्रेस की चिंता डबल है। एक तो यह है कि इस मुलाकात से विपक्षी गठबंधन को लेकर गलत संदेश जाएगा वहीं दूसरी तरफ कांग्रेसी ही पीएम मोदी को यह पुरस्कार दे रहे हैं। वह इसे विपक्षी एकता में खतरे के रूप में भी देख रही है वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) को दिल्ली सर्विसेज बिल को लेकर चिंता है। यह बिल 31 जुलाई को लोकसभा में और 1 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया जाना है। AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि राज्यसभा में यह बिल पास न हो सके। वह चाहते हैं कि शरद पवार 1 अगस्त को पुणे के कार्यक्रम में होने की जगह संसद में मौजूद रहें। दिल्ली सेवा बिल एक तरह से संसद में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की एकता का पहला इम्तिहान होगा।

शरद पवार को रोकने के लिए I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक
बताया जाता है कि शरद पवार को पीएम मोदी के साथ मंच साझा करने से रोकने के लिए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की 28 जुलाई को बैठक हुई और इससे जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान इस मुलाकात को लेकर निराशा ज़ाहिर की। कुछ नेताओं का विचार था कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे पवार को समझाएं कि वो इस समारोह में न जाएं। विपक्षी गठबंधन के नेताओं की इस बैठक में एनसीपी के राज्यसभा सांसद वंदना चह्वाण मौजूद थीं। लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। इस मसले पर सबसे ज्यादा चिंता में आम आदमी पार्टी है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शरद पवार से अनुरोध करेंगे कि वो 1 अगस्त को पुणे के पुरस्कार समारोह में हिस्सा न लेकर संसद में मौजूद रहें।

कांग्रेस की टेंशन, कांग्रेसी ही दे रहे पीएम मोदी को पुरस्कार!
कांग्रेस की टेंशन की वजह यह है कि न केवल लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक कांग्रेस का हिस्सा रहे हैं बल्कि उनके पोते जयंत तिलक और प्रपौत्र रोहित तिलक आज भी कांग्रेस का हिस्सा हैं। रोहित वर्तमान महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के महासचिव हैं। इसके बावजूद यह पुरस्कार पीएम मोदी को दिया जा रहा है। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक को शुरुआती कांग्रेस और स्वतंत्रता आंदोलन के एक बड़े नेता के रूप में माना जाता है। कांग्रेस की असल टेंशन यह है कि एक तरफ तो वह पीएम मोदी का पुरजोर विरोध कर रही है वहीं कांग्रेसी ही उन्हें सम्मानित करने जा रहे हैं। कांग्रेस ये दोहरा मानदंड स्वीकार्य नहीं करना चाह रही है।

आम आदमी पार्टी संसद में रोकना चाहती है दिल्ली सेवा बिल
आम आदमी पार्टी हर कीमत पर संसद में दिल्ली सेवा बिल रोकना चाहती है और इसके लिए वह चाहती है कि शरद पवार 1 अगस्त को पुणे के कार्यक्रम में होने की जगह संसद में मौजूद रहें। आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि विपक्ष को इस बिल को गिरवाना है इसलिए इसके सभी सांसदों का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शरद पवार से अनुरोध करेंगे कि वो 1 अगस्त को पुणे के पुरस्कार समारोह में हिस्सा न लेकर संसद में मौजूद रहें।

दिल्ली सेवा बिल में नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाने का प्रावधान
दिल्ली सेवा बिल में नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाने का प्रावधान है। दिल्ली के मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे। अथॉरिटी में दिल्ली के मुख्य सचिव एक्स ऑफिशियो सदस्य, प्रिसिंपल होम सेक्रेटरी मेंबर सेक्रेटरी होंगे। अथॉरिटी की अनुशंसा पर एलजी फैसला करेंगे लेकिन वे ग्रुप-ए के अधिकारियों के बारे में संबधित दस्तावेज मांग सकते हैं। अगर अथॉरिटी और एलजी की राय अलग-अलग होगी तो एलजी का फैसला ही अंतिम माना जाएगा। केंद्र सरकार ने 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई थी। इस अध्यादेश के जरिए दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार फिर से उपराज्यपाल को दे दिया गया। मतलब, दिल्ली सरकार अगर किसी अधिकारी का ट्रांसफर करना चाहती है तो उसे उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी होगी।

दिल्ली देश की राजधानी, भारत की गरिमा बनी रहनी चाहिए
दिल्ली देश की राजधानी है, पूरे भारत का इस पर अधिकार है और गत काफी समय से दिल्ली की प्रशासकीय गरिमा को अरविंद केजरीवाल सरकार ने ठेस पहुंचाई है। दिल्ली में विश्व के हर देश के राजदूत रहते हैं और यहां जो कुछ प्रशासकीय अनहोनी होती है उससे विश्व भर में भी भारत की गरिमा खराब होती है। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के प्रशासन को बदनाम कर मनमानी करने का प्रयास किया उसके चलते केन्द्र सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा। और अब इससे संबंधित बिल लाया जा रहा है।

पीएम मोदी के सर्वोच्च नेतृत्व को मान्यता है लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक अगस्त को पुणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा राष्ट्रवादी ‘लोकमान्य’ बाल गंगाधर तिलक की स्मृति में स्थापित किया गया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार भी समारोह में मौजूद रहेंगे। आयोजक तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट (हिंद स्वराज संघ) ने कहा है कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के सर्वोच्च नेतृत्व को मान्यता देता है, जिसके तहत भारत प्रगति की सीढ़ियां चढ़ रहा है। इस ट्रस्ट में रोहित तिलक और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे जैसे कांग्रेस नेता ट्रस्टी के रूप में जुड़े हैं। इसकी अध्यक्षता लोकमान्य के प्रपौत्र और रोहित के पिता दीपक तिलक कर रहे हैं। लोकमान्य तिलक पारंपरिक रूप से कांग्रेस के समर्थक रहे हैं। इससे पहले यह पुरस्कार प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह को उनकी सार्वजनिक सेवा के लिए दिया जा चुका है।

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