प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए 21 दिनों की लॉकडाउन की घोषणा की थी, लेकिन दिल्ली में केजरीवाल सरकार की संवेदनहीनता ने लोगों के जीवन को जोखिम में डाल दिया है। इस दौरान मुफ्त बिजली और पानी का सपना दिखाकर दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने वाले अरविंद केजरीवाल की जनता के प्रति जवाबदेही की पोल भी खुल गई है। केजरीवाल ने लॉकडाउन के दौरान तमाम सुविधाओं का दावा किया था, लेकिन वे सभी दावे खोखले साबित हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी के नेताओं और दिल्ली सरकार के अधिकारियों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों की वजह से लोग अपनी जान जोखिम में डालकर अपने घरों की ओर निकलने के लिए मजबूर हुए।
बहुत सारे लोगों को मदद के नाम पर डीटीसी की बसों से बॉर्डर तक पहुंचाकर छोड़ दिया गया। लोगों ने आरोप लगाए कि मुफ्त बिजली और पानी देने का वादा करके केजरीवाल सत्ता में आए थे। लेकिन उन्होंने लोगों से विश्वासघात किया है। यहां तक कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल एक तरफ सबको फ्री में भोजन-पानी देने के लिए रोज टीवी पर प्रकट हो जाते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि उन्हीं गरीबों को बेघर करने के लिए उनके बिजली-पानी का कनेक्शन भी काट दिए जाते हैं।
अरविंद केजरीवाल का दावा है कि सरकार 550 रैन बसेरों/सेंटरों में 4.50 लाख गरीबों को दोनों समय का खाना उपलब्ध करा रही है। कई सामाजिक-धार्मिक संगठन भी गरीब मजदूरों को खाना उपलब्ध करा रहे हैं। मगर दिल्ली से भागते गरीबों की सुनें तो समझ में आता है कि सरकार की यह मदद अभी भी सभी जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के नेता और केजरीवाल सरकार के अधिकारी अफवाहों को हवा देने में लगे हैं। अफवाहों की वजह से दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर गांव लौटने वाले लोगों की भीड़ अचानक जमा हो गई। पैदल ही लोगों के कूच करने की तस्वीरें सामने आने लगी। केजरीवाल सरकार के अधिकारियों ने उनसे कहा कि बॉर्डर पर उनको घर ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है।
उधर केजरीवाल सरकार के अधिकारियों का दावा है कि लोगों को फ्री बस की सेवाएं उपलब्ध करायी गई हैं। लेकिन डीटीसी बस ड्राइवर और कंडक्टर इस दावे की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। बस के कंडक्टर हालात से मजबूर लोगों की मदद करने के बजाय उनसे वसूली में लग गए हैं। लोगों से 25 रुपये की जगह 100-150 रुपये वसूले जा रहे हैं।
दिल्ली में लॉकडाउन को फेल करने के लिए खतरनाक साजिशें भी रची जा रही हैं। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी कई विडियो जारी कर केजरीवाल सरकार की पोल खोली है। एक विडियो में दिख रहा है कि दिल्ली की गलियों में माइक से अनाउंसमेंट किए जा रहे हैं। इस अनाउंसमेंट में कहा जा रहा है कि आनंद विहार के लिए बसें जा रही हैं, उससे आगे यूपी-बिहार के लिए बसें मिलेंगी। सोते हुए लोगों को उठा-उठा कर बसों से उप्र बॉर्डर पर भेजा गया। कपिल मिश्रा ने इसे सोची-समझी साजिश करार दिया।
केजरीवाल सरकार की इस संवेदनहीनता के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी लोगों का आक्रोश फूट पड़ा,लोगों ने केजरीवल को गिरफ़्तार करने की मांग की। लोगों ने कहा कि उनकी इस हरकत को देखते हुए उनके लिए कोई संसदीय शब्द का इस्तेमाल किया ही नहीं जा सकता। कई लोगों ने पूछा कि दिल्ली में तो राजस्थान और हरियाणा के भी लोग रहते हैं, उन्हें अपने घरों में क्यों नहीं भेजा गया? कई लोगों ने पूछा कि दिल्ली से सिर्फ बिहारी और यूपी के मजदूर ही क्यों पलायन कर रहे हैं, जबकि रोहिंग्या और अन्य घुसपैठिए सुरक्षित हैं? कुछ लोगों के सवाल थे कि जब केजरीवाल ने बसें उपलब्ध कराई ही थी तो गंतव्य तक क्यों नहीं छोड़ा? बॉर्डर पर ही क्यों छोड़ दिया?
Mr. Kejriwal became the Thuglak of Modern times. Aam Admi people suffered becuse of his Sultanate decision. #ArrestKejariwal pic.twitter.com/3ZOtXYScfx
— Vian TN (@vian_tn) March 29, 2020
It’s a Political Game!
From #CrazyWala#ArrestKejariwal pic.twitter.com/Ti2E8oloFj— Govinda Raj (@iamgovindraju) March 29, 2020
This is right time to#ArrestKejariwal under Public safety act and Attempt to mass murder pic.twitter.com/zyWwYiEZYp
— Rishabh (@dared2say) March 29, 2020