पाकिस्तानी पत्रकार जासूसी मामले में एक नया खुलासा हुआ है। ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आदिश अग्रवाल ने एक बयान जारी कर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर जानकारी छिपाने और झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसको लेकर सरकार से जांच की भी मांग की है। पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के भारत में जासूसी करने के खुलासे के बाद हामिद अंसारी ने कहा था कि मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है। मेरे ऊपर जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, वो पूरी तरह से निराधार हैं। ऐसे में आदिश अग्रवाल के बयान से मामले में नया मोड़ आ गया है। अपने बयान में अग्रवाल ने साफ कहा है कि हामिद अंसारी का दफ्तर चाहता था कि पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को सम्मेलन में बुलाया जाए और इसे ना मानने पर वे नाराज हो गए थे।
#BREAKING: Fresh twist in #HamidAnsari controversy relating to Pakistani spy journalist. One Event organiser Dr. Adish Aggarwala issues detailed statement from London. Says, Vice President Ansari’s secretariat wanted Spy Nusrat Mirza to attend conference. Demands inquiry by Govt. pic.twitter.com/lGtVvklQXr
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) July 14, 2022
नुसरत मिर्जा के सनसनीखेज खुलासे पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बयान जारी कर यह भी कहा कि उन्होंने किसी भी पाकिस्तानी पत्रकार को भारत आने का न्योता नहीं दिया था। हामिद अंसारी के यह कहने पर कि ना तो उन्होंने नुसरत मिर्जा को इनवाइट नहीं किया था और न ही उनसे मिला था, आदिश अग्रवाल ने एक फोटो भी शेयर किया जिसमें हामिद अंसारी के साथ वह पाकिस्तानी पत्रकार भी दिखाई दे रहा है। जामा मस्जिद यूनाइटेड फोरम द्वारा 27 अक्टूबर, 2009 को दिल्ली के ओबेरॉय होटल में आयोजित सम्मेलन में हामिद अंसारी, दिल्ली जामा मस्जिद के शाही इमाम, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और अन्य मुस्लिम नेताओं ने भाग लिया था। डॉ अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि हामिद अंसारी सम्मेलन में पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा के साथ भाईचारा दिखा रहे थे।
Image issued by Dr. Adish C. Aggarwala, President, International Council of Jurists Mr. Hamid Ansari & Mr. Nusrat Mirza (marked in red circles) sharing dais #HamidAnsari #NusratMirza #PressRelease pic.twitter.com/tE1XKQmiZY
— Dr. Adish C Aggarwala (@adishcaggarwala) July 14, 2022
इस खुलासे के बाद बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवाल किया कि पूर्व राष्ट्रपति ने यह जानकारी क्यों छिपाई? उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह से कांग्रेस के तार पाकिस्तान से जुड़ते हैं, करंट वहीं से आता है। भाटिया ने कहा कि अंसारी जी कहते हैं कि नुसरत मिर्जा को उन्होंने कभी आमंत्रित नहीं किया लेकिन उपराष्ट्रपति के कार्यालय की ओर से 2010 की कॉन्फ्रेंस के लिए फोन पर आयोजकों से कहा गया था कि आप पत्रकार नुसरत मिर्जा को आमंत्रित कीजिए। भाटिया ने कहा कि इस तरह के किसी कार्यक्रम का आयोजन खुफिया एजेंसियों के क्लियरेंस के बाद की जाती है और वीजा देने का काम विदेश मंत्रालय ही करता है तो यह कैसे हो गया कि ऐसा पत्रकार जो पाकिस्तान की आईएसआई को भारत की गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था, वह तत्कालीन उपराष्ट्रपति के साथ बैठा हुआ है।
BJP National Spokesperson Shri @gauravbh addresses a press conference at party headquarters in New Delhi. https://t.co/3mP7ybLALT
— BJP (@BJP4India) July 15, 2022
नवभारत टाइम्स के अनुसार बीजेपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि हामिद अंसारी के कारण पांच बार नुसरत मिर्जा को वीजा क्यों दिया गया। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान से कोई व्यक्ति आता है तो उसे रूल के तहत तीन शहरों के लिए परमिशन मिलती है लेकिन उसे 7 शहरों के लिए अनुमति दी गई।
हामिद अंसारी 2007 से 2017 तक देश के उपराष्ट्रपति थे। एक पाकिस्तानी यूट्यूबर शकील चौधरी के साथ करीब 50 मिनट के इंटरव्यू में वहीं के पत्रकार नुसरत मिर्जा ने दावा किया है कि वे पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और मिल्ली गजट अखबार के मालिक जफरुल इस्लाम खान के न्योते पर भारत गए थे। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए कई अहम जानकारियां जुटाई थीं।
देखिए इंटरव्यू का पूरा वीडियो-
नुरसत मिर्जा ने कांग्रेसी शासन काल में साल 2005 से 2011 के बीच उन्होंने करीब पांच बार भारत की यात्रा की और आईएसआई को खुफिया जानकारी मुहैया कराई। ऐसे में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के न्योते पर भारत आने की बात से सनसनी फैल गई। सोशल मीडिया पर यूजर्स भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व अधिकारी एनके सूद के उस खुलासे को भी याद कर रहे हैं जो उन्होंने अंसारी पर लगाए थे। उन्होंने लिखा था कि मैं ईरान के तेहरान में था और हामिद अंसारी वहां राजदूत थे। अंसारी ने तेहरान में रॉ के सेट-अप को एक्सपोज करके इसके अफसरों की जान खतरे में डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी व्यक्ति को लगातार दो बार देश का उप-राष्ट्रपति बना दिया गया।
I was in Tehran, Iran n Hameed Ansari was ambassador in Tehran. Ansari had played a crucial role in exposing RAW set-up in Tehran endangering lives of RAW unit members. But this very man was made vice President for two consecutive terms.
— NK Sood (@rawnksood) June 28, 2019
एनके सूद के बाद हामिद अंसारी के बारे में उस खुलासे को भी आपके लिए जानना बेहद जरूरी है। जिससे बारे में रॉ के पूर्व अधिकारी आर के यादव ने 14 जुलाई, 2018 को बताया था।
रॉ के पूर्व अधिकारी ने हामिद अंसारी को दोहरे चरित्र का व्यक्ति बताया–रॉ के पूर्व अधिकारी आर के यादव ने 14 जुलाई को हामिद अंसारी के चरित्र का पर्दाफाश किया और कहा कि यह व्यक्ति दो चेहरे वाला है।
हामिद अंसारी के चरित्र के बारे में रॉ के अधिकारी आर के यादव ने यह बात लंबी जांच पड़ताल और अनुभव के आधार पर कही है। अपने अनुभवों के आधार पर लिखी गई किताब Mission R&AW में हामिद अंसारी के दोहरे चरित्र पर एक पूरा अध्याय- Bizarre R&AW Incidents- ही लिखा है।
हामिद अंसारी ने ईरान में कश्मीर आंदोलनकारियों का साथ दिया- आर के यादव – Bizarre R&AW Incidents में लिखते हैं कि रॉ के अधिकारी डी बी माथुर, तेहरान के करीब कौम में कश्मीर के युवकों के लिए चल रहे ट्रेनिंग कैंप पर नियमित रुप से दिल्ली को रिपोर्ट भेजते रहते थे। ये सभी रिपोर्ट्स राजदूत हामिद अंसारी के पास से होकर गुजरती थीं, इनमें से कई रिपोर्ट्स को लेकर हामिद अंसारी काफी विरोध में रहते थे। इसी दौरान, एक सुबह डी बी माथुर को ईरान की गुप्तचर संस्था ने अगवा कर लिया, लेकिन हामिद अंसारी ने ईरान की सरकार से इस बारे में कोई बात नहीं की और बहुत ही साधारण रिपोर्ट दिल्ली भेज कर शांत हो गए। दो दिनों तक डी बी माथुर के बारे में कोई जानकारी न मिलने पर भारतीय दूतावास के करीब 30 अधिकारियों की पत्नियों ने हामिद अंसारी के चैम्बर में जबरदस्ती घुसकर विरोध भी दर्ज कराया था।
यह बात तेहरान में रॉ के एक अन्य अधिकारी एन के सूद ने दिल्ली में रॉ के अधिकारी आर के यादव को बताई थी। दूसरे दिन ही आर के यादव, विपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी से मिले और पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव से बात की। पी वी नरसिम्हा राव ने तुरंत कार्रवाई की और ईरान को कुछ ही घंटों में डी बी माथुर को रिहा करना पड़ा। इसके बाद माथुर को 72 घंटों के अंदर वापस दिल्ली बुला लिया गया था।
नहीं कराया विरोध दर्ज- रॉ के अधिकारी Bizarre R&AW Incidents में आगे लिखते हैं कि ईरान में भारतीय दूतावास के सुरक्षा अधिकारी मोहम्मद उमर से खुफिया जानकारी लेने के उद्देश्य से ईरानी गुप्तचर एजेंसी ने संपर्क किया, लोकिन मोहम्मद उमर ने ऐसा करने से मना कर दिया। इस घटना की जानकारी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हामिद अंसारी को भी उमर ने बताई।
कुछ हफ्तों के बाद मोहम्मद उमर को ईरान की खुफिया एजेंसी वाले उठाकर ले गए और बुरी तरह से पिटाई करके सड़क पर अधमरा छोड़ दिया। हामिद अंसारी ने इस मुद्दे को लेकर ईरान सरकार के समक्ष कोई विरोध दर्ज नहीं कराया बल्कि मोहम्मद उमर को चुप रहने के लिए कहा।
पहचान को किया उजागर– विभिन्न देशों में भारत के राजदूत रह चुके हामिद अंसारी ने ऐसे काम किए हैं, जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की पहचान दूसरे देशों के सामने आ गई। हामिद अंसारी ने ऐसा एक बार नहीं कई बार किया।
इतना ही नहीं उप राष्ट्रपति के पद पर रह चुके इस व्यक्ति ने देश को हिंदू-मुस्लिम में बांटने की भी कोशिश की-
विवादों मे रहे हैं पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का विवादों से पुराना नाता रहा है। राष्ट्रवाद को ‘जहर’ बताना हो या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जिन्ना की तस्वीर का मामला हो, तीन तलाक के कानून का विरोध हो या देश के हर जिले में शरिया अदालतें स्थापित करने का ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रस्ताव हो, सभी मामलों में हामिद अंसारी ने विवादित बयान दिया है। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने हाल ही में हिंदू राष्ट्रवाद पर एक विवादित बयान दिया। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘हिंदू राष्ट्रवाद चिंता का विषय है। देश में धार्मिक आधार पर लोगों को बांटा जा रहा है। टाइम्स नाउ नवभारत के अनुसार लोगों में राष्ट्रीयता को लेकर विवाद पैदा किया जा रहा है। खासकर एक धर्म विशेष के लोगों को उकसाया जा रहा है। देश में असहिष्णुता को हवा दी जा रही है और असुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। हिन्दुस्तान की खबर के अनुसार जिस संगठन पर देश में दंगे भड़काने और पाकिस्तानी आईएसआई से लिंक का आरोप है, उसके मंच से हामिद अंसारी ने कहा कि हाल के वर्षों में नागरिक राष्ट्रवाद को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से बदलने की कोशिशें हो रही हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति कहा कि धार्मिक बहुमत को राजनीकि एकाधिकार के रूप में पेश करके मजहब के आधार पर असहिष्णुता को हवा दी जा रही है।
देश धार्मिक कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद की महामारी का शिकार
20 नवंबर, 2020 को हामिद अंसारी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की किताब ‘The Battle of Belonging’ के डिजिटल विमोचन के मौके पर कहा कि देश कोरोना से पहले ही दो महामारी का शिकार हो चुका है। ये हैं- धार्मिक कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद। अंसारी के मुताबिक इनके मुकाबले देशप्रेम अधिक सकारात्मक अवधारणा है, क्योंकि यह सैन्य और सांस्कृतिक रूप से रक्षात्मक है।
हामिद अंसारी ने कहा कि धार्मिक अवधारणा को धर्म के आधार पर किए जाने वाले ढोंग के रूप में परिभाषित किया जा रहा है और आक्रामक राष्ट्रवाद के बारे में पहले ही बहुत कुछ लिखा जा चुका है। यह विचारधारा के लिहाज़ से ‘जहर’ जैसा है जो किसी संकोच के बिना लोगों के व्यक्तिगत अधिकारों पर अतिक्रमण करता है और अधिकारों को क्षीण करता है। हामिद अंसारी के मुताबिक आक्रामक राष्ट्रवाद कई बार नफ़रत का रूप ले लेता है और एक ऐसी घुट्टी के रूप में काम करता है जो प्रतिशोध के लिए उकसाता है।
मुस्लिमों में घबराहट का भाव- हामिद अंसारी
दस साल तक उप-राष्ट्रपति रहने वाले हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन ही कहा था कि देश के मुसलमानों में घबराहट का भाव है और वो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने मुस्लिमों की कथित मॉब लिंचिंग और घर वापसी के मामले को फिर से तूल देकर देश की कथित चिंताजनक परिस्थिति का रोना रोया।
सिर्फ मुसलमानों के प्रतिनिधि थे अंसारी ?
दरअसल हामिद अंसारी को उपराष्ट्रपति के तौर पर विदाई लेना चाहिए था, लेकिन जाते-जाते जो मुद्दा उठाया उसे देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि उन्होंने कभी 125 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व किया ही नहीं। वो तो सिर्फ मुसलमान के प्रतिनिधि बनकर ही आये थे।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में की शिरकत
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पिछले साल केरल में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एक कार्यक्रम में ये जानते हुए भी शिरकत की थी कि इस संगठन पर आतंकियों के समर्थन का आरोप है। 23 सितंबर, 2017 को कोझिकोड में महिलाओं से संबंधित विषय पर इस सम्मेलन को नई दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ ऑब्जेक्टिव स्टडीज ने नेशनल वूमेन फ्रंट (NWF) के साथ मिलकर आयोजित किया था। NWF, PFI की महिला शाखा है। PFI पर युवाओं को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में भर्ती करने के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में देश के किसी संवैधानिक पद पर लंबे समय तक रहे किसी शख्स का PFI से संबंधित कार्यक्रम का हिस्सा बनना कई सवाल छोड़ता है।
‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना को भी नहीं समझे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सत्ता संभालने के बाद से ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ मंत्र के साथ ही सभी योजनाओं और परियोजनाओं पर काम किया है। देश गवाह है कि मोदी सरकार ने किसी योजना पर अमल करने में कभी भेदभाव का सहारा नहीं लिया है। लेकिन हामिद अंसारी को ‘सबका साथ, सबका विकास’ जैसे प्रधानमंत्री के मंत्र पर भी भरोसा नहीं किया। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिये इंटरव्यू में उन्होंने नारे को तो अच्छा बताया, लेकिन उसमें ‘सबका विकास’ जैसे शब्द पर संदेह जताने की भी कोशिश की।
विभाजन के लिए सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं भारत भी जिम्मेदार
पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि 1947 में हुए विभाजन के लिए सिर्फ पाकिस्तान ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि भारत भी इसमें जिम्मेदार था। अंसारी ने कहा कि, ‘हम ये मानने को तैयार नहीं है कि विभाजन के लिए हम भी बराबर के जिम्मेदार हैं।’ पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा कि देश के बंटवारे के लिए सियासी वजहों से मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया गया। अंसारी ने कहा कि, ‘जहां भी किसी ने गलत काम किया तो मुल्जिम एक ही… आप सब जानते हैं।’ उन्होंने कहा कि, ‘आजादी के चार दिन पहले सरदार पटेल ने दिल्ली में कहा था कि अगर देश को एक रखना है तो विभाजन जरूरी है। लेकिन सियासत ने जो रुख पलटा तो किसी को जिम्मेदार बनाना था। तो उन्होंने कहा कि जिम्मेदार बना दो, किसे, मुसलमानों को बना दो। यह सबने मान लिया कि मुसलमानों को जिम्मेदार बनाना चाहिए।’