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राजस्थान में कांग्रेसियों की खुलने लगी पोल, पूर्व जलदाय मंत्री को करोड़ों के घोटाले में ईडी का समन, कोटा में अतिक्रमणकारी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव को जेल भेजा

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राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार के राज में हुए घपले-घोटालों की पोल अब खुलने लगी है। एक ओर पेपर लीक माफिया पर शिकंजा कसने से वे सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं की पुरानी करतूतों पर जांच एजेंसियां शिकंजा कस रही हैं। जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपये के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री महेश जोशी को नोटिस भेजकर पेश होने के निर्देश दिए हैं। ईडी से मिली जानकारी के अनुसार गहलोत शासन में जल जीवन मिशन में टेंडर से लेकर अलॉटमेंट, काम, खुदाई और पाइप लगाने तक के काम में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। दूसरी ओर कांग्रेस के एक अन्य नेता को कोटा से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और अजमेर दरगाह हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन अमीन पठान को सरकारी जमीन पर कब्जा करने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायाधीश के समक्ष पेश किया, जहां से पठान को जमानत न मिलने पर जेल भेज दिया गया।

जल जीवन मिशन के करोड़ों के घोटाले में पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया
गहलोत राज में कैबिनेट मंत्री रहे डॉ. महेश जोशी की मुश्किलें भ्रष्टाचार के चलते खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। जल जीवन मिशन योजना में करोड़ों रुपए के घोटाले में ईडी डॉ. जोशी को एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया है। एक दिन पहले ईडी ने डॉ. महेश जोशी को नोटिस जारी किया और पूछताछ के लिए 18 मार्च को दफ्तर पहुंचने के निर्देश दिए। हाल ही में ईडी ने महेश जोशी के एक करीबी से लंबी पूछताछ की थी, जिससे भ्रष्टाचार से जुड़े अहम सुराग हाथ लगे हैं। ऐसे में ईडी ने डॉ. महेश जोशी को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है। जेजेएम में करीब 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगे हैं।

डॉ. जोशी के घर और दफ्तर में ईडी कर चुकी छानबीन
जल जीवन मिशन में पहले भी घोटालों के कारनामे सामने आए थे। तब एसीबी ने जलदाय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों को लाखों रुपए की रिश्वत लेते देते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। एसीबी की इस कार्रवाई का बाद करोड़ों रुपये के घोटाले के तथ्य सामने आए। करोड़ों रुपए का अवैध लेन देन सामने आने पर ईडी की एंट्री हुई। ईडी ने तत्कालीन जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी के निजी आवास और सरकारी बंगले पर दबिश दी थी। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे सुबोध अग्रवाल (आईएएस) के घर और दफ्तर में भी ईडी ने दबिश देकर जांच की थी। ईडी का दावा है कि जांच के दौरान करोड़ों रुपए के अवैध लेन-देन और भ्रष्टाचार के अहम दस्तावेज मिले हैं।

पूर्व मंत्री ने दस्तावेज जुटाने के लिए ईडी से 15 दिन का समय मांगा
प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस पर पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि ईडी ने शॉर्ट नोटिस के अंदर बुलाया है। उनको जो दस्तावेज लाने के लिए कहा गया है, उसमें समय लगेगा, इसलिए ईडी से 15 दिन का समय मांगा है। जोशी के करीबी संजय बड़ाया से पिछले तीन दिनों से ईडी मुख्यालय में पूछताछ चल रही है। इसके बाद ईडी ने यह नोटिस जारी कर महेश जोशी को बुलाया। एसीबी में दर्ज एफआईआर को आधार बनाते हुए ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की थी। इसे लेकर ईडी एक बार जल जीवन मिशन से जुड़े सीनियर आईएएस अधिकारी के आवास और ऑफिस में भी सर्च कर चुकी है। जिस तरह से ईडी पिछले 7 दिनों से जल जीवन मिशन में हुई बंदरबांट को लेकर जलदाय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों से पूछताछ कर रही है, उससे महेश जोशी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने जेजेएम घोटाले पर किया था बड़ा आंदोलन
जल जीवन मिशन में हुए करोड़ों रुपए के कथित घोटाले को लेकर विपक्ष में रहने के दौरान राज्यसभा सांसद रहे डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने खूब आंदोलन किए थे। उन्होंने जयपुर में कई बार धरने दिए और पूर्ववर्ती सरकार से डॉ. महेश जोशी को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की थी। अब भाजपा प्रदेश की सत्ता में है। डॉ. मीणा अभी भी अपने स्टैंड पर कायम है और जल जीवन मिशन में हुए घोटाले की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि महेश जोशी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी करीबी रहे हैं। जोशी पर घोटालों के अलावा एक व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के भी आरोप लगे थे।पांच पॉइंट में समझें, क्या है जल जीवन मिशन घोटाला?
1. ग्रामीण पेयजल योजना के तहत सभी ग्रामीण इलाकों में पेयजल की व्यवस्था होनी थी। जिस पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार को 50-50 प्रतिशत खर्च करना था। इस योजना के तहत डीआई डक्टर आयरन पाइपलाइन डाली जानी थी। इसकी जगह पर HDPE की पाइपलाइन डाली गई।
2. पुरानी पाइपलाइन को नया बता कर पैसा लिया गया, जबकि पाइपलाइन डाली ही नहीं गई।
3. कई किलोमीटर तक आज भी पानी की पाइपलाइन डाली ही नहीं गई है, लेकिन ठेकेदारों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिल कर उसका पैसा उठा लिया।
4. ठेकेदार पदमचंद जैन हरियाणा से चोरी के पाइप लेकर आया और उन्हें नए पाइप बता कर बिछा दिया। सरकार से करोड़ों रुपये ले लिए।
5. ठेकेदार पदमचंद जैन ने फर्जी कंपनी के सर्टिफिकेट लगाकर टेंडर लिया, जिसकी अधिकारियों को जानकारी थी। इसके बाद भी उसे टेंडर दिया गया, क्योंकि वह एक राजनेता का दोस्त था।कोटा में सरकारी जमीन पर कब्जा, कांग्रेस महासचिव अमीन पठान गिरफ्तार
एक ओर ईडी और एसीबी कांग्रेस के पूर्व मंत्री पर जयपुर में शिंकजा कस रही है, दूसरी ओर कोटा पुलिस ने कांग्रेस के एक अन्य नेता को गिरफ्तार कर लिया। प्रदेश कांग्रेस महासचिव और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष रह चुके अमीन पठान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अमीन पठान पर सरकारी वन भूमि पर अतिक्रमण राज कार्य में बाधा मारपीट और धमकी सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। अनंतपुरा थाना पुलिस ने अमीन पठान को गिरफ्तार कर अवकाश कालीन न्यायालय में पेश किया, जहां से उनकी जमानत खारिज कर उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए गए। दरअसल, शनिवार को वन विभाग की टीम ने अनंतपुरा थाने में अमीन पठान, उसकी पत्नी और अन्य लोगों के खिलाफ अभद्र व्यवहार करने और गाली-गलौज कर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की शिकायत दर्ज कराई थी।

 

 

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