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मंदिर तोड़ो की नीति पर चल रहे सीएम गहलोत ने छबड़ा दंगों के आरोपी को दी रोजा इफ्तार पार्टी, बीजेपी बोली- दंगाइयों से दुलार, बहुसंख्यक को दुत्कार…यह कैसा कांग्रेस राज?

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार अपनी हिंदू विरोधी छवि को मजबूत बनाते जा रहे हैं। पहले सालासर बालाजी में राम दरबार और अब अलवर में शिव मंदिर को बुलडोजर से ध्वस्त करने के कारण कांग्रेस सरकार के खिलाफ हिंदू समाज आक्रोशित है। लेकिन सीएम गहलोत को इसकी तनिक भी परवाह नहीं है। ताजातरीन करौली दंगों में जुल्म की इंतेहा करने वाले समाज के लिए सीएम ने अपने आवास पर इफ्तार पार्टी दी। इतना ही नहीं इस इफ्तार में छबड़ा दंगों का मुख्य आरोपी भी मुख्यमंत्री का मेहमान बना। वह सारा दिन सीएम आवास में रहा और कांग्रेस मंत्रियों और नेताओं के साथ बेखौफ फोटो खिंचवाता रहा। अब आरोपी आसिफ की सीएम हाउस में इफ्तार पार्टी में मौजूदगी को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

बीजेपी बोली- दंगाइयों से दुलार, बहुसंख्यक को दुत्कार…यह कैसा कांग्रेस राज?
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार माफियाराज को खत्म करने के लिए बुलडोजर का सहारा ले रही है। इससे गुंडों में सरकार का भय और जनता में सराहना हो रही है। इसके उलट राजस्थान में बुलडोजर का इस्तेमाल हिंदुओं के आस्था स्थलों को ध्वस्त करने में हो रहा है। इससे हिंदुओं का नाराज होना स्वाभाविक है। हिंदू समाज पहले ही करौली दंगों में सरकार की भूमिका को लेकर नाराज था। अब जले पर नमक छिड़कते हुए गहलोत सरकार ने सीएम आवास पर रोज इफ्तार पार्टी भी कर डाली। सीएम हाउस में दी गई रोजा इफ्तार पार्टी में छबड़ा हिंसा के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी के शामिल होने पर सियासत गरमा गई है।

कांग्रेस मंत्री और एमएलए दंगे के आरोपी के साथ मुस्कराते हुए करा रहे फोटो
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ व छबड़ा से बीजेपी विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने आरोपी आसिफ हसाड़ी के फोटो शेयर करते हुए ट्वीट किए हैं। सिंघवी ने मंत्री ममता भूपेश और राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती के साथ भी आरोपी के फोटो शेयर किए हैं। साथ ही एक फोटो में कांग्रेस एमएलए रफीक खान आरोपी के गले में हाथ डालकर मुस्कुराते हुए दिखाई दे रहे हैं।

सरकार की इंटेलिजेंस फेल, अपराधियों को इफ्तार पार्टी में जगह कैसे मिल गई ?
प्रताप सिंह सिंघवी ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री से कहा- यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि छबड़ा हिंसा का मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी आपकी इफ्तार पार्टी में शरीक हुआ। ऐसे अपराधियों को इफ्तार पार्टी में जगह कैसे मिल गई ? इसका पता इंटेलिजेंस विंग को करना चाहिए। उन्होंने छबड़ा थाने में बारां के एसपी कल्याण मल मीणा से मुलाकात करते हुए फोटो शेयर करके लिखा- विधानसभा क्षेत्र में महिला उत्पीड़न, अपराधों पर रोकथाम सहित छबड़ा दंगे के मामले में लम्बी चर्चा की है। मुख्यमंत्री आवास पर अपराधियों के पहुंचने के बारे में भी चर्चा कर कार्रवाई की मांग की है।

पूनिया बोले- करौली में आरोपियों को बचाने की कवायद, सीएम आवास में दंगाई से दुलार
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी गहलोत और कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूनिया ने ट्वीट कर कहा है- कांग्रेस का यह कैसा राज है। जिसमें पीएफआई से प्यार है, बहुसंख्यक को दुत्कार है। मुख्यमंत्री निवास में इफ्तार करके दंगे के आरोपियों को बुलाकर दुलार करते हैं और करौली में आरोपियों को बचाने की कवायद की जा रही है। जबकि अलवर जिले में शिवमंदिर, गोशाला से उन्हें एतराज है। पूनिया ने कहा जिस तरह से पहले करौली हिंसा और अब अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने का मामला सामने आया है। वह इस बात सबूत है कि प्रदेश कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करती है।

इफ्तार पार्टी में आसिफ हसाड़ी का शरीक अपराधियों को संरक्षण देने का प्रमाण
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी ट्वीट कर कहा- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इफ्तार पार्टी में छबड़ा हिंसा के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी का शरीक होना राज्य सरकार के अपराधियों को संरक्षण देने का प्रमाण है। अपराधी इफ्तार पार्टी में शामिल होते हैं और इंटेलिजेंस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। दूसरी ओर फोटो सामने आने के बाद कांग्रेस एमएलए रफीक खान ने उल्टा आरोपी का बचाव किया। रफीक ने कहा कि आसिफ या किसी के भी रोजा खोलने के अधिकार को कैसे रोका जा सकता है। यह उसका फंडामेंटल राइट है।

हिंसा की घटनाओं और तुष्टिकरण पर बीजेपी की ब्लैक पेपर जारी करने की तैयारी
बीजेपी राजस्थान में हुई हिंसा की घटनाओं और तुष्टिकरण के आरोपों के साथ जल्द ही गहलोत सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर जारी करने की तैयारी में है। करौली हिंसा, अलवर के राजगढ़ में मंदिर पर बुलडोजर चलाने, इससे पहले कोटा में PFI की रैली में नारेबाजी, अलवर-मेवात, टोंक के मालपुरा, झालावाड़, बारां के छबड़ा, चित्तौड़गढ़ समेत कई जगह हुई घटनाओं, प्रदेश में क्राइम और करप्शन के मामले इसमें शामिल किए जाएंगे।

बारां जिले के छबड़ा में ये था सांप्रदायिक हिंसा का मामला
बारां जिले के छबड़ा में 11 अप्रैल 2021 को सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। छबड़ा कस्बे में दो युवकों की छुरा घोंपकर हत्या के बाद हुई हिंसा में दर्जनों वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ व आगजनी की गई थी। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने इंटरनेट बंद कर कर्फ्यू लगाया था। एक निजी ट्रैवल बस, कारों, फायर ब्रिगेड की गाड़ी और अन्य वाहनों को भी आग लगा दी गई थी।

 

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