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Delhi Liquor Scam: सरकारी गवाह बने अरोड़ा और रेड्डी की गवाही से केजरीवाल भी जा सकते हैं जेल, CM की करीबी तिकड़ी सत्येंद्र, सिसोदिया के बाद संजय सिंह की कलई खुली

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अन्ना हजारे का साथ लेकर ईमानदारी का ढोंग करके दिल्ली की सत्ता में काबिज हुई केजरीवाल सरकार की कलई एक बार फिर खुली है। भ्रष्टाचार और घोटालों की कालिख से पुते चेहरों के साथ केजरीवाल के ‘रत्न’ सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया पहले ही सलाखों के पीछे हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दिल्ली के करोड़ों के शराब घोटाले के मामले में केजरीवाल के करीबी और आप सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है और कोर्ट ने उसको रिमांड पर भेज दिया है। सरकारी गवाह बने उद्योगपति दिनेश अरोड़ा और वाईएसआर कांग्रेस सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव के साथ अरविंद केजरीवाल के कनेक्शन के चलते देर-सबेर कानून के हाथ उनके गिरेबां तक भी पहुंचने वाले हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि तीनों आप नेताओं की गिरफ्तारी की भविष्यवाणी केजरीवाल ने पहले ही कर दी थी और यह भी कहा था कि ईडी मुझे भी गिरफ्तार कर सकती है।

ईडी की गिरफ्त में आए आप सांसद संजय सिंह को 5 दिन की रिमांड पर भेजा
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को ED ने अरेस्ट कर लिया है। उनके दिल्ली वाले घर पर बुधवार सुबह 7 बजे ED की टीम पहुंची थी। 10 घंटे तक चली इस छापेमारी के बाद गिरफ्तारी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 7-8 अधिकारी आबकारी नीति केस के सिलसिले में छानबीन कर रहे थे। आबकारी नीति केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है। इस केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 अक्टूबर तय की गई है। दूसरी ओर गुरुवार को दिल्ली शराब घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने AAP सांसद संजय सिंह को ED की 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। हालांकि ED ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड मांगी थी। एजेंसी ने कहा कि हमें डिजिटल डेटा निकालना है। संजय को दूसरे लोगों के साथ बिठाकर पूछताछ करनी है।

शराब घोटाले में इन दो लोगों ने अप्रूवर बनने का किया फैसला
दिल्ली एक्साइज घोटले के आरोप में जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। उनके करीबी सहयोगी दिनेश अरोड़ा और वाईएसआरसीपी सांसद मगुंटा रेड्डी के बेटे रघव मंगुटा ने मंगलवार को घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अप्रूवर बनने का फैसला किया है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी ओर से अप्रूवर बनने की अनुमति मांगने वाली अर्जी को स्वीकार कर लिया है। अरोड़ा को जुलाई में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। तब उन्होंने सीबीआई मामले में भी अप्रूवर बनने का फैसला किया था। उस दौरान उनके बयानों ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ईडी और सीबीआई द्वारा आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति, जिसके तहत शराब व्यापारियों को लाइसेंस दिए गए, ने कार्टेलिंग को बढ़ावा दिया और कुछ ऐसे डीलरों को फायदा पहुंचाया जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था, जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत मामला दर्ज किया था।

वाईएसआर कांग्रेस सांसद के बेटे राघव से जुड़े शराब घोटाले के तार
दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी और सीबीआई लगातार अपना शिकंजा कसते नजर आ रहे हैं। आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने वाईएसआरसीपी (YSR Congress) के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुन्टा को गिरफ्तार किया है। मगुंटा के तार इस कथित घोटाले से जुड़े होने का शक है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में ओंगोले मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद के बेटे राघव मगुंटा को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार राघव मगुंटा को शुक्रवार शाम को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया। ईडी उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश कर सकती है, जहां संघीय जांच एजेंसी उनकी हिरासत की मांग करेगी। ईडी द्वारा इस मामले में यह नौवीं और इस सप्ताह तीसरी गिरफ्तारी है।

शराब घोटाले की जांच की आंच सीएम केजरीवाल तक आएगी
दिल्ली में हुए शराब घोटाले की आंच अब मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल तक पहुंचती दिखाई दे रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शराब घोटाले की जांच कर रही ED ने कुछ समय पहले चार्जशीट दाखिल की थी। इस चार्जशीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का भी नाम था। इस केस में शराब व्यापारी समीर महेन्द्रू को मुख्य आरोपित बनाया गया है। ED के आरोपों में इस बात का जिक्र है कि समीर महेन्द्रू और अरविन्द केजरीवाल में डील फाइनल होने से पहले वीडियो कॉल पर बात हुई थी। घोटाले की जांच कर रही ED ने उनके उनके निजी सचिव बिभव कुमार से पूछताछ की थी। इससे पहले उन्हें नोटिस भेजकर तलब किया गया था। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में केस दर्ज है। ED का दावा है कि इस कॉल में अरविन्द केजरीवाल ने समीर से आम आदमी पार्टी के विजय नायर पर विश्वास करने को कहा गया था। ED ने विजय नायर को भी समीर महेन्द्रू के साथ आरोपित बनाया है। इस मामले में जाँचकर्ताओं ने अब तक कुल 36 आरोपित बनाए हैं। बताया जा रहा है कि अरविन्द केजरीवाल के PA बिभव से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बारे में भी पूछताछ हुई। आरोप है कि बिभव और मनीष सिसोदिया ने 170 अलग-अलग फोन को एक-दूसरे से बात करने के बाद सबूत मिटाने की मंशा से तोड़ डाला था। ये भी आरोप है कि इस पूरे घोटाले में शामिल आरोपितों ने कई करोड़ रुपए अवैध लाभ के तौर पर कमाए हैं। शराब घोटाले से मिले पैसे का प्रयोग साल 2022 में हुए गोवा विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के प्रचार के लिए किया गया था।

सीएम के आवास पर तय हुआ कमीशन, केजरीवाल घोटाले के किंगपिन- बीजेपी
दूसरी ओर आप नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी ने बड़ा हमला बोला है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले का किंगपिन बताया है। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि शराब घोटाले के सरगना अरविंद केजरीवाल ही हैं। उन्हीं के इशारों पर ये घोटाला हुआ। गौरव भाटिया ने दावा किया कि शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा ने कबूला है दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक हुई थी। वहीं कमीशन तय हुआ था। सीएम आवास घोटाले का अड्डा हो गया। अरविंद केजरीवाल के इशारे पर संजय सिंह कहते हैं कि 32 लाख रुपए AAP को दो। केजरीवाल के कहने पर एक सांसद वसूली कर रहा है। अरविंद केजरीवाल की ऐसी सोच है, जो अपने सांसद और विधायक को भ्रष्टाचार के लिए मजबूर करते हैं, ताकि उनकी तिजोरी भरती रहे। भाटिया ने कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल को चुनौती देता हूं कि अगर उनमें हिम्मत है तो पीसी कीजिए और कहिए कि 32 लाख रुपए नहीं लिए। भाटिया ने चुटकी लेते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने 2015 में अरुण जेटली पर आरोप लगाए थे, फिर बाद में माफी मांग ली, यही उनकी आदत है।

इन पांच प्वाइंट से जानिए शराब नीति घोटाला आखिर क्या है
1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।
2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाला का आरोप लगा
8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।
3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया
एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया। 19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।
4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।
5. फरवरी 2023 को CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

 

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