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कोरोना के खिलाफ जंग में आप भी ले सकते हैं हिस्सा, सरकार ने मांगे वॉलंटियर्स

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कोरोना वायरस पूरे देश के सामने एक चुनौती की तरह खड़ा है, इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया है। इस दौरान तीन हफ्तों तक लोगों के अपने घरों में ही रहने की अपील की गई है। वहीं केंद्र सरकार ने एक वेबसाइट लांच कर कोरोना के खिलाफ जंग में आम लोगों से मदद करने की अपील भी की है।

कोरोना के खिलाफ आप भी ले सकते हैं जंग में हिस्सा
मोदी सरकार ने https://self4society.mygov.in/volunteer/ वेबसाइट लॉन्च की है। इस वेबसाइट पर लोग अपना अकाउंट बनाकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में हिस्सा ले सकते हैं।

अकेले व्यक्ति से लेकर समूह तक कर सकता है मदद

कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में एक अकेले व्यक्ति से लेकर कोई समूह या कंपनी भी शामिल हो सकती है। मोदी सरकार ने वेबसाइट में इस तरह के ऑप्शन दिए हैं, जिसमें कई तरह से लोग मदद के लिए आगे आ सकते हैं।

इस मदद के तहत आप जानकारी फैलाना, लॉजिस्टिक संभालना, लोगों को होम डिलिवरी करने से लेकर प्रशासन की मदद भी कर सकते हैं। वहीं वॉलंटियर्स कोरोना से निपटने के उपाय, सोशल डिस्टेंसिंग के तरीके, लोकल लेवल पर ग्रुप बनाकर जानकारी साझा करने जैसा काम भी कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर पूरे देश को भरोसा दिलाया है कि लॉकडाउन के दौरान घबराने की जरूरत नहीं है। आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की कोई कमी नहीं होगी। 

उधर जरूरी और खाने के सामान की सप्लाई बनी रहे, किसी को भी कोई परेशानी न हो इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को एक पत्र लिखा है। सामान की सप्लाई बनी रहे इसके लिए तुरंत ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने की बात कही गई है।

गृहमंत्रालय की ओर से राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे राज्य/जिला स्तर पर चौबीसों घंटे हेल्पलाइन की सुविधा के साथ नियंत्रण कक्ष/कार्यालय स्थापित करें और जल्द से जल्द हेल्पलाइन नंबर जारी करें, ताकि जरूरतमंद फोन पर इसकी जानकारी दे सके। लॉकडाउन का पूरी तरह से पालन किया जाए और लोग अपने घरों में बने रहें, इसके लिए उनकी परेशानियों को तुरंत दूर किया जाए। बाज़ार और दुकानों पर भीड़ न लगे इसके लिए घर के दरवाजे तक सामान पहुंचाने की सुविधा दी जाए। जनता से भी अपील की गई है कि वह बाहर निकलने के बजाए हेल्पलाइन नंबर की मदद ले।

दूसरी ओर बॉर्डर के इलाकों में उन लोगों का मूवमेंट बना रहे जो महत्वपूर्ण सेवाओं की कैटेगिरी में शामिल हैं, उनके लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए। जरूरी सामान की सप्लाई करने वाले लोगों की सुरक्षा हो और वह सही दामों पर लोगों को सामान मुहैया करवाएं इसका भी स्थानीय प्रशासन हर हाल में इंतज़ाम कराए।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते उत्पन्न स्थिति में तमाम आवश्यक वस्तुओं की बाजार में उपलब्धता लगातार बनाए रखने पर सरकार की नजर है। पासवान ने एक ट्वीट के जरिए कहा, ‘कोरोना (कोविड-19) के खतरे से उत्पन्न स्थिति में तमाम आवश्यक वस्तुओं की बाजार में उपलब्धता पर सरकार की लगातार नजर बनी हुई है और केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों के संपर्क में है ताकि कहीं भी किसी चीज की किल्लत न हो। सभी उत्पादकों और व्यापारियों से भी अपील है कि इस घड़ी में मुनाफाखोरी से बचें।’

मोदी सरकार ने सभी राज्यों से उनके यहां खाद्यान्न और अन्य आवश्यक जरूरतों के बारे में जानकारी ली हैं, ताकि समय पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा सकें। सरकार के पास खाद्यान्न, दालें, चीनी और तिलहन का पर्याप्त स्टॉक है। आधा दर्जन राज्यों ने अपने उपभोक्ताओं को एडवांस और मुफ्त में राशन आपूर्ति करने का ऐलान किया है।

सरकारी गोदामों में सालभर के खाद्यान्न की जरूरतभर अनाज पड़ा है। इसीलिए सभी राज्यों से कहा गया है कि वे चाहें तो पूरे छह महीने का अनाज एक बार में उठा सकते हैं। पिछले वर्ष 2018-19 में पूरे सालभर में 5.7 करोड़ टन अनाज (गेहूं व चावल) राशन दुकानों से वितरित किया गया।

खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अनाज के अलावा सरकार के गोदामों में 30 लाख टन दालों का बफर स्टॉक पड़ा हुआ है, जिसे सरकारी नोडल एजेंसी नैफेड संभाल रही है। इसमें आधे से ज्यादा स्टॉक चना का है, जिसे राशन की दुकानों से सीधे बांटा जा सकता है। अन्य दालों में अरहर, मसूर, मूंग और उड़द भी है। देश में खाद्य तेलों की जरूरतों के लिए तिलहन का 11 लाख टन का स्टॉक है, जिसे कभी भी तेल में तब्दील कराया जा सकता है। इनमें आठ लाख टन मूंगफली है, जबकि तीन लाख टन सरसों है।

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