वर्ष 2022 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने झूठ बोलने और झूठे वादों का पर्वत खड़ा करने में रिकार्ड कायम किया। इसके लिए उन्हें वर्ष 2022 का झूठा नंबर वन का खिताब मिलना चाहिए। अरविंद केजरीवाल पिछले आठ साल से यमुना की सफाई के झूठे वादे करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा था कि यमुना की सफाई कर पिकनिक स्पॉट बना देंगे। लेकिन हर साल छठ पर्व के अवसर पर जब यमुना में गंदगी और झाग दिखाई देता है तो लोग इसे मुद्दा बनाते हैं फिर केजरीवाल एक और झूठा वादा कर डालते हैं। दिल्ली में हर साल प्रदूषण काफी बढ़ जाती है तो लोगों का सांस लेना तक दूभर हो जाता है। इस प्रदूषण के फैलने में सबसे बड़ा योगदान पंजाब में पराली जाने को दिया जाता है। जब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी तब केजरीवाल पराली जलाने को लेकर कई सुझाव देते थे और अब जब वहां उनकी सरकार बन गई है तो अब कह रहे कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। इसी तरह पंजाब में पानी की गंभीर होती समस्या पर उन्होंने कहा था कि सरकार बनते ही इसका समाधान निकाला जाएगा, लेकिन अब सरकार बन जाने के बाद कह रहे यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। केजरीवाल ने इस साल गुजरात चुनाव के दौरान अपने झूठ बोलने का रिकार्ड बनाया। आईबी रिपोर्ट का हवाला हो, झूठ का सर्वे हो, टीवी चैनल पर लिखकर देने की बात हो या भाषण के दौरान झूठ बोलना, इसमें उनकी कोई सानी नहीं रही। उन्होंने यहां तक कह दिया गुजरात से पत्रकार मिलने आए थे, जबकि यह सरासर झूठ निकला। दिल्ली में देश का पहला वर्चुअल स्कूल खोले जाने का झूठ हो, ब्लड डोनेशन कैंप का फर्जी विज्ञापन हो या फिर कोरोना योद्धाओं को 1 करोड़ रुपये देने का झूठा वादा केजरीवाल ने अपने झूठ पर टिकी सियासत का विस्तार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और पिछले रिकार्ड तोड़ दिए।
केजरीवाल ने यमुना सफाई को लेकर झूठ बोलने का रिकार्ड तोड़ा
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पिछले 8 साल में 8 बार वादा किया कि यमुना नदी को इतना साफ कर देंगे की लोग डुबकी लगा सकेंगे। लेकिन इनकी नाकामी की वजह से आज भी यमुना मैली हैं और छठ घाट गंदे पड़े हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस साल दिल्ली सरकार छठ पूजा से पहले यमुना से झाग हटाने के लिए उसमें जहरीले रसायन का छिड़काव करवाया गया, जो यमुना में डुबकी लगाने वाले छठव्रतियों के लिए जानलेवा साबित हुआ। छठ से पहले दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने यमुना के छठ घाटों की सफाई और सुविधाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की थीं, लेकिन छठ महापर्व की शुरुआत के पहले ही दिन केजरीवाल के झूठ की पोल खुल गई। छठ से पहले दिल्ली में यमुना नदी में भारी प्रदूषण के साथ जहरीला झाग देखा गया। बाद में एलजी को दखल देना पड़ा और उन्होंने राजस्व और पर्यावरण विभाग को एनजीटी के आदेशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिये थे। उन्होंने यमुना को प्रदूषित होने से रोकने के लिए कड़ाई से नजर रखने की बात भी की थी। उधर केजरीवाल सरकार ने अपनी नाकामी छुपाने और लोगों को मूर्ख बनाने के लिए यमुना नदी के जहरीले झाग की सफाई का आदेश दिया। इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड की एक टीम ने नदी के सतह पर केमिकल का छिड़काव किया।
झूठे दिल्ली मॉडल की पोल खुलने के डर से केजरीवाल ने आरटीआई का ही गला घोंट दिया
केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी में उन्होंने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा सूचना का अधिकार कानून को लागू करने में विफल रहने की चर्चा की है। सीआईसी के इस खत के बाद उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव को जल्द से जल्द ऐक्शन लेने के लिए कहा। कितने अफसोस की बात है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बोलते थे कि वह RTI आंदोलन से आए हैं और जब सीएम बन गए तो आरटीआई का ही गला घोंट दिया। आखिर उन्हें किस बात का डर है? क्या आरटीआई से झूठे दिल्ली मॉडल की पोल खुलने का डर है? केंद्रीय सूचना आयुक्त द्वारा जिस गंभीर विषय को उजागर किया गया है उसे देखते हुए उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वो इस मामले में कानून के मुताबिक जल्द से जल्द ऐक्शन लें। इस खत में बताया गया है कि कुछ विभाग मसलन- रेवेन्यू, पीडब्लूडी, कोऑपरेटिव तथा स्वास्थ्य और इलेक्ट्रिसिटी से जुड़े कुछ ऐसे विभाग जो सीधे जनता से जुड़े हैं वो या तो आम जनता के सवालों को काफी दिनों तक टाल देते हैं या फिर सूचना देने से इनकार कर देते हैं। यह भी कहा गया है कि जनता को गुमराह करने के लिए गलत सूचनाएं भी दी जाती हैं। आयुक्त ने इस खत में यह भी कहा है कि जन सूचना अधिकारी कमिशन के पास उपस्थित नहीं होते और ना ही अपने किसी स्टाफ या अन्य कर्मचारियों को यहां भेजते हैं। इस खत के साथ-साथ सीआईसी ने कुछ ऐसे कागजात भी अटैच किये हैं जिससे पता चलता है कि सूचना देने में लापरवाही बरती गई या फिर गलत जानकारी दी गई।
30 सितंबर, 2022 को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी से सामने आया है कि दिल्ली सरकार ने सिर्फ ऐसे 17 परिवारों को एक करोड़ रुपए के मुआवजे को मंजूरी दी है जिन्होंने कोविड -19 रोगियों की देखभाल के दौरान अपनी जान गंवा दी थी। हालांकि, 27 सितंबर को केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था कि “28 कोरोना योद्धाओं” के लिए मुआवजे को मंजूरी दी गई है। आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया था कि “यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने 31 कोरोना योद्धाओं के परिवारों को समान अनुग्रह राशि दी है।“ इस तरह देखें तो जिन परिवारों को मुआवजे की मंजूरी मिली है उनकी संख्या 59 हो जाती है। बयान के मुताबिक अतिरिक्त 17 आवेदनों को मंजूरी देने का फैसला उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में हुई मंत्रियों के समूह की बैठक में लिया गया। हालांकि, आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार को केवल 54 आवेदन मिले हैं, जिनमें से 17 को मंजूरी दे दी है, सात आवेदनों को खारिज कर दिया है और 30 मामले लंबित हैं। यह जानकारी एक आरटीआई कार्यकर्ता कन्हैया कुमार द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगे गए सवालों के जवाब में सामने आई है। सरकारी रिकॉर्ड बताते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड -19 के कारण 177 स्वास्थ्य कर्मियों की मौत हो गई। इससे पहले आरटीआई से मिली जानकारियों से पता चला था कि 56 डॉक्टरों, 13 नर्सों, 16 पैरामेडिकल स्टाफ और 92 सफाई कर्मचारियों की महामारी ड्यूटी के दौरान कोविड से मृत्यु हो गई थी।
केजरीवाल ने कहा था- कोरोना योद्धाओं को दिए जाएंगे 1 करोड़ रुपये
अप्रैल 2020 में, केजरीवाल ने जोर देकर कहा था कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों की तुलना उन सैनिकों के साथ की जा सकती है जो देश की रक्षा कर रहे हैं। उनकी सेवाओं के सम्मान में, दिल्ली सरकार ने 1 करोड़ रुपये मुआवजे की घोषणा की थी। उन्होंने बताया था कि अन्य लोग भी हैं जो कोरोना रोगियों की देखभाल कर रहे हैं जिनमें पुलिसकर्मी, नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक, शिक्षक और अग्निशमन सेवा के कर्मचारी शामिल हैं। केजरीवाल ने कहा था, “अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित होता है और कोरोना मरीजों की देखभाल के दौरान उसकी मौत हो जाती है, तो उसके परिवारों को भी 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।” 13 मई, 2020 को जारी सर्कुलर के अनुसार, डॉक्टर, नर्स, पैरा-मेडिकल स्टाफ, सुरक्षा/स्वच्छता कर्मचारी, या पुलिस सहित कोई अन्य सरकारी कर्मचारी, चाहे अस्थायी या स्थायी कर्मचारी या किसी भी सरकारी या निजी क्षेत्र में संविदा वाला कोई भी व्यक्ति हो। दिल्ली सरकार द्वारा कोविड ड्यूटी के लिए तैनात, ड्यूटी के दौरान बीमारी से संक्रमित होकर अगर उसकी मृत्यु होती है तो उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाएगा। हालांकि इसकी घोषणा 2020 में की गई थी, लेकिन मुआवजे पर निर्णय लेने के लिए समिति का गठन 2022 में ही किया गया था, जब दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग स्टाफ ने जनवरी 2022 में मुआवजा देने में देरी का विरोध किया था। आखिरकार, केजरीवाल ने 1 फरवरी, 2022 को बीस महीने बाद घोषणा कि दिल्ली कैबिनेट ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत के साथ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में मंत्रियों के एक समूह के गठन को मंजूरी दी है जो मामलों की जांच करेगी और सिफारिशें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंजूरी के लिए भेजेगी। जून 2022 तक, दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने केवल 16 परिवारों को राशि वितरित की थी। दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली मुआवजा दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) द्वारा घोषित सहायता और मुख्यमंत्री कोविड -19 परिवार आर्थिक सहायता योजना के तहत दी गई सहायता के अतिरिक्त है।
अखबार में दिए हस्पताल का दौरा किया, यहाँ कोई भी दिल्ली सरकार द्वारा Blood Donation camp सुबह 10बजे आयोजन नहीं किया जा रहा, यहां तो नैशनल हेल्थ मिशन का 17Sept से 1 Oct.तक Voluntary Blood Donation Day मनाया जा रहा है, @ArvindKejriwal द्वारा शहीद के नाम पर मूर्ख बनाया जा रहा है @ANI pic.twitter.com/AfPimWnWRb
— Sanjay Makhija-आम इंसान (@SanjayM86792038) September 28, 2022
केजरीवाल का एक और झूठ, ब्लड डोनेशन कैंप के लिए दे दिया फर्जी विज्ञापन
देशभर में 28 सितंबर को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। वहीं दिल्ली सरकार ने इस अवसर पर 50 जगहों पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाने की घोषणा की थी। यह घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की थी। इसके लिए बाकायदा विज्ञापन भी दिया गया था और इसमें 49 जगहों पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाने की जानकारी दी गई है। अब इसमें बताए गए एक जगह का जब दौरा किया गया तो केजरीवाल के झूठ की पोल खुल गई। दरअसल इस लिस्ट में दिल्ली के जनकपुरी में स्थित माता चानन देवी अस्पताल का नाम भी था। वहां पाया गया कि नेशनल हेल्थ मिशन वहां पहले से ही 17 Sept से 1 Oct. तक ब्लड डोनेशन कैंप चला रही है। वहां केजरीवाल की तरफ से कोई कैंप नहीं लगाया गया। लेकिन इसके लिए अखबारों में लाखों-करोड़ों रुपये का विज्ञापन दे दिया गया। अब लोग कह रहे हैं कि केजरीवाल ने तो शहीदे आजम भगत सिंह को भी नहीं छोड़ा।
केजरीवाल का सफेद झूठ- गुजरात से पत्रकार मिलने आए
अरविंद केजरीवाल का एक और सफेद झूठ उजागर हुआ। केजरीवाल ने ट्वीट कर 14 अगस्त को कहा था कि आज गुजरात के पत्रकारों से मुलाकात हुई। उन्होंने कहा, ”आज गुजरात से कई पत्रकार बंधु दिल्ली आए। दिल्ली के स्कूल, मोहल्ला क्लिनिक और अस्पताल देख कर आए। आज मुझसे मुलाक़ात में बोले “सर, विरोधी चाहे जो बोलें, पर आपने स्वास्थ्य और शिक्षा में शानदार काम किया है।” लेकिन RTI से मिली जानकारी में केजरीवाल की पोल खुल गई। सीएम ऑफिस में की गई RTI से ज्ञात हुआ कि 14 अगस्त को मुख्यमंत्री ने ऐसी कोई भी मुलाकात नहीं की। यानी की गुजरात के पत्रकारों से मुलाकात की बात एक सफेद झूठ साबित हुई।
कल आम आदमी पार्टी के कार्यालय पर अहमदाबाद शहर पुलिस द्वारा रेड करने में आई, ऐसा समाचार सोशल मीडिया से ज्ञात हुआ है.
*इस प्रकार का कोई रेड अहमदाबाद शहर पुलिस के द्वारा करने में नहीं आई है*— Ahmedabad Police ?♀️અમદાવાદ પોલીસ (@AhmedabadPolice) September 12, 2022
केजरीवाल के एक और झूठ का पर्दाफाश: आम आदमी पार्टी दफ्तर पर गुजरात पुलिस ने नहीं मारी रेड
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक और झूठ का पर्दाफाश हो गया है। आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल 11 सितंबर 2022 को गुजरात पहुंचे नहीं कि उनकी पार्टी के नेता इसुदान गढ़वी ने ट्वीट किया कि केजरीवाल जी के अहमदाबाद पहुंचते ही आम आदमी पार्टी के अहमदाबाद ऑफिस पर गुजरात पुलिस की रेड। दो घंटे तलाशी लेकर चले गए। कुछ नहीं मिला। बोले फिर आएंगे। इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि गुजरात की जनता से मिल रहे अपार समर्थन से भाजपा बुरी तरह बौखला गई है। AAP के पक्ष में गुजरात में आंधी चल रही है। दिल्ली के बाद अब गुजरात में भी रेड करनी शुरू कर दी। दिल्ली में कुछ नहीं मिला, गुजरात में भी कुछ नहीं मिला। हम कट्टर ईमानदार और देशभक्त लोग हैं। हालांकि केजरीवाल का रेड वाला दावा जल्दी ही फुस्स हो गया। अहमदाबाद पुलिस ने केजरीवाल के झूठ का पर्दाफाश करते हुए बताया कि आम आदमी पार्टी के कार्यालय पर पुलिस ने कोई रेड नहीं मारी है। हैरानी की बात यह है कि जिस दफ्तर पर रेड की बात कही गई वो पिछले 2 महीने से बंद है और वो बिक्री या रेंट के लिए उपलब्ध है।
आज शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत हो रही है। आज देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली में शुरू। https://t.co/PIms2geisB
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 31, 2022
दिल्ली सरकार ने नहीं शुरू किया देश का पहला वर्चुअल स्कूल
अरविंद केजरीवाल ने 31 अगस्त, 2022 को दिल्ली में देश के पहले वर्चुअल स्कूल की शुरुआत करने का दावा किया। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी केजरीवाल का झूठ पकड़ा गया। दिल्ली से पहले बीजेपी की उत्तराखंड सरकार और मोदी सरकार वर्चुअल स्कूल खोल चुकी है। केजरीवाल के इस झूठ से उनके शिक्षा मॉडल पर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रांति की शुरुआत हो रही है। आज देश का पहला वर्चुअल स्कूल दिल्ली में शुरू। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आगे कहा कि हमें बाबा साहब का सपना पूरा करना है, देश के हर बच्चे तक अच्छी शिक्षा पहुंचानी है, दिल्ली के डिजिटल स्कूल में नौवीं क्लास के लिए एडमिशन शुरू हो गए हैं। इस वेबसाइट DMVS.ac.in पर जाकर बच्चे एडमिशन ले सकते हैं। जब अरविंद केजरीवाल के इस दावे की पड़ताल की गई, तो यह पूरी तरह से झूठा नकला। दरअसल दिल्ली में खोला गया वर्चुअल स्कूल देश का पहला वर्चुअल स्कूल नहीं है। सबसे पहले 2020 में बीजेपी शासित राज्य उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में देश के पहले वर्चुअल स्कूल की शुरुआत की थी। इस स्कूल के जरिये भारतीय ज्ञान परंपरा, वैदिक गणित, विज्ञान, भारतीय शास्त्रीय संगीत, संस्कृति, कला और परंपराओं की शिक्षा दी जा रही है। वर्चुअल होम स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम में अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों के लोग वर्चुअली जुड़े हुए थे।
अभी अभी केजरीवाल ने गुजरात में झूठ बोला
मैं केजरीवाल को चुनौती देता हूँ किन 10 लाख युवाओं को नौकरी दी, कौन से विभाग में नौकरी दी , लिस्ट सार्वजनिक करें
RTI के मुताबिक़ 7 सालों में केवल 3246 नौकरियाँ दिल्ली में दी गई
गुजरात के युवाओं से झूठ बोलने के लिए माफ़ी माँगे केजरीवाल pic.twitter.com/6WSVOwV61s
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) August 23, 2022
दिल्ली के 10 लाख बच्चों को नौकरी देने का दावा निकला झूठ
पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल ने दिल्ली में 10 लाख नौकरियां देने का दावा किया था। लेकिन झूठ की पोल खुल ही जाती है। RTI से मिली जानकारी में यह सामने आया कि दिल्ली में 7 सालों में केवल 3246 नौकरियां दी गई हैं। नौकरियां देने के मुद्दे पर केजरीवाल और उनके करीबी मनीष सिसोदिया ने कब क्या कहा, इस पर गौर फरमाइए- 21 फरवरी 2022 को केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 10 लाख नौकरी दी। 24 मार्च 2022 को केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 12 लाख युवाओं को नौकरी दी। इसके ठीक दो दिन बाद 26 मार्च 2022 को मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में 1.78 लाख युवाओं को नौकरी दी गई। इससे इनके झूठ का पता चलता है।
जब 6 बजे सुबह कोई स्कूल खुलता ही नहीं तो कोई जायेगा क्यों ?
सिसोदिया की तरह झाड़ू लगाने ? https://t.co/2eJDCXqLtO— Social Tamasha (@SocialTamasha) August 23, 2022
सिसोदिया को लेकर केजरीवाल ने बोला झूठ- सुबह 6 बजे स्कूल का दौरा करने की बात कही
अमेरिका के अखबार न्यूयार्क टाइम्स में पेड न्यूज छपवाकर सरकार पर लगे दाग को साफ करने की जुगत से लेकर, सिसोदिया को भारत रत्न देने की बात कह कर केजरीवाल तमाम प्रयास कर रहे थे कि उनकी सरकार पर लग रहे दाग को छिपाया जा सके। यही नहीं वे झूठे वादे से लेकर ऐसी बातें भी कर बैठते हैं जिस पर लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाते। गुजरात के भावनगर में केजरीवाल ने कहा, ”आज मैं अपने साथ देश ही नहीं दुनिया के सबसे अच्छे शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया को लेकर आया हूं। इन्हें(BJP) लगता है दुनिया में सबकुछ बिकता है। 75 साल के इतिहास में एक भी शिक्षामंत्री का नाम मुझे बता दे कोई जो सुबह 6 बजे स्कूलों को दौरा करता हो?” इसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि सुबह 6 बजे कौन सा स्कूल खुलता है।
Punjab के एक Auto Driver के Invitation पर CM @ArvindKejriwal जी उसी की ऑटो में बैठ कर उनके घर खाना खाने पहुँचे! pic.twitter.com/XDcaquwj5s
— AAP (@AamAadmiParty) November 22, 2021
केजरीवाल ने ऑटो चालक के घर डिनर को लेकर बोला झूठ
केजरीवाल ने दिल्ली की तरह पंजाब में भी ऑटो पॉलिटिक्स कर लोगों को झांसा दिया था। लेकिन लुधियाना में उनकी ऑटो पॉलिटिक्स की सच्चाई सामने आ गई। दरअसल, जिस ऑटो चालक ने केजरीवाल को डिनर के लिए बुलाया था, वो आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता निकला। केजरीवाल को खाने पर निमंत्रण देने वाले दिलीप कुमार तिवारी उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले हैं और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैडल से ट्वीट किया गया कि पंजाब के एक सामान्य ऑटो ड्राइवर के निमंत्रण पर सीएम अरविंद केजरीवाल जी उसी की ऑटो में बैठ कर उनके घर खाना खाने पहुंचे।
घर से निकलते ही…… कुछ दूर चलते ही @ArvindKejriwal pic.twitter.com/OqWfHwgVQ4
— Social Tamasha (@SocialTamasha) September 7, 2022
पंजाब चुनाव से पहले कहा- 24 घंटे पानी का इंतजाम करेंगे, चुनाव बाद कहा- यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी
झूठ बोलने और यूटर्न में रिकार्ड बनाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम एक और झूठ जुड़ गया है। केजरीवाल को वचन देना आता है और जब पूरा करने की बारी आती है तो पीएम नरेंद्र मोदी की याद आ जाती है। पंजाब चुनाव से पहले उन्होंने कहा था पंजाब के कई जिलों में पानी की किल्लत है। हम सत्ता में आएंगे तो 24 घंटे पानी का इंतजाम करेंगे। लेकिन अब चुनाव के बाद कह रहे हैं पानी की समस्या दूर करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर के मुद्दे पर बुरी तरह घिर चुकी आम आदमी पार्टी के मुखिया ने अब पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह इसका समाधान करें।
जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अख़बार NYT के फ़्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ़ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी
CBI का स्वागत है। पूरा cooperate करेंगे। पहले भी कई जाँच/रेड हुईं। कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा https://t.co/oQXitimbYZ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 19, 2022
पकड़े गए केजरीवाल के झूठ, पैसे देकर न्यूयॉर्क टाइम्स और ख़लीज टाइम्स में छपवाए गए लेख
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी की पूरी राजनीति ही झूठे वादे, चोरी, यूटर्न, नौटंकी, विज्ञापन और पेड न्यूज पर टिकी हुई है। केजरीवाल ने अपनी राजनीति को चमकाने और सरकार में आने के लिए पहले झूठे आरोप और नौटंकी का सहारा लिया। दिल्ली की सरकार में आने के बाद विज्ञापन और पेड न्यूज का सहारा ले रहे हैं। इसके तहत केजरीवाल देश के बिके हुए कुछ पत्रकारों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया पर खूब पैसे लुटा रहे हैं। अपनी फर्जी खबरों के माध्यम से जनता और जांच एजेंसियों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स और ख़लीज टाइम्स में प्रकाशित लेख ने केजरीवाल को एक बार फिर बेनकाब कर दिया है। दरअसल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 19 अगस्त, 2022 की सुबह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अख़बार NYT के फ़्रंट पेज पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ़ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने CBI भेजी।” इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर केजरीवाल की पोल खोलने की मुहिम शुरू हो गई। लेकिन खुद केजरीवाल ने न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपने के पीछे की सच्चाई को दुनिया के सामने ला दिया। उन्होंने कहा, “अमेरिका दुनिया का सबसे अमीर देश है। और अमेरिका का सबसे बड़ा अखबार है- न्यूयॉर्क टाइम्स। न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपवाने के लिए…छपने के लिए… बड़ा मुश्किल होता है न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपना।” इस बयान से केजरीवाल की चोरी पकड़ में आ गई।
दिल्ली में एक साल में नहीं खुला एक भी अस्पताल
एक आरटीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। आरटीआई से खुलासा हुआ है कि आम आदमी पार्टी सरकार के मुखिया केजरीवाल ने दिल्ली में अस्पताल बनाने के जो वादे किए थे, वो सिर्फ वादे ही रहे। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने अपने वादों को अभी तक पूरा नहीं किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक साल पहले 2021 में एक कार्यक्रम के दौरान वादा किया था कि उनकी सरकार सात अस्पताल बनाने जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 6800 बेड की क्षमता वाले ये अस्पताल 6 महीनों में बन कर तैयार हो जाएंगे। लेकिन साल भर से ज्यादा होने के बाद भी एक भी अस्पताल नहीं बने हैं।
I had filed an RTI to check the claim of @ArvindKejriwal, who said that 7 hospitals have been constructed in last six months.
RTI reveals 0 (ZERO) hospitals have been built in last six months.?? pic.twitter.com/tovW9ab632
— Amit Kumar (@AMIT_GUJJU) August 2, 2022
इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अमित कुमार नाम के एक शख्स ने आरटीआई फाइल करके पूछा कि दिल्ली में 1 जुलाई, 2021 से जुलाई, 2022 के बीच कितने अस्पताल बने हैं। आरटीआई का जवाब देते हुए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के जनसूचना अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से इस दौरान एक भी अस्पताल नहीं बनाए गए हैं।
मोदी सरकार का घटिया चेहरा देश के सामने आ चुका है।
क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते?
भारत के इतिहास में पहली बार “सेना भर्ती “ में जाति पूछी जा रही है।
मोदी जी आपको “अग्निवीर” बनाना है या “जातिवीर” pic.twitter.com/fxgBre38Ft— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 19, 2022
केजरीवाल के करीबी आप नेता संजय सिंह ने सेना भर्ती पर फैलाया फेक न्यूज
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी व आम आदमी पार्टी के नेता और राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने मोदी विरोध के लिए सेना भर्ती को लेकर फेक न्यूज फैलाया। उन्होंने सेना भर्ती में जाति का मुद्दा उठाया है और केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक स्क्रीनशॉट शेयर कर दावा किया है कि भारत के इतिहास में पहली बार ‘सेना भर्ती’ में जाति पूछी जा रही है। अब इसे तो उनकी नासमझी ही कही जाएगी कि सेना भर्ती में जो नियम भारत की आजादी से पहले से चला आ रहा है और जिसमें मोदी सरकार ने कोई बदलाव ही नहीं किया है तो उस नियम को उठाने का क्या मतलब? यानी ऐसा करके संजय सिंह ने ‘आ बैल मुझे मार’ को ही न्योता दिया है। सोशल मीडिया पर संजय सिंह की जमकर खिंचाई हो रही है। ट्विटर पर एक यूजर दैट मरीन गाय ने लिखा- कुछ भी बोलना है मतलब। ये 2013 में याचिका भी डाली गई थी। सेना ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर भर्ती नहीं करती है, बल्कि प्रशासनिक सुविधा और परिचालन आवश्यकताओं के लिए रेजिमेंट में एक क्षेत्र से आने वाले लोगों के समूह को उचित ठहराती है।
Father retired from IAF in 1985, his Discharge Certificate clearly mentions- Hindu, Kayastha. Why these idiots like Tejaswi and Sanjay Singh allowed to wade into the Army and defence space? One of the PIL is filed by ML Sharma, the publicity hungry lawyer. #AgnipathScheme
— saket साकेत ಸಾಕೇತ್ ?? (@saket71) July 19, 2022
ट्विटर पर साकेत ने लिखा कि मेरे पिता 1985 में वायुसेना से सेवानिवृत्त हुए, उनके डिस्चार्ज सर्टिफिकेट में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है- हिंदू, कायस्थ। तेजस्वी और संजय सिंह जैसे मूर्खों को सेना और रक्षा क्षेत्र पर बोलने की अनुमति क्यों दी गई? इनमें से एक जनहित याचिका प्रचार के भूखे वकील एमएल शर्मा ने दायर की है।
गुजरात में AAP के उम्मीदवार ने खोली केजरीवाल एंड कंपनी के झूठ की पोल
गुजरात में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कंचन जरीवाला की गुमशुदगी और नामांकन वापसी ने सियासी हलचल पैदा कर दी थी। लेकिन इस सियासी ड्रामे का पटाक्षेप खुद कंचन जरीवाला ने आम आदमी पार्टी के झूठ से पर्दा हटाकर कर दिया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा बीजेपी पर अपहरण के झूठे आरोपों को खारिज करते हुए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं पर चुनाव प्रचार के लिए पैसे मांगने और आम आदमी पार्टी पर गुजरात और देश विरोधी होने का आरोप लगाया है। दरअसल सूरत ईस्ट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कंचन जरीवाला अपना नामांकन पत्र वापस लेने के लिए पुलिस सुरक्षा के बीच चुनाव अधिकारी के कार्यालय पहुंचे। नामांकन वापस लेने के बाद उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि उन्हें अपनी ही पार्टी से जान का खतरा है। उन्होंने अपना बयान भी जारी किया कि उन्होंने किसी के दवाब में नहीं बल्कि स्वेच्छा से अपना नामांकन वापस लिया। बीजेपी ने मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं डाला और न ही मैंने किसी के दबाव में अपना नामांकन वापस लिया। मेरा अपहरण नहीं हुआ था। मैं अपने बेटे के दोस्तों के साथ चला गया था।
केजरीवाल ने झूठ कहा- IB की रिपोर्ट के अनुसार आप की सरकार गुजरात में बनने जा रही
गुजरात में चुनाव प्रचार करते हुए अरविंद केजरीवाल और उनके नेताओं ने दावा किया था कि गुजरात में आप ही सरकार बनाने जा रही है। केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में लिखकर दिया था कि गुजरात में AAP की सरकार आ रही है। इतना ही नहीं, केजरीवाल ने अपने भाषण में जिक्र किया था कि IB की रिपोर्ट के अनुसार आप की सरकार गुजरात में बनने जा रही है। यही वजह है कि आप के नेताओं को केंद्र सरकार फंसा रही है और परेशान कर रही है। गुजरात में भाजपा को मिली भारी जीत ने केजरीवाल के इस झूठ पर से पर्दा उठा दिया।
केजरीवाल ने झूठ कहा- बीजेपी ने ऑफर दिया, गुजरात चुनाव में नहीं जाओगे तो सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को छोड़ दिया जाएगा
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुजरात चुनाव के दौरान कहा था कि उन्हें बीजेपी ने ऑफर दिया है। सीएम केजरीवाल ने कहा था कि भाजपा ने उन्हें ऑफर दिया था कि अगर गुजरात चुनाव में नहीं जाओगे तो सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया को छोड़ दिया जाएगा और उनके केस बंद हो जाएंगे। भाजपा ने आप संयोजक के इस झूठ को खारिज कर दिया। भाजपा प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने इसे झूठ बताया। उन्होंने कहा कि यह लोगों को गुमराह करने और भाजपा की छवि खराब करने के लिए महज एक बयान है।