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Year Ender 2022: पीएम मोदी के VISION से निकली इन TOP योजनाओं ने देश को ताकत, तेजी, समृद्धि और नई दिशा दी, डिजिटल क्रांति और युवाओं को समर्पित रहा साल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंत्र “सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास” सिर्फ एक नारा ही नहीं है, बल्कि यह संविधान की मूल भावना का सबसे सशक्त प्रकटीकरण है। यही वजह है कि संविधान के लिए समर्पित मोदी सरकार, विकास में किसी तरह का भेद नहीं करती और गरीब-वंचित, पिछड़े-कमजोर, महिलाएं-बच्चे, युवा और श्रमिक हर वर्ग के उत्थान के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लाती रही है। आज गरीब से गरीब को भी क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर तक वही पहुंच मिल रही है, जो कभी साधन संपन्न लोगों तक सीमित थी। पीएम मोदी का आज लद्दाख, अंडमान और नॉर्थ ईस्ट के विकास पर देश का उतना ही फोकस है, जितना दिल्ली-मुंबई और चेन्नई जैसे मेट्रो शहरों पर है। पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने हर वर्ग, हर क्षेत्र को ध्यान में रखा और जनकल्याण से जुड़ी कई योजनाएं बनाई जिसका परिणाम यह हुआ कि आज पूरी दुनिया भारत को आशाभरी नजरों से देख रही है।नई योजनाओं ने डिजिटल इंडिया मिशन और इन्नोवेटिव युवाओं को नए अवसर दिए
पीएम का मानना है कि देश का गरीब जब देश की मुख्यधारा से जुड़ता है, तो उसकी दुनिया बदल जाती है। आज विभिन्न जनहितकारी योजनाओं से सबको वही सुविधा मिल रही है, जितनी पहले कुछ खास लोगों को मिलती थी। पीएम मोदी सरकार ने विकास में भेदभाव को खत्म कर दिया है। सबको साथ लेकर सबके विकास का ही सुफल है कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिल रहा है। G20 की अध्यक्षता कर भारत ने यह साबित कर दिया है कि भारत के पास विकसित देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की पूरी क्षमता है। पीएम मोदी की विजनरी सोच से इस साल कई योजनाएं दीं, जिन्होंने देश को ताकत, तेजी, समृद्धि और नई दिशा दी। इन योजनाओं ने डिजिटल इंडिया के मिशन और इन्नोवेटिव युवाओं को नए अवसर दिए हैं। केंद्र सरकार ने हर वर्ग के लिए वर्ष 2022 में कई उपलब्धियां हासिल कीं, जो आने वाले वर्षों के लिए मील का पत्थर साबित होंगी।सेना में युवाओं को भर्ती करने के लिए एक शानदार ‘अग्निपथ योजना’ लागू की
केंद्र सरकार ने देशभक्ति के जज्बे को बढ़ाने और सेना में युवाओं को भर्ती करने के लिए एक शानदार ‘अग्निपथ योजना’ लागू की। इससे देश के लाखों युवाओं का थल सेना, नौसेना और वायुसेना सेना में भर्ती होने का सपना साकार होगा। अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा। सेना में शामिल होने वाले युवा चार साल तक सेवा करने के बाद मोटी रकम के साथ रिटायर होंगे। इसके अलावा, सरकार उनके आगे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उन्हें डिप्लोमा और सर्टिफिकेट से नवाजा जाएगा। साथ ही कोरपोरेट समेत अन्य क्षेत्र में काम करने के लिए उनकी मदद भी की जाएगी। भर्ती होने वाले युवाओं को ट्रेनिंग की जाएगी और फिर अलग-अलग फील्ड में तैनात किया जाएगा। सशस्त्र बलों के पास स्पेशल वर्क के लिए स्पेशलिस्ट युवाओं की भर्ती करने का ऑप्शन भी होगा। अग्निपथ योजना के तहत शुरुआती वेतन 30,000 रुपये दिया जाएगा. सर्विस के चौथे साल में इसे बढ़ाकर 40 हजार रुपये कर दिया जाएगा। चार साल बाद सैनिकों को 10 लाख से 12 लाख रुपये टैक्स फ्री दिए जाएंगे। इस योजना से देश का युवा सशक्त होगा और आत्मनिर्भर बनेगा।

प्रोजेक्ट में स्पीड के लिए 107 लाख करोड़ की पीएम गतिशक्ति परियोजना की शुरूआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल पीएम गतिशक्ति परियोजना की शुरुआत की। पीएम गति शक्ति परियोजना का उद्देश्य देश के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के विकास पर जोर देना है। यह प्रोजेक्ट 107 लाख करोड़ का है, जिसकी मदद से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नया रूप दिया जा रहा है। योजना के अंतर्गत रेल और सड़क सहित कुल 16 मंत्रालयों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर बड़ी परियोजनाओं के लिए समन्वय स्थापित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य परियोजना में आने वाली रुकावटों को दूर करना है, ताकि प्रोजेक्ट में कोई देरी ना हो। इस परियोजना के अंतर्गत अगले तीन सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनें बनाई जाएंगी। वहीं 100 पीएम गति शक्ति कॉर्गो टर्मिनल को भी तैयार किया जाएगा। इस कड़ी में भारत में त्‍वरित गति से 5जी लॉन्‍च को सक्षम बनाने के लिए गतिशक्ति संचार पोर्टल भी लॉन्च किया गया। जिससे डिजिटल इंडिया मिशन को आगे ले जाने में काफी बल मिला। पीएम गतिशक्ति योजना से भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास होगा और देश में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इस कारण रोजगार के नए अवसर देश में खुलेंगे और भारत विकास की एक नई रफ्तार पकडे़गा।नेशनल एयर स्पोर्ट्स पॉलिसी-2022: युवाओं और स्पोर्ट्स कल्चर को मिलेगा बढ़ावा
एयर स्पोर्ट्स कल्चर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश में पहली नेशनल एयर स्पोर्ट्स पॉलिसी-2022 लॉन्च की गई। स्पोर्ट्स कल्चर को बढ़ावा देने से स्पोर्ट्स टूरिज़्म को भी बढ़ावा मिला। केंद्र सरकार की योजना वायु खेल सेक्टर को सुरक्षित, किफायती, सुलभ, आनंददायक और टिकाऊ बनाकर इसे बढ़ावा देने की है। इसके अलावा 2030 तक भारत को शीर्ष वायु खेल देश बनाना भी केंद्र सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री मोदी खेल प्रतिभाओं के निखारने के लिए वैसे भी प्रोत्साहित करते रहते हैं। उन्हीं के प्रोत्साहन का फल है कि इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स के अलावा कई खेलों में मेडल जीतकर और बेहतरीन प्रदर्शन करके युवा खिलाड़ियों ने भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया है।

विदेश व्यापार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने NIRYAT पोर्टल लॉन्च किया
केंद्र की मोदी सरकार का फोकस इकोनॉमी में विदेशी व्यापार का योगदान बढ़ाने पर रहा है। इस दिशा में सरकार पहले भी कई सुधार कर चुकी हैं। इस साल केंद्र सरकार ने विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए निर्यात पोर्टल को लॉन्च किया। इस पोर्टल पर भारत के विदेशी व्यापार यानी आयात और निर्यात से जुड़ी सारी जानकारियां एक ही जगह पर उपलब्ध होने लगी हैं। इसे विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। निर्यात पोर्टल की बात करें तो यह विदेशी व्यापार से जुड़े सभी पक्षों के लिए सूचनाओं का वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म होगा। इसका पूरा नाम नेशनल इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट रिकॉर्ड फॉर एनालिसिस ऑफ ट्रेड (National Import-Export Record for Yearly Analysis of Trade) है। मोदी सरकार के दौरान भारत का निर्यात तेजी से बढ़ा है। आंकड़ों के अनुसार, मई 2022 में भारत ने 37.29 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया। साल भर पहले यानी मई 2021 में भारत ने 32.30 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया था। भारत ने पहली बार किसी एक फाइनेंशियल ईयर (FY22) में 400 बिलियन डॉलर से ज्यादा के निर्यात का लक्ष्य भी हासिल किया है।राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की शुरुआत: आत्मनिर्भर भारत को एक नई उड़ान मिली
प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल अपने जन्मदिवस पर देश को एक बड़ी सौगात दी। पीएम ने नई राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का शुभारंभ किया, जो कारोबार जगत के लिए मील का पत्थर साबित होगी। दुनिया अब भारत को नए रूप में देख रही है और स्वीकार कर रही है। विकास की ओर बढ़ते भारत को यह नीति एक नई दिशा देगी। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद कारोबार जगत को बहुत बड़ा फायदा होगा जो निचले स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक आत्मनिर्भर भारत को नई उड़ान देगा। इस नीति के लागू होने के बाद सामानों की सप्लाई में आने वाली समस्याओं को हल करने में मदद मिलेगी और साथ ही माल ढुलाई में होने वाली ईंधन की खपत को कम करने की दिशा में भी फायदा होगा। फिलहाल भारत में माल ढुलाई के लिए ज्यादातर सड़क, जल परिवहन और फिर हवाई मार्ग का इस्तेमाल होता है। भारत अपनी जीडीपी का 13-14 प्रतिशत माल ढुलाई पर खर्च करता है, जबकि जर्मनी और जापान जैसे देश इसी के लिए 8-9 फीसदी ही खर्च करते हैं। इस पॉलिसी के लागू होने से लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को भी मजबूती मिलेगी और इस पर खर्च भी कम हो जाएगा।रोजगार मेला लॉन्च: 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने की बंपर योजना
भारत के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रोजगार मेले की शुरुआत की गई। बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए इस साल 22 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी ने रोजगार मेला की लांचिंग की। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार मेले का शुभारंभ किया। 10 लाख लोगों को रोजगार मेला के अंतर्गत सरकारी नौकरी देने की योजना निर्मित की गई है। इस अभियान के पहले चरण में 75 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इनकी नियुक्तियां अलग-अलग सरकारी मंत्रालयों और विभागों में हुई हैं। सरकार के द्वारा 18 महीने में सभी 10 लाख लोगों को नौकरी दी जाएगी। इस तरह के आयोजन से देश के युवाओं को नये अवसर प्राप्त हुए। आज भारत का गरीब से गरीब युवा भी एक सही दिशा में प्रशिक्षित होकर विश्व की बदलती तकनीक के साथ गतिशील बन रहा है, ताकि वे कहीं भी रोजगार पाने में पूर्ण रूप से सक्षम हों।पीएम मोदी ने की डिजिटल इंडिया ‘भाषिणी’ और ‘डिजिटल ज्योत’ मुहिम की शुरुआत
पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को विशेष श्रद्धांजलि देने के लिए इस साल ‘डिजिटल ज्योत’ मुहिम की शुरुआत की है। इस मुहिम के जरिए कोई भी व्यक्ति देश के वीरों को दिल्ली के कनॉट प्लेस पर ‘स्पेशल ट्रिब्यूट’ दे सकता है। इससे देश के वीर सैनानियों के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना में बढ़ोत्तरी होगी। इसके अलावा इस साल डिजिटल इंडिया भाषिणी की भी शुरूआत की गई। यह नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में डिजिटल पहल से जोड़कर सशक्त बनाएगी। भाषिणी का लक्ष्य है कि सभी भारतीयों को इंटरनेट और डिजिटल सेवाएं उनकी भाषा में आसानी से उपलब्ध हो सकें और भारतीय भाषाओं में सामग्री की वृद्धि हो।

 

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