Home उपलब्धियां 2019 वर्षांत विशेष : 2019 में भी जरूरतमंदों के संकटमोचक बने पीएम मोदी

वर्षांत विशेष : 2019 में भी जरूरतमंदों के संकटमोचक बने पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मानवता में विश्वास करते हैं और लोगों की सेवा करना अपना पहला कर्तव्य मानते हैं। यही कारण है कि वह देश के एक सौ तीस करोड़ लोगों की उम्मीद और भरोसे का प्रतीक बने हुए हैं। देशवासियों के भरोसे को बनाए रखने के लिए वह निरंतर काम करते हैं। मसला कोई भी हो, उनके संज्ञान में आते ही वह त्वरित रूप से मदद के लिए आगे आते हैं। 2019 में भी कई ऐसे अवसर सामने आए, जब पीएम मोदी ने जरूरतमंदों की मदद की और उनकी परेशानियों को दूर कर उनकी जिंदगी को खुशहाल बनाया।

सुनी बेबस पिता की पुकार

जून 2019 में प्रधानमंत्री मोदी आगरा के एक बेटी की पिता के लिए संकटमोचक बनकर सामने आए। आगरा के दौहरई, कुबेरपुर के रहने वाले सुमेर सिंह की बेटी ललिता दो साल से एक गंभीर बीमारी अप्लास्टिक एनीमिया से पीड़ित है। बेटी के इलाज के लिए सुमेर सिंह ने अपनी जमीन बेच दी। घर गिरवी रख दिया। लेकिन ललिता ठीक नहीं हो पाई। आखिर में ललिता को जयपुर स्थित सवाई मान सिंह अस्पताल में दिखाया गया। जहां के डॉक्टरों ने सिर्फ ऑपरेशन के लिए दस लाख रुपये का खर्च बताया, लेकिन परिवार के पास रुपए नहीं थे। थक-हारकर इस पिता ने प्रधानमंत्री मोदी से मदद की गुहार लगाई। पीएम मोदी ने इनकी गुहार सुनी और ललिता के इलाज के लिए तीस लाख रुपये मंजूर किए। 

केरल के दिव्यांग मोहम्मद असीम को मिली राहत

केरल के कोझिकोड जिले में बिना हाथों के पैदा हुआ दिव्यांग मोहम्मद असीम पिछले दो वर्षों से अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए लोगों से मदद के लिए संपर्क कर रहा था। असीम ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखा। तत्कालनी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की। सभी ने मदद करने का वादा किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सारी कोशिशें नाकाम रहने पर दिव्यांग असीम ने अपने घर से राज्य सचिवालय तक विरोध मार्च शुरू किया। मार्च 2019 में पीएम मोदी को जब इसके बारे में पता चला तो उन्होंने तत्काल पीएमओ से असीम को मदद के लिए कहा। पीएमओ से मदद मिलने से असीम के परिवार वाले काफी खुश हुए।

एक पत्र ने बदल दी रिक्शा चालक की जिंदगी

फरवरी 2019 में बिहार के खगड़िया जिले के गोगरी जमालपुर के एक गरीब रिक्शा चालक शंभू पासवान की पत्नी का इलाज भी प्रधानमंत्री मोदी की पहल से संभव हो सका। एक बार पत्नी के बीमार पड़ने पर शंभू पासवान ने इलाज के लिए उसे गोगरी रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन अस्पताल में लिखी गई दवा नहीं मिली। शंभू ने इलाज के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा। प्रधानमंत्री मोदी ने मामले का संज्ञान लेते हुए अस्पताल को इलाज की पूरी व्‍यवस्‍था करने का निर्देश दिया। 

आइए एक नजर डालते हैं, 2019 से पहले पीएम मोदी कब – कब जरूरतमंदों के संकटमोचक बने…

कैंसर पीड़ितों को मिली मदद

मार्च 2018 में पश्चिम वर्धमान (पश्चिम बंगाल) के रानीगंज की कैंसर पीड़ित महिला सुनैना साव के इलाज के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने एक लाख 70 हजार रुपए की मदद की । इसके अलावा इसी क्षेत्र के बराकर, कुल्टी में कैंसर पीड़ित दो साल के बच्चे अरिजित गोराई को प्रधानमंत्री मोदी ने इलाज के लिए 3 लाख रुपए के ग्रांट को मंजूरी दी। ग्रांट मंजूरी की जानकारी बंगाल से सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट पर दी।

पीएमओ की आर्थिक मदद से हुआ इलाज

मार्च 2018 में देहरादून के डोईवाला क्षेत्र के दुधली गांव के 11 वर्षीय आशुतोष को डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उसके दिल में छेद है। इसके इलाज के लिए एक लाख से अधिक का खर्च होगा। आशुतोष के पिता मजदूरी करते हैं। उनके लिए यह रकम जुटाना मुश्किल था। एक समाजसेवी की मदद से पीएम मोदी को पत्र लिखा। उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से 50 हजार रुपए की मदद मिली। मदद से खुश आशुतोष ने प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद कहा।

दिल्ली के सुरेन्द्र कुमार के पत्र का जवाब

अगस्त 2017 में पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी थाना क्षेत्र के झील खुरंजा में रहने वाले सुरेंद्र कुमार ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में बेटी के ब्याह के लिए संजोकर रखी संपत्ति चोरी होने की पीड़ा बयां की। वह थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने मामला तक दर्ज नहीं किया। प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखने के बाद एफआईआर दर्ज की गई, उसकी समस्या का समाधान किया गया।

जब अनाथ बच्चों को मिली मदद

जून 2017 में कोटा के अनाथ आश्रम मधु स्मृति संस्थान में रहने वाले दो अनाथ बच्चों सूरज और सलोनी बंजारा को उस समय खुशियों का ठिकाना ना रहा, जब पीएमओ की ओर से एक चिट्ठी मधु स्मृति संस्थान पहुंची। इस चिट्ठी में पीएम मोदी ने बच्चों को तोहफे के रूप में प्रधानमंत्री विवेकाधीन कोष से 50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की । इसके साथ ही पीएम सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत दोनों बच्चों का बीमा भी किया गया।

कैंसर पीड़ित अवतार सिंह के लिए पीएम मोदी बने भगवान

मई 2017 में इलाज के लिए दर-दर भटक रहे एक गरीब ड्राइवर की पुकार सुन ली गई । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कैंसर से जूझ रहे ड्राइवर अवतार सिंह के इलाज के लिए तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद की मंजूरी दी।

बेटे के इलाज के लिए भटक रही मां को मिली राहत

ऋषिकेश के सर्वहारानगर काले की ढाल की निवासी संतोष रस्तोगी अपने 20 साल के बेटे विशाल के इलाज के लिए कई जगह गुहार लगा चुकी थी। हारकर संतोष मोबाइल फोन से प्रधानमंत्री मोदी को अपनी फरियाद भेजी।  पीएमओ ने एसडीएम को तुरंत महिला के बेटे के इलाज की व्यवस्था कराने को कहा। संतोष ठेला लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करती है।

पीएम मोदी ने बचाई आठ साल की बच्ची की जान

मई 2017 में असम की आठ साल की बच्ची लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थी और उसे इलाज के लिए जल्द से जल्द दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में शिफ्ट करना था। बच्ची के परिजन ने मदद के लिए दिल्ली पुलिस और प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट किया। मैसेज मिलते ही पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से ट्रैफिक फ्री पैसेज देने का आदेश दिया। इसके बाद पीएमओ ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर बच्ची के एंबुलेंस के लिए फ्री पैसेज तैयार कर लिया। जिससे बच्ची समय से पहले अस्पताल पहुंच सकी। 13 किलोमीटर का रास्ता सिर्फ 14 मिनट में तय कर बच्ची को अस्पताल में भर्ती करा लिया गया।

नन्ही परी ऋद्धि को 3 लाख रुपये की मदद

मार्च 2017 में बुलंदशहर की कैंसर पीड़ित नन्ही बच्ची ऋद्धि को प्रधानमंत्री मोदी ने 3 लाख रुपए की मदद दी। बुलंदशहर के हाजीपुर गांव के रहने वाले ऋद्धि के पिता प्रयमेंद्र दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे, लेकिन अपनी इकलौती बेटी को कैंसर से निजात दिलाने के संघर्ष में उनकी नौकरी चली गई। जिसके बाद प्रयमेंद्र ने बेटी के इलाज के लिए पीएम मोदी से मदद मांगी।

ट्रैफिक संचालिका डोरिस फ्रांसिस को मिली मदद

कैंसर पीड़ित एनएच 24 की ट्रैफिक संचालिका डोरिस फ्रांसिस को प्रधानमंत्री राहत कोष से लीन लाख रुपए की सहायता मिली। पीएमओ के अधिकारी पीके बाली ने फेडरेशन ऑफ एओए के संस्थापक आलोक कुमार को फोन कर डोरिस को भविष्य में हर तरह की मदद करने का भी आश्वासन दिया। 

पार्थ के सारथी बने पीएम मोदी

डीजेनरेटिव ब्रेन नामक बीमारी से पीड़ित 12 साल के पार्थ के पिता अपने बच्चे की इलाज में अपनी पूरी जमा-पूंजी खर्च कर चुके थे, लेकिन फिर भी पार्थ को सही इलाज नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में हर जगह हार मान चुके पार्थ के पिता को एक ही उपाय नजर आया और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा। पीएम मोदी ने पत्र पढ़कर तुरंत स्वास्थ्य मंत्री को पार्थ के इलाज की उचित व्यवस्था कराने को कहा।

रोहित के लिए संकटमोचक बने पीएम मोदी

ऐसे समय में जब 14 साल के रोहित के परिवार को मदद की सख्त जरूरत थी, प्रधानमंत्री मोदी ने महज एक खबर का संज्ञान लेकर उन्हें ये मदद पहुंचाई। हिंदुस्तान टाइम्स अखबार में खबर आने पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एम्स में रोहित का इलाज कर रहे डॉक्टर से बात की। जिसके तुरंत बाद 13 फरवरी को रोहित के इलाज और पोर्टेबल वेंटिलेटर खरीदने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष से दो लाख रुपए जारी कर दिए गए। प्रधानमंत्री मोदी से मदद पाकर रोहित का परिवार बेहद खुश हुआ।

हार्ट सर्जरी के लिए नाबालिग की मदद

हार्ट की गंभीर समस्या से जूझ रहे 16 वर्षीय नाबालिग ने प्रधानमंत्री मोदी से आर्थिक मदद मांगी। मदद मांगने के बाद वह चंडीगढ़ में एक चोरी के केस में पकड़ा गया। इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने नाबालिग के इलाज के लिए 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी।

पीएम मोदी की मदद से हुआ हार्ट का सफल इलाज

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई मदद से अपने हार्ट का सफल इलाज करवाने वाली 6 साल की वैशाली यादव ने जून 2016 में पुणे के बालेवाडी स्टेडियम में पीएम मोदी से मुलाकात की। पीएम ने उससे तबीयत के बारे में पूछा और उसे चाॅकेलट दी।

तैयबा का सहारा बने ‘मोदी अंकल’
मई 2015 में आगरा की तैयबा का परिवार तो निराश हो चला था। महज 12 साल की उम्र में तैयबा के दिल का एक वॉल्व खराब हो गया था। इलाज बेहद खर्चीला था। तैयबा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि वह जन्म से ही दिल की बीमारी से पीड़ित है और उसके मजदूर पिता के पास 15 से 20 लाख रुपये नहीं कि इलाज करा सकें। तैयबा की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्हें पीएमओ से जवाबी चिट्ठी मिली। उसी खत में दिल्ली सरकार को निर्देश भी दिया गया था कि खर्च की परवाह किए बिना तैयबा का उचित इलाज करवाया जाए।

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