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केजरीवाल के रैनबसेरों में बाहर से ज्यादा ठिठुरन, देखिए बदइंतजामी

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दिल्ली के विवादित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पूरी राजनीति झूठे वादों और नौटंकी पर टिकी है और ये बात समय-समय पर साबित भी होती रही है। हमेशा ही झूठ की सियासत करने वाले केजरीवाल की नाकामी एक बार फिर सामने आई है। पिछले लगभग 15 दिनों से ठंड ने लोगों का जीना मुश्किल हो चुका है, वहीं दिल्ली का न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्शियस तक पहुंच गया और घने कोहरे ने लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ऐसी स्थिति में दिल्ली में बेघर लोगों को सर्दी से अपनी जान बचाना तक मुश्किल पड़ रहा है।

ठंड से बचने के लिए बेघर कर रहे सुविधाओं की मांग

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ठंड की मार झेल रहे बेघर लोगों को सुविधाएं देने में पूरी तरह फेल हो गई है। ठंड और लोगों की मांग के सामने केजरीवाल सरकार सुविधाएं नाकाफी रहीं। ठंड की मार झेल रहे लोगों की कठनाई उस वक्त और बढ़ गईं जब दिल्ली सरकार की ठंड से मुकाबला करने की सारी कोशिशें बेकार साबित हुई।

कड़ाके की इस ठंड में दिल्ली के रैनबसेरों में जगह, बिस्तर और रजाई के अलावा बहुत सारी समस्याएं खड़ी हुई हैं। लगातार बढ़ती ठंड में बेघर लोग ज्यादा रैनबसेरों और तमाम बुनियादी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं।

जुगाड़ भरोसे चल रहे रैनबसेरे

साल 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली के 221 रैनबसेरों की आधिकारिक क्षमता लगभग 17 हजार है जो कि दिल्ली की आधी बेघर आबादी के लिए काफी कम हैं। वहीं रैनबसेरों में बदइंतजामी से बेघरों की दिक्कतें ज्यादा बढ़ जाती हैं। ऐसे रैनबसेरे भी बड़ी संख्या में हैं जहां कैपेसिटी के हिसाब से सुविधाओं की बेहद कमी है।

महिलाओं के लिए बेहद खराब इंतजाम

दिल्ली में चल रहे रैन बसेरों में महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड यानी (डीयूएसआईबी) के मुताबिक राजधानी के रैनबसेरों में मात्र 1000 महिलाओं के रूकने के लिए बिस्तर हैं वहीं ब्योरे के अनुमान के आधार पर दिल्ली में करीब दस हजार बेघर महिलाएं हैं। वहीं गर्म पानी ना मिल पाने से लोग 10-10 दिनों से नहीं नहा पा रहे हैं।

यह कोई पहली बार नहीं है जब अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली की जनता के प्रति नाकामी सामने आई हो, देखिए इससे पहले केजरीवाल कब-कब लोगों को सुविधाएं देने में फेल हुए और उन्होंने जनता से झूठ बोला- 

मोहल्ला क्लिनिक
आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं वाली 1000 मोहल्‍ला क्‍लीनिकों के निर्माण का वादा किया था, लेकिन अब तक महज 189 स्‍थापित हुई हैं, जिनमें 168 ही काम कर रही हैं। अगर तीन सालों की रफ्तार से देखें तो हर साल साठ मोहल्ला क्लीनिकों का निर्माण हुआ है। यानि पांच साल पूरा होते होते महज तीन सौ मोहल्ला क्लीनिक ही तैयार हो पाएंगे।

दो लाख पब्लिक टॉयलेट
2015 के घोषणापत्र में आम आदमी पार्टी ने दो लाख पब्लिक टॉयलेट के निर्माण का वादा किया गया था, लेकिन पिछले साढ़े तीन साल में केवल 21 हजार सामुदायिक टॉयलेट का निर्माण ही हुआ है। यानि टॉयलेट बनने की रफ्तार को देखें तो दो साल में और 14 हजार टॉयलेट बनेंगे। इसका मतलब यह हुआ कि महज 35 हजार टॉयलेट ही बन पाएंगे। दूसरी ओर दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने अभी तक महज 29 फीसदी टॉयलेट का निर्माण कराया यानि 1314 के लक्ष्य की तुलना में महज 384 ही बन पाया।

11 हजार नई बस
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 11 हजार नई बसें चलाने का वादा किया था। इसके साथ ही पांच नई बस डिपो का प्रस्‍ताव भी रखा था, लेकिन अभी इस मामले में क्या हुआ अब तक पता नहीं चल रहा। अलबत्ता दिल्ली सरकार जमीन को समस्या बताकर इससे मुंह मोड़ती दिख रही है।

20 नये डिग्री कॉलेज
उच्‍च शिक्षा गारंटी स्‍कूल के तहत केजरीवाल ने 20 नये डिग्री कॉलेज खोलने का वादा किया था। साढ़े तीन साल पूरे हो गए पर ये वादा अभी तक अभी पूरा नहीं हुआ है। इतना ही नहीं इस बाबत सरकार से कोई बात पूछी जाती है तो वह इसका जवाब भी नहीं देती है।

पूरी दिल्ली में सीसीटीवी
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में अपराध रोकने के लिए वादा किया था कि पूरी दिल्ली को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जाएगा, लेकिन ये वादा भी वह अभी तक पूरा नहीं कर पाई।

पूरी दिल्ली में वाई-फाई
अरविंद केजरीवाल ने चुनाव के दौरान पूरी दिल्ली में वाई-फाई लगाने का वादा किया था, लेकिन साढ़े तीन साल बाद भी ये वादा पूरा नहीं हुआ।

बसों में सीसीटीवी-मार्शल
डीटीसी और कलस्टर बसों में न तो सीसीटीवी और न ही कोई मार्शल की व्यवस्था हो पाई।

मुफ्त बिजली के नाम पर केजरीवाल ने बोला झूठ!

केजरीवाल कहते घूम रहे हैं कि उनकी सरकार ने दिल्ली वालों को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त में देने के फैसला किया है और इससे लाखों लोगों को फायदा हो रहा है। लेकिन सच्चाई ये है कि केजरीवाल सरकार ने सिर्फ चुनावों को देखते हुए 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त करने का फैसला किया है। बाकायदा सरकार की तरफ से जारी शासनादेश में इसका जिक्र है कि ये फैसला सिर्फ 31 मार्च, 2020 तक ही लागू होगा।

वायु प्रदूषण को लेकर केजरीवाल के झूठे दावे
प्रदूषण को लेकर भी विवादित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार झूठ बोल रहे हैं। एक तरफ दिल्ली की जनता का प्रदूषित हवा में दम फूल रहा है और दूसरी तरफ केजरीवाल बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर दावा कर रहे हैं कि दिल्ली में 25 प्रतिशत प्रदूषण कम हो गया है।

आपको बता दें कि प्रदूषण को लेकर केजरीवाल की राजनीति की वजह से ही दिल्ली में हवा सबसे खराब स्तर तक पहुंच गई है। रविवार को तो दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 1500 सो 1600 तक पहुंच गया, यानि बेहद खतरनाक स्तर पर। वहीं केजरीवाल अपनी तरफ से कोई प्रयास करने के बजाए पूरा ठीकर पंजाब, हरियाणा और केंद्र की सरकारों पर मढ़ने का काम कर रहे हैं।

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