दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी सनातन धर्म से घृणा करते हैं। वे मुस्लिम तुष्टिकरण को अपना धर्म समझते हैं। उनकी पार्टी के कई बड़े नेताओं का संबंध उन विदेशी एनजीओ से है जो लगातार भारत को कमजोर करना चाहते हैं और समाज में फूट डालना चाहते हैं। भारत में लेफ्ट लिबरल गैंग से उनके करीबी रिश्ते हैं। और इधर हाल में कुछ रिपोर्टें ऐसी भी आई हैं कि कुछ विदेशी एनजीओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करने के अपने एजेंडे पर काम कर रही हैं। गुजरात और हिमाचल में इस साल के अंत तक चुनाव होने जा रहा है इसलिए इन दिनों चर्चा के केंद्र में है। केजरीवाल का फोकस हिमाचल से ज्यादा गुजरात पर है क्योंकि गुजरात पीएम मोदी की कर्मस्थली है और वहां बीजेपी की सरकार पिछले 27 साल से कायम है। हो सकता है कि इसके पीछे उन विदेशी एजेंसियों का दबाव हो जो भारत में एनजीओ को फंडिंग करती है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, केजरीवाल को अब यह समझ में आने लगा है कि गुजरात में उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिलने वाली है। जिस गुजरात में 2002 के बाद दंगे बिलकुल बंद हो गए थे वहां अचानक दंगे होने शुरू हो गए हैं तो इसकी क्या वजह मानी जाए। इस परिप्रेक्ष्य में अगर गुजरात के वड़ोदरा में दिवाली की रात हुए दंगे को देखें तो यह साफ हो जाता है कि इसमें आम आदमी पार्टी के लोगों का हाथ है। पिछले एक महीने में दो से ज्यादा दंगे की घटनाएं यह बताती हैं कि वे अपनी असफलता को भांप चुके हैं और अब वह बीजेपी सरकार और पीएम मोदी की छवि खराब करना चाहते हैं। पीएम मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कोई पहली बार नहीं हो रही है। केजरीवाल की पार्टी पीएम मोदी को दंगों के जरिये बदनाम करने की कोशिश पहले भी कर चुकी है। यहीं अगर दिल्ली दंगा को याद किया जाए तो यह और साफ हो जाता है कि सीएए के विरोध की आड़ में किस तरह सुनियोजित तरीके से दिल्ली दंगा को अंजाम दिया गया। वह भी तब जब अमेरिका के तात्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर थे। यानी कुल मिलाकर यह पीएम मोदी की छवि करने की साजिश थी। क्या यह संयोग है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा दिल्ली के जहांगीरपुरी में दंगा के दौरान जिस पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया गया था, उसी तरह के पेट्रोल बम का इस्तेमाल गुजरात में भी किया गया।
2002 के बाद कभी #गुजरात में #दंगा नहीं हुआ जैसे ही #aap पार्टी #केजरीवाल ने गुजरात में पैर रखा तब से गुजरात में दो बार दंगे हो चुके हैं मैं @PMOIndia और @AmitShah जी से यह विनती करना चाहता हूं किए #pfi के ?? अब गुजरात में आ चुके हैं इनको #कुचलना बहुत जरूरी है. @KapilMishra_IND pic.twitter.com/uKfF3E5Rmt
— GAUTAM BHATT ?? #अखंड_भारत #हिन्दुराष्ट्र (@Gautambhatt005) October 26, 2022
Vadodara, Gujarat | An incident of stone pelting occurred near Muslim Medical center in Panigate last night. Police immediately reached the spot & took action; situation completely under control. CCTVs being checked & eyewitnesses' inquiry underway. Probe on: DCP Yashpal Jaganiya pic.twitter.com/fS6SjRIV87
— ANI (@ANI) October 25, 2022
दिवाली पर वडोदरा में हुए दंगे पूर्व नियोजित थे, एक महीने में दूसरी बार दंगा
दिवाली पर पटाखे फोड़ने को लेकर वडोदरा में हुए दंगों की जांच कर रही गुजरात पुलिस ने कहा कि स्ट्रीट लाइट बंद कर दी गई थी और पेट्रोल बम फेंके गए थे, यह दर्शाता है कि दंगे पूर्व नियोजित थे। ऐसा ही दावा बीजेपी विधायक राजेंद्र त्रिवेदी ने किया है। वडोदरा के पानीगेट इलाके में दिवाली की देर रात दो समुदायों के बीच पथराव की घटना सामने आई। शहर के पानीगेट इलाके में मुस्लिम मेडिकल सेंटर के पास पथराव और आगजनी की गई। कई गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया गया। वडोदरा पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। सोमवार 24 अक्टूबर को वडोदरा के पानीगेट इलाके में देर रात करीब 12:30 बजे दो समूहों के बीच हुई हिंसा के बाद 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह इलाका बेहद संवेदनशील है। पिछले चार महीने में एक ही इलाके में तीन बार दंगे की घटनाएं हो चुकी हैं। पटाखों को लेकर शुरू हुआ विवाद जल्द ही तोड़फोड़ में बदल गया। स्ट्रीट लाइट बंद होने के कारण कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। जब पुलिस अधिकारी कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए इलाके में पैट्रोलिंग कर रहे थे तब उन पर पेट्रोल बम भी फेंके गए। इस दौरान पथराव भी किया गया। इससे पहले इसी महीने की तीन तारीख को भी वडोदरा में सांप्रदायिक दंगा हुआ था। यह दंगा शहर के सावली टाउन के सब्जि मार्केट में हुआ था। यह विवाद एक मंदिर के पास बिजली के खंभे में दूसरे धर्म का झंडा लगाने के बाद शुरू हुआ था।
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान शोभायात्रा पर पथराव के बाद हिंसा
हनुमान जयंती के अवसर पर अप्रैल 2022 में दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शोभायात्रा निकाली जा रही थी कि उसी दौरान कुछ उपद्रवियों ने शोभायात्रा पर पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते छोटे से फसाद ने दंगे की शक्ल ले ली। हालात यहां तक पहुंच गए कि एक उपद्रवी खुलेआम पुलिस और शोभायात्रा में शामिल लोगों पर फायरिंग करने लगा। हालात और खराब हो सकते थे, मगर दिल्ली पुलिस ने वक्त रहते विवादित क्षेत्र और आसपास के इलाकों में भारी फोर्स तैनात कर दी। भले ही जहांगीरपुरी हिंसा को भड़कने से पहले रोक दिया हो, लेकिन इस हिंसा ने एक बार फिर से साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों की याद ताजा कर दी है। उस दौरान उपद्रवियों ने लगातार कई दिनों तक दिल्ली को बंधक बनाया। खुलेआम छतों से पेट्रोल बम फेंके, सड़कों पर लोगों की गाड़ियों को फूंका गया और कई मासूम लोगों की सरेआम नृशंस हत्या भी की गई।
राष्ट्रध्वज तिरंगे पर भी हमला ..!!
जहांगीरपुरी में हुआ हमला सिर्फ हनुमान जयंती शोभायात्रा पर हमला नहीं था
बल्कि
यह हिंदुस्थान के स्वाभिमान पर भी हमला थाध्यान से देखिए ये वीडियो कि किस तरह उन्मादी भीड़ राष्ट्रध्वज तिरंगे पर पथराव कर रही है #jahagirpuri
pic.twitter.com/vVyJHfLfA1— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) April 17, 2022
दिल्ली में दंगे एक साजिश थी? रेहड़ी और घर की छत पर पेट्रोल बम लॉन्चर मिले
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को संशोधिन नागरिकता कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी जिसमें कम से कम 53 लोगों की जान चली गई थी और 200 अन्य घायल हुए थे। इस हिंसा में बहुत से लोगो को पुलिस ने हिरासत में लिया था। साल 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान उपद्रवियों ने सारी हदों को पार कर दिया था। उपद्रवी रिहाइशी इलाकों की छत में चढ़ गए थे। वहां से उन्होंने गुलेल का इस्तेमाल कर मासूम लोगों पर पेट्रोल और एसिड बम फेंके। इन हमलों में कई लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। उस दौरान एक वीडियो भी वायरल हुई थी। जिसमें AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन एक छत पर लोगों को पेट्रोल और एसिड बम बनाने का सामान मुहैया कराते नजर आ रहे थे। पुलिस ने इस मामले में ताहिर हुसैन को आरोपी भी बनाया है। मामला अब कोर्ट के अधीन है।
ये कश्मीर नहीं है,,
बल्कि देश की राजधानी दिल्ली है, इसके जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के अवसर पर पथराव किया गया,
जिसमें पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।आदरणीय श्री @narendramodi जी,
देश को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दीजिये,अन्यथा भविष्य बिगड़ेगाpic.twitter.com/1gwzE4ps2l— Jagrati Gupta (@JagratiGupta3) April 16, 2022
दिल्ली दंगों के दौरान आईबी अधिकारी को सरेआम मारा गया
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा को उपद्रवियों ने बेरहमी से मारकर नाले में फेंक दिया था। ऑफिस से घर लौट वक्त उपद्रवियों ने उन्हें निशाना बनाया। इस घटना के बाद दिल्ली दंगे और भड़क गए थे। इसके अलावा उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में उपद्रवियों ने दुकानों, मकानों और पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया था। साल 2020 के दंगों में सबसे ज्यादा जानमाल का नुकसान हुआ था। दंगों से पीड़ित परिवार आज भी दंगों के खौफे से बाहर नहीं आ पाए हैं। साल 2020 में जब दिल्ली में दंगे भड़के थे उस दौरान अमेरिका के तात्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर थे। जानकारों का कहना है कि ट्रंप के दौरे के कारण सारी सुरक्षा व्यवस्था एक क्षेत्र तक सीमित थी। जिसका फायदा उपद्रवियों ने उठाया और दिल्ली में जमकर उत्पात मचाया। अगर उस दौरान ट्रंप भारत के दौरे पर न होते तो जहांगीरपुरी हिंसा की तरह दिल्ली दंगों को भी तत्काल रोक दिया जाता।
Locals continue to send video evidence of AAP corporator Mohammed Tahir Hussain’ role in unleashing violence against Hindus…
This explains Kejriwal’s studied silence. He neither called his MLAs for a meeting nor did he ask maulvis, who his govt pays, to appeal for peace… pic.twitter.com/gB157ioriX
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 26, 2020
दिल्ली हिंसा में ‘आप’ नेता ताहिर हुसैन के घर की छत से मिले पेट्रोल बम
दिल्ली को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर हुसैन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा। पहला वीडियो 25 फरवरी का है। जब ताहिर हुसैन कुछ उपद्रवियों के साथ चांदबाग स्थित अपने घर की छत पर मौजूद थे। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ताहिर के हाथ में लौहे का एक रॉड है। इस दौरान ताहिर छत से उपद्रवियों के साथ दंगा भड़काने की गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। वहीं ताहिर के घर की छत पर बोरों में भरे पत्थर और कैरेट में रखे पेट्रोल बम मिले हैं। ताहिर फिलहाल अपने घर पर नहीं हैं। ताहिर ने वायरल वीडियो का खंडन करते हुए कहा था कि घटना के वक्त वे घर पर मौजूद नहीं थे।
बकायदा युद्ध की थी तैयारी, हिन्दुओं का स्कूल जला दिया, मुस्लिमों का छोड़ दिया
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मुस्लिम दंगाइयों ने बकायदा युद्ध की तैयारी कर रखी थी। मुस्लिम उपद्रवियों ने पहले से ही अपने घरों के अंदर और छतों पर ईंट-पत्थर जमा कर रखे थे। दंगाइयों ने ना सिर्फ घरों की छत पर ईंट-पत्थर जमा किए थे, बल्कि मस्जिद की छत पर भी ईंट-पत्थरों का बड़ा ढेर लगा रखा था। इतना ही नहीं इन्होंने स्कूल की छतों पर भी ईंट-पत्थर के साथ गुलेल लगा रखे थे। यहां दंगाइयों ने हिन्दुओं का स्कूल तो जला दिया, लेकिन मुस्लिमों का स्कूल छोड़ दिया। जिस हिसाब से घरों से पत्थर और पेट्रोल बम का जखीरा मिला है उससे लगता है कि साजिशें लंबे समय से रची जा रही थी।
#ताहिर_हुसैन के घर पर मिले एक लड़की के जले कपड़े, जले बैग और अंडरगारमेंट्स..
अनुमान है कि लड़की के साथ हुई है अनहोनी. सूत्रों के अनुसार पुलिस को नाले में मिली लड़की की लाश. लड़की को घसीट कर ताहिर के घर में बेरहमी से कत्ल की आशंका.@sharmarekha @ArvindKejriwal @smritiirani pic.twitter.com/gK7WFpPymt
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) February 27, 2020
दिल्ली दंगा: मास्टरमाइंड ताहिर हुसैन फरार, बचाव में आगे आया आप एमएलए अमानतुल्लाह खान
दिल्ली दंगों का मास्टरमाइंड ताहिर हुसैन फरार हो गया था। ताहिर हुसैन का चांदबाग स्थित घर हिंदू विरोधी दंगों के दौरान हिंसा का केंद्र बना रहा। ताहिर के घर की छत से ईंट-पत्थरों और पेट्रोल बम का जखीरा बरामद हुआ। ताहिर की अगुवाई में यहां से आसपास के इलाकों में पेट्रोल बम और पत्थर बरसाए गए। आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को पार्टी ने मीडिया में फजीहत होने पर सस्पैंड कर दिया था। मीडिया में ताहिर खान की गिरफ्तारी की मांग उठने के बाद वह फरार हो गया। भले ही किरकिरी होने पर आम आदमी पार्टी ने ताहिर हुसैन को पार्टी से निलंबित कर दिया, लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी विधायक अमानतुल्लाह खान ने उसे बेकसूर होने का एलान कर दिया। अमानतुल्ला ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी अपने नेताओं को बचाने और आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए ताहिर हुसैन को फंसा रही है।
Meet Ansar, mastermind of the Delhi violence. Charged under IPC 147, 148, 353, 332, 323, 427, 307, 120B, here he makes the Pushpa gesture 'Main jhukega nahin sala'.
NDTV has already interviewed Ansar's neighbour Kamlesh. "He is non-violent, has always helped us," said Kamlesh. pic.twitter.com/UDr2UyWYaQ
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) April 17, 2022
दिल्ली दंगों के साजिशकर्ता ने विधानसभा चुनाव में आप पार्टी के लिए किया था प्रचार
जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता अंसार आम आदमी पार्टी का नेता है। दिल्ली भाजपा प्रवक्ता सारिका जैन ने कहा कि अंसार ने आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव में प्रचार तक किया है। वह दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप पार्टी के विधायक के लिए चुनाव प्रचार का काम करता रहा है। अब वह क्षेत्र के एक प्रभावशाली आम आदमी पार्टी के नेता के विशेष सहयोगी के रूप में क्षेत्र में काम कर रहा है। उन्होंने अंसार की दो फोटो भी शेयर किया है जिसमें अंसार आम आदमी पार्टी की टोपी लगाए चुनाव प्रचार कर रहा है। इसमें उसके साथ पार्टी के कुछ अन्य कार्यकर्ता भी शामिल हैं। भाजपा का आरोप है कि आम आदमी पार्टी का अपराधियों से कनेक्शन सामने आ गया है और अब जनता को समझना चाहिए कि वह दिल्ली सरकार की मुफ्त की योजनाओं की किस रूप में कीमत चुका रही है।
नफरत की आग फैलाने के बाद भी अंसार झुकने के लिए तैयार नहीं
ऐसा भी हो सकता है कि जहांगीरपुरी में नफरत की आग फैलाने के बाद भी अंसार को अपना भविष्य उज्ज्वल नज़र आ रहा है। क्योंकि उसको यकीन है कि दिल्ली का राजनीतिक नेतृत्व (आप पार्टी का) उसके साथ खड़ा है, उसे झुकने की ज़रूरत नहीं है। (पुष्पा भाऊ वाले स्टाइल में) पुलिस जब उसको गिरफ्तार करके ले जा रही थी, तब उसने बेखौफ होकर फिल्म पुष्पा यही स्टैप किया। हो सकता है कि आने वाले कुछ सालों में उसको आम आदमी पार्टी से टिकट मिल जाए। क्योंकि आम आदमी पार्टी के लिए ऐसा करना कोई बड़ी बात नहीं है।
He's an AAP leader
Bangladeshi
Pays not taxes
Loots our taxes pic.twitter.com/TNtv2MF0HD— NeverForget ?????????? (@anonHaak) April 19, 2022
मस्जिद की छत से शुरू हुई पत्थरबाजी, सरकारी राशन की गाड़ी लूटी
पुलिस का दावा है कि शुरुआती जांच के मुताबिक पत्थरबाजी की शुरुआत मस्जिद की छत से हुई थी। घटनाक्रम के मुताबिक, जहांगीरपुरी में डी ब्लॉक के लोगों ने ये शोभायात्रा जहांगीरपुरी पुलिस स्टेशन के पास से शुरू की थी और सी ब्लॉक होते हुए कुशल सिनेमा के पास पहुंचे। पुलिस के मुताबिक, उसी दौरान उन पर अचानक एक मस्जिद से बड़ी संख्या में पत्थर बरसने शुरू हो गए। पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों ने न केवल पत्थरबाजी की बल्कि गाड़ियों में आगजनी करते हुए सरकारी राशन की गाड़ी को भी लूटा। पथराव और फायरिंग से हिंसा भड़काने की कोशिश की गई। पुलिस के मुताबिक, 14 गिरफ्तार आरोपियों के अलावा लगभग 30 लोगों को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया है।