कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर सोशल मीडिया पर सुर्खियों में बने हुए हैं। आजकल वो कहीं दिख नहीं रहे हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे हैं। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से 11 जुलाई को फोन पर बात होने की फर्जी खबर सामने के बाद से ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी के बारे में कोई हलचल ना देख लोग सोशल मीडिया पर सवाल कर रहे हैं कि लोकसभा में विपक्ष के नेता बजट सत्र शुरू होने से पहले कहां गायब हैं?
Where is Rahul Gandhi?
Can anyone find him?
Why is no media asking for him when so much drama is unfolded in Karnataka?#RahulGandhiLapatha #WhereIsRahulGandhi pic.twitter.com/Pd3Gk5OUHh
— Tathvam-asi (@ssaratht) July 19, 2024
⚠️ Have you noticed that Third Time Fail @RahulGandhi has gone completely silent after this 👇🏻
Did he spill all the deep state plans during the prank call and now fears the call might be leaked? pic.twitter.com/UdsMa399Ij
— Arun Pudur (@arunpudur) July 20, 2024
Where is Rahul Gandhi ?
Has he gone to his masters for taking instructions for the next disruptions ?
— Flt Lt Anoop Verma (Retd.) 🇮🇳 (@FltLtAnoopVerma) July 19, 2024
No public appearance of Rahul Gandhi for the last few days..
It seems he’s in foreign, discussing “important” things to implement in India..
— Frontalforce 🇮🇳 (@FrontalForce) July 19, 2024
After becoming LoP, Rahul Gandhi started running here and there. His followers declared him the shadow PM, and then he disappeared, probably for another secret foreign trip.
The question is, which country? Whom does he meet secretly?#WhereIsRahulGandhi
— Mr Sinha (@MrSinha_) July 20, 2024
पहले भी निकलते रहे है गुप्त यात्रा पर
बजट सत्र से पहले ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि राहुल गांधी पूर्व में भी अहम वक्त पर गुप्त यात्रा पर निकल जाते रहे हैं। भारत में जिस वक्त G20 हो रहा था ठीक उसी वक्त राहुल गांधी का विदेश यात्रा पर निकल गए थे। तब लोगों ने सवाल भी किया था कि राहुल का विदेश यात्रा पर जाना और चीन के राष्ट्रपति का जी-20 में ना आना क्या यह मजह संयोग है? राहुल गांधी अपनी विदेश यात्रा के दौरान देश विरोधियों से मिलते रहे हैं। मिलने के साथ ही देश विरोधी बयान भी देते रहे हैं। ऐसे में बजट सत्र से पहले क्या वे फिर किसी मिशन पर गए हैं क्या?
जी 20 के समय राहुल का यूरोप दौरा किसने तय किया?
जी 20 के समय राहुल गांधी की यूरोप यात्रा काफी सोच-समझकर तय किया गया। लोगों ने ये भी सवाल उठाए कि उनके दौरे को कांग्रेस ने तय किया या अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस ने।
FTLS ने किया बैठक का आयोजन, जिसके जमात-आईएसआई से संबंध
राहुल गांधी ने यूरोप दौरे पर बेल्जियम में यूरोपीय संसद के सदस्यों के साथ एक बैठक में हिस्सा लिया। ये वही लोग हैं जिन्होंने मणिपुर पर भारत विरोधी प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद उन्होंने उन्होंने एक सार्वजनिक चर्चा में भाग लिया, जिसे कांग्रेस द्वारा “सिविल सोसायटी समूहों” के साथ एक बैठक के रूप में प्रचारित किया गया। और सोचिए इस बैठक का आयोजन फाउंडेशन द लंदन स्टोरी (FTLS) ने किया। FTLS का संबंध जमात और आईएसआई से है और यह सुनीता विश्वनाथ और रशीद अहमद जैसे भारत विरोधी व्यक्तियों से जुड़ा है। इसकी स्थापना ‘दक्षिण एशियाई’ रितुम्बरा मनुवे और इमरान वली अहमद द्वारा ‘नीदरलैंड’ में की गई थी। इस संगठन से जुड़े अन्य लोग हैं भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल के कार्यकारी दिर रशीद अहमद, हिंदूज़ फॉर ह्यूमन राइट्स की सह-संस्थापक सुनीता और पोलिस प्रोजेक्ट की फ्रांसेस्का रेचिया। ये मोर्चे जस्टिस फॉर ऑल (जेएफए) – पश्चिम में जमात/आईएसआई गठजोड़ से जुड़े हैं! FTLS ने इससे पहले पत्रकार राणा अयूब और वकील प्रशांत भूषण के कार्यक्रम आयोजित किए हैं। ये दोनों भी भारत विरोधी इकोसिस्टम का हिस्सा हैं। अब सवाल उठता है कि राहुल गांधी ने इन भारत विरोधी संगठन के कार्यक्रम में हिस्सा क्यों लिया।
यूरोप दौरे में राहुल भारत विरोधी फैबियो मास्सिमो से मिले
यूरोप दौरे में राहुल गांधी ऐसे लोगों से मिल रहे हैं जिनके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क रहे हैं। सवाल उठता है कि वे भारत विरोधी इन लोगों से क्यों मिल रहे हैं? राहुल गांधी यहां इतालवी वामपंथी राजनीतिज्ञ और यूरोपीय संसद के पूर्व सदस्य फैबियो मास्सिमो से मिले। इनका यूरोप में ISI के एसेट या एजेंट परवेज इकबाल से संपर्क है। परवेज इकबाल का खालिस्तान की मांग करने वाले और भारत में उपद्रव करने वाले सिख फॉर जस्टिस से संबंध रहा है। इससे इनके गठजोड़ को समझा जा सकता है। फैबियो मास्सिमो कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी प्रचार फैलाने में जुटे रहते हैं। इसका प्रमाण फैबियो के पुराने ट्वीट में देखा जा सकता है।
राहुल ने भारत को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी
पिछले विदेश दौरों की तरह ही यूरोप दौरे में भी राहुल ने भारत को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राहुल ने यहां कहा- भारत में बेरोजगारी बहुत है। गरीबी के स्तर में भारी वृद्धि हुई अधिकांश लोगों को गरीबी की ओर धकेल दिया गया है और फिर बढ़ती कीमतें और मुद्रास्फीति है। भारत जोड़ो यात्रा में मुझे लोगों ने ये बातें बताईं। राहुल ने कहा कि इस मामले में तथ्य यह है कि भारत में पिछले 40 वर्षों में सबसे अधिक बेरोजगारी है। तो हमारे आर्थिक मॉडल में स्पष्ट रूप से कुछ गड़बड़ है, इसे स्वीकार नहीं किया जाता है और सरकार समर्थक मीडिया ज्यादा है इसीलिए इस प्रकार की चीजें सामने नहीं आती हैं। जबकि मोदी राज में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।
राहुल ने की चीन की बेल्ट एंड रोड की प्रशंसा
राहुल गांधी ने यूरोप दौरे पर एक बार फिर चीन की प्रशंसा की। जैसा कि वह लगभग हर विदेश दौरे पर करते हैं। यहां उन्होंने चीन के बेल्ट एंड रोड (BRI) इनिशिएटिव की तारीफ की। जबकि चीन के BRI की हकीकत कुछ और ही है। BRI के कारण चीन भारी कर्ज में डूबा हुआ है। बीआरआई में शामिल देश या तो दिवालिया हो गए हैं या वे चीन से ऋण पुनर्निर्माण के लिए कह रहे हैं क्योंकि वे चीन को भुगतान करने में असमर्थ हैं।
भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाया
राहुल गांधी ने ब्रुसेल्स प्रेस क्लब, बेल्जियम में अंतरराष्ट्रीय मीडिया को संबोधित करते हुए भारत में लोकतंत्र का मुद्दा भी उठाया। जैसा कि वह हर विदेश दौरे में करते हैं। और जैसा कि जार्ज सोरोस भी कह चुके हैं कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। राहुल ने कहा, “संस्थाओं और लोकतंत्र के संबंध में (भारत में) जिस तरह की कार्रवाइयां की जा रही हैं, वे गंभीर मुद्दे हैं।”
VIDEO | “There are serious issues about the type of actions that are being taken with regards to institutions and democracy (in India),” says Congress leader @RahulGandhi while addressing the international media at Brussels Press Club, Belgium. pic.twitter.com/phPy0VWN4S
— Press Trust of India (@PTI_News) September 8, 2023
राहुल गांधी ने 2023 में प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे से पहले अमेरिका की यात्रा की थी वहां भी वे भारत विरोधी लोगों से मुलाकात की थी। इस पर एक नजर-
अमेरिका में राहुल का जमात, सुनीता विश्वनाथ कनेक्शन, फोटो ने खोल दी पोल
राहुल गांधी साल 2023 में पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले 30 मई को अमेरिका पहुंचे थे। राहुल गांधी के विदेश दौरे का उद्देश्य भारत को नीचा दिखाना, पीएम मोदी और भाजपा को बदनाम करना और भारत में मुसलमान खतरे हैं, यही बताना रहता है। यह काम वह पिछले कई विदेश दौरे से करते आ रहे हैं। लेकिन जिस तरह सोशल मीडिया पर उनका एक फोटो वायरल हुआ उसने उनकी पोल खोलकर रख दी है। जिस अमेरिकी अरबपति कारोबारी जार्ज सोरोस ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जहर उगला था, जिसने पीएम मोदी को सत्ता से हटाने की बात कही थी, जिसने राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 अरब डॉलर का फंड देने की बात कही थी, अब राहुल गांधी उसी के करीबी सहयोगी सुनीता विश्वनाथ के साथ मीटिंग करते देखे गए। आखिर राहुल गांधी देश विरोधी लोगों से क्यों मिल रहे थे? क्या भारत को कमजोर करने की जार्ज सोरोस की साजिश में वे भी शामिल हैं? राहुल गांधी का जमात, ISI और जॉर्ज सोरोस से जुड़े लोगों से मिलना यह साबित करता है कि वे भारत से प्रेम नहीं करते बल्कि सत्ता के लिए देश को कमजोर करने से लेकर किसी भी हथकंडे को अपना सकते हैं।
जॉर्ज सोरोस की प्रतिनिधि हैं सुनीता विश्वनाथ
सुनीता विश्वनाथ जॉर्ज सोरोस की प्रतिनिधि हैं, जिसने विपक्षी नेताओं, थिंक टैंक, पत्रकारों, वकीलों और कार्यकर्ताओं के एक नेटवर्क के माध्यम से भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए 1 अरब डॉलर देने का वादा किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल गांधी सत्ता पाने के लिए इस हद तक समझौता कर रहे हैं। अमेरिकी एक्टिविस्ट सुनीता विश्वनाथ वही हैं जिन्हें तीन साल पहले अयोध्या में एंट्री से रोक दिया गया था।
हिंदुओं के विरोध में मुसलमानों के पक्ष में एजेंडा चलाती है सुनीता विश्वनाथ
सुनीता विश्वनाथ हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (एचएफएचआर) की सह-संस्थापक हैं, इसके जरिये भी वह हिंदुओं के खिलाफ एजेंडा चलाती है और इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) जैसे कट्टर संगठनों के साथ कई कार्यक्रमों की सह-मेजबानी करती हैं। पश्चिम में व्यापक जमात-आईएसआई सांठगांठ का हिस्सा हैं और भारत में सामाजिक भेदभाव के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना उनका काम है। उनके अन्य संगठन वुमन फॉर अफगान वीमेन को सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
सुनीता विश्वनाथ ने किया था पीएम मोदी के दौरे का विरोध
सुनीता विश्वनाथ हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स (एचएफएचआर) की को-फाउंडर हैं। वह अमेरिका में इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के साथ कई कार्यक्रमों में शिरकत करती हैं। यह एक कट्टर संगटन है। खबरों के अनुसार इस संगठन का पश्चिम में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ सांठगांठ है। संदिग्ध संगठन ‘हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिकी दौरे का विरोध किया था। इसके खिलाफ प्रोपेगेंडा के लिए विशेष टूलकिट लेकर आया था। संगठन द्वारा जारी टूलकिट उसके मोदी विरोधी अभियान का हिस्सा था। “मोदी प्रोटेस्ट टूलकिट” शीर्षक वाला 24 पेज का दस्तावेज एचएफएचआर की वेबसाइट पर खुले तौर पर उपलब्ध था।
मुस्लिम4पीस के कार्यक्रम में सुनीता का हिंदू और मोदी-विरोधी भाषण
अमेरिका में “डिसमेंटल ग्लोबल हिंदुत्व” अभियान चलाने वाली सुनीता सोरोस द्वारा वित्तपोषित कई संगठनों के साथ जुड़ी हुई है। मुस्लिम4पीस संगठन द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में उन्हें हिंदू, मोदी-विरोधी भाषण देते हुए साफ देखा जा सकता है। इससे यह आशंका दृढ़ हो जाती है कि भारत में सत्ता-परिवर्तन की मंशा पाले लोगों द्वारा राहुल गांधी को तैयार किया जा रहा है?
Driving “Dismantle Global Hindutva” campaign to Afghan & US, she is/has been associated with Soros funded orgs.
Take a glimpse as an apologist Hindu, anti-Modi speech at Iftar Party organised by MusIim4Peace, NJ.
Is Rahul Gandhi being groomed by regime-change-operators?
2/2 pic.twitter.com/B7E6Ms9E73
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) June 2, 2023
बैठक में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का एजेंट भी शामिल
आपने सुनीता विश्वनाथ के साथ राहुल गांधी की तस्वीर देखी। इस बैठक में और कौन-कौन मौजूद थे? अब्दुल मलिक मुजाहिद द्वारा प्रवर्तित भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद के जिहादी – आईएसआई फ्रंटमैन भी थे। हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स केवल मुजाहिद द्वारा समर्थित संगठन है। राहुल गांधी के कांग्रेस यूएसए इनर सर्कल के कनेक्शन के बारे में जानकर गंभीर चिंताएं होती हैं। एक चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन इंगित करता है कि सर्कल के एक सदस्य को सोरोस द्वारा सीधे वित्त पोषित किया जाता है, जिसका आईएसआई और जमात ए इस्लामी से जुड़े संगठनों से संबंध है, जो आतंकी गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
सुनीता विश्वनाथ के पाकिस्तानी जमात-ए-इस्लामी से संबंध
हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स की संस्थापक सुनीता विश्वनाथ एक ऐसी शख्सियत हैं जिनका कथित तौर पर पाकिस्तानी जमात-ए-इस्लामी के एक प्रमुख व्यक्ति अब्दुल मलिक मुजाहिद के साथ करीबी संबंध हैं, जो भारत में आतंकी हमलों में सीधे तौर पर शामिल होने के लिए जाना जाता है। मुजाहिद का भारतीय प्रवासी संगठनों पर प्रभाव स्पष्ट है। उनकी वेबसाइट पर भारत के खिलाफ एजेंडा के रूप में ‘सेव इंडिया फ्रॉम फासिज्म’ और ‘सेव कश्मीर’ आदि के पोस्टर-बैनर देखे जा सकते हैं।
सुनीता विश्वनाथ का आईएसआई और खालिस्तानियों से भी गहरा संबंध
सुनीता विश्वनाथ के बारे में और जानकारी हासिल करने पर पता चलता है उनका आईएसआई और खालिस्तानियों से भी गहरा संबंध है। इसके साथ ही कई अन्य संगठनों से भी संबंध है जो उनके भारत विरोधी होने को उजागर करते हैं। वह अमेरिका में आईएसआई समर्थित खालिस्तानी गुर्गों, भजन सिंह भिंडर और पीटर फ्रेडरिक के साथ एलायंस फॉर जस्टिस एंड अकाउंटेबिलिटी की सह-संस्थापक भी हैं।
The plot thickens as we uncover Viswanath’s other associations. She was the co-founder of the Alliance for Justice and Accountability along with Bhajan Singh Bhinder and Pieter Friedrich, ISI-backed Khalistani operatives in the USA.
(4/n) pic.twitter.com/nCPayHetOh
— Radical Watch (@RadicalWatchOrg) June 2, 2023
भारत विरोधियों का कांग्रेस में सीधी पहुंच का क्या है मतलब?
सुनीता विश्वनाथ का विवादों से नाता यहीं तक नहीं है। सुनीता ने कई कार्यक्रमों का सह-आयोजन किया है और IAMC जैसे संगठनों के साथ सहयोग किया है, जो 2014 से पहले से ही भारत के खिलाफ खुले तौर पर पैरवी कर रहा है, देश के खिलाफ प्रतिबंधों का समर्थन करता रहा है। इन खुलासों से संकेत मिलता है कि अमेरिका में सुनीता विश्वनाथ और राहुल गांधी की बैठक किसी खतरनाक मंसूबे के तहत हुई। वे भारत के खिलाफ किसी एजेंडे पर काम कर रहे हैं। यह सोचना भी परेशान करने वाला है कि इस तरह की सोच वाला कोई व्यक्ति कांग्रेस पार्टी के अमेरिकी संगठन के अंदर तक सीधी पहुंच आखिर कैसे प्राप्त कर सकता है।
सुनीता विश्वनाथ भगवान शिव को बता चुकी ‘चिलमबाज’
हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स नामक संगठन की सह-संस्थापक सुनीता विश्वनाथ हिंदुओं के नाम पर हिंदुओं के खिलाफ झूठ और प्रोपेगेंडा फैलाने का काम करती रही है। ‘हिंदू बनाम हिंदुत्व’ के नैरेटिव का अभियान चलाकर लोगों को भ्रमित करने का काम करती रही है। वहीं सुनीता हिंदू देवी देवताओं को बदनाम करने के लिए उल-जुलूल बातें भी करती है। कभी वह भगवान शिव को चिलमबाज बताती है तो कभी कहती है हिंदुओं में शराब-सिगरेट का निषेध नहीं है, ये देवताओं को भी चढ़ाया जाता है।
क्या राहुल के भाषण की स्क्रिप्ट अमेरिका में लिखी जा रही?
करण थापर के एक शो में सुनीता ने कहा था कि भारत के हिंदुओं के लिए जरूरी है कि वो हिंदुत्व से लड़ें क्योंकि जो आज हो रहा है वो नरसंहार की शुरुआत है। सुनीता की तरह ही राहुल गांधी भी पिछले कुछ समय से हिंदू और हिंदुत्व को अलग बताकर प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटे हैं। लेकिन इससे इस बात को बल मिल रहा है कि क्या राहुल के भाषण की स्क्रिप्ट अमेरिका में लिखी जा रही है।
राहुल के आयोजकों के नाम शाहीन बाग की लिस्ट जैसी क्यों?
अमेरिका में राहुल गांधी के कार्यक्रम के आयोजकों में से कुछ प्रमुख नाम इस प्रकार है- फ़्रैंक इस्लाम, माजिद अली, नियाज खान, जावेद सैयद, मोहम्मद असलम, मीनाज खान, अकील मोहम्मद आदि। इन नामों को देखने ऐसा लगता है कि गोया यह शाहीन बाग की वोटर लिस्ट हो। लेकिन नहीं, ये उन लोगों के नाम हैं जिन्होंने राहुल गांधी का अमेरिका में प्रोग्राम ऑर्गनाइज कराया। इनमें से कई कश्मीर में कट्टरवाद के समर्थक हैं, यानी के आतंकवाद के समर्थक हैं। अब इससे यह समझना आसान हो जाता है कि राहुल गांधी क्यों सनातन संस्कृति का मजाक बना रहे थे और बस मुसलमान परेशान हैं, मुसलमानों को सेकेंड क्लास सिटीजन माना जाता है, भारत में यही सब गाना गा रहे थे।
इससे पहले राहुल गांधी 2022 में ब्रिटेन गए थे तब भी उन्होंने देश को नीचा दिखाया था। इस पर एक नजर-
राहुल गांधी ने कहा था- पूरे भारत में केरोसिन छिड़का जा चुका है, बस एक चिंगारी की जरूरत है
लंदन में 2022 में ‘आइडिया फॉर इंडिया’ कॉन्फ्रेंस में पहुंचे राहुल गांधी ने कहा था- ‘देश में धुव्रीकरण बढ़ता जा रहा है, बेरोजगारी अपने चरम पर है, महंगाई बढ़ती जा रही है। बीजेपी ने देश में हर तरफ़ केरोसीन छिड़क दिया है बस एक चिंगारी से हम सब एक बड़ी समस्या के बीच होंगे।’ यहां समझने की बात है कि राहुल को केरोसीन छिड़कने की बात कहनी थी तो उन्होंने इसमें बीजेपी को लपेट लिया।
राहुल ने लंदन में पाकिस्तानी प्रोफेसर कमल मुनीर के साथ मंच साझा किया
लंदन में भारतीय लोकतंत्र और संस्थानों पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने पाकिस्तानी प्रोफेसर कमल मुनीर के साथ मंच साझा किया। राहुल गांधी का परिचय पाकिस्तान में जन्मे कमल मुनीर ने एमबीए दर्शकों से कराया। कमाल मुनीर को पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले राजकीय सम्मान तमगा-ए-इम्तियाज से सम्मानित किया गया है। मुनीर का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ संपर्क है। इससे आप समझ सकते हैं कि डीप स्टेट भारत को तबाह करने के लिए किस स्तर पर काम कर रहा है। एक तरफ राहुल गांधी को खड़ा किया गया, लेफ्ट लिबरल गैंग प्रोपेगेंडा फैलाने में जुट जाती है। आईएसआई नेटवर्क के जरिये खालिस्तान मुद्दे को जिंदा किया गया जिससे देश में उथल-पुथल मचे।

इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेता राहुल गांधी ब्रिटिश धरती पर जाकर भारत के आंतरिक मुद्दों पर बात करते हुए विदेशी दखल की बात करते हैं। वह ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं- इससे पहले उन्होंने निकोलस बर्न और अमेरिका के हस्तक्षेप की मांग की थी। और हम सभी को याद है कि कैसे कांग्रेस ने हाल ही में जॉर्ज सोरोस के बयान को लेकर हाय-तौबा मचाया था जबकि सोरोस राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 करोड़ डालर देने का ऐलान कर चुका है। यह एक बार नहीं बल्कि भारत की संप्रभुता को कमजोर करने का एक सुनियोजित पैटर्न है। इससे यह भी साबित होता है कि राहुल विदेशी ताकतों के इशारों पर खेल रहे हैं।
राहुल गांधी हाल के समय में चीन का जिक्र बार-बार करते हैं। चीन भारत में घुसपैठ कर रहा है। चीनी सैनिक भारतीय जवानों को पीटते हैं। चीन में काफी सद्भावना है। इस तरह के न जाने कितने ही बयान हैं। लेकिन हाल में ब्रिटेन के दौरे के दौरान उनके जुबान से वह बात भी निकल गई जिसका उन्हें सब्जबाग दिखाया गया था। उन्होंने कहा- जैसा रूस ने यूक्रेन में किया, वही भारत के खिलाफ दोहरा सकता है चीन। पश्चिमी देशों के डीप स्टेट (दुनिया को अपने हिसाब से चलाने वाले) ने मई 2022 में राहुल गांधी के मेकओवर और पीएम उम्मीदवार बनाने की पटकथा तैयार की थी। उस वक्त राहुल भी ब्रिटेन के दौरे पर थे। उसी वक्त यह तय हुआ था कि जिस तरह यूक्रेन में आंदोलन खड़ा कर जेलेंस्की को प्रधानमंत्री बनाया गया उसी तरह 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर राहुल की ताजपोशी करवाई जाएगी।
राहुल के मेकओवर की पटकथा की कहानी भारत जोड़ो यात्रा से शुरू होती है। इसके बाद पटकथा के मुताबिक पीएम मोदी की छवि खराब करने के लिए बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, अडानी समूह को बदनाम करने के लिए हिंडनबर्ग रिपोर्ट और ANI, RSS जैसी संस्थाओं पर हमले किए जा रहे हैं। फिर रामचरितमानस विवाद के जरिये हिंदू धर्म को बदनाम करना और खालिस्तान मुद्दे को हवा देकर देश को आंदोलन की आग में झोंकने की साजिश रची जा रही है। यह कोई संयोग नहीं है कि खालिस्तान के नए झंडाबरदार अमृतपाल सिंह जो बात कहता है वही राहुल गांधी भी कहते हैं। RSS के खिलाफ एक तरफ कनाडा में रिपोर्ट तैयार होती है उसे आतंकवादी संगठन करार दिया जाता है तो दूसरी तरफ राहुल गांधी लंदन में RSS के खिलाफ जहर उगलते हैं। RSS को लेकर उनसे प्लांटेड सवाल किए जाते हैं।
अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस ने साल 2020 में वैश्विक स्तर पर राष्ट्रवाद से लड़ने के लिए 100 करोड़ डॉलर देने की बात कही थी। उसने कहा था कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना ‘राष्ट्रवादियों से लड़ने’ के लिए की जाएगी। सोरोस ने ‘अधिनायकवादी सरकारों’ और जलवायु परिवर्तन को अस्तित्व के लिए खतरा बताया था। सोरोस ने कहा था कि राष्ट्रवाद अब बहुत आगे निकल गया है। सबसे बड़ा और सबसे भयावह झटका भारत को लगा है, क्योंकि वहां लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नरेंद्र मोदी भारत को एक हिन्दू राष्ट्रवादी देश बना रहे हैं।
डीप स्टेट भारत की तरक्की से खुश नहीं है और वह चाहता कि किसी तरह से भारत को कमजोर किया जाए। इसीलिए उसने प्यादे के रूप में राहुल गांधी को चुना है। राहुल गांधी इसके लिए योग्य उम्मीदवार हैं। उनके पास अपना कोई विजन नहीं है। डीप स्टेट जैसा कहेगा वो वैसा ही करते जाएंगे। जैसा कि यूक्रेन में हो रहा है। कुल मिलाकर डीप स्टेट चाहता है कि पश्चिमी देशों को चुनौती देने वाली दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भारत और चीन के बीच रूस-यूक्रेन की तरह युद्ध छिड़ जाए जिससे ये दोनों देश कमजोर हो जाएं। और राहुल गांधी लालचवश में उनके एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्हें इस बात से तनिक भी दुख नहीं है कि इससे देश का क्या होगा।
नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पश्चिमी देश अपना हित साधने के लिए सरकार भी खरीद लेती थी और तमाम तरह की साजिश रचने में सफल हो जाती थी। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 90 के दशक में हुए इसरो जासूसी कांड है। उस वक्त भारतीय वैज्ञानिक नंबी नारायण के नेतृत्व में भारत लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन बनाने में सफल होने के करीब पहुंच गया था लेकिन CIA ने कांग्रेस सरकार और नेताओं को खरीद कर नंबी नारायण को जेल में डलवा दिया और भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम 20-30 साल पीछे चला गया। इसरो जासूसी कांड में जब नंबी नारायण को गिरफ्तार किया गया था तो उस वक्त केरल में कांग्रेस की सरकार थी। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि नंबी नारायण की अवैध गिरफ्तारी में केरल सरकार के तत्कालीन बड़े अधिकारी भी शामिल थे। हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा कि नंबी नारायण की गिरफ्तारी संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा थी।
विदेशी ताकतें और जार्ज सोरोस जैसे लोग भारत में एक कमजोर और गठबंधन सरकार को पसंद करते हैं, जिससे वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उसे चला सकें। एक स्थिर, पूर्ण बहुमत वाली सरकार से वे डरते हैं और इसीलिए उसे हटाना चाहते हैं। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि राहुल गांधी 2022 में जब ब्रिटेन में थे उसी समय सोरोस भी ब्रिटेन में था। यह डीपस्टेट का षड़यंत्र है जिसमें कांग्रेस सहित लेफ्ट लिबरल मिले हुए हैं।
किस अनडिजायरेबल बिजनेसमैन से मिलते हैं और क्या है विलिंग-डीलिंग?
राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने दावा किया कि राहुल गांधी विदेशों में जाकर अनडिजायरेबल बिजनेसमैन से मिलते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे पर बड़ा आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी समेत पूरे परिवार के विदेशों में कई कारोबारियों से संबंध रहे है। मैं ऐसे 10 नाम गिनवा सकता हूं, जिनसे राहुल गांधी विदेशों में जाकर मिलते हैं। इनमें कई अवांधित कारोबारी भी शामिल हैं।
…their entire family (the Gandhis) have all along had association with businessmen, including him (Rahul Gandhi). He (Rahul) goes abroad and meets undesirable businessmen…
– Ghulam Nabi Azad
Rahul Gandhi must explain who are these businessmen he meets and for what purpose? pic.twitter.com/2juk0GlvhW
— BJP (@BJP4India) April 9, 2023
एक मलयाली न्यूज चैनल से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मेरा कभी किसी उद्योगपति से संबंध नहीं रहा है, जबकि उनके (गांधी परिवार) समेत पूरे परिवार के उद्योगपतियों से संबंध रहे हैं। मेरे अंदर उस परिवार के लिए बहुत सम्मान है, वरना मैं बताता कि वह देश से बाहर कहां-कहां गए थे और उद्योगपतियों से मिले थे। यहां तक कि ऐसे लोगों से भी मिले, जो अनडिजायरेबल बिजनेसमैन थे।
“राहुल गांधी और उनके परिवार के लोगों के कारोबारियों के साथ रिश्ते हैं, वे उनसे मिलने विदेश जाते हैं” : @ghulamnazad #RahulGandhi | Rahul Gandhi | #GhulamNabiAzad | Ghulam Nabi Azad pic.twitter.com/lqk6VMkfRE
— News24 (@news24tvchannel) April 10, 2023
बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में 50 साल तक रहे। उन्होंने काफी गंभीर आरोप लगाया है कि राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं तो वह अवांछनीय व्यवसायी से मिलते थे। राहुल गांधी किस-किस से मिलते हैं? उनके मिलने का एजेंडा क्या होता है?
गुलाम नबी आजाद जी ने बहुत ही गंभीर आरोप लगाया है कि- राहुल गांधी जी जब भी विदेश दौरे पर जाते हैं तो कई ‘अवांछित व्यापारियों’ से मिलते हैं। अब देश यह जानना चाहता है कि कौन हैं ये अवांछित व्यापारी?
– श्री @rsprasad
पूरा देखें: https://t.co/UMzXMYD0fS pic.twitter.com/enRdr4RQPh
— BJP (@BJP4India) April 10, 2023
रवि शंकर प्रसाद ने सवाल किया कि राहुल गांधी हर चार-पांच महीने पर विदेश जाते हैं, किससे मिलते हैं, ये बिजनेसमैन कौन हैं, ये देश जरूर जानना चाहेगा? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी राहुल विदेश से लौटते हैं तो उनका हमला भारत, प्रधानमंत्री मोदी के ऊपर और तेज हो जाता है। क्या राहुल गांधी भारत विरोधी कारोबारियों के साथ मिलकर देश को कमजोर करने का काम कर रहे हैं?
कौन हैं ये ‘अवांछित व्यापारी’ और इनके क्या हित जुड़े हैं?
क्या राहुल गांधी भारत विरोधी व्यापारियों के इशारे पर भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं और मोदी जी के खिलाफ काम कर रहे हैं?
– श्री @rsprasad
— BJP (@BJP4India) April 10, 2023
बीजेपी सांसद ने कहा कि राहुल गांधी सभी भारत विरोधी व्यापारियों का समर्थन कर रहे हैं, इसलिए वह हमेशा भारत की वैक्सीन और भारत का मजाक उड़ाते हैं। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि क्या राहुल गांधी ने बोफोर्स केस के खिलाफ कुछ कहा? क्या उन्होंने क्वात्रोची को जिस प्रकार से भगाया गया, उस पर कुछ कहा? नेशनल हेराल्ड केस, जिसमें वो खुद बेल पर हैं, उस पर उनका क्या कहना है? हम जानना चाहते हैं कि आखिर राहुल गांधी का एजेंडा क्या है, वो क्या चाहते हैं?
भाजपा अपेक्षा करती है कि ये कौन से व्यापारी हैं जिन से राहुल गांधी मिलते हैं और इनके बीच क्या ‘विलिंग-डीलिंग’ है।
– श्री @rsprasad
— BJP (@BJP4India) April 10, 2023