प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत ने विकास की नई बुलंदी को छूने में सफलता पाई है। मोदी सरकार के विकास कार्यों पर अब संयुक्त राष्ट्र ने भी मुहर लगा दी है। संयुक्त राष्ट्र की मानव विकास सूचकांक (HDI) में भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धि को सराहा गया है। यूएन ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय लोगों के जीवन स्तर में जबरदस्त सुधार होने की बात को स्वीकारा है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जीवन प्रत्याशा के बढ़ने के साथ प्रति व्यक्ति आय में भी शानदार वृद्धि हुई है। यही नहीं, भारत ने लैंगिक असमानता को कम करने में जबरदस्त प्रगति की है, जिसका लिंग असमानता सूचकांक 0.437 है, जो वैश्विक औसत से बेहतर है। इससे साफ हो रहा है कि मोदी सरकार का बेटी बचाओ अभियान भी रंग लाने में सफल हुआ है। यूएन ने भारत की इस प्रगति की सराहना की है।
प्रति व्यक्ति आय 5.75 लाख रुपये हुई
रिपोर्ट के अनुसार, यूएन की ताजा रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक भारत में प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,542 अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 6,951 अमेरिकी डॉलर दर्ज की गई है। इंडियन करेंसी में यह राशि करीब 5.75 लाख रुपये होती है। इसका मतलब है कि लोग अब पहले की तुलना में अधिक पैसा कमाते हैं।
BIG NEWS 🚨 Just before Loksabha Elections, UN report is full of praise for PM Modi & India 😂🔥
UN said “India has shown remarkable progress in human development” ⚡
UN report said India has improved in its ranking of Gender Inequality Index, life expectancy, education, and… pic.twitter.com/oXuUFxX136
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) March 14, 2024
औसत आयु में 9.1 वर्ष की बढ़ोतरी
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कई सालों में भारत ने मानव विकास के स्तर पर बड़ी उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत की जीवन प्रत्याशा 9.1 वर्ष बढ़ी है यानि अब लोगों की उम्र 9 साल से ज्यादा बढ़ गई है। 1990 में जन्म के समय औसतन जीवन संभावना करीब 58 साल थी जोकि अब 9.1 वर्ष बढ़कर 67.7 साल रिकॉर्ड की गई है।
स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 4.6 साल बढ़े
स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 4.6 साल बढ़े हैं। इसका मतलब है कि लोग अब पहले की तुलना में अधिक समय तक स्कूल में पढ़ते हैं।
लैंगिक असमानता वैश्विक औसत से बेहतर
भारत ने लैंगिक असमानता को कम करने में भी बड़ी सफलता हासिल की है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत का GII मान 0.437 है। इसको वैश्विक और दक्षिण एशियाई औसत से बेहतर बताया गया है। इसके अलावा रिपोर्ट में मानव जीवन के विकास से जुड़े दूसरे अलग-अलग पहलुओं पर भी गहन अध्ययन कर उनको भी इंडेक्स में शामिल कर सिलसिलेवार तरीके से जिक्र किया है।
प्रजनन स्वास्थ्य अन्य देशों की तुलना में बेहतर
प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल ‘मध्यम एचडीआई’ श्रेणी में अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। 2022 में किशोर जन्म दर 16.3 थी, जो 2021 में 17.1 थी।
श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
2022 के सूचकांक के मुताबिक देश की श्रम बल भागीदारी भी पहले की तुलना में तेजी से बेहतर हुई है। महिलाओं (28.3 प्रतिशत) और पुरुषों (76.1 प्रतिशत) के बीच 47.8 प्रतिशत का बड़ा अंतर देखा गया है। हालांकि 2023 के आंकड़ों के मुताबिक श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी 37 प्रतिशत हो गई है। इस तरह श्रम बल भागीदारी में पुरुषों और महिलाओं के बीच अंतर तेजी से कम हो रहा है।