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मोदी राज में अन्नदाता का हित सर्वोपरि: नहीं बढ़ेंगे खाद के दाम, सब्सिडी में भी इजाफा

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देश में अन्नदाता की कमाई बढ़े, उन्हें उनकी फसलों के बेहतर दाम मिलें साथ ही खेती की लागत में भी कमी आए इसके लिए मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है । देश के अन्नदाता के हित को सबसे पहले रखते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार कई बड़े फैसले ले रही है । मोदी सरकार ने इस साल फर्टिलाइजर की कीमतों में इजाफा नहीं करने का फैसला किया है । इसके साथ ही सब्सिडी भी बढ़ाई जाएगी जिससे अन्नदाता की कमाई बढ़ेगी ।

अन्नदाता की आय दोगुनी करने की दिशा में बड़ा कदम

किसानों के हित में मोदी सरकार के फैसले के बाद इस साल फास्पेटिक और पोटाशिक फर्टिलाइजर के दाम नहीं बढ़ेंगे साथ ही सब्सिडी भी बढ़ेगी जिससे देश के किसानों का बड़ा फायदा होगा । मोदी सरकार का ये फैसला वर्ष 2021-2022 के लिए लागू रहेगा। फास्पेटिक और पोटाशिक खाद पर सब्सिडी मिलने से किसानों को प्रति बैग के हिसाब से 438 रूपए की बचत होगी। मोदी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए फास्पेटिक और पोटाशिक फर्टिलाइजर के लिए एडिशनल 28,655 करोड़ सब्सिडी की घोषणा की है।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 की अवधि के लिए एनपी एंड के उर्वरकों यानि फास्पेटिक और पोटाशिक खाद(फर्टिलाइजर) के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को मंजूरी दे दी है। खेतों में फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए किसान फास्पेटिक और पोटाशिक खाद का इस्तेमाल करते हैं । अक्तूबर में शुरू हुए रबी सीजन के लिए भी किसानों को मोदी सरकार के फैसले से बड़ा फायदा होगा।

रबी फसलों की MSP बढ़ने से किसानों की बढ़ेगी कमाई 

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मोदी सरकार ने रबी फसलों की MSP में इजाफे का एलान किया था । अन्नदाता के हक में MSP में 40 रु से लेकर 400 रूपए तक का इजाफा किया गया था। उम्मीद की जा रही है मोदी सरकार के इस फैसले से किसान सशक्त होगा। MSP में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सरसों और मसूर में हुई है, इसमें 400-400 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है । जौ की एमएसपी 1600 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1635 रुपये हुई है। वहीं चने की एमएसपी में 130 रुपये की वृद्धि की गई है। अब इसकी कीमत 5230 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। मसूर की एमएसपी में 400 रुपये, सरसों की 400 रुपये और सूरजमुखी की एमएसपी में 114 रुपये का इजाफा करने का फैसला किया गया है। मोदी विरोधी संगठन MSP को लेकर सरकार पर निशाना साधते रहे हैं , लेकिन मोदी सरकार ने देश के अन्नदाता के हित के सबसे ऊपर रखते हुए MSP बढाने का फैसला किया है। उम्मीद है कि मोदी सरकार के फैसले के बाद देश में MSP के नाम पर दुष्प्रचार बंद होगा।

पंजाब-हरियाणा के किसानों से MSP पर धान खरीद का फैसला 

इसके पहले भी मोदी सरकार ने देश के किसानों के हक में कई बड़े फैसले लिए हैं । सरकार ने 3 अक्टूबर से  पंजाब-हरियाणा के किसानों से MSP पर धान की खरीद का फैसला किया था। पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में बारिश और नमी की वजह से किसानों की फसल पर असर पड़ा था। धान की खरीद की प्रक्रिया में इससे देरी की आशंका थी। लेकिन मोदी सरकार ने अन्नदाता के हित को सबसे ऊपर रखते हुए 3अक्टूबर से धान की खरीद का फैसला किया। मोदी सरकार ने MSP पर धान खरीद करने के निर्देश दिए हैं। अन्नदाता के हक में मोदी सरकार के इस फैसले से पंजाब और हरियाणा के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है ।

अन्नदाता के हित में मोदी सरकार का बड़ा फैसला

जिन इलाकों में धान की फसल पहले तैयार होती है और जहां बारिश का असर कम है वहां सबसे पहले धान की खरीद शुरू होगी। इसके बाद बाकी इलाकों में भी इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। मोदी सरकार के फैसले का हरियाणा और पंजाब की सरकारों ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री के मनोहर खट्टर ने हरियाणा में धान की खरीद को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे से मुलाकात की थी और हरियाणा में 3 अक्तूबर से धान की खरीद शुरू करने का आग्रह किया था।

मोदी सरकार ने देश के किसानों के सम्मान और उनकी तरक्की के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। लेकिन विरोधी पार्टियां किसानों का हित देखने के बदले, किसानों के मुद्दे पर राजनीति करने में जुटी है। विपक्षी दलों की इस राजनीति और किसान हितैषी सुधारों का विरोध करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा है।

किसानों के नाम पर राजनीति से हो रहा अन्नदाता का नुकसान

‘ओपन मैगजीन’ को दिए एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने किसानों के नाम पर देश में चल रही विरोधी दलों की राजनीति पर कहा कि विरोध करने वालों को लोगों के फायदों से कोई सराकोर नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘नए कृषि कानूनों का विरोध करने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर ठीक वही करने को कहा, जो उनकी सरकार ने किया है. अगर आप आज किसान समर्थक सुधारों का विरोध करने वालों को देखें तो आपको बौद्धिक बेईमानी और राजनीतिक धोखाधड़ी का असली मतलब नजर आ जाएगा।

छोटे किसानों को मजबूत बनाने में जुटी मोदी सरकार 

पीएम मोदी की सरकार देश के छोटे किसानों को मजबूत बनाने और उनकी परेशानियों का हल निकालने के लिए कमर कस चुकी है। अन्नदाता की
परेशानियों से जुड़े किसी भी मुद्दे पर बात करने और उसका हल निकालने  के लिए सरकार हर वक्त तैयार है। लेकिन विरोधी पार्टियां किसानों के नाम पर खुद का हित साधने में जुटी हैं। किसानों के मुद्दे पर विपक्ष पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ‘ये वही लोग हैं, जिन्‍होंने मुख्‍यमंत्रियों को पत्र लिखकर वही करने को कहा, जो हमारी सरकार ने किया है. ये वही लोग हैं जिन्‍होंने अपने घोषणापत्र में लिखा कि वे वही सुधार लागू करेंगे, जो हम लेकर आए हैं. फिर भी, चूंकि हम एक अलग राजनीतिक‍ दल हैं, जिसे लोगों ने अपना प्‍यार दिया है और जो वही सुधार लागू कर रहा है तो उन्‍होंने पूरी तरह यू-टर्न ले लिया है’ । मोदी सरकार के विरोध के नाम पर देश के किसानों के हित को नजरअंदाज किया जा रहा है । किसानों का फायदा छोड़ विरोधी पार्टियां अपना फायदा साधने में जुटी हैं।

किसानों के हित में मोदी सरकार के बड़े फैसले 

इधर देश के किसानों को हित में कृषि कानूनों को लागू करने के अलावा, मोदी सरकार ने कोरोना काल में भी देश के अन्नदाता को फायदा पहुंचाने वाले कई बड़े फैसले लिए

  • अब तक पीएम किसान सम्मान निधि की 9 किस्तें जारी
    • किसान सम्मान निधि के तहत 1.6 लाख करोड़ रुपये जारी
    • 2 करोड़ से अधिक किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए
    • दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कृषि ऋण दिया गया
    • कृषि ऋण पर ब्याज दर में छूट का प्रावधान किया गया
    • DAP खाद के लिए सब्सिडी 140 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला
    • फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी के साथ रिकॉर्ड खरीद हुई
    • एमएसपी पर उपज खरीद का पैसा बैंक खातों में भेजा गया
    • कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचा के लिए एक लाख करोड़ रुपये
    • आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव, फसल बेचने की आजादी
    • फसल बीमा योजना का लाभ सभी फसलों व किसानों को मिला

अन्नदाते के विकास से जुड़ा है देश का विकास 

हाल में किसानों के मुद्दे पर राजनीति से दूर मोदी सरकार ने सरसों की एमएसपी बढ़ने का फैसला किया । मोदी सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए सरसों की एमएसपी को 400 रुपये बढ़ाकर 5,050 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया, जो पिछले वर्ष में 4,650 रुपये प्रति क्विंटल था।
सरकार के इस फैसले से एक ओर कम पानी में पकने वाली सरसों की फसल के प्रति रुझान बढ़ेगा, वहीं दूसरी ओर गेहूं की तुलना में उत्पादन लागत कम होने से आमदनी भी बढ़ेगी। इससे दक्षिण व पश्चिम हरियाणा के किसानों को सर्वाधिक लाभ मिलेगा।

गन्ना किसानों को भी मोदी सरकार ने का बड़ा तोहफा दिया है। एफआरपी बढ़ाकर हुआ 290 रुपये प्रति क्विंटल किया है इससे, 5 करोड़ किसानों और 5 लाख शुगर मिल श्रमिकों को फायदा मिलेगा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 7 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए इतना कुछ किया गया है, जो 70 वर्षों में नहीं हुआ।

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