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खालिस्तानी आतंकवाद और साइबर सिक्योरिटी पर फोकस होगा महानिदेशक-महानिरीक्षक सम्मेलन में, पीएम मोदी तीन दिन जयपुर में रहेंगे, बीजेपी बैठक में भी होगा रणनीतिक मंथन

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जयपुर में पांच जनवरी से शुरू होने वाले पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के तीन दिवसीय सम्मेलन में खालिस्तानी आतंकवाद, साइबर सिक्योरिटी, जम्मू-कश्मीर में आतंकी समूहों की गतिविधियां प्रमुख मुद्दों में शामिल रहेंगे। इसके अलावा हाल ही में बनाए गए तीन आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन, माओवादी समस्या, अंतर-राज्य पुलिस समन्वय और आम चुनावों के दौरान संभाले जाने वाले मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। डीजी-आईजी कांफ्रेंस में पीएम नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी भाग लेंगे। पीएम मोदी नए कार्यक्रम के तहत 6 जनवरी के बजाए अब 5 जनवरी को जयपुर आएंगे। वे शाम को जयपुर आने के बाद एयरपोर्ट से सीधे बीजेपी कार्यालय पहुंचेंगे, जहां वे संगठनात्मक बैठक ले सकते हैं। वे डीजी-आईजी कांफ्रेंस के एक औपचारिक सत्र को संबोधित करने से पहले देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूरे सम्मेलन में मौजूद रहेंगे जो कई सत्रों में चलेगा।
जयपुर में बीजेपी की संगठनात्मक बैठक में होगा भविष्य की रणनीति पर मंथन
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) रैंक के लगभग 250 अधिकारी सम्मेलन में भाग लेंगे, जबकि 200 से अधिक अन्य अधिकारी वर्चअल भाग ले सकते हैं। पीएम मोदी इस सम्मेलन में शिरकत करने से पहले बीजेपी की संगठनात्मक बैठक ले सकते हैं। लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में यह बैठक महत्वपूर्ण हो सकती है। इसमें प्रदेश पदाधिकारियों के साथ सभी बीजेपी विधायक भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद पीएम राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे। वहीं अगले दिन 6 जनवरी को डीजी-आईजी कांफ्रेंस में भाग लेंगे। पीएम मोदी की बैठक को लेकर प्रदेश बीजेपी कार्यालय में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। दूसरी ओर पीएम मोदी की यात्रा को देखते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन परिसर का अनौपचारिक जायजा लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री की यात्रा से संबंधित सुरक्षा और आवश्यक तैयारियों के बारे में जानकारी लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दिए। इस दौरान उन्होंने विभिन्न व्यवस्थाओं से संबंधित समीक्षा भी की। प्रधानमंत्री मोदी के आगमन और उनके ठहरने से संबंधित सभी कार्य समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए।डीजी-आईजी सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह तीनों दिन शामिल होंगे
जयपुर में होने वाले डीजी-आईजी सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह 3 दिन तक शामिल होंगे। वे 5 से 7 जनवरी तक जयपुर में रहकर इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी और गृहमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए एसपीजी के अधिकारी जयपुर में सुरक्षा इंतजाम पहले ही चेक कर चुके हैं। सम्मेलन में अमित शाह मुख्य अतिथि रहेंगे, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कार्यक्रम की अध्यक्षता कर सकते हैं। पुलिस मुख्यालय और जयपुर कमिश्नरेट पुलिस की ओर से तैयार सुरक्षा इंतजाम पर एसपीजी ने काम करना शुरू कर दिया है। बुलेटप्रूफ गाड़ियों का इंतजाम किया गया है। गृहमंत्री को तीन दिनों तक सोडाला के पास एक गेस्ट हाउस में ठहराया जाएगा। इस सेमिनार में देश के 28 राज्यों के डीजी-आईजी और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों के आईजी शामिल होंगे। 150 से अधिक सरकारी अधिकारियों के लिए विधानसभा के पास बने विधायक क्वार्टरों में इंतजाम किया गया है। इन अधिकारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जयपुर पुलिस के पास है।

मोदी सरकार आने के बाद पहली बार दिल्ली से बाहर हुआ था यह वार्षिक सम्मेलन
डीजी-आईजी सम्मेलन में आतंकवाद विरोधी, ऑनलाइन धोखाधड़ी, जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद, खालिस्तान समर्थक समूहों की गतिविधियों और वामपंथी उग्रवाद जैसे विशिष्ट विषयों पर विचार मंथन होगा। इन सभी आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए, इस पर विस्तृत विचार-विमर्श होगा। बता दें कि 2013 तक यह वार्षिक बैठक नई दिल्ली में आयोजित होती थी। इसके बाद मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद यह पहली बार 2014 में गुवाहाटी में, 2015 में कच्छ के रण में, 2016 में हैदराबाद में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में, 2017 में टेकनपुर में बीएसएफ अकादमी में, 2019 में पुणे में आयोजित किया गया था। कोविड महामारी के दौरान वर्चुअल बैठक आयोजित की गई थी।

पीएम का वर्तमान में सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही भविष्य की चुनौतियों पर फोकस
वर्ष 2014 से ही प्रधानमंत्री मोदी डीजीपी सम्मेलन में गहरी दिलचस्पी लेते रहे हैं। जहां एक ओर पहले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्रियों की महज सांकेतिक उपस्थिति हुआ करती थी, वहीं दूसरी ओर अब प्रधानमंत्री इस सम्मेलन के सभी प्रमुख सत्रों में उपस्थित रहते हैं। प्रधानमंत्री न केवल सभी जानकारियों एवं सुझावों को धैर्यपूर्वक सुनते हैं, बल्कि स्वतंत्र और अनौपचारिक चर्चाओं को प्रोत्साहित भी करते हैं, ताकि नए-नए विचार सामने आ सकें। इससे देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को पूरे देश को प्रभावित करने वाले पुलिस व्‍यवस्‍था और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर जानकारी देने और उनके समक्ष अपनी खुली या निष्‍पक्ष एवं स्पष्ट अनुशंसाएं पेश करने के लिए अत्‍यंत सौहार्दपूर्ण माहौल मिलता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री के विजन को ध्‍यान में रखते हुए इस सम्मेलन में अब पुलिस व्‍यवस्‍था और सुरक्षा से जुड़ी भविष्यवादी या अत्‍याधुनिक थीमों पर चर्चा शुरू कर दी गई है, ताकि न केवल वर्तमान समय में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, बल्कि उभरते मुद्दों और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता भी विकसित की जा सके।

 

 

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