पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की गलत नीतियों के कारण आज पाकिस्तान कंगाल और दिवालिया हो चुका है। अर्थव्यवस्था की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि कोई देश पाकिस्तान को कर्ज देने को तैयार नहीं है। इमरान खान को सऊदी अरब के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। पैसों की किल्लत इस कदर बढ़ गई है कि देश को चलाना और कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में पाकिस्तानी दूतावास भी इमरान सरकार के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं। देश की बदहाली पर तंज कस रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच साल पहले पाकिस्तान को इस बदहाली से लड़ने की चुनौती दी थी, लेकिन पाकिस्तान इस चुनौती से लड़ने के बजाय भारत से लड़ता रहा।
रैप शेयर कर पाकिस्तानी दूतावास ने रोया दुखड़ा
दरअसल सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने 3 महीने से सैलरी नहीं मिलने के कारण इमरान सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की है। दूतावास ने नकदी के संकट से जूझ रही इमरान खान सरकार पर तंज कसने के लिए अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इमरान खान के ‘आप ने घबराना नहीं है’ का रैप शेयर किया। सर्बिया में पाकिस्तानी दूतावास ने ट्वीट किया, “महंगाई पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ रही है, @ImranKhanPTI आप कब तक उम्मीद करते हैं कि हम सरकारी अधिकारी चुप रहेंगे और आपके लिए काम करते रहेंगे। पिछले 3 महीनों से फीस जमा नहीं करने के कारण, हमारे बच्चों को स्कूल से बाहर कर दिया गया है। क्या यह #नयापाकिस्तान है?”
झूठी उम्मीदें देने के लिए इमरान खान का उड़ाया मजाक
इस ट्वीट में साद अलवी द्वारा गाए और कम्पोज किए गए गाने को शेयर कर पाकिस्तान के लोगों को झूठी उम्मीदें देने के लिए इमरान खान का मजाक उड़ाया गया है। 0.56 मिनट के इस रैप में प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रसिद्ध ‘आप ने घबराना नहीं है’ भाषण को म्यूजिकल तरीके से पेश किया है। रैप गाने की शुरुआत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के द्वारा राष्ट्र को संबोधित करते हुए होती है, जिसमें वो कहते हैं, “आपने, सबसे पहले, घबराना नहीं है”। इमरान खान ने ये भाषण पिछले साल मार्च में उस वक्त दिया था, जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण फैल रहा था। हालांकि दूतावास के ट्वीट के बाद यह रैप सोशल मीडिया में काफी वायरल हो गया। इससे पाकिस्तान और इमरान खान सरकार की जमकर किरकिरी हो रही थी। इसे देखते हुए बेलग्रेड स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
पाकिस्तानी हुक्मरानों को प्रधानमंत्री मोदी की ललकार
गौरतलब है कि पाकिस्तान में खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। महंगाई की वजह से लोगों को भूखमरी का सामना करना पड़ रहा है। पैसे की कमी की वजह से लोगों को रोजगार नहीं मिल रहे हैं, जिनके पास रोजगार है, उन्हें वेतन नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वो ललकार याद आ रही है, जब 2016 में उन्होंने केरल के कोझिकोड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को लड़ने की चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था, “आपके हुक्मरान हजार साल लड़ने की बात करते हैं, आज दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है कि मैं आपकी चुनौती को स्वीकार करने को तैयार हूं। पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि मैं आपसे लड़ने को तैयार हूं, आप अपने देश की गरीबी खत्म करो, मै अपने देश की करता हूं। देखते हैं कौन पहले करता है। आओ ये लड़ाई लड़ते हैं। आओ लड़ाई लड़ें कि पहले हिंदुस्तान बेरोजगारी खत्म करता है या पाकिस्तान करता है। मैं पाकिस्तान के उन छोटे-छोटे बालकों से कहना चाहता हूं कि दोनों देश अशिक्षा को खत्म करने की लड़ाई लड़ें और देखते हैं ये लड़ाई पहले कौन जीतता है।”
“क्यों पाक हुक्मरान गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, कुपोषण से जंग नहीं चाहते ?”
भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे पाकिस्तान की जनता से यह कह कर सीधा संवाद किया कि उसके हुक्मरानों को दुनिया गंभीरता से नहीं लेती। प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तानी आवाम से आह्वान किया कि विकास और बुनियादी सुविधाओं से ध्यान हटाने के लिए उनके हुक्मरान आतंकवाद और कश्मीर जैसे मुद्दों से लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तानी आवाम का आह्वान किया कि वह अपने हुक्मरानों से पूछे कि जब दोनों देश को एक साथ आजादी मिली तो भारत दुनिया की सबसे मजबूती से उभरने वाली अर्थव्यवस्था तो पाकिस्तान इस मोर्चे पर सबसे पीछे रहने वाला देश क्यों है। क्यों भारत सॉफ्टवेयर का निर्यात करता है और पाकिस्तान आतंकवाद का। क्यों उसके हुक्मरान गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, कुपोषण जैसे मुद्दों पर भारत से जंग नहीं चाहते।