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पीएम मोदी रचेंगे इतिहास, देश की आजादी के बाद सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने वाले बनेंगे पहले भारतीय प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साहसी और फ्रंट से लीड करने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं। इसी का नतीजा है कि उनके शासनकाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जहां भारत का कद बढ़ा है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने  दुनिया के शक्तिशाली मंचों पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और इतिहास रचने जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने रविवार (1 अगस्त, 2021) को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 9 अगस्त को 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं। ऐसा करने वाले वे आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे।

सैयद अकबरुद्दीन ने साल 2019 की प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त राष्ट्र की अंतिम तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने का फैसला किया है। इससे ये साबित होता है कि हमारे लीडर अब फ्रंट से लीड करना चाहते हैं।’ उन्होंने बताया कि यह बैठक भले ही वर्चुअली आयोजित की जाएगी, लेकिन हमारे लिए ऐतिहासिक है। सुरक्षा परिषद में भारत का ये 8वां कार्यकाल है। 

गौरतलब है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी देशों में से एक है। अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत को दो साल का कार्यकाल मिला है, जो 1 जनवरी, 2021 से शुरू हो चुका है। वहीं, भारत ने 1 अगस्त 2021 से सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष की कमान संभाल ली है, जो एक महीने (अगस्त 2021) तक रहेगी। इसके बाद अब भारत को दिसंबर 2022 में फिर से अध्यक्षता करने का मौका मिलेगा। अपनी अध्यक्षता के दौरान, भारत तीन बड़े क्षेत्रों – समुद्री सुरक्षा, शांतिरक्षण और आतंकवाद रोकथाम के संबंध में तीन उच्च स्तरीय प्रमुख कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।

बदलते वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए भारत लगातार स्थायी सदस्यता के लिए आवाज उठा रहा है। भारत हर मंच से अपनी बात मजबूती से दर्ज करा रहा है कि यूएनएससी में संगठनात्मक तौर पर बदलाव होना चाहिए और स्थयी सदस्यों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। भारत के दावे को कई देशों का समर्थन मिला है और इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इससे लगता है कि वो समय अब दूर नहीं जब भारत सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनकर इतिहास रचेगा। इससे फिर साबित होगा कि मोदी है तो मुमकिन है।

 

 

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