भारत में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। जहां मोदी सरकार ने टोक्यो ओलंपिक 2020 की तैयारियों के लिए आर्थिक मदद दी, वहीं खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया करायीं। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओलंपिक खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत तौर पर प्रयास किया। जब टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय पुरूष और महिला हॉकी टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया, तो उन्होंने खुद श्रेय लेने की कोशिश नहीं की। यहां तक कि दोनों हॉकी टीम का स्पॉन्सर होने के बावजूद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसका श्रेय नहीं लिया। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह हॉकी टीम की जीत पर क्षेत्रीय राजनीति करने से बाज नहीं आए।
टोक्यो ओलंपिक में ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल्स में 49 साल बाद जगह बनाने पर पूरे देश को भारत की पुरुष हॉकी टीम पर गर्व महसूस हो रहा है। यह जीत एक टीम प्रयास का नतीजा है। लेकिन अमरिंदर सिंह ने जिस तरह इस जीत को क्षेत्रीय चश्मे से देखा है, वो टीम के दूसरे खिलाड़ियों का अपमान है। अरमरिंद सिंह ने पुरुष टीम की जीत पर ट्वीट किया और खास तौर पर गोल करने वाले तीन खिलाड़ियों का जिक्र किया जो पंजाब के रहने वाले हैं। अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, ”…41 साल बाद टीम इंडिया ने टॉप 4 में प्रवेश किया है। इस बात को जानकर खुश हूं कि सभी 3 गोल पंजाब खिलाड़ी दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह और हार्दिक सिंह ने किए। शुभकामनाएं। गोल्ड लेकर आएं।”
Stellar performance by the Indian Men’s Hockey team at #TokyoOlympics to beat Great Britain by 3-1 & entering Olympic top 4 after 41 years. Happy to note that all 3 goals were scored by Punjab players Dilpreet Singh, Gurjant Singh & Hardik Singh. Congratulations…go for Gold! ?? pic.twitter.com/MgQiLFOf8K
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) August 1, 2021
अमरिंदर सिंह यहीं नहीं रूके। उन्होंने महिला हॉकी टीम की शानदार जीत को भी क्षेत्रवाद के दायरे में समेट दिया। उन्होंने इस जीत में भी क्षेत्रवादी एंगल खोजकर एकमात्र गोल करने वाली पंजाब की गुरजीत कौर को जीत का पूरा श्रेय दे दिया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “हमारी महिलाओं पर गर्व है कि वह तीन बार की विजेता को हराकर सेमीफाइनल्स में पहुंचीं। अमृतसर की गुरजीत कौर को शाबाशी जिन्होंने पूरे मैच का अकेला गोल किया। हम इतिहास की दहलीज पर हैं। शुभकामनाएं लड़कियों। गोल्ड लेकर आओ।”
Proud of our Women #HockeyTeam for making it to Olympic Semi-Finals by beating three-time Olympic Champions Australia. Kudos to Gurjit Kaur from Amritsar who scored the lone goal of the match. We are on the threshold of history. Best of luck girls, go for the gold. ?? pic.twitter.com/vvk1TLftFR
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) August 2, 2021
दरअसल जिस हॉकी टीम की सफलता पर अमरिंदर सिंह ने क्षेत्रवादी श्रेय लेने की कोशिश की है, उसी भारतीय हॉकी की दोनों टीमों की स्पॉन्सर ओडिशा की सरकार है। फरवरी 2018 में सहारा को रिप्लेस कर के ओडिशा ही भारतीय हॉकी का स्पॉन्सर बना। सीनियर के साथ-साथ महिला एवं पुरुष के जूनियर टीमों की भी। 5 वर्षों के लिए ये करार हुआ था। अभी ढाई वर्ष हो गए हैं। एक अनुमान है कि इसके लिए ओडिशा की सरकार ने 150 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो सहारा द्वारा खर्च किए गए रुपयों से साढ़े 3 गुना अधिक है। मौजूदा हॉकी टीम में भी बीरेंद्र लकरा और अमित रोहिदास जैसे खिलाड़ी ओडिशा से हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इनके राज्य का जिक्र करते हुए अलग से बधाई नहीं दी, सब को बधाई दी।
ଦୀର୍ଘ ୪୧ ବର୍ଷ ପରେ ଭାରତୀୟ ପୁରୁଷ ହକି ଦଳ ଏବଂ
ପ୍ରଥମଥର ମହିଳା ହକି ଦଳ ଅଲମ୍ପିକର ସେମିଫାଇନାଲରେ ପହଞ୍ଚିବା ସମଗ୍ର ଦେଶ ପାଇଁ ଗୌରବର ବିଷୟ। ୨୦୧୮ରୁ ଓଡ଼ିଶା ଉଭୟ ଜାତୀୟ ଦଳକୁ ପ୍ରୋତ୍ସାହିତ କରିଆସୁଥିବାରୁ ଆମେ ସମସ୍ତେ ଓଡ଼ିଶାବାସୀ ଆଜି ଗର୍ବିତ। ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଆନ୍ତରିକ ଶୁଭେଚ୍ଛା।ଜୟ ହିନ୍ଦ୍ #Tokyo2020 pic.twitter.com/RupFHLBPPy
— Naveen Patnaik (@Naveen_Odisha) August 2, 2021
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर ने जिस तरह पंजाब के खिलाड़ियों का महिमामंडन किया है, उससे उन्होंने देशहित की जगह अपनी क्षेत्रीय राजनीति को प्राथमिकता दी। यह पंजाब को भारत से अलग दिखाने की उनकी चाहत को दर्शाता है। हालांकि सोशल मीडिया पर यूजर्स ने कैप्टेन अमरिंदर को आइना दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि अमरिंदर सिंह जिन्हें पंजाबी खिलाड़ी कह रहे हैं वो दरअसल टोक्यो में भारतीय खिलाड़ी के रूप में खेल रहे हैं ना कि पंजाब के खिलाड़ी के रूप में। एक सिख यूजर ने लिखा, “एक सिख होने के नाते मैं कहना चाहता हूं कि वह पहले भारतीय हैं। अगर बाकी प्लेयर बॉल को आगे बढ़ाते ही नहीं, तो वो स्कोर कैसे करते।”
BEING A SIKH , I MUST SAY THEY ARE INDIANS FIRST WHEN PLAYING OLYMPIC… If other players donot assist ball , how would they score…
— DILPREET Singh (@DILPREETSHERGIL) August 1, 2021