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एमसीडी चुनाव में कट्टर भ्रष्टाचारी मंत्रियों के खिलाफ दिल्ली की जनता का फैसला, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत के क्षेत्र में ‘आप’ की करारी हार

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दिल्ली नगर निगम के चुनाव में जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। चुनाव नतीजे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, केजरीवाल सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन और कैलाश गहलोत के लिए चौंकाने वाले रहे। जहां सत्येंद्र जैन के क्षेत्र में आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया, तो वहीं मनीष सिसोदिया और कैलाश गहलोत के विधानसभा क्षेत्र में भी आप का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। इससे केजरीवाल के कट्टर ईमानदार सरकार और दिल्ली मॉडल को काफी झटका लगा है, क्योंकि शिक्षा और स्वास्थ्य के दिल्ली मॉडल का ढपली लेकर केजरीवाल पूरे देश में बजाते घूम रहे हैं।

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के क्षेत्र में आप को झटका

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के क्षेत्र पटपड़गंज में भी आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यहां 4 सीटों में से बीजेपी ने 3 वार्ड (मंडावली, विनोद नगर, पटपड़गंज) में जीत हासिल की है। जबकि एक सीट पर आप को जीत मिली है। मनीष सिसोदिया दिल्ली की विवादित शराब नीति में कथित घोटाले को लेकर लगातार बीजेपी के निशाने पर हैं। सीबीआई उनसे पूछताछ भी कर चुकी है। खास बात ये है कि मनीष सिसोदिया दिल्ली के शिक्षा मंत्री हैं, आप लगातार चुनावों में स्कूलों का मुद्दा उठाते आई है और केजरीवाल शिक्षा के क्षेत्र में काम के लिए सिसोदिया को भारत रत्न देने की वकालत भी कर चुके हैं। इसके बावजूद सिसोदिया के इलाके में आप को नुकसान उठाना पड़ा है।

जेल में बंद सत्येंद्र जैन के इलाके में आप का सुपड़ा साफ

सत्येंद्र जैन के इलाके शकूरबस्ती में आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया। यहां बीजेपी सभी 3 सीटों पर जीत हासिल की। आप को यहां 1 भी सीट नहीं मिली है। सत्येंद्र जैन वही नेता हैं, जो एमसीडी चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। बीजेपी ने चुनाव के दौरान सत्येंद्र जैन के जेल में सुविधा लेते हुए एक के बाद एक कई वीडियो जारी कर आप पर निशाना साधा था। सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। केजरीवाल चुनाव में सत्येंद्र जैन को लगातार कट्टर ईमानदार बताकर बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं। यहां तक कि पद्म विभूषण से सम्मानित करने की बात भी कर चुके हैं।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी आप को ले डूबे  

दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री और नजफगढ़ से विधायक कैलाश गहलोत भी चार में से महज एक वार्ड में आप को जीत दिला पाए। यहां 3 वार्ड में बीजेपी को जीत मिली है। उन पर बीजेपी की ओर से बस खरीद में घोटाले के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। केंद्रीय एजेंसियों की ओर से उनके खिलाफ जांच भी की जा रही है। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि “दोस्तों को लाभ देने के इरादे से” दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों की निविदा व खरीद संबंधी समिति का अध्यक्ष बनाया गया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि इस निविदा के लिए, बोली प्रबंधन सलाहकार के रूप में डीआईएमटीएस की नियुक्ति गलत कामों को सुविधाजनक बनाने के लिए की गई थी।

कट्टर ईमानदार सरकार के दावे को जनता ने किया खारिज

तीनों मंत्रियों के क्षेत्र में आप के खराब प्रदर्शन से केजरीवाल के कट्टर ईमानदारी को जोरदार झटका लगा है। इस नतीजे ने केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ा दी है। क्योंकि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कामकाज के नाम पर ही दिल्ली मॉडल पेश किया जाता है। केजरीवाल अक्सर दावा करते हैं कि उनकी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे अच्छा काम किया है। दूसरी तरफ बीजेपी ने इन मंत्रियों के खिलाफ घोटाले का आरोप लगाकर घेरती रही है। ऐसे मे इन मंत्रियों के क्षेत्र में आप की हार से ना सिर्फ बीजेपी का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि उससे हमलावर होने का एक और मौका मिलेगा।

मुस्लिम बहुल इलाकों में आप का प्रदर्शन रहा खराब

आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन मुस्लिम बहुल इलाकों में भी अच्छा नहीं रहा। दिल्ली में आप का मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले अमानतुल्लाह खान और दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन के इलाकों में जनता ने उन पर भरोसा नहीं किया। अमानतुल्लाह खान की विधानसभा सीट ओखला में आने वाले पांच वार्डों में आप को केवल एक पर जीत मिली। यहां दो पर बीजेपी और दो पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। वहीं, जेल में बंद दिल्ली दंगों के आरोपी पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के नेहरू विहार वार्ड नंबर पर तो पार्टी तीसरे नंबर पर रही। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहा।

मामूली अंतर से जीत और मत प्रतिशत में गिरावट से केजरीवाल की उलटी गिनती शुरू

हालांकि एमसीडी में आम आदमी पार्टी ने बहुमत हासिल किया है। लेकिन आप की ‘एकतरफ़ा’ दिख रही जीत के मामूली अंतर से जीत में बदलने और विधानसभा चुनाव की तुलना में मतों में 12 प्रतिशत की गिरावट ने केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इससे पता चलता है कि अब केजरीवाल का ग्राफ नीचे उतर रहा है। आप को 250 में से 134 सीटें मिली हैं। वहीं बीजेपी को 104 सीटें मिली हैं। कांग्रेस 9 सीटें जीतने में सफल रही है। जबकि 3 सीटों पर निर्दलियों ने जीत हासिल की।एमसीडी की 250 सीटों पर 4 दिसंबर को मतदान हुआ था। कुल 1349 उम्मीदवार ने इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाया था।

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