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केजरीवाल का ‘पाक’ प्रेम, 14 अगस्त को तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने की आड़ में पाकिस्तान की आजादी का जश्न मनाने की तैयारी ?

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देश में आजकल विपक्षी पार्टियों द्वारा छद्म मुस्लिम तुष्टिकरण का एक नया खेल शुरू किया गया है। इस खेल में ‘कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना’ होता है। शुक्रवार (05 अगस्त, 2022) को कांग्रेस ने एक ऐसा ही खेल खेला। महंगाई की आड़ में कांग्रेस ने अनुच्छेद-370 की समाप्ति और भव्य राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की वर्षगांठ पर काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया, ताकि देश और मंदिर विरोधी ताकतों के साथ खड़ा होने का संदेश दे सके। इस खेल में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हो गए हैं। वे 14 अगस्त को तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने के बहाने मुस्लिम तुष्टिकरण और पाकिस्तान को खुश करने की कोशिश में लगे हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार (05 अगस्त, 2022) को 14 अगस्त, 2022 को तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने की लोगों से अपील की। सीएम केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले शाम 5 बजे हर भारतवासी अपने हाथ में तिरंगा लेकर राष्ट्रगान गाएं। दिल्ली में हम इसके लिए बड़े स्तर पर तिरंगा बांटेंगे, 25 लाख तिरंगे दिल्ली सरकार दिल्ली में लोगों को बांटेगी। सरकारी स्कूलों में हर बच्चे को तिरंगा दिया जाएगा। दिल्ली में तरह-तरह के करीब 100 जगह कार्यक्रम होंगे। 

केजरीवाल की इस अपील पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह अच्छी तरह से जानते हुए कि भारत को 15 अगस्त को स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन हम समझते हैं कि शाहीन बाग में जिन्ना वाली आजादी का समर्थन करने वाले 14 अगस्त को इसे क्यों मनाना चाहेंगे। 

दिल्ली भाजपा के नेता कपिल मिश्रा ने वीडियो संदेश जारी करते हुए सीएम केजरीवाल की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “14 अगस्त को आज़ादी का दिन बॉर्डर के इस पार नहीं बॉर्डर के उस पार होता हैं। दिल्ली में स्वाधीनता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया जाएगा। आपको पाकिस्तान का जश्न मनाना है तो उधर जाकर मनाइए।”

सोशल मीडिया पर केजरीवाल की इस अपील के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि 14 अगस्त को तिरंगा फहरा कर केजरीवाल किसे खुश करना चाहते हैं। क्यों वो सीमा पार अपने गुरु को संदेश देने चाहते हैं। जिनके इशारे पर भारत में काम करते हैं।

एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि 14 अगस्त को तिरंगा फहराने की कुबुद्धि अरविंद केजरीवाल के देश विरोधी संस्कारों की वजह से है।14 अगस्त को पाकिस्तान की स्वतंत्रता की खुशी मनाने,क्या झंडा फहराएं ?

कुमार विश्वास (Parody) नाम के एक ट्विटर यूजर ने सवाल किया, “14 August ? दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 14 अगस्त (पाकिस्तान स्वतंत्रता दिवस) पर लोगों से तिरंगा फहराने और राष्ट्रगान गाने के लिए क्यों कह रहे हैं ?”

गौरतलब है कि 15 अगस्त से पहले 14 अगस्त यानि की ठीक एक दिन पहले पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान आजाद हुआ था और 14 अगस्त को पाकिस्तान अपनी आजादी का जश्न मनाता है। ऐसे में सीएम केजरीवाल ने 14 अगस्त की शाम को राष्ट्रगान की अपील करके भारत में पाकिस्तान परस्त लोगों, पीएम मोदी विरोधी, हिन्दू विरोधियों और पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को खुश करने की कोशिश की है। लेकिन केजरीवाल कांग्रेस की तरह अपनी ही चाल में बुरे फंस गए हैं।

आइए देखते हैं अरविंद केजरीवाल की देशभक्ति और पाकिस्तान परस्ती पर उठ रहे सवालों में कितना दम है और केजरीवाल ने कब-कब देश विरोधी हरकतें की हैं…

केजरीवाल ने की थी गणतंत्र दिवस के बहिष्कार की बात 

14अगस्त, 2022 को दिल्ली में तिरंगा फहराने की अपील करने वाले केजरीवाल से क्या आप गणतंत्र दिवस के बहिष्कार की बात सोच सकते हैं? नहीं ना? ऐसा वही सोच सकते हैं जिन्हें भारतीय लोकतंत्र में भरोसा नहीं है। जैसे- आतंकवादी, नक्सलवादी। लेकिन आपकी सोच गलत है। ऐसा खुद को अराजकतावादी कहने वाले अरविंद केजरीवाल भी कर सकते हैं। जनवरी 2014 में रेल भवन पर धरने पर बैठे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि 26 जनवरी का उत्सव संसाधनों की बर्बादी है। जो इंसान मुख्यमंत्री रहते संविधान दिवस तक की परवाह नहीं करे, वो वाकई अराजकतावादी ही हो सकता है।

देश और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सत्ता पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में चुनाव से पहले कहा था कि मैं अपने बच्चों की कसम खाकर कहता हूं कि कांग्रेस और बीजेपी से कोई गठबंधन नहीं करूंगा। लेकिन उन्होंने बच्चों की कसम तोड़कर कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बना ली। इसी तरह दिल्ली में बच्चों में देशभक्ति का जज्बा पैदा करने के लिए ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ की शुरुआत की, लेकिन पंजाब में सीमा सुरक्षा के मामले में केंद्र सरकार के फैसले का विरोध कर देश और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया।

देश की सुरक्षा के मुद्दे पर ‘आप’ की सियासत

दरअसल पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के मामले पर आम आदमी पार्टी ने जमकर सियासत की। तत्कालीन AAP के प्रवक्ता और पंजाब के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने इसके लिए तत्कालीन राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर सीधा निशाना साधा था। उन्होंने सीएम चन्नी पर आरोप लगाया था कि चन्नी ने पंजाब का 50 प्रतिशत हिस्सा प्रधानमंत्री को सौंप दिया है। उन्होंने कहा था कि चन्नी ने आत्मसमर्पण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के हाथ राज्य की चाभी सौंप दी है।

50 प्रतिशत पंजाब पर राष्ट्रपति शासन लगाने का आरोप

राघव चड्ढा ने बीएसएफ का दायरा 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किमी किए जाने पर कहा था कि आधे से ज्यादा पंजाब बीएसएफ को दिया गया है। आप नेता ने आगे कहा कि छह जिले पूरी तरह से, जबकि छह जिले आंशिक रूप से केंद्र सरकार के पास चले गए हैं। माझा इलाका तो अब केंद्र सरकार ही चलाएगी। एक तरह से 50 प्रतिशत पंजाब पर राष्ट्रपति शासन लग गया है।

केजरीवाल के लिए राजनीतिक मुद्दा

आम आदमी पार्टी केेंद्र सरकार के फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा न मानकर राजनीतिक मुद्दा मान रही थी। राघव के मुताबिक केंद्र सरकार यह अच्छी तरह समझ गई है कि पंजाब में वह कभी चुनावी जीत हासिल नहीं कर सकती और इसलिए इस इलाके पर उसका शासन होना संभव नहीं है। इसलिए उसने एक राजनीतिक साजिश के तहत बीएसएफ को ज्यादा अधिकार दिए जाने का पैंतरा अपनाया है।

देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

  • बीते दो साल में ड्रोन ड्रॉपिंग की 33 घटनाएं हुई थीं।
  • ड्रोन से 35 से ज्यादा ग्रेनेड गिराए जा चुके थे।                         (अक्टूबर 2021 तक के आंकड़े)
  • ड्रोन से एके-47 और विस्फोटक भेजे जा रहे हैं।
  • ड्रोन से टिफिन बम,आरडीएक्स, डेटोनेटर भेजे गए।
  • ड्रोन्स के जरिए ड्रग्स की सप्लाई हो रही है।
  • ड्रोन से बड़े पैमाने पर नकली नोट भेजे जा रहे हैं।
  • पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई अपना एजेंट भेज रही है।
  • पाकिस्तान की सीमा से खालिस्तानियों की घुसपैठ का खतरा है।

क्या केजरीवाल के लिए ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है ?

पंजाब सीमावर्ती राज्य है। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बहुत ही संवेदनशील है। आईएसआई, खालिस्तान समर्थकों और आतंकवादियों का खतरनाक कॉकटेल अवैध हथियारों और ड्रग्स की बदौलत भारत में अस्थिरता फैलाने की नापाक कोशिश में लगा है। ज्यादातर मामलों में ये ड्रोन हथियार या मादक पदार्थ गिराकर भागने में कामयाब हो जाते हैं। पंजाब की 553 किलोमीटर सीमा पाकिस्तान के साथ सटी हुई है। पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, फाजिल्का और फिरोजपुर जिलों की सीमा पाकिस्तान से लगती है। 149 किलोमीटर की सीमा तो ड्रोन घुसपैठ के लिहाज से अति संवेदनशील है। लेकिन केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को ये राजनीतिक मुद्दा दिखाई दे रहा है।

नशे के चंगुल में फंसे युवा कैसे पढ़ेंगे देशभक्ति ?

केजरीवाल सरकार ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ के जरिए देशभक्ति की पाठ पढ़ा रही है। लेकिन सवाल उठ रहे है कि जब पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए ड्रग्स आ रहे हैं और इसकी वजह से पंजाब के साथ देश के अन्य हिस्सों में युवा इसके चंगुल में फंसते जा रहे हैं, तो इन युवाओं को देशभक्ति कैसे समझ में आएगी ?  क्या इससे बच्चों का भविष्य बनेगा ? आखिर केजरीवाल सरकार युवाओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर किस तरह की देशभक्ति सीखाना चाहती है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। 

उरी हमले पर देशविरोधी बोल

18 सितम्बर, 2016 को सुबह 4 बजे बारामूला में उरी के 12 वीं ब्रिगेड के मुख्यालय पर आतंकवादियों के आत्मघाती हमले में 17 जवान मारे गये और 19 जवान घायल हुए। पाकिस्तान की इस कायरतापूर्ण हरकत की जहां देशवासी और दुनियाभर के लोग निंदा कर रहे थे, वहीं केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाक को अलग-थलग करने की नीति की धज्जियां उड़ाने के मूड में राष्ट्रविरोधी वक्तव्य देने से भी नहीं चूके। केजरीवाल के लिए विरोध का मतलब विरोध होता है चाहे उसके लिए किसी भी हद तक उतर जाना पड़े। केजरीवाल ने एक अखबार के उस लेख का हवाला देते हुए 27 सितम्बर, 2016 को ट्विटर पर लिखा कि पाकिस्तान नहीं भारत आतंकवाद के मुद्दे पर अलग पड़ता जा रहा है। इस ट्वीट को लेकर पाकिस्तान में केजरीवाल ने काफी वाहवाही बटोरी और यहां देश में सोशल मिडिया पर उनकी जमकर लताड़ मिली।


सर्जिकल स्ट्राइक पर राष्ट्रविरोधी बयान

29 सितंबर, 2016 की अंधेरी रात भारत के स्पेशल कमांडो दस्ते ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया, जिसमें कई आतंकवादी मारे गये। यह पूरा आपरेशन इतना खुफिया था कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई को इसकी जरा भी भनक नहीं लगी। इस आपरेशन से पूरा पाकिस्तान सकते में था और ऐसी किसी सर्जिकल स्ट्राइक को मानने से इंकार ही नहीं कर रहा था, बल्कि सबूत मांग रहा था। 29 सितम्बर को ही दिन में डीजीएमओ ले. जनरल दलबीर सिंह ने पूरे आपरेशन की सफलता की जानकारी देश को दी और सेना की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक होने की बात को साफ किया। केजरीवाल इस सर्जिकल स्ट्राइक की कामयाबी से इतने असहज हो गये कि वह देश के खिलाफ ही बोलने लगे और सेना की बात पर भरोसा न करते हुए पाकिस्तान की तरह सबूत मांगन लगे। दूसरे दिन अरविन्द केजरीवाल को पाक मीडिया ने अपने ‘हीरो’ की तरह पेश किया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा कि भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया के शक के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी अविश्वास जताया।


जेएनयू में कश्मीर की आजादी और देश विरोधी नारे लगाने वालों का समर्थन 

जेएनयू में 9 फरवरी, 2016 को अफजल गुरु पर एक सभा का आयोजन किया गया। अफजल को संसद हमला मामले में 2013 में फांसी दे दी गई थी। इस सभा में देश-विरोधी नारों में कश्मीर की आजादी के नारे लगे। जब इन नारों का विरोध करने के लिए छात्रों का एक गुट सामने आया तो स्थिति बिगड़ गई और पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। इस पूरे घटनाक्रम में केजरीवाल ने उन छात्रों का साथ दिया जो कश्मीर की आजादी और देश के टुकड़े होने के नारे लगा रहे थे। केजरीवाल के लिए बोलने की आजादी का महत्व देश की एकता और अखंडता से कहीं अधिक था। इन छात्रों का साथ देते हुए 12 फरवरी को उन्होंने एक ट्वीट किया।

इससे साफ पता चलता है कि विरोध के लिए केजरीवाल देश विरोधी शक्तियों का भी साथ दे सकते हैं। केजरीवाल से ही मिलता-जुलता ट्वीट भारत के मोस्ट वाटेंड आतंकवादी हाफिज सईद ने भी किया। एक आतंकवादी और केजरीवाल की जुबान में कोई फर्क नहीं दिखता।

देश की गरिमा को तार तार करने में नहीं चूकते

2015 में जब मोदी अमेरिका के दौरे पर थे तो वहां अलग-अलग कंपनियों के सीईओ से मिलना हो रहा था। प्रधानमंत्री उनसे देश में निवेश के लिए कह रहे थे, जो किसी भी देश के प्रधानमंत्री के लिए सामान्य व्यवहार है। ऐसे में केजरीवाल ने ट्वीट करके देश की गरिमा को तार-तार कर दिया।

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