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सीएम भगवंत मान के आवास के सामने दो युवकों ने किया आत्महत्या का प्रयास, पंजाब की AAP सरकार की वादाखिलाफी से निराश युवक मरने के लिए मजबूर

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दिल्ली की तरह पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले लोगों को खूब सुनहरे सपने दिखाए। यहां तक कि पंजाब विधानसभा चुनाव में राेजगार के मुद्दे पर सत्ताधारी दल काे भी घेरा, लेकिन अब सरकार में आने के बाद बेराेजगाराें की काेई सुनवाई नहीं हाे रही है। इससे युवा खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और अपनी जिंदगी खत्म करने पर मजबूर हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के संगरूर स्थित आवास के सामने देखने को मिला, जब नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर मरणव्रत पर बैठे दो युवकों ने आत्महत्या की कोशिश की। वहीं बाकी सदस्यों की हालत गंभीर बनी हुई है।

पंजाब पुलिस में नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर सीएम आवास के सामने मरणव्रत पर बैठे युवकों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। शुक्रवार (15 जुलाई, 2022) की रात को युवक गुरजीत सिंह ने जहर पीकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, जिसे तुरंत सिविल अस्पताल संगरूर लाया गया। डाक्टर ने उसका इलाज आरंभ किया लेकिन युवक ने डॉक्टर को इलाज करने से रोकने की कोशिश की। वो अपना इलाज नहीं कराना चाहता था। धरनास्थल पर ही एक अन्य युवक ने परने से फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश की जिसे बाकी सदस्यों ने बचाया।

लोकसभा उपचुनाव से कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब पुलिस भर्ती 2016 में वेटिंग व 2017 वेरिफिकेशन उम्मीदवारों को भरोसा दिलाया था कि जुलाई के पहले सप्ताह में उनके मामले पर विचार विमर्श किया जाएगा और जल्द से जल्द उन्हें नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा विचार किया जाएगा। ‌किंतु जुलाई का आधा महीना गुजरने के बावजूद अभी तक सरकार की ओर से उनकी नियुक्ति के लिए कोई फैसला नहीं लिया गया है जिससे आहत होकर 11 युवक मरणव्रत पर बैठे हैं और आत्महत्या करने का ऐलान कर चुके हैं।

युवकों द्वारा आत्महत्या करने की घटना के बाद पंजाब पुलिस में भर्ती की मांग कर रहे युवाओं में भारी आक्रोश है। हालांकि, सरकार की तरफ से अबतक कोई बयान सामने नहीं आया है। बताया जा रहा है कि 10 मई से पंजाब पुलिस भर्ती 2016 में वेटिंग व 2017 वेरिफिकेशन उम्मीदवार सप्रे की बोतलों के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के सामने धरने पर बैठे हैं। ‘पंजाब पुलिस 2016 वेटिंग और 2017 वेरिफिकेशन संघ’ के अध्यक्ष जगदीप सिंह ने कहा, “हमने 2016 में सभी जरूरी परीक्षाएं पास कर ली थी और 2017 में सत्यापन भी हो गया था। पंजाब पुलिस में कांस्टेबलों के हजारों पद खाली हैं, लेकिन सरकार हमें बिना किसी वैध कारण के शामिल होने की अनुमति नहीं दे रही है। यदि हमारी मांग को पूरा नहीं किया गया तो हमने कीटनाशक का सेवन करने का फैसला कर लिया है।”

तीन महीना पहले पंजाब पुलिस भर्ती 2016 में चयनित उम्मीदवारों की एक्शन कमेटी की बैठक हुई थी। जिसमें एक्शन कमेटी के जगदीप सिंह, जगतार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री मान ने एक माह में मसला हल करने का भरोसा दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर 30 अप्रैल तक उनका मसला हल न किया गया तो अनिश्चितकाल के लिए मुख्यमंत्री की कोठी का घेराव करेंगे। गौरतलब है कि भगवंत मान सराकर ने चुनाव से पूर्व कहा था कि वे सरकार में आते ही बेरोजगार युवाओं को रोजगार देंगे, लेकिन सत्ता में आते ही सरकार ने बेरोजगारों की मांग को अनदेखा करना शुरू कर दिया। इससे परेशान बेरोजगार युवक धरना, प्रदर्शन और आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहे हैं।

 

 

 

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