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सुहैल सेठ ने ट्वीटर पर केजरीवाल को धोया, गृहमंत्री अमित शाह के काम का श्रेय खुद ले रहे थे!

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दिल्ली में कोरोना संकट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हाथ खड़े करने के बाद जब उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस अजीबो-गरीब दावे ने हड़कंप मचा दिया कि जुलाई के अंत तक साढ़े 5 लाख से अधिक केस हो जाएंगे। तब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को कमान संभालनी पड़ी, और स्थिति को अपने हाथों में लेना पड़ा। आज स्थिति सबके सामने है। दिल्ली में कोरोना के मामलों और मौतों में काफी कमी देखने को मिल रही है। दिल्ली के सबसे बड़े कोविड अस्पताल लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP) में सोमवार को एक भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल एलएनजेपी में कल किसी भी मौत नहीं हुई है। केजरीवाल के ट्वीट कर कामयाबी का श्रेय लेने की कोशिश पर सुहैल सेठ ने ट्वीटर पर जमकर धोया।

आइए जानते हैं किस तरह अमित शाह के हाथों में कमान आते ही कोरोना पर लगा ब्रेक

दिल्ली में थमा कोरोना वायरस का संक्रमण 
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कमान संभालते ही कोरोना वायरस के फैलाव पर किस तरह ब्रेक लगा है, इसका प्रमाण खुद केजरीवाल ने दिया है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली और केंद्र सरकार ने लगातार डेढ़ महीने तक दिन-रात मेहनत कर केस को बढ़ने से रोक लिया है। दिल्ली में आज केवल 4000 बेड की जरूरत है, जबकि हम 15000 बैड तैयार कर चुके हैं। कोरोना संक्रमण के चलते मौत के आंकड़ों का जिक्र करते हुए उन्‍होंने बताया कि दिल्ली में मौत के आंकड़े बेहद कम हुए हैं। जून में 100 से ऊपर मौत हुईं, अब 30 से 35 मौत हो रही हैं। उन्‍होंने बताया कि मौत को रोकने के लिए टेस्टिंग बढ़ा दी है, ताकि तुरंत बीमारी के बारे में पता लग जाए और इलाज हो सके।

केजरीवाल सरकार की हर कोशिश हो गई थी नाकाम
यह सब कैसे हुआ और इसमें केंद्र सरकार ने किस तरह भूमिका निभाई है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब दिल्ली महामारी का प्रकोप बढ़ने लगा तो इससे बचाने के लिए केजरीवाल सरकार ने हर प्रकार के हथकंडे अपनाए, जैसे कि दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्ली के निवासियों के लिए आरक्षित करना। जब इससे बात नहीं बनी, तो उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक साढ़े 5 लाख से अधिक केस हो जाएंगे, और दिल्ली सरकार को 33000 बेड्स की आवश्यकता पड़ेगी।

केजरीवाल के हाथ खड़े करने पर शाह ने संभाली कमान
ऐसे में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कमान संभालनी पड़ी। अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय रेलवे ने पहले ही कई कोचों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर 8000 बेड्स की व्यवस्था कर दी, जबकि 8000 अन्य बेड्स की व्यवस्था भी जल्द करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा डीआरडीओ ने भी एक विशेष COVID अस्पताल की व्यवस्था की, जिसमें 250 से अधिक आईसीयू बेड्स हैं और वेंटिलेटर्स भी उपलब्ध हैं।

छत्तरपुर में दुनिया के सबसे बड़े कोविड सेंटर का उद्घाटन
दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल अनिल बैजल ने छत्तरपुर में राधा स्वामी ब्यास केंद्र में विश्व के सबसे बड़े सरदार पटेल कोविड सेंटर एंड हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। इस सेंटर में 10,000 बेड्स की अतिरिक्त व्यवस्था भी की गई। यह सेंटर साढ़े 12 लाख स्क्वेयर फीट के एरिया में निर्मित हैं। इस केंद्र को तैयार करने वाली आईटीबीपी ही इस केंद्र का संचालन भी करती। भारतीय रेलवे ने राधा स्वामी ब्यास में कोविड सेंटर के लिए 30,000 बेड-शीट और तकिया कवर प्रदान किया।

आम आदमी पार्टी ने की श्रेय लूटने की कोशिश
आईटीबीपी द्वारा तैयार किए गए फैसिलिटी का श्रेय लूटने के लिए आम आदमी पार्टी के विधायक तुरंत सामने आ गए। इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना ने तो श्रेय लूटने के बहाने  सरदार पटेल की मूर्ति पर भी तंज़ कसने का प्रयास किया। पर सोशल मीडिया के यूज़र्स ने तुरंत केजरीवाल सरकार की पोल खोलते हुए बताया कि जो कुछ भी अभी हुआ, वो सब अमित शाह के नेतृत्व के कारण संभव हुआ है। कई लोगों ने ट्विटर पर यह भी कहा कि यदि इसे आम आदमी आदमी पार्टी ने बनाया होता, तो ये सरदार पटेल के नाम पर तो कतई नहीं रखते। लेकिन आतिशी जैसों के किए कराये पर स्वयं अरविंद केजरीवाल ने पानी फेरते हुए अमित शाह का अभिवादन किया।

अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज के खर्च पर लगा लगाम
इसके अलावा अमित शाह ने अस्पताल में सुविधाओं के लिए ज़रूरत से ज़्यादा ऊंचे दामों पर लगाम लगाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की। स्वयं उनके शब्दों में, “बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड का जो दाम 34000 से 43000 रुपये के बीच था, अब वो 13000 से 15000 रुपये के बीच में है। वेंटिलेटर सहित आईसीयू बेड की कीमत पहले जो 44000 से 54000 रुपये के बीच में थी, तो वहीं अब वो कीमत 15000 से 18000 रुपयों के बीच आ चुकी है”। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने हफ्तों से पड़े पड़े सड़ रहे मृत शरीरों के दाह संस्कार की त्वरित व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई। गृह मंत्रालय ने अस्पतालों को सख्त निर्देश दिये हैं कि अंतिम क्रियाकर्म में किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए।

रक्षा मंत्रालय की जमीन पर बना 1000 बिस्तरों का अस्थायी अस्पताल
अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए 1,000 बिस्तर वाले नव-निर्मित अस्थायी अस्पताल का दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि इस अस्पताल में 250 बिस्तर आईसीयू में हैं। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास रक्षा मंत्रालय की जमीन पर यह अस्पताल महज 12 दिनों के अंदर तैयार किया गया। शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ 1000 बिस्तरों वाले सरदार पटेल कोविड अस्पताल का दौरा किया जिसमें आईसीयू में 250 बिस्तर हैं। डीआरडीओ ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, सशस्त्र बलों और टाटा ट्रस्ट की सहायता से 12 दिन के रिकॉर्ड समय में इसे तैयार किया।’

अमित शाह ने किया अस्पतालों का दौरा
गृह मंत्री अमित शाह ने कमान संभालते ही उन सभी अस्पतालों का दौरा किया, जिन्हें केजरीवाल सरकार के मनमाने रवैये से शिकायत थी। वुहान वायरस और उसके जनक चीन से उत्पन्न दोहरे संकट के बारे में बातचीत करते हुए अमित शाह ने आश्वासन दिया कि भारत ये दोनों मोर्चों पर विजयी सिद्ध होगा। उनके अनुसार, “दोनों जंग हम जीतेंगे। मैं जनता को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि मोदी जी के नेतृत्व में दोनों जंग हम जीतेंगे”।

कोरोना संकट ने खोली केजरीवाल के प्रबंधन की पोल

कोरोना वायरस ने उन लोगों की आंखें अवश्य खोल दी होंगी, जिन्होंने अरविंद केजरीवाल की मुफ्त की नीतियों के लालच में आकर उसे एक बार फिर सत्ता दिलाई थी। इसके कारण स्टेट मशीनरी पूरी तरह चरमरा गई और यदि अमित शाह ने स्थिति को नहीं संभाला होता, तो दिल्ली कोरोना कहर की चपेट में होती।  

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