कांग्रेस के अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी ने ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में भारत में लोकतंत्र, संविधान और प्रेस की आजादी पर लेक्चर दिया। इस दौरान उन्होंने देश को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने जिस तरह देश की छवि पेश की, उसकी अपेक्षा देश के लिए समर्पित एक विपक्षी नेता से नहीं की जा सकती। उन्होंने विदेशों में अपनी छवि चमकाने के चक्कर में देश की छवि को धूमिल किया। वहीं उनके शासित राज्यों में लोकतंत्र, संविधान और प्रेस की आजादी की धज्जियां किस तरह उड़ाई जाती हैं, इसका ताजा प्रमाण तमिलनाडु और बिहार है। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की सरकारें हैं। दोनों सरकारें बिहारी मजदूरों के पक्ष में आवाज उठाने पर पत्रकारों का उत्पीड़न कर रही हैं। फर्जी वीडियो और तस्वीर शेयर करने का आरोप लगाकर पत्रकारों का गला घोंटा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर तमिलनाडु में काम करने वाले बिहारी मजदूर अपने साथ हो रहे उत्पीड़न और हमलों की कहानी खुद बयां कर रहे हैं। जब मीडिया का एक वर्ग उनकी आवाज को केंद्र और राज्य सरकारों तक पहुंचाने की कोशिश की, तो तमिलनाडु और बिहार की राज्य सरकारें अपने राज्य की बिगड़ती छवि को बचाने के लिए पत्रकारों को ही बदनाम करना शुरू कर दिया है। उन पर फर्जी वीडियो और तस्वीरें शेयर करने के आरोप में केस दर्ज किया है। तलिनाडु पुलिस ने सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) आईटी सेल के मंडल सचिव सूर्यप्रकाश की शिकायत पर वेब पोर्टल ऑपइंडिया के सीईओ राहुल रौशन, संपादक नूपुर शर्मा और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
As the crisis of ‘Bihari workers in Tamil Nadu’ continues with several anecdotes, counters and fact-checks, Tamil Nadu police has slapped an FIR on @OpIndia_com’s CEO and Editor-in-Chief.
What is absurd is the fact that now police force has to rely on the vile, evil, an abuse… https://t.co/kHPyYWw3LN pic.twitter.com/ANEbPlocLF
— Ajeet Bharti (@ajeetbharti) March 7, 2023
बिहार पुलिस भी तमिलनाडु पुलिस के बचाव में उतर आई। उसके सुर में सुर मिलाते हुए सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे प्रवासी बिहारी मजदूरों के खिलाफ हिंसात्मक घटनाओं से संबंधित वीडियो और तस्वीरों को फर्जी, भ्रामक और भड़काऊ करार दिया। बिहार पुलिस ने बिहारी मजदूरों पर भरोसा नहीं करते हुए तमिलनाडु पुलिस पर भरोसा किया। भड़काऊ और फर्जी खबरें शेयर करने के आरोप में कई पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज किया। सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को जान बूझकर फंसाने की कोशिश की जा रही है, ताकि डरकर कोई पत्रकार उनकी सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा सके।
02.प्राथमिकी में निम्न व्यक्तियों को जाँचोपरांत नामजद किया गया हैः
1 अमन कुमार, पे0-मनोज रविदास, पो0-दिग्घी, थाना-लक्ष्मीपुर, जिला-जमुई,
2 राकेश तिवारी/@PRAYASNEWS
3 Twitter user युवराज सिंह राजपूत,
4 Youtube channel@SACHTAKNEWS के संचालक मनीष कश्यप के विरुद्ध। (5/13)— Bihar Police (@bihar_police) March 6, 2023
बिहार पुलिस उन पत्रकारों को खास तौर पर निशाना बना रही है, जिन्होंने किसी न किसी रूप में तेजस्वी और नीतीश सरकार की आलोचना की थी। उभरते पत्रकार और यूट्यूबर मनीष कश्यप का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें मनीष कश्यप ने लालू यादव और नीतीश कुमार से सवाल पूछा था कि तीस साल बिहार में आप दोनों की सरकार थी, तो फिर गरीबों का हक किसने में मार लिया। इस वीडियो में उठाये गए सवाल के बाद आरजेडी और जेडीयू की काफी किरकिरी हुई थी। इससे नाराज आरजेडी ने मौका मिलते ही मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। अब बिहारी पत्रकार भी इस उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट होने की अपील कर रहे हैं।
अगर तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के ऊपर हुआ हमला का खबर झूठ था तो इतने बड़े अखबारों में खबर छपा और इसका खंडन उसी समय क्यों नहीं किया गया?? ध्यान से देखिए अमर उजाला में खबर 21 फरवरी को ही छप गया था।। इस खबर पर बिहार विधानसभा में हंगामा क्यों हो गया?? कमाल की बात यह है कि इस खबर को… https://t.co/x17rMAK5Z1 pic.twitter.com/5AeP86hwWf
— Manish Kasyap (Son Of Bihar) (@ermanishkasyap) March 9, 2023
मीडिया संगठनों और पत्रकारों पर केस दर्ज करने के मामले में भी भेदभाव किया जा रहा है। एक ही तरह के वीडियो और तस्वीर शेयर करने पर दैनिक भास्कर के खिलाफ केस दर्ज किया गया, जबकि हिन्दुस्तान समाचार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस भेदभाव को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग आवाज उठा रहे हैं। आखिर क्यों? क्योंकि तमिलनाडु और बिहार दोनों जगह कांग्रेस की मित्र सरकार है? इसी कांग्रेस से हिंदुस्तान की मालकिन राज्यसभा सांसद रहीं हैं?
हिंदुस्तान ने रिपोर्ट छापी। फिर दैनिक भास्कर जागा। दैनिक भास्कर पर केस, लेकिन हिंदुस्तान पर कोई कार्रवाई नहीं।
आखिर क्यों? क्योंकि तमिलनाडु और बिहार दोनों जगह कांग्रेस की मित्र सरकार है? इसी कांग्रेस से हिंदुस्तान की मालकिन राज्यसभा सांसद रहीं हैं?@bihar_police @tnpoliceoffl pic.twitter.com/dxNuhSWxvF
— अ स अजीत (@JhaAjitk) March 8, 2023
बिहार और तमिलनाडु की पुलिस पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज कर रही है, वहीं अब बिहार में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के खिलाफ अदालत में केस दर्ज कराया गया है। पप्पू यादव की ‘जन अधिकार पार्टी (JAP)’ के एक नेता ने इन घटनाओं को लेकर केस दर्ज कराया है। मुजफ्फरपुर के CGM कोर्ट में दायर परिवाद में कहा गया है कि तमिलनाडु में हिन्दी बोलने वालों पर हमले किए जा रहे हैं। ये केस तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और वहां की सत्ताधारी पार्टी डीएमके के प्रमुख और मुख्यंत्री एमके स्टालिन के विरुद्ध दर्ज कराया गया है। कोर्ट ने इस मामले में शनिवार (18 मार्च, 2023) को सुनवाई करेगा।
#WATCH📽️ #Bihar के मुजफ्फरपुर कोर्ट में तमिलनाडु के CM एम के स्टालिन के खिलाफ परिवाद दायर, CJM कोर्ट में वेद प्रकाश ने अपने वकील के माध्यम से कराया है परिवाद, तमिलनाडु में बिहार के लोगो पर हमले के बाद हुआ दर्ज, 18 मार्च को होगी सुनवाई#BiharNews
Via : @vijaySr22505374 pic.twitter.com/uEm5x1Id95
— inextlive (@inextlive) March 4, 2023