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अबू धाबी के कार्यक्रम को लेकर जी न्यूज के पत्रकार खिलाफ झूठा कैंपेन: चिट्ठी के माध्यम से पलटवार कर सुधीर चौधरी के सबकी बखिया उधेड़ दी

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जी न्यूज के पत्रकार सुधीर चौधरी के अबू धाबी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर सोशल मीडिया से लेकर न्यूज वेबसाइट्स तक जिस तरह से अफवाह फैलाई गई, उसपर सुधीर चौधरी ने एक चिट्ठी के माध्यम से जोरदार पलटवार किया है। अबू धाबी में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स कार्यक्रम को लेकर कहा जा रहा था कि इस कार्यक्रम में सुधीर चौधरी को शामिल नहीं होने दिया गया, क्योंकि प्रिंसेज हेंड बिंत-ए- फैसल अल कासिम नाम के एक ट्वीटर हैंडल से उन्हें आतंकवादी और मुसलमान विरोधी बता कर उनके कार्यक्रम में शामिल होने का जोरदार विरोध किया गया था। हलांकि अपनी चिट्ठी में सुधीर चौधरी ने इस बात का खंडन करते हुए कहा है कि वे कार्यक्रम में शामिल हुए और दिल खोल कर अपनी बात भी रखी। अपनी चिट्ठी में सुधीर चौधरी ने लिखा है

मैंने अबू धाबी का दौरा किया और कार्यक्रम में भाग लिया और खुल कर अपने दिल की बात कही। जान से मारने की धमकी वाले ईमेल और एक रणनीति के तरह की गई ट्रोलिंग के बावजूद मैने ये किया। हैरानी की बात है कि इवेंट के मेहमानों और प्रायोजकों तक को नहीं छोड़ गया। 

सुधीर चौधरी ने पूरी बात का खुलासा किया है कि कैसे उन्हें आबूधाबी के कार्यक्रम में बोलने से रोकने की हर संभव कोशिश की गई उन्होंने अपनी चिट्ठी में एक ब्लू टिक वाले ट्वीटर हैंडल का जिक्र किया है। जो शायद किसी प्रिंसेस की थी। जिसने कार्यक्रम के पहले ही आयोजकों पर दबाव बनाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए थे ताकि सुधीर चौधरी को  किसी भी कीमत पर कार्यक्रम में शामिल होने से रोका जा सके। 

सुधीर चौधरी के खिलाफ इस ट्वीटर हैंडल से एक के बाद एक ट्वीट किए गए थे। इस ट्वीट में सुधीर चौधरी के खिलाफ जहर उगलते हुए कहा गया था कि 

‘हमें भारत में आतंकवादी गुटों का समर्थन करने वाले समूहों की रिपोर्ट करनी चाहिए, ये शांति और सहिष्णुता की धरती संयुक्त अरब अमीरात में हमारे बीच मौजूद हैं। अपने धार्मिक नस्लवादी कार्यक्रम में हर रोज जहर उगलने वाले हिंदू आतंकवाद के लिए मुस्लिम कंपनियों से घरेलू फंडिंग को बंद कर देना चाहिए’

सुधीर चौधरी के खिलाफ किए गए एक और ट्वीट का मजमून कुछ इस कदर का था।

‘यह एंकर रिश्वत लेने के आरोप में तिहाड़ जेल से स्नातक है। उसे हमारी पवित्र धरती पर हमारा अपमान करने के लिए लाया गया है। ये इस्लाम से दुनिया को खतरे पर कार्यक्रम चलाता है Etisalat, Lulu and Danube जैसी मुस्लिम मालिकों की कंपनियों से उसे इसके लिए पैसे मिल रहे हैं।’

प्रिंसेज हेंड बिंत-ए- फैसल अल कासिम नाम के एक ट्वीटर हैंडल से एक के बाद कई ट्वीट किए गए, इनमें सुधीर चौधरी के खिलाफ जम कर जहर उगला गया। इसी ट्वीटर हैंडल को आधार बना कर भारत में भी सुधीर चौधरी के खिलाफ एजेंडा चलाने की कोशिश की गई। साथ ही ये अफवाह भी फैलाई गई कि उन्हें आबू धाबी के कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया और उन्हें  बोलने नहीं दिया गया। 

आबू धाबी में सुधीर चौधरी के इवेंट में शामिल होने को लेकर किस तरह से जहरीला कैंपेन चलाया गया उसकी एक बानगी देख लीजिए, हैरानी की बात है कि सच जाने बिना देश विरोधी ताकतों के सुर में सुर मिलाया गया, विदेशों में बैठे भारत विरोधी ताकतों के हाथ मजबूत करने की कोशिश की गई।

जी न्यूज के पत्रकार सुधीर चौधरी ने अपनी चिट्ठी में इस बात का जिक्र किया है कि यूएई में अधिकारियों ने उनके कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सारे इंतजाम किए थे, सुरक्षा इंतजामों से लेकर हर तरह के क्लीयरेंस भी दिए गए। कार्यक्रम में शामिल लोगों के साथ उन्हें भी खूब सराहा गया, लोगों से मिलने का उनका अनुभव भी बेहद अच्छा रहा। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि इससे सच पर उनके भरोसे को और ताकत मिली है। 

आबू धाबी में सुधीर चौधरी के कार्यक्रम को लेकर एक बात तो साफ है कि चंद लोगों के ग्रुप ने झूठे कैंपेन चला कर ये तय करना चाहा कि कार्यक्रम में किसको बोलना है और किसको नहीं। लेकिन क्या ये लोकतांत्रिक तरीका था, क्या ऐसी हरकतों की इजाजत दी जानी चाहिए। अगर कार्यक्रम को लेकर कुछ गलत होता तो यूएई की सरकार इसकी इजाजत कभी नहीं देती, अगर सुधीर चौधरी को लेकर यूएई के पास कोई गलत रिपोर्ट होती तो उन्हें पहले ही वहीं की सरकार कार्यक्रम में शामिल होने देने से रोक सकती थी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और यूएई के अधिकारियों और वहां की सरकार ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हर संभव कोशिश की।

लेकिन सोशल मीडिया पर धर्म के नाम पर गैंग चलाने वाले कुछ लोगों की सोच ये थी कि वे यूएई की सरकार से भी बड़े हैं और उनके झूठे कैंपेन के हिसाब से यूएई की सरकार को फैसले लेने चाहिए। हद और शर्म की बात तो ये है कि इस खतरनाक कैंपेन में हमारे देश में सहिष्णुता और फ्री स्पीच पर भाषण देने वाले भी कई लोग शामिल हो गए, ये वही लोग हैं जिन्हें सुधीर चौधरी अपनै कार्यक्रमों में बेनकाब करते रहे हैं। 

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