पाकिस्तान से मदद पाकर खालिस्तान समर्थक आतंकवादी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार को सिख विरोधी बताने के लिए प्रोपेगेंडा का सहारा ले रहे हैं। इसके तहत अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में सुनियोजित तरीके से अभियान चला रहे हैं। लेकिन इस अभियान के खिलाफ खुद सिख समुदाय उठ खड़ा हुआ है। ब्रिटेन में रहने वाले सिख समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करते हुए सिखों के हित में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ की।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार (16 जनवरी, 2022) को ब्रिटेन के साउथहॉल के पार्क एवेन्यू में स्थित गुरुद्वारा गुरु सभा में सिख समुदाय के नेताओं ने बैठक की, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और भारत के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान सिख समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने सिखों के लिए और उनकी गलतफहमी को दूर करने के लिए बहुत कुछ किया है। सिख समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित करने के लिए भी उनको धन्यवाद दिया।
#Sikh community of #UK has started push back against anti-India campaign, which is led by #Khalistani. Sikh community passed a resolution thanking PM #NarendraModi for doing so much for Sikh community. They also thanked PM Modi for announcing 26 DEC as #VEERBAALDIWAS.
— D.K. Gautam (@DevinderBJP) January 17, 2022
इस दौरान बैठक में शामिल सिख नेताओं और गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारियों ने खालिस्तानियों द्वारा भारत और मोदी सरकार के खिलाफ चलाये जा रहे प्रोपेगेंडा अभियान को खुलकर चुनौती दी। ब्रिटेन के स्थानीय सिख समुदाय द्वारा भारत के समर्थन में पारित किए प्रस्ताव को एक साहसिक कदम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि प्रवासी सिख समुदाय खालिस्तानी प्रोपेगेंडा के खिलाफ अब तक मौन था। ब्रिटेन में रहने वाले सिख समुदाय की इस पहल से विदेशों में खालिस्तानी प्रोपेगेंडा के खिलाफ अभियान को और मजबूती मिल सकती है।
गौरतलब है कि ब्रिटिश सिख एसोसिएशन (बीएसए) ने 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी का काफिला रोके जाने की घटना पर खेद जाहिर किया था। बीएसए के चेयरमैन लॉर्ड रामी रेंजर ने एक प्रेस रिलीज के जरिए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पंजाब के विकास के लिए बहुत बड़ा अवसर था। उन्होंने यहां तक कहा कि सिख गुरुओं की शिक्षा के प्रसार और पंजाब के विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जितना काम किया है, उतना आजतक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया है। प्रधानमंत्री मोदी अपनी सरकार चलाने के लिए पंजाब के मोहताज नहीं हैं, जबकि पंजाब को विकास के लिए उनकी आवश्यकता है। लेकिन कुछ अराजक लोगों की वजह से पंजाब की उनकी यात्रा रोकनी पड़ गई।
लॉर्ड रामी रेंजर ने कहा कि गुमराह हुए जिन लोगों ने उनकी यात्रा को बाधित किया, उन्हें महसूस होना चाहिए कि वे राज्य की और भलाई करने के लिए दौरे पर आ रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को बाधित करके उन्होंने पूरे पंजाब के विकास को अवरुद्ध करने का काम किया है। मैं पंजाब के नेताओं से आग्रह करता हूं कि यात्रा बाधित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से स्पष्ट तौर पर खेद जताएं।
The British Sikh Association makes an official stand. pic.twitter.com/yALpeOsgZI
— Rashmi Samant (@RashmiDVS) January 9, 2022
आइए एक नजर डालते हैं प्रधानमंत्री मोदी के उन फैसलों पर जो सिख समुदाय के हित के लिए मिसाल बन गए हैं…
26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ मनाने की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार (9 जनवरी, 2021) को सिख समुदाय के हित में एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए कहा कि सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के चारों बेटों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस साल से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर यह घोषणा की। उन्होंने ट्वीट किया कि यह ‘साहिबजादों’ के साहस और न्याय स्थापना की उनकी कोशिश को उचित श्रद्धांजलि है। दमदमी टकसाल के मुखिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वीर बाल दिवस’ की घोषणा कर वो काम किया है, जो डॉ मनमोहन सिंह – एक सिख प्रधानमंत्री होकर नहीं कर सके। गौरतलब है कि गुरु गोबिंद सिंह के चारों पुत्रों की मुगलों ने हत्या कर दी थी।
प्रकाश पर्व पर कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा शुभ दिन गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर की। इस दौरान राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने श्री गुरु नानक देव जी का हवाला दिया। उन्होंने अपने संबोधन में क्षमा भाव शब्द का इस्तेमाल किया। इससे स्पष्ट है कि सिख समुदाय से उनका रिश्ता कितना गहरा है। किसानों ने भी इसे गुरु पर्व का तोहफा बताया और बेहद खुश नजर आए।
गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों को भारत लाने में की मदद
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां हालात काफी खराब हो चुके हैं। तालिबानी खौफ की वजह से लोग अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं और दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। ऐसे संकट के समय अफगानिस्तान में फंसे हजारों भारतीय नागरिकों सहित वहां के सिखों के लिए प्रधानमंत्री मोदी देवदूत बनकर सामने आए। भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय वायुसेना के प्रयासों की बदौलत श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों को सुरक्षित काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया। इसके बाद श्री गुरु ग्रंथ साहिब की 3 प्रतियों के साथ 46 अफगान सिखों को भी भारतीय वायुसेना के विमान से सुरक्षित भारत लाया गया।
1984 के सिख दंगा पीड़ितों के लिए राहत पैकेज
मोदी सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने 05 अगस्त, 2021 को सिख दंगा पीड़ितों के लिए एक पुनर्वास पैकेज की घोषणा की। इसमें प्रत्येक मृतक के आश्रितों को 3.50 लाख रुपये और घायलों को 1.25 लाख रुपये देने का प्रावधान किया गया। इस पुनर्वास पैकेज में मृतकों के विधवाओं और बुजुर्ग परिजनों को 2500 रुपये मासिक पेंशन देने शामिल था। यह पेंशन उन्हें जीवनभर मिलेगी। पेंशन पर होने वाला खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा। इससे पहले 2014 में मोदी सरकार ने 1984 के दंगों में मारे गए लोगों को राहत देने की योजना शुरू की थी। 2021-22 के केंद्रीय बजट में इसके लिए 4.5 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया था।
1984 के सिख दंगों के आरोपियों को जेल भेजा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद 1984 के सिख दंगों के आरोपियों को सजा दिलाने का काम किया। 1984 में हजारों की संख्या में सिखों का कत्लेआम किया गया था, लेकिन कांग्रेसी सरकारों ने आरोपियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचाने का काम किया था। पीएम मोदी ने सत्ता संभालते ही सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया और पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाया। यह पीएम मोदी की कार्रवाई का ही नतीजा है कि सिखों के कत्लेआम के दोषी सज्जन कुमार जैसे कांग्रेस नेता आज सलाखों के पीछे हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी के प्रयासों से ही 35 वर्षों के बाद सिख दंगों के पीड़ितों को अनुदान राशि भी स्वीकृत की गई।
1984 के बाद बनी सिखों की काली सूची को खत्म किया
कांग्रेस पार्टी की सरकार ने साजिश के तहत सिख दंगों के दौरान बाहर गए सिखों को काली सूची में डाल दिया था और यह सूची 35 वर्षों से चली आ रही थी। इस सूची में जिन लोगों के नाम थे वे समाज और देश से पूरी तरह से कटे हुए थे। मोदी सरकार ने सिखों की उस काली सूची को खत्म करके उन्हें देश और समाज से जोड़ने का काम किया है।
हजारों सिख नौजवानों को पासपोर्ट दिलवाया
मोदी सरकार ने पूरी दुनिया, विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका में कई वर्षों से राजनीतिक संरक्षण लेने वाले 50 हजार से अधिक सिख नौजवानों की चिंता को खत्म किया। मोदी सरकार ने इन सिख युवकों को दोबारा पासपोर्ट जारी किया, जिससे वे आसानी से भारत आ सके और दुनिया में कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हुए।
दशकों बाद करतारपुर कॉरिडोर खोलने का सपना पूरा
प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि दशकों बाद सिखों की मांग पूरी हुई और करतारपुर कॉरिडोल खोला गया। करतारपुर साहिब गुरुद्वार का सिखों के लिए विशेष महत्व है, क्योंकि इसी गुरुद्वारे में गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन का आखिरी समय बिताया था। लेकिन आजादी के बाद कांग्रेस सरकार की लचर नीति की वजह से यह गुरुद्वारा पाकिस्तान की सीमा में चला गया। देश ही नहीं दुनिया में बसे करोड़ों सिख समुदाय के लोग करतारपुर कॉरिडोर को खोलने की मांग दशकों से कर रहे थे, जिसे मोदी सरकार ने पूरा किया है।
जम्मू-कश्मीर में सिख शरणार्थियों को मिली नागरिकता
अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को हटाने का ऐतिहासिक फैसला किया। इसके साथ ही मोदी सरकार ने सिख समुदाय की लंबित मांगों को किया पूरा। अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू कश्मीर में रहने वाले को सामान अधिकार मिला। अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए सिख शरणार्थियों को नागरिकता दी गई।
विदेशों से दान लेने पर लगे प्रतिबंध का हटाया
1984 में सिख दंगों के बाद से अमृतसर के गोल्डन टेंपल यानि श्री हरमिंदर साहिब गुरुद्वार के विदेशों से दान लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन मोदी सरकार ने इस प्रतिबंध को हटाने का काम किया। अब विश्व के किसी भी देश के लोग श्री हरमिंदर साहिब गुरुद्वारे में दान दे सकते हैं।
5 बड़े शहरों के नवीनीकरण की सूची में अमृतसर का नाम जोड़ा
मोदी सरकार ने देश के धार्मिक दृष्टि से पांच बड़े शहरों के आधुनिकीकरण की योजना बनाई। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर इस सूची में अमृतसर का नाम जोड़ा गया, क्योंकि वहां सिख आस्था का प्रतीक, विश्व प्रसिद्ध गोल्डल टेंपल मौजूद है। इस योजना के तहत गोल्डल टेंपल के आसपास कॉरिडोर बनाने के लिए मोदी सरकार करोड़ों रुपये स्वीकृत किए।
शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल को सम्मान
प्रधानमंत्र नरेन्द्र मोदी ने शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल को पिता तुल्य बताते हुए उनका उसी तरह सम्मान किया। हर किसी को वो तस्वीर याद होगी जब 2019 में वाराणसी में नामांकन से पहले श्री मोदी ने श्री बादल के पैर छुए थे। इतना ही नहीं श्री मोदी ने प्रकाश सिंह बाद को भारत का नेल्शन मंडेला भी कहा।
एमएसपी बढ़ाने की घोषणा पंजाब की धरती से की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष स्वामिनाथन आयोग की सिफारिशों को मानते हुए फसलों की एमएसपी लागत मूल्य का डेढ़ गुना से अधिक करने का फैसला किया था। पीएम मोदी ने यह अहम घोषणा पंजाब के मुक्तसर में आयोजित किसान रैली में की। इस प्रकार पीएम मोदी ने पंजाब और वहां के किसानों को मान दिया।
गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व पूरे विश्व में मनाया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर केंद्र सरकार ने सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी के 550 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर देश ही नहीं पूरी दुनिया में कार्यक्रमों का आयोजन किया। दुनिया के हर देश और देश के हर जिले में इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए।
गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व पर सिक्का जारी किया
गुरु गोविंद सिंह जी के 350 वें प्रकाश पर्व के अवसर पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी स्वयं पटना साहिब गए वहां मत्था टेका। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के सम्मान में एक सिक्का भी जारी किया।
गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने 4 मार्च, 2019 को गुजरात के जामनगर में गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल के नए 750 बेड एनेक्सी को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने 750 बेड वाले इस अस्तपाल के पीजी होस्टल का भी लोकार्पण किया।
लंगर को किया टैक्स मुक्त
मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार लंगर को टैक्स मुक्त कर दिया। अब गुरुद्वारा या धार्मिक स्थलों में बांटे जाने वाले प्रसाद या इस तरह दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर कुछ भी जीएसटी नहीं लगता है। इसके अलावा धार्मिक स्थलों में दिए जाने वाले प्रसादम पर सीजीएसटी और एसजीएसटी अथवा आईजीएसटी, जो भी लागू हो, शून्य है।
सुल्तानपुर लोधी का भव्य धार्मिक स्वरूप विकसित किया
मोदी सरकार ने गुरु नानक साहब से जुड़े सुत्तानपुर लोधी का भव्य धार्मिक रूप विकसित किया। इसके लिए वहां करोड़ों रुपये की लागत से विकास के कार्य करवाए गए।
विशेष ट्रेन का ऐलान
गुरु नानक देव जी के 550वें गुरु पर्व पर दिल्ली से गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक स्थान सुल्तानपुर लोधी तक संगत के लिए विशेष ट्रेन का ऐलान किया गया। इसके अलावा मोदी सरकार ने पंज तख्त एक्सप्रेस ट्रेन की घोषणा की। यह ट्रेन श्रद्बालुओं को सिखों के पांचों तख्त के दर्शन कराती है। आईआरसीटीसी श्रद्धालुओं के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था करता है। इस ट्रेन में लगने वाले सभी कोच थर्ड एसी के होते हैं।
हर भाषा में गुरुनानक जी के विचार
भारत सरकार ने यूनेस्को से गुरु नानक जी के विचारों को सभी भाषाओं में प्रकाशित करने की अपील की। इससे अब गुरुनानक जी के विचार दुनिया भर के लोगों के पास उनकी भाषा में पहुंच सकेंगे।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटर फेथ स्टडीज की स्थापना
मोदी सरकार के प्रयास से अमृतसर स्थित गुरुनानाक देव विश्वविद्यालय में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटर फेथ स्टडीज की स्थापना की गई। इसके लिए 67 करोड़ रुपये दिए गए। भाईचारे को बढ़ावा देने वाले इस केन्द्र में सालों भर सेमिनार और वर्कशॉप भी आयोजित किए जाते हैं।
गुजरात में लखपत गुरुद्वारे में हुए नुकसान की मरम्मत
2001 के भूकंप के दौरान लखपत गुरुद्वारे को काफी नुकसान हुआ था। उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लखपत गुरुद्वारे में हुए नुकसान की मरम्मत सुनिश्चित करवाने के तत्काल प्रयास किए थे। प्रधानमंत्री का यह कदम सिख धर्म के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा को दर्शाता है। गौरतलब है कि गुरु नानक देव जी अपनी भारत यात्रा के दौरान लखपत में रुके थे। गुरुद्वारा लखपत साहिब में उनके अवशेष स्थापित हैं, जिसमें लकड़ी के खड़ाऊ, पालकी के साथ-साथ गुरु नानक देव जी हाथ से गुरुमुखी में लिखे विचार शामिल हैं।